नौकरी के नाम पर साढ़े चार लाख की ठगी
नागपुर.
नागपुर में नेताओं के नाम पर धोखाधड़ी का एक और मामला सामने आया है। इस बार विधान परिषद सदस्य संदीप जोशी के नाम का इस्तेमाल कर एक युवक को नौकरी दिलाने का झांसा देकर साढ़े चार लाख रुपये ठग लिए गए हैं। यह घटना नागपुर में सक्रिय एक बड़े गिरोह की ओर इशारा करती है, जो राजनीतिक रसूख का फायदा उठाकर भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना रहा है।
संदीप जोशी का करीबी बताया
पीड़ित नीलेश ने अपनी पत्नी के लिए मनपा (नागपुर महानगरपालिका) में नौकरी पाने के लिए अभय नामक व्यक्ति को 4.5 लाख रुपये नकद दिए थे। अभय खुद को विधायक संदीप जोशी का करीबी बताकर लोगों को झांसा देता था। जब नीलेश की पत्नी को नौकरी नहीं मिली और उसने अपने पैसे वापस मांगे, तो अभय टाल-मटोल करने लगा। इससे नीलेश को संदेह हुआ और उसने सीधे विधायक संदीप जोशी से संपर्क किया। विधायक जोशी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत पुलिस की क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अभय नाम के किसी भी व्यक्ति से उनका कोई संबंध नहीं है और उन्होंने जनता से ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहने की अपील की है।
इसके पहले भी घटनाएं
यह पहला मामला नहीं है जब नागपुर में इस तरह की धोखाधड़ी हुई है। इससे पहले भी विधायक प्रवीण दटके और पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के नाम पर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर ठगी की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। यह दिखाता है कि एक सुनियोजित गिरोह सक्रिय है, जो नेताओं के नाम का दुरुपयोग कर जनता को ठग रहा है। पुलिस को सिर्फ इस एक मामले तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच करनी चाहिए।
कड़ी कार्रवाई की दरकार
पुलिस की जांच में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या अभय जैसे लोग सिर्फ मोहरे हैं और इस ठगी के पीछे कोई बड़ा चेहरा है? क्या यह गिरोह और कितने लोगों को ठग चुका है? पुलिस को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और इस गिरोह के सभी सदस्यों को पकड़कर कड़ी सजा देनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।