महाराष्ट्र निकाय चुनाव में नहीं होगा वीवीपीएटी का इस्तेमाल

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VVPAT will not be used in Maharashtra local body elections

आयोग ने बताई वजह, भड़का विपक्ष
मुंबई.
सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद महाराष्ट्र में दिवाली के बाद स्थानीय निकाय चुनाव होंगे। राज्य के चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने कहा है कि महाराष्ट्र में एक साथ वोटिंग नहीं होगी। चुनावी प्रक्रिया आगामी अक्टूबर महीने से शुरू की जाएगी। वाघमारे के अनुसार निकाय चुनाव ईवीएम पर कराए जाएंगे, लेकिन मतदान के दौरान वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि प्रत्येक वार्ड में अधिक उम्मीदवार होने की वजह से मतदाताओं को एक बार में चार वोट डालने होंगे, इसलिए प्रक्रिया में समय लगेगा। ऐसे में मतदान केंद्र पर भीड़ होने की संभावना है। इसी वजह से निकाय चुनावों में वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल पहले से ही नहीं किया जाता है। आयोग के बयान के बाद निकाय चुनाव तीन चरणों में होने की उम्मीद है।

एक साथ नहीं होंगे चुनाव
राज्य चुनाव आयोग चरणबद्ध तरीके से चुनाव कराएगा। चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण स्थिर रहेगा, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार लॉटरी प्रणाली के माध्यम से लागू किया जाएगा। वाघमारे के अनुसार पिछले चुनावों में लागू किए गए सिद्धांत का इस बार भी पालन किया जाएगा। 1 जुलाई, 2025 तक की मतदाता सूची का इस्तेमाल चुनावों के लिए किया जाएगा। वार्ड सीमाओं का मसौदा तैयार होने के बाद बाकी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जनशक्ति की कमी के कारण सभी स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ कराना संभव नहीं होगा।

महाविकास आघाड़ी के दलों ने जताई आपत्ति
चुनाव आयोग के इस ऐलान पर राज्य में राजनीति भी गरमा गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) सहित विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी में शामिल सभी प्रमुख दलों के नेताओं ने वीवीपैट के बगैर मतदान कराए जाने पर गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की है। एनसीपी (एसपी) ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। पार्टी एक याचिका के माध्यम से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने की जाएगी। राज्य में पिछले तीन साल से स्थानीय निकाय के चुनाव अटके हुए हैं। राज्य में आखिरी बार स्थानीय निकाय के चुनाव 2017 में हुए थे। मुंबई की बीएमसी समेत तमाम निगमों और पंचायतों में प्रशासक ही कामकाज चला रहे हैं। मुंबई बीएमसी के चुनाव अंतिम फेस में कराएजाने की संभावना है।शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे ने स्थानीय चुनावों से वीवीपैट मशीनों को बाहर करने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे मनमाना बताया है।

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