हमारा WH वेब न्यूज़ चैंनल है। आम जनता की समस्याओं पर प्रकाश डालने का कार्य करता है। हर तबको की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित करने का दायित्व निभाते। देश की एकता अखण्डता रखने के लिए हर प्रयास करते है। किसान,बेरोजगारी,शिक्षा,व्यापार,की ख़बर प्रमुखतासे दिखाने प्रयास करते है। किसी भी जाती धर्म की भावनाओं को ठेच पहुँचानी वाली खबरों से हम दूर रहते है। देश की एकता ,अखंडता को हम हमेशा कायम रखने के लिए कार्य करेंगे। तो हमारे WH News को भारी मात्रा में सब्स्क्राइब कर हमें प्रोत्साहित करें।

मेयो में नही मिल रहा उपचार, पेशन्ट को बैठा कर रखा घन्टे.. आखिर जा ना पडा निजी अस्पताल -मुख्यमंत्री के शहर में सरकारी अस्पताल ही बिमार -सिएम साहब नागपूर के सरकारी अस्पतालो पर ध्यान दो

spot_img

मेयो में नही मिल रहा उपचार, पेशन्ट को बैठा कर रखा घन्टे.. आखिर जाना पडा निजी अस्पताल!

-मुख्यमंत्री के शहर में सरकारी अस्पताल ही बिमार!

-सिएम साहब नागपूर के सरकारी अस्पतालो पर ध्यान दो!

नागपूर – हर नागरिक चाहता हैं की मेयो मेडिकल में निशुल्क उपचार मिले लेकिन ऐसा नागपूर में संभव नही दिखाई दे रहा. गुरुवार दिनांक 27 फरवरी 2025  को दोपहर 2बजे एक पेशन्ट केजवल्टी आया 20रुपये देकर नाम दर्ज किया. फिर डॉक्टर के पास गया.डॉक्टर ने परची पर लिख दिया और बैठने को कहा, पेशन्ट करीब दो घंटे बैठा रहा कोई डॉक्टर नही आया तो फिर से केजवल्टी के डॉक्टर के पास पाहुचा, डॉक्टर ने कहा की नाक कान घसा के वार्ड में जाईये वहा डॉक्टर मिलेंगे. पेशन्ट की हालत चलने की नही होने के बावजुद पेशन्ट को पैदल चालकर नये सर्जीकल बिल्डींग ले गये वहा पर एक भी डॉक्टर नही.

आखिर परेशान होकर मेयो के डेपोटी सागर पांडे से फोन कर जानकारी दी. पांडे साहब ने फिर केजवल्टी में जाने को कहा वहा पर डॉक्टर से बात करा दी, फिर रुकने को कहा, रुके भी लेकिन एक घन्टा होने के बाद भी डॉक्टर नही आये आखिर पेशन्ट को लेकर निजी अस्पताल में आना पडा.

मेयो अस्पताल में डॉक्टर की कमी हैं या डॉक्टर मारिजो पर ध्यान नही देते यह सवाल हैं. भारी मात्रा में यहाँ पर लोग आते हैं लेकिन बिना उपचार के ही लौट जाते हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नागपूर शहर में स्वास्थ्य का यह हाल हैं.
इस पर डीन की भी आनदेखी होने से यहाँ पर भारी मात्र में स्वास्थ्य के साथ खिलावाड होते दिखाई दे रहा हैं.

सूत्र ने बताया की मरिजोको परेशान कर उन्हे निजी अस्पताल में जाने के लिए मजबुर किया जाता हैं. इस मुख्य समस्या पर अब मुख्यमंत्री खुद्द ही ध्यान देंगे तो नागपूर की सरकारी अस्पताल की व्यवस्था सुधर सकती हैं नही तो नागपूर के आम लोगो को स्वास्थ्य सुविधा देने सरकार के डॉक्टर ही खिलवाड करते नजर आयेंगी.
अब देखना यह हैं की इस समस्या पर कौन कौन गंभीर हैं.