पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन का ऐलान
मुंबई.
महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक का एक नया अध्याय शिवसेना (उद्धव) के आंदोलन से शुरू हो रहा है। पार्टी ने राज्य सरकार के कथित भ्रष्ट मंत्रियों और चुनाव आयोग के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और सांसद संजय राऊत ने आरोप लगाया है कि सरकार के कुछ मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। राऊत ने चुनाव आयोग पर भी पक्षपात करने और वोटों की चोरी में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया है। यह आरोप कांग्रेस नेता राहुल गांधी के महाराष्ट्र में वोटों की चोरी के दावे के बाद आया है, जिससे यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है।
सरनाईक ने आंदोलन पर कसा तंज
शिवसेना (उद्धव) का यह आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने और जनता का ध्यान अपनी ओर खींचने की एक रणनीति है। वे जनता के बीच यह संदेश देना चाहते हैं कि महायुति सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है और लोकतंत्र खतरे में है। यह आंदोलन आगामी स्थानीय चुनावों से पहले विपक्ष को एक मजबूत मुद्दा दे रहा है। हालांकि, शिवसेना (शिंदे) के नेता और परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इस आंदोलन पर तंज कसते हुए कहा है कि उद्धव ठाकरे गुट के पास मोर्चे निकालने और सरकार को कोसने के अलावा कोई ठोस काम नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसे आंदोलन कर रहे हैं और उनके पास अपने आरोपों के कोई ठोस सबूत नहीं हैं। दोनों पक्षों के बीच चल रही यह जुबानी जंग आने वाले चुनावों में और तेज होने की संभावना है। यह आंदोलन यह भी दर्शाता है कि विपक्ष अभी भी महायुति सरकार को घेरने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, भले ही उनके पास पर्याप्त संख्या बल न हो।