Category: महाराष्ट्र

  • डिजिटल मीडिया न्यूज पोर्टल संघाने जिल्हा माहिती अधिकाऱ्यांना निवेदन दिले — डिजिटल पत्रकारांना शासनमान्यता व सुविधा देण्याची मागणी

    डिजिटल मीडिया न्यूज पोर्टल संघाने जिल्हा माहिती अधिकाऱ्यांना निवेदन दिले — डिजिटल पत्रकारांना शासनमान्यता व सुविधा देण्याची मागणी

    डिजिटल मीडिया न्यूज पोर्टल संघाने जिल्हा माहिती अधिकाऱ्यांना निवेदन दिले — डिजिटल पत्रकारांना शासनमान्यता व सुविधा देण्याची मागणी

    नागपूर (विजय खवसे) — डिजिटल मीडिया न्यूज पोर्टल संघ, नागपूर तर्फे शुक्रवार दिनांक 18 ऑक्टोबर 2025 रोजी जिल्हा माहिती अधिकारी विनोद रापतवार यांना निवेदन देण्यात आले. या निवेदनाद्वारे डिजिटल मीडिया पत्रकारांना शासनमान्यता, सुविधा आणि संरक्षण मिळावे, तसेच डिजिटल माध्यमाच्या प्रगतीसाठी आवश्यक बाबी शासनाकडे पाठविण्याची मागणी करण्यात आली.

    निवेदन देताना संघाचे अध्यक्ष संतोष गायकवाड, सचिव विजय खवसे आणि कोषाध्यक्ष अमित वानखडे उपस्थित होते.

    सध्या डिजिटल मीडिया हे माहिती प्रसाराचे सर्वात प्रभावी माध्यम बनले आहे. समाजातील प्रत्येक घटकापर्यंत बातम्या, सरकारी योजना आणि सामाजिक प्रश्न तत्काळ पोहोचविण्यात डिजिटल मीडियाचे योगदान अत्यंत महत्त्वाचे आहे. मात्र, शासनमान्यता, सुविधा आणि संरक्षण या दृष्टीने डिजिटल पत्रकारांना अद्याप न्याय मिळालेला नाही, असे संघाचे म्हणणे आहे.

    संघाने सादर केलेल्या प्रमुख मागण्या पुढीलप्रमाणे आहेत —

    🔹 शासनमान्यता (Accreditation): जिल्हास्तरावर कार्यरत डिजिटल न्यूज पोर्टल्स व त्यांच्या प्रतिनिधींना शासनमान्य पत्रकार म्हणून मान्यता द्यावी.
    🔹 ‘डिजिटल मीडिया भवन’ उभारणी: जिल्हा मुख्यालयावर डिजिटल पत्रकारांसाठी स्वतंत्र भवन उभारण्यात यावे, जेथे पत्रकार परिषद, बैठक व संपादकीय कार्ये पार पाडता येतील.
    🔹 वाहतूक सुविधा व प्रवास सवलत: डिजिटल पत्रकारांना बस, रेल्वे व विमान प्रवासात शासनमान्य पत्रकारांप्रमाणे सवलती देण्यात याव्यात.
    🔹 शासन योजनांमध्ये समावेश: मान्यता प्राप्त डिजिटल पत्रकारांना पत्रकार कल्याण निधी, विमा योजना, निवास योजना आदींचा लाभ मिळावा.
    🔹 पत्रकार संरक्षण कायद्यात समावेश: महाराष्ट्र पत्रकार संरक्षण कायद्यात डिजिटल मीडिया पत्रकारांचा स्पष्ट समावेश करण्यात यावा.
    🔹 प्रशिक्षण व कार्यशाळा: जिल्हा माहिती कार्यालयामार्फत डिजिटल पत्रकारांसाठी तंत्रज्ञान, पत्रकारिता नीती आणि सायबर सुरक्षा विषयक कार्यशाळा आयोजित करण्यात याव्यात.
    🔹 प्रेस रिलीज वितरणात समावेश: जिल्हा माहिती कार्यालयाकडून प्रसारित होणारे सर्व शासकीय प्रेसनोट्स डिजिटल मीडियालाही नियमितरित्या पाठवावेत.
    🔹 जाहिरात वाटप धोरण: माहिती व जनसंपर्क महासंचालनालयाच्या जाहिरात वाटप धोरणात डिजिटल मीडियाला स्वतंत्र व समान स्थान देण्यात यावे.
    🔹अधिवेशनांमध्ये प्रतिनिधित्व: मुंबई अधिवेशन तसेच नागपूर हिवाळी अधिवेशन दरम्यान होणाऱ्या पत्रकार बैठकीसाठी संघाच्या एका प्रतिनिधीला आमंत्रित करण्यात यावे.

    संघाने स्पष्ट केले की, या सर्व मागण्या डिजिटल माध्यमांच्या प्रगतीसाठी आणि पत्रकारांच्या सक्षमीकरणासाठी अत्यंत आवश्यक आहेत. शासनाने या मागण्यांकडे सकारात्मक दृष्टीकोनातून पाहून लवकरात लवकर निर्णय घ्यावा, अशी नम्र विनंती संघाने केली आहे.

  • विस्फोटक खुलासा : अवंतिका लेकुरवाले का आरोप – “वोट चोरी के बाद अब भूखंड चोरी” • – तहक़ूब ग्रामसभा में पास हुआ फर्जी प्रस्ताव, नकली हस्ताक्षरों से मिली मंज़ूरी • – सरपंच–अधिकारियों की मिलीभगत से 3 एकड़ सरकारी ज़मीन निजी कंपनी को लीज़ पर • -7 दिन में सौदा रद्द न हुआ तो ग्रामीण काँग्रेस करेंगे ग्रामपंचायत का कामकाज बंद और उग्र आंदोलन

    विस्फोटक खुलासा : अवंतिका लेकुरवाले का आरोप – “वोट चोरी के बाद अब भूखंड चोरी” • – तहक़ूब ग्रामसभा में पास हुआ फर्जी प्रस्ताव, नकली हस्ताक्षरों से मिली मंज़ूरी • – सरपंच–अधिकारियों की मिलीभगत से 3 एकड़ सरकारी ज़मीन निजी कंपनी को लीज़ पर • -7 दिन में सौदा रद्द न हुआ तो ग्रामीण काँग्रेस करेंगे ग्रामपंचायत का कामकाज बंद और उग्र आंदोलन

    विस्फोटक खुलासा : अवंतिका लेकुरवाले का आरोप – “वोट चोरी के बाद अब भूखंड चोरी”
    •- तहक़ूब ग्रामसभा में पास हुआ फर्जी प्रस्ताव, नकली हस्ताक्षरों से मिली मंज़ूरी
    • -सरपंच–अधिकारियों की मिलीभगत से 3 एकड़ सरकारी ज़मीन निजी कंपनी को लीज़ पर
    • -7 दिन में सौदा रद्द न हुआ तो ग्रामीण काँग्रेस करेंगे ग्रामपंचायत का कामकाज बंद और उग्र आंदोलन

    नागपूर (विजय खवसे)

    मौजा भुंगांव (सर्वे नं. 8, आराजी 1.72 हे.आर.) की सरकारी भूमि पर बड़ा घोटाला सामने आया है। कांग्रेस नेत्री और जिला परिषद महिला व बाल कल्याण समिति की पूर्व सभापति प्रा. अवंतिका लेकुरवाले ने जिल्हाधिकारी को ज्ञापण सौंपा है.आरोप लगाया है कि इस ज़मीन का 3 एकड़ हिस्सा झाड़ीदार जंगल के नाम पर दर्ज होते हुए भी ‘वैशाली गान फाउंडेशन’ नामक निजी कंपनी को 30 साल की लीज़ पर दे दिया गया।

    लेकुरवाले का आरोप है कि सरपंच नितेश घुबडे, उपसरपंच, ग्रामपंचायत सदस्य, ग्रामविकास अधिकारी और उप–निबंधक अधिकारी की मिलीभगत से यह सौदा किया गया। 30 नवम्बर 2023 को तहक़ूब (स्थगित) ग्रामसभा को फर्जी तरीके से आयोजित दिखाकर, नकली हस्ताक्षर और दबाव में सहमति जुटाकर प्रस्ताव पारित किया गया। इसके आधार पर 7 फरवरी 2024 को लीज़ दस्तावेज़ क्रमांक 1184/2024 नोंदवाया गया—वह भी बिना किसी शासकीय आदेश, वन व राजस्व विभाग की अनुमति के।

    लेकुरवाले ने आरोप लगाया कि यह सीधा–सीधा पद और अधिकार का दुरुपयोग है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सात दिनों के भीतर यह अवैध लीज़ रद्द नहीं की गई तो ग्रामीण ग्रामपंचायत का काम बंद कर तीव्र आंदोलन छेड़ेंगे।
    उन्होंने यह भी कहा कि इसी प्रकार आसलवाड़ा तालाब (70 एकड़) बेचने की कोशिश पहले हो चुकी थी, जिसे कांग्रेस ने रोका था। तरोडी (बु) और कुही तहसील में भी शासकीय ज़मीनें ग़लत तरीके से हड़पी गई हैं।

    लेकुरवाले ने मांग की कि दोषी सरपंच, सदस्य और अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त कर उनके खिलाफ मौदा पुलिस थाने में फौजदारी अपराध दर्ज किया जाए। साथ ही राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से अपील की कि वे अपने ही विधानसभा क्षेत्र में हो रही यह “भूखंड चोरी” तुरंत रोकें.

  • ‘समान सम्मान’ के लिए संघर्ष और तेज़ होगा : डिजिटल पत्रकार संगठन का इशारा  – पत्रकार भवन, प्रेस क्लब, पीआर एजेंसी और जिला सूचना अधिकारी का विरोध

    ‘समान सम्मान’ के लिए संघर्ष और तेज़ होगा : डिजिटल पत्रकार संगठन का इशारा – पत्रकार भवन, प्रेस क्लब, पीआर एजेंसी और जिला सूचना अधिकारी का विरोध



    ‘समान सम्मान’ के लिए संघर्ष और तेज़ होगा : डिजिटल पत्रकार संगठन का इशारा

    – पत्रकार भवन, प्रेस क्लब, पीआर एजेंसी और जिला सूचना अधिकारी का विरोध

    नागपुर, 13 सितंबर 2025: (डॉ.ममता खांडेकर)
    भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण हाल ही में नागपुर आए थे। पार्टी की ओर से संदेश दिया गया कि वे प्रेस क्लब में पत्रकारों से संवाद करेंगे, लेकिन थोड़ी ही देर बाद वह संदेश हटा लिया गया और बैठक स्थगित होने का मैसेज डाला गया। इसके बावजूद प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रदीप मैत्रे की पहल पर चुनिंदा पारंपरिक पत्रकारों और संपादकों के साथ बैठक आयोजित हुई, जिसके फोटो भाजपा पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर वायरल किए।


    इससे नाराज़ होकर डिजिटल मीडिया न्यूज़ पोर्टल संघ ने शनिवार को रविभवन में बैठक लेकर प्रेस क्लब और पत्रकार भवन पदाधिकारियों का विरोध किया। संगठन का आरोप है कि हर बार बड़े नेता नागपुर आते हैं तो प्रेस क्लब चुनिंदा पत्रकारों के लिए बैठक रखते है और डिजिटल पत्रकारों को दूर रखा जाता है। यही स्थिति पहले अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और अलका लांबा के कार्यक्रमों में भी देखी गई थी।
    बैठक में संगठन के अध्यक्ष भीमराव लोणारे की अध्यक्षता में कई ठराव पारित हुए।
    • आगे से डिजिटल पत्रकार प्रेस क्लब और पत्रकार भवन की गतिविधियों का स्थायी बहिष्कार करेंगे।
    • नागपुर में केवल डिजिटल मीडिया के लिए अलग कार्यालय (डिजिटल हाउस) स्थापित किया जाएगा।
    • मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ज्ञापन देकर प्रेस क्लब जैसी वित्तीय सहायता डिजिटल मीडिया को भी देने की मांग की जाएगी।
    अध्यक्ष भीमराव लोणारे ने कहा कि गरीब और मध्यमवर्गीय यूट्यूबर्स ही सबसे अधिक संघर्ष करते हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी माना कि आज डिजिटल मीडिया का प्रभाव अखबार और चैनलों से ज्यादा है, फिर भी विज्ञापन और राजनीतिक कवरेज में भेदभाव किया जाता है।


    सचिव विजय खवसे ने बताया कि 2021 से डिजिटल मीडिया नीति बनाने की प्रक्रिया केंद्र में शुरू हुई थी, लेकिन अब तक लागू नहीं हुई। इस कारण डिजिटल पत्रकारों की सबसे अधिक उपेक्षा हो रही है।सरकार जल्द ही डिजिटल मीडिया कानून लागू करें.
    बैठक में कुछ पीआर एजेंसियों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए कि वे पत्रकारों की आड़ में उपहार और पैसे वसूलते हैं, पर असली पत्रकारों तक लाभ नहीं पहुंचाते। इसलिए स्क्वेअर मीडिया सॉल्यूशन (मंजुषा जोशी), सेवन हिल्स एडवर्टाइजिंग (तरुण निर्बाण) और सुधीर मंगरुळकर द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के बहिष्कार का ठराव पारित किया गया।

    संगठन ने जिला सूचना अधिकारी विनोद रापतवार के भेदभावपूर्ण रवैये की भी निंदा की। आरोप है कि वे डिजिटल पत्रकारों को धमकीभरे लहजे में कहते हैं – “हमारी नजर तुम पर है।”आज तक राप तवार ने डिजिटल मीडिया से संवाद नही साधा.
    बैठक में यह भी स्पष्ट करते हुए सचिव विजय खवसे ने कहा कि
    • डिजिटल मीडिया चलाने वाले पत्रकार किसी जाति, धर्म या पंथ विरोधी समाचार न दें।सच्ची खबर ही दे.
    • हमें भी मुख्यधारा मीडिया जैसा समान सम्मान चाहिए।
    • सब्सक्राइबर लाखों में हैं, फिर भी हमें “यूट्यूबर” कहकर नीचा दिखाया जाता है।
    • प्रेस क्लब लोकतांत्रिक संस्था होकर भी एक ही अध्यक्ष सालों तक बना रहता है, यह तानाशाही है।
    कई पत्रकारों ने कहा कि प्रेस क्लब असल में आमदनी का ज़रिया है – रजिस्ट्रेशन के नाम पर 7 हजार रुपये और चाय-नाश्ते के दाम भी ऊँचे हैं। लेकिन डिजिटल मीडिया अपने दम पर परिवार चलाता है।
    बैठक में यह भी प्रस्ताव आया कि :
    • संगठन हर महीने बैठक करेगा।
    • ज़रूरतमंद सदस्यों के लिए बीमा और आर्थिक मदद योजना बनाई जाएगी।
    • नए यूट्यूबर्स को एडिटिंग से लेकर आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
    • भविष्य में नागपुर को डिजिटल हब बनाया जाएगा।
    अंत में अध्यक्ष भीमराव लोणारे ने सभी का आभार व्यक्त किया और कहा –
    “जो हमें सम्मान नहीं देंगे, उनका बहिष्कार होगा। भाजपा के साथ सभी पार्टीयों के नेताओं को भी आत्मचिंतन करना होगा, अन्यथा उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी डिजिटल संगठन बहिष्कार करेगा।”
    बैठक में डॉ. ममता खांडेकर, नावेद, अमोल तुमसरे, सनी सहारे, प्रणव सातोकर, विक्की सोनकुसळे, रमेश रामटेके, प्रतीक पांडे, राकेश गजभिये, शीतल नंदनवार, अशोक माटे, अमित वांद्रे, अमजद शेख, दिनेश घरडे, भीमराव वानखेडे, सचिन बैस, सतीश कडू, आसिफ खान, रितेश बाजपेयी, नितेश जंगाडे, प्रेम मुंदाफळे, श्रीकांत सहारे, निहाल पाटील, संजय पांडे, अनिल बागडे, संजना तितरमारे, ख्वाजा कबीर आदि पत्रकार उपस्थित रहे।

  • Nagpur। नागपुर में बनेगा ‘डिजिटल हाऊस’, डिजिटल मीडिया ने लिया बड़ा निर्णय

    Nagpur। नागपुर में बनेगा ‘डिजिटल हाऊस’, डिजिटल मीडिया ने लिया बड़ा निर्णय

    नागपुर में बनेगा ‘डिजिटल हाऊस’, डिजिटल मीडिया ने लिया बड़ा निर्णय

    नागपुर : बदलते दौर के साथ अब डिजिटल मीडिया भी ‘एक्शन मोड’ में दिखाई दे रहा है। नागपुर डिजिटल मीडिया न्यूज पोर्टल संघ की ओर से शहर में एक भव्य ‘डिजिटल हाऊस’ बनाने का निर्णय लिया गया है। शनिवार (13 सितंबर) को रविभवन में आयोजित बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष भीमराव लोणारे ने की, जबकि सचिव विजय खवसे, वरिष्ठ पत्रकार ममता खांडेकर और अमित वानखेडे उपस्थित थे।

    हाल ही में नागपुर प्रेस क्लब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण की प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चुनिंदा पत्रकारों के साथ बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में डिजिटल मीडिया के संपादकों को बुलाया ही नहीं गया। दरअसल, नागपुर प्रेस क्लब द्वारा लगातार डिजिटल माध्यमों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इसी कारण संघ ने निर्णय लिया कि प्रेस क्लब और टिळक पत्रकार भवन में आयोजित होने वाली पत्रकार परिषदों का डिजिटल मीडिया संपादक बहिष्कार करेंगे।

    बैठक में यह भी मांग की गई कि नागपुर के जिला सूचना अधिकारी डिजिटल मीडिया संपादकों का सम्मान करें, महाराष्ट्र सरकार की ओर से डिजिटल मीडिया को विज्ञापन मिले और नागपुर में डिजिटल मीडिया हब के लिए जगह उपलब्ध कराई जाए। इन सभी मांगों का निवेदन हिवाळी अधिवेशन के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंपा जाएगा।

    इस बैठक में नागपुर के 30 से 40 डिजिटल मीडिया संपादक उपस्थित थे। खास बात यह रही कि ग्रामीण पत्रकार संघ ने भी डिजिटल मीडिया न्यूज पोर्टल संघ का समर्थन किया है। जल्द ही अन्य पत्रकार संगठन भी समर्थन देने वाले हैं, यह जानकारी संघ के अध्यक्ष भीमराव लोणारे ने दी।

  • जीपिकोॅन 2025 मध्ये 500 हून अधिक डॉक्टरांनी एकत्र येऊन, जनरल मेडिसिन आणि गॅस्ट्रोएन्टेरॉलॉजीतील नवीन प्रगतीवर चर्चा केली

    जीपिकोॅन 2025 मध्ये 500 हून अधिक डॉक्टरांनी एकत्र येऊन, जनरल मेडिसिन आणि गॅस्ट्रोएन्टेरॉलॉजीतील नवीन प्रगतीवर चर्चा केली

    जीपिकोॅन 2025 मध्ये 500 हून अधिक डॉक्टरांनी एकत्र येऊन, जनरल मेडिसिन आणि गॅस्ट्रोएन्टेरॉलॉजीतील नवीन प्रगतीवर चर्चा केली

    नागपूर : “गॅस्ट्रोएन्टेरॉलॉजी आणि मेडिसिन क्षेत्रातील नवीन प्रगती आणि ताजी माहिती जाणून घेण्यासाठी 23 ऑगस्ट 2025 रोजी नागपूरच्या जामठा येथील व्हीसीए क्लबमध्ये जनरल प्रॅक्टिशनर्स कॉन्फरन्स – जीपिकोॅन 2025 यशस्वीरित्या पार पडली.
    या परिषदेचा उद्देश जनरल मेडिसिन आणि गॅस्ट्रोएन्टेरॉलॉजी क्षेत्रातील ताज्या प्रगतीबद्दल जागरूकता निर्माण करणे हा होता. अशा प्रकारच्या परिषदांमुळे फॅमिली फिजिशियनना आपले ज्ञान अद्ययावत करण्यास आणि त्यांच्या दैनंदिन वैद्यकीय सेवेत अधिक सुधारणा करण्यास मदत होते. यंदा या कार्यक्रमाला 500 हून अधिक डॉक्टर आणि फॅमिली फिजिशियननी उत्साहाने सहभाग नोंदवला.

    परिषदेचा शुभारंभ पारंपरिक दीपप्रज्वलनाने झाला. हा समारंभ महाराष्ट्र शासनाचे महसूल मंत्री व नागपूर आणि अमरावती जिल्ह्यांचे पालकमंत्री श्री. चंद्रशेखर बावनकुळे यांच्या हस्ते पार पडला. ते या कार्यक्रमाचे सन्माननीय पाहुणे म्हणून उपस्थित होते. यावेळी त्यांच्यासोबत डॉ. श्रीकांत मुकेवार (आयोजन अध्यक्ष – जीपिकोॅन 2025 व व्यवस्थापकीय संचालक, मिडास हॉस्पिटल), डॉ. सौरभ मुकेवार (आयोजन सचिव – जीपिकोॅन 2025 व संचालक, मिडास हॉस्पिटल, वर्धा रोड, नागपूर), तसेच डॉ. शुभंकर गोडबोले(आयोजन सचिव – जीपिकोॅन 2025) आणि डॉ. भूषण बावरे (आयोजन सचिव – जीपिकोॅन 2025) हेही प्रमुख मान्यवर उपस्थित होते.
    महत्त्वाची सत्रे आणि तज्ज्ञ वक्ते

    वैज्ञानिक कार्यक्रमात मेडिसिन आणि गॅस्ट्रोएन्टेरॉलॉजीतील महत्त्वाच्या विषयांवर तज्ज्ञांची सत्रे घेण्यात आली, त्यामध्ये पुढील विषयांचा समावेश होता :
    • हायपरटेन्शन : पॅथोफिजिओलॉजी व उपचार पद्धती – डॉ. देबाशिष बाला
    • अॅनिमिया : तपासणी व उपचारातील महत्त्वाचे मुद्दे – डॉ. रमेश मुंडले
    • डायबिटीज, लठ्ठपणा व फॅटी लिव्हर डिसीज (पॅनेल चर्चा) – डॉ. श्रीकांत मुकेवार, डॉ. निखिल बालंखे, डॉ. अमृत कौर, डॉ. सनोबर शेख
    • अॅसिड पॅप्टिक डिसीज : निदान व उपचार (गोळ्यांपासून शस्त्रक्रियेपर्यंत) – डॉ. अमित कवीमंदन
    • कॉन्स्टिपेशन : फॅमिली फिजिशियनसाठी सोपी उपचार पद्धती – डॉ. श्रीकांत मुकेवार
    • जुलाबाची हाताळणी – डॉ. भूषण भवरे
    • पोटदुखी : जीपींसाठी डायग्नोस्टिक रोडमॅप– डॉ. सौरभ मुकेवार
    • एलएफटी समजून घेणे व पिवळ्या काविळीवर केस – आधारित चर्चा – डॉ. अमृत कौर गहरा
    • शरीरभर होणारी खाज – निदान व उपचार – डॉ. नेली चौधरी
    • ताप आणि ट्रॉपिकल आजारांचे व्यवस्थापन – डॉ. शरद देशमुख
    • किडनी रोगाचे लवकर निदान – डॉ. मोनाली साहू
    • ॲक्यूट पॅन्क्रियाटायटिसचे प्राथमिक पातळीवरील व्यवस्थापन – डॉ. सौरभ मुकेवार
    • सांधेदुखी : फिजिशियनला काय माहित असणे आवश्यक आहे – डॉ. कौस्तुभ बेलापुरकर
    • न समजणारी लक्षणे – त्याकडे कसे पाहावे – डॉ. ईशा अहलुवालिया
    • डोकेदुखी समजून घेणे : डोकेदुखीचे निदान आणि व्यवस्थापन करण्यासाठी एक सामान्य डॉक्टरांचे मार्गदर्शक– डॉ. प्रणित खंडाईत
    • प्रौढ लसीकरणावरील शिफारसी : जागतिक व भारतीय दृष्टिकोन आणि जीआय आजार असलेल्या रुग्णांवर प्रौढ संसर्गाचा परिणाम – डॉ. शुभंकर गोडबोले
    • “जस्ट आस्क मी एनीथिंग” (जामा) संवादात्मक सत्र – डॉ. श्रीकांत मुकेवार आणि टीम मिडास

    या प्रसंगी बोलताना मिडास हॉस्पिटलचे व्यवस्थापकीय संचालक डॉ. श्रीकांत मुकेवार म्हणाले, “जीपिकोॅन 2025 हे केवळ वैद्यकीय ज्ञान वाटण्यासाठीचे व्यासपीठ नसून तज्ज्ञ डॉक्टर आणि फॅमिली फिजिशियन यांच्यातील एक दुवा आहे. ज्यामुळे आरोग्यसेवेतील नवनवीन प्रगती थेट तळागाळातील रुग्णांपर्यंत पोहोचू शकते.”
    डॉ. सौरभ मुकेवार, संचालक, मिडास हॉस्पिटल, वर्धा रोड, नागपूर यांनी सांगितले :“सतत शिकत राहणे हे उत्तम आरोग्यसेवेचे गमक आहे. या परिषदेच्या माध्यमातून आम्ही डॉक्टरांना मेडिसिन आणि गॅस्ट्रोएन्टेरॉलॉजीतील ताज्या माहितीने सक्षम करण्याचा प्रयत्न करत आहोत.”

    प्रमुख पाहुणे श्री. चंद्रशेखर बावनकुळे यांनी अभिमान व्यक्त करताना सांगितले “नागपूरमध्ये मिडास हॉस्पिटलसारखी अत्याधुनिक वैद्यकीय सुविधा उपलब्ध असणे ही अभिमानाची गोष्ट आहे. मिडास हॉस्पिटलने आंतरराष्ट्रीय दर्जाचे उपचार नागपूरमध्ये उपलब्ध करून देण्याचे स्पष्ट ध्येय ठेवले आहे. या परिषदेचा उद्देश म्हणजे आरोग्यसेवेत नवीन तंत्रज्ञान वापरण्यास प्रोत्साहन देणे आणि रुग्णांना उत्तम सेवा व उपचार देण्यासाठी जागरूकता निर्माण करणे.”

    ते पुढे म्हणाले, “मिडास हॉस्पिटल फॅमिली फिजिशियनना नवीन वैद्यकीय माहिती देऊन त्यांना सक्षम बनवण्यात महत्त्वाची भूमिका बजावत आहे, जेणेकरून ते रुग्णांना दर्जेदार उपचार देऊ शकतील. महाराष्ट्राच्या आरोग्यसेवा यंत्रणेला 2029, 2035 आणि 2047 पर्यंत अधिक मजबूत करण्याचे सरकारचे दीर्घकालीन ध्येय आहे. यात रोबोटिक शस्त्रक्रिया आणि रोबोटिक आरोग्यसेवेतील प्रगती महत्त्वाची ठरेल. नागपूरमध्ये इतके प्रगत केंद्र उभारल्याबद्दल मी डॉ. श्रीकांत मुकेवार आणि डॉ. सौरभ मुकेवार यांचे अभिनंदन करतो. तसेच अशा प्रकारच्या परिषदांचे आयोजन विदर्भातील सर्व जिल्हा स्तरावर व्हावे, अशी माझी ठाम सूचना आहे.”
    परिषद डॉ.शुभंकर गोडबोले(आयोजन सचिव – जीपिकोॅन 2025) यांच्या आभार प्रदर्शनाने संपन्न झाली आणि प्रदेशातील वैद्यकीय क्षेत्र व रुग्णसेवा अधिक सक्षम करण्याच्या दिशेने आणखी एक यशस्वी टप्पा गाठला गेला.

  • नागपुरात 8 सप्टेंबरला शिवभोजन धरकांचे धरणे आंदोलन   सहा महिन्यांपासून थकीत बिल; महिला बचत गटांमध्ये नाराजी

    नागपुरात 8 सप्टेंबरला शिवभोजन धरकांचे धरणे आंदोलन  सहा महिन्यांपासून थकीत बिल; महिला बचत गटांमध्ये नाराजी

     


    नागपुरात 8 सप्टेंबरला शिवभोजन धरकांचे धरणे आंदोलन 

    सहा महिन्यांपासून थकीत बिल; महिला बचत गटांमध्ये नाराजी

    नागपूर :WH NEWS
    शिवभोजन थाळी योजना चालविणाऱ्या केंद्र चालकांना सहा महिन्यांपासून प्रलंबित असलेली देयके तात्काळ अदा करण्याच्या मागणीसाठी नागपूर शहर शिवभोजन थाळी केंद्र संचालक संघटनेच्या वतीने 8 सप्टेंबर रोजी दुपारी 2 वाजता संविधान चौकात भव्य धरणे आंदोलन करण्यात येणार आहे.

    शिवभोजन योजना 1 जानेवारी 2020 पासून राज्यभर सुरू असून, दररोज सुमारे दोन लाख गरीब, मजूर, महिला, ज्येष्ठ नागरिक व विद्यार्थ्यांना अल्प दरात जेवण उपलब्ध करून दिले जाते. मात्र, केंद्र चालकांना सहा महिन्यांपासून बिल मिळालेले नाही. त्यामुळे महिला बचत गटांना कर्ज काढून केंद्र चालवावे लागत आहे.

    या संदर्भात मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री आणि मंत्र्यांना वारंवार निवेदन देऊनही तोडगा निघालेला नाही. मंत्रालयाकडे प्रस्ताव प्रलंबित असून अर्थमंत्र्यांकडून मंजुरी न मिळाल्याने बचत गटांमध्ये तीव्र नाराजीचे वातावरण आहे.

    शहर अध्यक्ष तानाजी वनवे, शहर सचिव डॉ. जानबा मस्के, कोषाध्यक्ष किशोर ठाकरे, ग्रामीण अध्यक्ष राजू पोलकुमवार आणि भास्कर पराते यांनी पत्रकार परिषदेत सांगितले की, जर आठ दिवसांत देयके अदा झाली नाहीत, तर हे आंदोलन महाराष्ट्रभर जिल्हा व तालुका स्तरावर उभारले जाईल व शासनाचा निषेध केला जाईल.


     

  • जरांगे पाटील जिंकले, सरकार झुकले, 8मधुन 6 मागण्या मान्य… उपोषण संपले आझाद मैदान केले खाली,आरक्षण लढाई जिंकले, मराठ्यांनी साजरा केले उत्साह

    जरांगे पाटील जिंकले, सरकार झुकले, 8मधुन 6 मागण्या मान्य… उपोषण संपले आझाद मैदान केले खाली,आरक्षण लढाई जिंकले, मराठ्यांनी साजरा केले उत्साह

    जरांगे पाटील जिंकले, सरकार झुकले, 8मधुन 6 मागण्या मान्य… उपोषण संपले आझाद मैदान केले खाली,आरक्षण लढाई जिंकले, मराठ्यांनी साजरा केले उत्साह

    मुंबई (विजय खवसे) – सरकारी नोकऱ्यांमध्ये मराठा समाजाला आरक्षण मिळावे या मागणीसाठी आझाद मैदानावर सुरू असलेले पाच दिवसांचे आंदोलन मंगळवारी संपले. आंदोलक मनोज जरांगे-पाटील यांच्या आठ मागण्यांपैकी राज्य सरकारने सहा मागण्या मान्य केल्या आहेत. हैदराबाद गॅझेटियरच्या आधारे मराठवाडा भागातील मराठा समाजातील लोकांना कुणबी किंवा मराठा-कुणबी किंवा कुणबी-मराठा प्रमाणपत्र देण्याचा निर्णय सरकारने घेतला आहे. मराठा आरक्षणासाठी स्थापन केलेल्या राज्य मंत्रिमंडळाच्या उपसमितीचे अध्यक्ष आणि राज्याचे जलसंपदा मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील यांनी जरांगे यांची आझाद मैदानात भेट घेतली. त्यांच्यासोबत अनेक मंत्री आणि अधिकारी उपस्थित होते.

    जरांगे म्हणाले की, सरकारने प्रथम सर्व आश्वासनांच्या अंमलबजावणीबाबत सरकारी आदेश (जीआर) जारी करावा. त्यानंतरच मी उपोषण सोडेन. यावर विखे-पाटील यांनी हैदराबाद गॅझेटियर लागू करण्याच्या सरकारी आदेशाचा मसुदा दाखवला. त्यात लिहिले होते की फक्त मराठा समाजातील पात्र लोकांनाच प्रमाणपत्र दिले जाईल. यावर जरांगे-पाटील यांनी सरकारला पात्र हा शब्द काढून टाकण्यास सांगितले. सुमारे एक तासानंतर, एक नवीन सरकारी आदेश जारी करण्यात आला. विखे-पाटील यांनी त्याची प्रत जरांगे-पाटील यांना दिली. त्यानंतर जरांगे-पाटील यांनी त्यांचे उपोषण सोडण्यास सहमती दर्शविली. विखे-पाटील यांनी जरांगे-पाटील यांना लिंबू पाणी देऊन उपोषण सोडण्यास भाग पाडले. मराठा समाजातील लोकांनी आनंद साजरा केला. जरांगे हे इतर मागासवर्गीय (ओबीसी) कोट्यात मराठा समाजाला १०% आरक्षण देण्यासह विविध मागण्यांसाठी २९ ऑगस्टपासून अनिश्चित काळासाठी उपोषण करत होते.

    या मागण्या मान्य झाल्या: – मराठवाड्यातील हैदराबाद गॅझेटियर

    या आधारे मराठा समाजातील व्यक्तींना कुणबी प्रमाणपत्र दिले जाईल. – मराठा आरक्षण आंदोलनात मृत्युमुखी पडलेल्यांच्या कुटुंबियांना आर्थिक मदत आणि सरकारी नोकरी दिली जाईल. जुने प्रलंबित खटले लवकरच निकाली काढले जातील. – मराठा आंदोलकांवर नोंदवलेले खटले मागे घेण्याची प्रक्रिया सप्टेंबर २०२५ पर्यंत पूर्ण केली जाईल. आतापर्यंत सापडलेल्या ५८ लाख मराठ्यांच्या नोंदी सर्व ग्रामपंचायतींच्या सूचना फलकांवर लावल्या जातील. जिल्हा दंडाधिकारी यासंदर्भातील कार्यवाही पूर्ण करतील. – उमेदवाराच्या अर्जापासून ९० दिवसांच्या आत मराठ्यांना जात प्रमाणपत्र आणि जात वैधता प्रमाणपत्र देण्याची प्रक्रिया पूर्ण केली जाईल. – निवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे यांच्या समितीचा कार्यकाळ ३१ डिसेंबर २०२५ पर्यंत वाढविण्यात आला आहे.

    या मागण्यांवर मिळालेले आश्वासन:- सरकारने सातारा गॅझेटियर लागू केले.

    तेव्हा काय झाले?
    २७ ऑगस्ट – जालन्याच्या मध्यभागी असलेल्या सराटी गावातून जरांगे-पाटील निघाले.

    २८ ऑगस्ट – जरंगे-पाटील रात्री उशिरा अहिल्यानगरमार्गे पुण्यात पोहोचले.

    २९ ऑगस्ट- जरांगे-पाटील यांचे उपोषण सुरू.

    30 ऑगस्ट – शिंदे समितीने जरंगे-पाटील यांची भेट घेतली

    ३१ ऑगस्ट – जरांगे-पाटील म्हणाले- मी मुंबईहून विजय मिळवेन नाहीतर माझी शेवटची यात्रा काढली जाईल

    १ सप्टेंबर – हैदराबाद-सातारा गॅझेटियर लागू करण्याची मागणी.

    २ सप्टेंबर- हैदराबाद गॅझेटियर लागू करण्याचा सरकारी आदेश मंजूर झाल्यानंतर जरांगे यांचे उपोषण संपले.

    मराठा आणि कुणबींच्या एकत्रीकरणाबाबत सरकारी आदेश जारी करण्यासाठी दोन महिन्यांचा कालावधी मागितला.सरकारने मराठा समाजाला न्याय दिला आहे. पण इतर कोणत्याही समाजावर अन्याय होऊ दिला जाणार नाही.

    – एकनाथ शिंदे, उप-मुख्यमंत्री

    मराठा समाजाला त्यांच्या अपेक्षेनुसार न्याय देण्याचा निर्णय सरकारने घेतला आहे. महायुती सरकार मराठा समाजाच्या सामाजिक, शैक्षणिक आणि आर्थिक प्रगतीसाठी वचनबद्ध आहे.

    अजित पवार, उपमुख्यमंत्री

    आमची टीम सरकारच्या आदेशाचा अभ्यास करत आहे. कायदेतज्ज्ञांशीही चर्चा सुरू आहे. त्याचा अभ्यास केल्यानंतरच मी यावर माझे मत देईन.

    छगन भुजबळ, राष्ट्रवादी काँग्रेस (अजित) नेते

  • प्रा. जोगेंद्र कवाडे यांचा अपमान नाही तो संपूर्ण समाजाचा आहे-

    प्रा. जोगेंद्र कवाडे यांचा अपमान नाही तो संपूर्ण समाजाचा आहे-

    प्रा. जोगेंद्र कवाडे यांचा अपमान नाही तो संपूर्ण समाजाचा आहे.- बापूसाहेब गजभरे

    नांदेड – संघर्षयोद्धा प्रा.जोगेन्द्र कवाडे सर यांचा हा अवमान नसून संबंध आंबेडकरी चळवळीत इमानदारीने कार्य करणाऱ्या नेत्यांचा,आणि कार्यकर्त्यांचा अपमान आहे.
    काल नागपुरात घडलेल्या प्रकरणाने समाजाची जगजाहीर बदनामी झाली.
    काहींना असुरी आनंद ही झाला असेल ते खरे समाजाच्या सामाजिक ,राजकीय ,धार्मिक चळवळीचे मारेकरी
    प्रा.जोगेन्द्र कवाडे सर यांनी आपल्या आयुष्याची 60 -65 वर्षे समाजासाठी सर्मपित केली आहेत.सरांचा त्याग एवढा मोठा आहे की,त्यांची बरोबरी कोणालाही करता येणार नाही.
    महाराष्ट्राच्या गाव गावात सरांच्या नावाचा धाक होता.
    म्हणूनच त्यांना संघर्ष नायक म्हटले जाते,

    जयभीम पत्रिकेतून सरकारवर आसूड उगारणारे कवाडे सर महाराष्टाला माहित आहेत,नामांतरासाठी लॉंग मार्च काढणारे सर,खैरलांजी प्रकरणात आमदारकीचा राजीनामा देणारे सर,खेड्यापाड्यात अन्याय झाल्यावर तर रात्री बेरात्री धावून येणारे सर !
    दिल्ली आग्र्याच्या जेल पासून त राज्याच्या प्रत्येक जिल्ह्यात तालुक्यात जेल भोगणारे सर आज ही किती तरी पोलीस केसेस सरांवर आहेत.लहान मोठे हजारो आंदोलनात सरांनी नेतृत्व केलं !

    भीमा कोरेगाव पासून ते महाड पर्यंत आणि देश पातळीवर महामानव डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर हे ज्या ज्या ठिकाणी गेले
    तेथे तेथे सर पोहचले आणि लोकांना जागृत केले त्या स्थळांना आज लाखों लोक जातात.
    सरांच्या बाबतीत खूप लिहिता येईल आज फक्त थोडासा मागोवा घेतला आहे.
    सरांच्या त्यागाला अनन्यसाधारण महत्व आहे.
    त्यांच्या नावाशिवाय हि चळवळ पुर्ण होऊ शकत नाही.
    त्यांना विरोध करणाऱ्यांचं समजत कांहीही स्थान नाही असे भाडोत्री विकाऊ आणि टाकाऊ लोक विरोधात समाज माध्यमावर व्यक्त होतांना दिसत आहेत.

    नागपूरच्या प्रकरणात सरांच्या समर्थनात जास्त लोक होते.
    भाडोत्री लोक बोटावर मोजण्या इतकेच होते.
    सरांची कालची भूमिका स्वागताहार्य त्यांनी समाजात भांडणे नको हि भूमिका घेतली
    समाजातल्या बुद्धिजीवी लोकांनी एकत्र येऊन प्रा.जोगेन्द्र कवाडे सर यांची कोणती भूमिका चुकली ती सांगावी
    आम्ही सरांना आपल्याशी संवाद साधण्यासाठी बोलावू
    माझी विनंती एवढीच आहे की समाजमाध्यमांवर बदनामीकारक लिखन करू नये परत एकदा हात जोडून विनंती.

    जर या उपर कुणी पोस्ट केलीच तर कायदेशीर मार्गाने कारवाई करण्यात येईल.कृपया आम्हांला तो निर्णय घेण्यास भाग पाडू नका !

    बापूराव उर्फ बापूसाहेब गजभारे
    महाराष्ट्र प्रदेश महासचिव,नांदेड
    9673580786,9422187404

  • पत्रकार प्रशांत कांबळे – चांदूर रेल्वे ते मंत्रालय प्रतिनिधी पर्यंतचा प्रवास.! वाढदिवस विशेष

    पत्रकार प्रशांत कांबळे – चांदूर रेल्वे ते मंत्रालय प्रतिनिधी पर्यंतचा प्रवास.! वाढदिवस विशेष

    पत्रकार प्रशांत कांबळे – चांदूर रेल्वे ते मंत्रालय प्रतिनिधी पर्यंतचा प्रवास.! वाढदिवस विशेष

    अमरावती जिल्ह्यातील लहानशा चांदूर रेल्वे शहरातून आपल्या पत्रकारितेच्या कारकिर्दीची सुरुवात करणारा प्रशांत कांबळे आज मुंबईसारख्या गजबजलेल्या आणि स्पर्धात्मक राजधानीच्या शहरात पत्रकारितेत स्वतःचा वेगळा ठसा उमटवत आहे. त्याचा हा प्रवास केवळ वैयक्तिक मेहनत, चिकाटी आणि जिद्दीचा नाही, तर सामाजिक बांधिलकी आणि सत्यनिष्ठेचेही उदाहरण आहे.

    सुरुवातीची पावले – चांदूर रेल्वेतून सुरुवात

    प्रशांत कांबळे ची पत्रकारितेतील कारकीर्द एका स्थानिक वृत्तपत्रात तालुका प्रतिनिधी म्हणून सुरू झाली. गावातील सामान्य माणसांचे प्रश्न, स्थानिक समस्या आणि ग्रामीण भागातील घडामोडी यांचे अचूक, जबाबदार आणि संवेदनशील वृत्तांकन त्यांनी केले. त्यामुळे अल्पावधीतच ते लोकांच्या मनात विश्वासार्ह पत्रकार म्हणून ओळखले जाऊ लागले.

    मुंबईकडे वाटचाल

    नंतर पत्रकारितेच्या वाटेवर पुढील टप्पा गाठण्यासाठी प्रशांत कांबळे मुंबईत दाखल झाला. जय महाराष्ट्र सारख्या न्यूज चैनल मध्ये असताना मुंबईच्या गटारात काम करणाऱ्या कामगारांची व्यथा न्यूज चॅनलमध्ये मांडली.. महानगरातील जलद गतीचे आयुष्य, स्पर्धा आणि सतत बदलणाऱ्या घडामोडी यांच्या मध्यभागी राहूनही त्यांनी सत्य, तथ्य आणि जबाबदारीचा धागा सोडला नाही.

    दिव्य मराठीत मंत्रालय प्रतिनिधी

    सध्या प्रशांत कांबळे मुंबईतील अग्रगण्य दैनिक दिव्य मराठी मध्ये मंत्रालय प्रतिनिधी म्हणून कार्यरत आहेत. शासनाच्या निर्णयांपासून ते जनतेच्या समस्यांपर्यंत, त्यांनी नेहमीच वाचकांपर्यंत अचूक आणि प्रभावी माहिती पोहोचवण्याचे काम केले आहे. मंत्रालयातील राजकारण, धोरणे आणि त्याचा जनजीवनावर होणारा परिणाम याचे सूक्ष्म विश्लेषण करून त्यांनी आपले वेगळेपण सिद्ध केले आहे.

    सामाजिक बांधिलकी आणि संवेदनशीलता

    प्रशांत कांबळे हा केवळ बातम्या देणारा पत्रकार नाही, तर एक संवेदनशील मन, सामाजिक जाण असलेले व्यक्तिमत्त्व आहे. सामान्य नागरिकांच्या समस्या, सामाजिक अन्याय, ग्रामीण भागातील आवाज आणि वंचित घटकांचे मुद्दे निर्भीडपणे मांडतो. पत्रकारितेला व्यवसायापेक्षा लोकसेवेचे माध्यम म्हणून पाहणारा हा दृष्टीकोन त्याचा इतरांपेक्षा वेगळा ठरवतो.

    राहुल गडपाले यांनी दिली मुंबईत संधी….

    मुंबईतून काही काळ अमरावतीत आल्यानंतर प्रशांत कांबळे याला खरंतर परत मुंबईत पत्रकारितेत जायचे होते मात्र मुंबईत चांगल्या वृत्तपत्रात काम मिळणे सोपे नाही. मात्र या कामी दैनिक सकाळचे संपादक राहुल गडपाले यांनी प्रशांतला दैनिक सकाळमध्ये मुंबईत काम करण्याची संधी दिली, आणि ही राहुल गडपाले यांनी दिलेली संधी प्रशांतच्या आयुष्याला कलाटणी देणारी ठरली. या संधीचे सोने करत सकाळ मधून मंत्रालय प्रतिनिधी म्हणून दिव्य मराठीत प्रशांत कांबळे यांनी झेप घेतली.
    प्रशांत कांबळे च्या या यशात राहुल गडपाले यांच्यासोबतच विनोद भाऊ राऊत यांचा देखील महत्वाचा वाटा आहे…. विदर्भातल्या छोट्या गावातून मुंबईत गेलेल्या प्रशांतला मुंबईत सहकार्य साथ व मार्गदर्शन करणारे पत्रकारांचे देखील तेवढेच सहकार्य आहे.

    वाढदिवसानिमित्त शुभेच्छा

    आज प्रशांत कांबळे याचा वाढदिवस. प्रशांतला वाढदिवसानिमित्त खूप खूप मनःपूर्वक शुभेच्छा. सत्य, न्याय आणि सामाजिक बांधिलकीच्या मार्गावर प्रशांत असाच ठामपणे प्रवास करत राहावा, हीच अपेक्षा.WH NEWS NAGPUR

  • राशन दुकानदारों का बढ़ा कमीशन

    राशन दुकानदारों का बढ़ा कमीशन

    सरकार को भरोसा, पारदर्शिता बढ़ेगी
    नागपुर.
    महाराष्ट्र सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकानदारों का कमीशन ₹150 से बढ़ाकर ₹170 प्रति क्विंटल करने का फैसला किया है। यह कदम लंबे समय से चली आ रही उनकी मांग को पूरा करता है। सरकार का यह निर्णय सराहनीय है, क्योंकि यह राशन दुकानदारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगा।

    जिले में 1600 से अधिक राशन दुकानें
    राशन दुकानदार अपनी दुकानों को चलाने, अनाज का वितरण करने और ई-पॉस मशीनों को संभालने जैसे कई कार्य करते हैं। इसके लिए उन्हें न केवल समय और श्रम देना पड़ता है, बल्कि बिजली, किराया और रख-रखाव जैसे खर्च भी उठाने पड़ते हैं। ₹20 की यह मामूली वृद्धि इन सभी खर्चों को देखते हुए शायद ही पर्याप्त हो। नागपुर जैसे जिले में 1600 से अधिक राशन दुकानें हैं, और हर दुकानदार अपनी रोजी-रोटी के लिए इस कमीशन पर निर्भर हैं।

    काम में आएगी पारदर्शिता
    यह समझना जरूरी है कि कमीशन बढ़ाने का उद्देश्य केवल दुकानदारों को खुश करना नहीं, बल्कि पीडीएस की कार्यप्रणाली को मजबूत करना भी है। जब दुकानदारों को पर्याप्त कमीशन नहीं मिलता, तो भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ जाती है। वे कम अनाज तौलना, खराब गुणवत्ता का अनाज देना या लाभार्थियों को परेशान करना जैसे हथकंडे अपना सकते हैं। इसलिए, यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि राशन दुकानदारों को इतना कमीशन मिले, जिससे वे सम्मानजनक तरीके से अपना जीवन यापन कर सकें और भ्रष्टाचार से दूर रहें।

    हितों की रक्षा जरूरी
    सरकार को इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि यह अतिरिक्त ₹92.71 करोड़ का प्रावधान सही तरीके से लागू हो रहा है या नहीं। कमीशन में बढ़ोतरी एक अच्छा कदम है, लेकिन इसे व्यवस्था की दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान नहीं माना जा सकता। सरकार को इस पूरे तंत्र की समीक्षा करनी चाहिए और एक ऐसी स्थायी नीति बनानी चाहिए, जो दुकानदारों के हितों की रक्षा करे और गरीब लाभार्थियों को उनके हक का अनाज बिना किसी परेशानी के दिलाए।