सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल, यह बड़ी खामियों का परिणाम
नागपुर.
नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई ऑक्सीजन पाइपलाइन लीकेज की घटना ने अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर किया है। मंगलवार को ऑपरेशन थिएटर ‘बी’ में अचानक ऑक्सीजन पाइपलाइन लीक होने से मरीजों और कर्मचारियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। समय रहते मरम्मत टीम को बुलाया गया और तीन घंटे की मशक्कत के बाद लीकेज को ठीक किया जा सका। इस दौरान मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर से सप्लाई दी गई, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, यह घटना सिर्फ एक तकनीकी खराबी नहीं थी, बल्कि अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी खामियों का परिणाम थी।
निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मी नहीं
इस घटना के बाद, यह बात सामने आई है कि अस्पताल में चल रहे नवीनीकरण कार्य के बावजूद सुरक्षा नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। पुराने वार्ड नंबर 49, जिसका नवीनीकरण हो रहा है, में 30 से भी ज़्यादा भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर महीनों से असुरक्षित तरीके से पड़े हुए हैं। ये सिलेंडर पूरी तरह से भरे हुए हैं और किसी भी समय एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। इन सिलेंडरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने या उनकी निगरानी करने के लिए कोई भी सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं किया गया है।
अधिकारी ने की लीकेज की पुष्टि
अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने लीकेज की पुष्टि करते हुए कहा कि घटना की सूचना मिलते ही तकनीकी टीम को अलर्ट कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने भरे हुए सिलेंडरों की असुरक्षित स्थिति पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस तरह की लापरवाही न केवल मरीजों की जान को जोखिम में डालती है, बल्कि अस्पताल के कर्मचारियों की सुरक्षा को भी खतरे में डालती है। अस्पताल प्रशासन को इस गंभीर लापरवाही पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।