शरद पवार ने संभाला मोर्चा

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Sharad Pawar took charge

महा विकास आघाड़ी में डैमेज कंट्रोल
मुंबई.
एनसीपी शरद चंद्र पवार के प्रमुख शरद पवार एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में ‘डैमेज कंट्रोल’ की भूमिका में नजर आ रहे हैं। दिल्ली में ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे के बैठने की जगह को लेकर हुए विवाद के बाद, महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में फूट की अटकलें तेज हो गई थीं। ऐसी खबरें थीं कि उद्धव ठाकरे इस ‘कथित बेइज्जती’ से नाराज होकर गठबंधन से किनारा करने का मन बना रहे हैं। इसी नाजुक स्थिति को भांपते हुए पवार ने मोर्चा संभाला है।

दरार भरने की कोशिश
एक प्रेस वार्ता में, पवार ने इस विवाद को ‘अनावश्यक’ बताया और इस पर खेद भी व्यक्त किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे सभी नेता, जिनमें उद्धव ठाकरे भी शामिल थे, पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन को ठीक से देखने के लिए पीछे की पंक्ति में बैठे थे। उन्होंने कहा, “यह किसी राजनीतिक मतभेद का संकेत नहीं था।” पवार का यह बयान सीधे तौर पर एमवीए के भीतर किसी भी संभावित दरार को भरने का प्रयास माना जा रहा है।

‘वोट चोरी’ के आरोपों पर संतुलन
इसके साथ ही, पवार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर भी एक संतुलित रुख अपनाया। उन्होंने राहुल गांधी की प्रस्तुति को ‘अच्छी तरह से शोध और दस्तावेजों पर आधारित’ बताया, जिससे विपक्ष के आरोपों को बल मिला। हालांकि, उन्होंने निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को सीधे तौर पर कटघरे में खड़ा करने से परहेज किया और कहा कि आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए। पवार का यह ‘चतुर राजनीतिक कदम’ विपक्षी एकता को बनाए रखने और अपनी पार्टी की छवि को नुकसान से बचाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

लक्ष्य सिर्फ एकजुटता
शरद पवार के इन बयानों को एक अनुभवी राजनेता के तौर पर देखा जा रहा है, जो गठबंधन के अंदरूनी मतभेदों को सुलझाने और विपक्षी नेताओं के बयानों से उत्पन्न होने वाले संभावित नुकसान को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका लक्ष्य स्पष्ट है: आगामी चुनावों के मद्देनजर महा विकास आघाड़ी को एकजुट और मजबूत बनाए रखना।

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