सीएम के इलाके में गंदा पानी

लालफीताशाही की दबंगई का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा
नागपुर.
विधायक संदीप जोशी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले स्वावलंबी नगर व दीनदयाल नगर परिसर में पिछले कई दिनों से गंदा, बदबूदार व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पानी की आपूर्ति हो रही है। जान-बूझकर इस ओर ध्यान नहीं देने का आरोप उन्होंने मनपा प्रशासन पर लगाया है। मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर अपनी नाराजी भी जाहिर की है।

अन्य क्षेत्रों की स्थिति का अंदाजा सहज
यह मुद्दा अत्यंत गंभीर है। यह केवल एक स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि पूरे राज्य में अधिकारियों की लापरवाही और जनता की उपेक्षा का एक स्पष्ट उदाहरण है। अगर मुख्यमंत्री के अपने क्षेत्र में, जहां प्रशासन को सबसे अधिक सतर्क और जवाबदेह होना चाहिए, जनता को 15-20 दिनों तक पीने के लिए अस्वस्थ पानी मिल रहा है, तो इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य के अन्य दूरदराज के क्षेत्रों में स्थिति कितनी बदतर होगी।

मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता में सबसे नीचे
यह घटना यह भी दर्शाती है कि प्रशासन और जनता के बीच का संवाद कितना कमजोर हो चुका है। लोगों द्वारा लगातार शिकायतें दर्ज कराने और सोशल मीडिया पर अपनी व्यथा जाहिर करने के बाद भी मनपा प्रशासन का ध्यान न देना, उनकी कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है। यह दिखाता है कि अधिकारियों के लिए जनता की स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं की चिंता शायद उनकी प्राथमिकता सूची में सबसे नीचे है।

जनहित सर्वोपरी हो
विधायक जोशी ने मनपा आयुक्त के कार्यालय में जनता के साथ पहुंचने की चेतावनी दी है। यह स्थिति ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विधायक को भी अपने ही क्षेत्र की एक मूलभूत समस्या के समाधान के लिए इस तरह की चेतावनी देनी पड़ रही है। यह संस्थागत लापरवाही की ओर इशारा करता है। अधिकारियों को यह समझना होगा कि उनका पद जनता की सेवा के लिए है, न कि अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ने के लिए। इस घटना से सबक लेते हुए, सरकार को न केवल नागपुर की समस्या का तत्काल समाधान करना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पूरे राज्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो। जनता का स्वास्थ्य और विश्वास किसी भी सरकार के लिए सर्वोपरि होना चाहिए।

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