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  • मेडिकल में टल गई अनहोनी, लेकिन असुरक्षित हैं 30 ऑक्सीजन सिलेंडर

    मेडिकल में टल गई अनहोनी, लेकिन असुरक्षित हैं 30 ऑक्सीजन सिलेंडर

    सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल, यह बड़ी खामियों का परिणाम
    नागपुर.
    नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई ऑक्सीजन पाइपलाइन लीकेज की घटना ने अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर किया है। मंगलवार को ऑपरेशन थिएटर ‘बी’ में अचानक ऑक्सीजन पाइपलाइन लीक होने से मरीजों और कर्मचारियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। समय रहते मरम्मत टीम को बुलाया गया और तीन घंटे की मशक्कत के बाद लीकेज को ठीक किया जा सका। इस दौरान मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर से सप्लाई दी गई, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, यह घटना सिर्फ एक तकनीकी खराबी नहीं थी, बल्कि अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी खामियों का परिणाम थी।

    निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मी नहीं
    इस घटना के बाद, यह बात सामने आई है कि अस्पताल में चल रहे नवीनीकरण कार्य के बावजूद सुरक्षा नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। पुराने वार्ड नंबर 49, जिसका नवीनीकरण हो रहा है, में 30 से भी ज़्यादा भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर महीनों से असुरक्षित तरीके से पड़े हुए हैं। ये सिलेंडर पूरी तरह से भरे हुए हैं और किसी भी समय एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। इन सिलेंडरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने या उनकी निगरानी करने के लिए कोई भी सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं किया गया है।

    अधिकारी ने की लीकेज की पुष्टि
    अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने लीकेज की पुष्टि करते हुए कहा कि घटना की सूचना मिलते ही तकनीकी टीम को अलर्ट कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने भरे हुए सिलेंडरों की असुरक्षित स्थिति पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस तरह की लापरवाही न केवल मरीजों की जान को जोखिम में डालती है, बल्कि अस्पताल के कर्मचारियों की सुरक्षा को भी खतरे में डालती है। अस्पताल प्रशासन को इस गंभीर लापरवाही पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।

  • जनप्रतिनिधि के नाम पर दबंगई

    जनप्रतिनिधि के नाम पर दबंगई

    फ्रेंडशिप डे पार्टी में बवाल
    नागपुर.

    जनप्रतिनिधियों के नाम पर दबंगई का मामला सामने आया है। नागपुर के कामठी रोड स्थित एक आयोजन स्थल पर फ्रेंडशिप डे पार्टी आयोजित था। अचानक किसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ। बात बढ़ी तो पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन वहां के आयोजक ने कथित तौर पर नागपुर के पालकमंत्री का नाम लेकर कार्रवाई को रोकने की धमकी दी।

    वायरल वीडियो में सब स्पष्ट
    वायरल वीडियो में आयोजक पुलिस अधिकारियों से सीधे तौर पर कह रहा है कि वह पालकमंत्री से सीधे बात कर सकता है। यह टिप्पणी साफ तौर पर पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश थी, ताकि वे अपना कर्तव्य पूरा न कर सकें। जूनी कामठी पुलिस ने हालांकि मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझा लिया और कोई एफआईआर दर्ज नहीं की, लेकिन यह घटना पुलिस अधिकारियों और आम जनता के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।

    ऐसे लोगों से दूरी ही जायज
    यह प्रवृत्ति लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए एक बड़ा खतरा है। डीसीपी निकेतन कदम ने इस घटना पर संज्ञान लिया है और जांच का आश्वासन दिया है। यह एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि केवल इस मामले की जांच ही न हो, बल्कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक मजबूत संदेश भी दिया जाए। जनप्रतिनिधियों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके नाम का इस्तेमाल दबंगई या गलत काम के लिए न हो। नेताओं को ऐसे लोगों से दूरी बनानी चाहिए जो उनके नाम का दुरुपयोग करते हैं, ताकि समाज में कानून का सम्मान बना रहे और पुलिस बिना किसी दबाव के अपना काम कर सके।

  • एम्स में एमबीबीएस छात्र ने फांसी लगाई

    एम्स में एमबीबीएस छात्र ने फांसी लगाई

    कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं
    नागपुर.
    मिहान स्थित एम्स अस्पताल के चरक ब्वॉयज हॉस्टल में एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्र संकेत पंडितराव धाबाडे (23) ने आत्महत्या कर ली। रविवार रात को हॉस्टल के बाथरूम में शॉल से फांसी लगाकर उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। इस घटना ने एक बार फिर मेडिकल छात्रों के बीच बढ़ते मानसिक तनाव और आत्महत्या के भयावह आंकड़ों की ओर ध्यान खींचा है। संकेत के परिवार, जिसमें उनके पिता शिक्षक और बहन डॉक्टर हैं, इस घटना से गहरे सदमे में हैं। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और मामले की जांच जारी है।

    सिस्टम में ही कहीं दोष तो नहीं
    यह घटना कोई अकेली नहीं है। नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा जारी किए गए चौंकाने वाले आंकड़े बताते हैं कि 2025 के शुरुआती सात महीनों में ही देशभर में लगभग 30 मेडिकल छात्रों ने आत्महत्या कर ली है, जो पिछले वर्षों के वार्षिक औसत से दोगुना से भी अधिक है। 2018 से 2022 के बीच कुल 122 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जिसमें से 64 एमबीबीएस के और 58 पीजी के छात्र थे। ये आंकड़े मेडिकल शिक्षा प्रणाली में व्याप्त गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करते हैं।

    पढ़ाई छोड़ने की मजबूरी और भारी जुर्माना
    आत्महत्या के बढ़ते मामलों के साथ-साथ, मेडिकल स्टूडेंट्स द्वारा पढ़ाई छोड़ने की संख्या भी चिंताजनक है। 2018 से 2022 के बीच 1270 छात्रों ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी, जिनमें से 1117 पीजी के छात्र थे। पीजी कोर्स, जिसमें प्रवेश पाना अत्यंत कठिन होता है, उसे बीच में छोड़ने का मुख्य कारण मानसिक दबाव और तनाव है। इसके ऊपर, छात्रों को पढ़ाई छोड़ने पर 10 से 50 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना भी भरना पड़ता है, जो उन्हें और भी गहरे संकट में धकेल देता है। संकेत धाबाडे की मौत एक और अलार्म है, जो सरकार और मेडिकल शिक्षा संस्थानों को जगाने के लिए काफी है। यह समय है कि नियमों का सख्ती से पालन किया जाए और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए।

  • सीएम के इलाके में गंदा पानी

    सीएम के इलाके में गंदा पानी

    लालफीताशाही की दबंगई का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा
    नागपुर.
    विधायक संदीप जोशी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले स्वावलंबी नगर व दीनदयाल नगर परिसर में पिछले कई दिनों से गंदा, बदबूदार व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पानी की आपूर्ति हो रही है। जान-बूझकर इस ओर ध्यान नहीं देने का आरोप उन्होंने मनपा प्रशासन पर लगाया है। मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर अपनी नाराजी भी जाहिर की है।

    अन्य क्षेत्रों की स्थिति का अंदाजा सहज
    यह मुद्दा अत्यंत गंभीर है। यह केवल एक स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि पूरे राज्य में अधिकारियों की लापरवाही और जनता की उपेक्षा का एक स्पष्ट उदाहरण है। अगर मुख्यमंत्री के अपने क्षेत्र में, जहां प्रशासन को सबसे अधिक सतर्क और जवाबदेह होना चाहिए, जनता को 15-20 दिनों तक पीने के लिए अस्वस्थ पानी मिल रहा है, तो इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य के अन्य दूरदराज के क्षेत्रों में स्थिति कितनी बदतर होगी।

    मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता में सबसे नीचे
    यह घटना यह भी दर्शाती है कि प्रशासन और जनता के बीच का संवाद कितना कमजोर हो चुका है। लोगों द्वारा लगातार शिकायतें दर्ज कराने और सोशल मीडिया पर अपनी व्यथा जाहिर करने के बाद भी मनपा प्रशासन का ध्यान न देना, उनकी कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है। यह दिखाता है कि अधिकारियों के लिए जनता की स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं की चिंता शायद उनकी प्राथमिकता सूची में सबसे नीचे है।

    जनहित सर्वोपरी हो
    विधायक जोशी ने मनपा आयुक्त के कार्यालय में जनता के साथ पहुंचने की चेतावनी दी है। यह स्थिति ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विधायक को भी अपने ही क्षेत्र की एक मूलभूत समस्या के समाधान के लिए इस तरह की चेतावनी देनी पड़ रही है। यह संस्थागत लापरवाही की ओर इशारा करता है। अधिकारियों को यह समझना होगा कि उनका पद जनता की सेवा के लिए है, न कि अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ने के लिए। इस घटना से सबक लेते हुए, सरकार को न केवल नागपुर की समस्या का तत्काल समाधान करना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पूरे राज्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो। जनता का स्वास्थ्य और विश्वास किसी भी सरकार के लिए सर्वोपरि होना चाहिए।

  • गार्ड ने मानकापुर उड़ानपुल से लगाई छलांग

    गार्ड ने मानकापुर उड़ानपुल से लगाई छलांग

    जांच में लगी पुलिस को नहीं मिले सुराग
    नागपुर.
    मानकापुर उड़ानपुल से सोमवार की दोपहर सुरक्षा रक्षक ने छलांग लगा दी। उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, कुकरेजा नगर जरीपटका निवासी यशवंत रमेश शाहू (31) ने सोमवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे के दौरान पागलखाना चौक के पास मानकापुर उड़ान पुल से छलांग लगाई। गंभीर रूप से घायल होने के कारण यशवंत की मौत हो गई। वह विवाहित था और एक सुरक्षा एजेंसी में कार्यरत था।

    ऐसी घटनाओं का हल जरूरी
    हालांकि यह कोई अकेली घटना नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में, शहर के विभिन्न फ्लाईओवर से आत्महत्या करने के कई मामले सामने आए हैं। ये संरचनाएं, जो लोगों को उनकी मंजिल तक जल्दी पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं, अब कुछ निराश और हताश लोगों के लिए जीवन समाप्त करने का एक आसान साधन बन गई हैं। फ्लाईओवर केवल सड़कों का विस्तार नहीं हैं, बल्कि वे हमारे समाज की स्वास्थ्य और सुरक्षा की स्थिति का भी प्रतिबिंब हैं। यह समय है कि हम इस समस्या को गंभीरता से लें और इसका समाधान ढूंढें।

    हर पहलू से तफ्तीश अनिवार्य
    मानकापुर थाने के वरिष्ठ निरीक्षक हरीश कलसेकर के अनुसार, जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उसका दोपहिया वाहन, हेलमेट और बैग मौके पर रखा हुआ था। सूचना मिलते ही परिजन भी मौके पर पहुंचे। उनका कहना था कि यशवंत ने आत्मघाती कदम उठाया या उसे क्या परेशानी थी, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में केवल आकस्मिक मृत्यु का प्रकरण दर्ज करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह समझना महत्वपूर्ण है कि कोई भी व्यक्ति बिना किसी गहरे दुख या दबाव के ऐसा कदम नहीं उठाता।

  • फिर हिट एंड रन…नशे में धुत आर्मी अफसर ने दौड़ाई कार, 30 लोगों को मारी टक्कर

    फिर हिट एंड रन…नशे में धुत आर्मी अफसर ने दौड़ाई कार, 30 लोगों को मारी टक्कर

    गुस्साए लोगों ने जमकर पिटाई की
    नागपुर.
    नागपुर में रविवार शाम नशे में धुत एक कार चालक ने अपनी गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और 25 से 30 लोगों को टक्कर मारकर घायल कर दिया। इस हादसे के बाद गुस्साएं लोगों ने चालक की जमकर पिटाई कर दी। अधिकारी ने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी और शराब पीकर ही कार चला रहा था। एक समय बाद उसने कार का नियंत्रण खो दिया और आसपास मौजूद 25-30 लोगों को कार से टक्कर मार दी।

    कार चालक की हुई पहचान
    मिली जानकारी के अनुसार, कार चालक का नाम हर्षपाल महादेव वाघमारे (40) है। जांच पड़ताल करने के बाद इस व्यक्ति की पहचान असम में भारतीय सेना में अधिकारी के तौर पर हुई। सेना अधिकारी असम में कार्यरत है और वह 4 दिन की छुट्टी पर था। हर्षपाल वाघमारे कथित तौर पर शराब के नशे में रात करीब 8:30 बजे नगरधन के दुर्गा चौक होते हुए हमलापुरी जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि वह लापरवाही से गाड़ी चला रहे था और गाड़ी से नियंत्रण खो बैठा। कुछ ही सेकंड में उन्होंने लोगों को टक्कर मार दी, कार पलट गई और एक नाले में गिर गई।

  • नागपुर में बारिश ने 260 सड़कों की सूरत बिगाड़ी

    नागपुर में बारिश ने 260 सड़कों की सूरत बिगाड़ी

    मनपा ने मान लिया, 14.46 करोड़ से करेंगे दुरुस्ती

    नागपुर.

    नागपुर महानगरपालिका (मनपा) ने भारी बारिश से खराब हुई शहर की 260 सड़कों की मरम्मत के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है। इस कार्ययोजना को बारिश खत्म होने और त्योहारों के आने से पहले लागू किया जाएगा। मनपा का हॉट मिक्स प्लांट विभाग इस काम के लिए 14.46 करोड़ रुपये खर्च करेगा।  मनपा ने तीन चरणों में सड़कों की मरम्मत का फैसला किया है। पहले चरण में उन 135 सड़कों को प्राथमिकता दी जाएगी जो 50% से ज्यादा क्षतिग्रस्त हैं। इसके बाद 50% से कम क्षतिग्रस्त 87 सड़कों को दूसरे और बाकी 38 सड़कों को तीसरे चरण में ठीक किया जाएगा।

     

    त्योहारों में चकाचक दिखेंगीं सड़कें

    इस प्रस्ताव में कुल 120 किलोमीटर लंबी सड़कों को शामिल किया गया है। पहले चरण की 135 सड़कों की मरम्मत पर 7.17 करोड़ रुपये खर्च होंगे, दूसरे चरण की 87 सड़कों पर 3.83 करोड़ रुपये और तीसरे चरण की 38 सड़कों पर 3.46 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मरम्मत के लिए लक्ष्मी नगर, धंतोली और मंगलवारी जोन की सड़कों को प्राथमिकता दी गई है। इस पहल से उम्मीद है कि नागरिकों को त्योहारों के दौरान बेहतर सड़कें मिलेंगी और यातायात की समस्या में भी सुधार होगा।

  • अवैध होर्डिंग्स का खेल, बड़ा घालमेल

    अवैध होर्डिंग्स का खेल, बड़ा घालमेल

    राजस्व का हो रहा नुकसान, अधिकारी मौन
    नागपुर.
    नागपुर शहर में अवैध होर्डिंग्स की भरमार है, लेकिन महानगरपालिका (मनपा) का विज्ञापन विभाग इन पर कार्रवाई करने से बच रहा है। जोन कार्यालयों को नोटिस भेजने का दावा तो किया जाता है, लेकिन वहां से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इस कारण मनपा को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।

    संख्या बढ़ रही है, आय नहीं
    मनपा की विज्ञापन नीति के तहत होर्डिंग्स और बैनरों के लिए शुल्क निर्धारित है। बिना अनुमति के होर्डिंग्स लगाने पर पहले तीन महीने में कुल शुल्क का 10% और फिर 25% दंड लगाया जाता है, लेकिन इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है। मनपा के दो दलों ने 650 से अधिक होर्डिंग्स का गहन निरीक्षण भी किया था, लेकिन कार्रवाई के अभाव में अवैध होर्डिंग्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस लापरवाही से न सिर्फ राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि शहर की सुंदरता भी प्रभावित हो रही है और नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में है।

    यह स्थिति विडंबना है
    मनपा ने शहर में 550 कियोस्क विज्ञापन फलक लगाने के लिए एक कंपनी को नियुक्त किया है, जो सालाना 1.75 करोड़ रुपये का भुगतान करती है। इन अधिकृत फलकों पर मनपा का चिन्ह भी लगा हुआ है। लेकिन इन अधिकृत फलकों के अलावा भी शहर में अवैध होर्डिंग्स की कमी नहीं है।

  • गडकरी के आवास पर बम की झूठी धमकी

    गडकरी के आवास पर बम की झूठी धमकी

    आरोपी गिरफ्तार, मित्र के नाम पर दे रहा है सफाई
    नागपुर.
    रविवार सुबह करीब 8.42 बजे, नागपुर पुलिस कंट्रोल रूम को एक धमकी भरा फोन आया, जिसमें कहा गया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आवास पर बम रखा गया है और वह 10 मिनट में फट जाएगा। इस खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और तत्काल अलर्ट जारी किया गया। बम निरोधक दस्ते, श्वान दस्ते और दंगा निरोधक दस्ते को तुरंत गडकरी के महल और वर्धा रोड स्थित दोनों निवास स्थानों पर रवाना किया गया।

    जांच में बात अफवाह निकली
    जांच में पता चला कि यह धमकी एक अफवाह थी। पुलिस ने कॉल लोकेशन को ट्रैक कर आरोपी उमेश विष्णु राऊत (40) को मेडिकल चौक, सिरसपेठ परिसर से गिरफ्तार कर लिया। कोतवाली पुलिस ने उमेश के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 352 और 353(2) के तहत मामला दर्ज किया है। उमेश ने पूछताछ में बताया कि उसके एक दोस्त ने उसके मोबाइल से यह कॉल किया था। पुलिस अब उसके दोस्त की तलाश कर रही है।

    घंटों तलाशी लेती रही पुलिस
    कोतवाली के वरिष्ठ थानेदार रितेश आहेर ने बताया कि उमेश एक शराब की दुकान में काम करता है और अविवाहित है। रविवार को उसके दोस्त ने उसके फोन से डायल 112 पर कॉल किया था। पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि यह सिर्फ एक शरारत थी या इसके पीछे कोई और मकसद था। इस दौरान, पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने गडकरी के दोनों निवास स्थानों पर चप्पे-चप्पे की तलाशी ली, लेकिन कहीं भी कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। घंटों की तलाशी के बाद, पुलिस ने राहत की सांस ली और दोनों निवास स्थानों से सुरक्षा घेरा हटा दिया।

  • अकाउंटेंट ने ही कंपनी से 44.55 लाख की धोखाधड़ी की

    अकाउंटेंट ने ही कंपनी से 44.55 लाख की धोखाधड़ी की

    मिहान स्थित एक प्रतिष्ठान का वाकया
    नागपुर.
    नागपुर के मिहान स्थित एक कंपनी में सहायक अकाउंटेंट ने कंपनी के बैंक खाते से 44.55 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। इस मामले में सोनेगांव पुलिस ने आरोपी रामदास भाऊराव राऊत (40) के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रामदास राऊत संबंधित कंपनी में सहायक अकाउंटेंट के पद पर काम करता था। कंपनी के प्रशासकीय अधिकारी सुनील चैतराम नरवरे (53) ने यह शिकायत दर्ज कराई है।

    अपने खाते में पैसे ट्रांसफर किए
    पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी रामदास राऊत ने 14 अक्टूबर 2022 से 9 जुलाई 2025 के बीच कंपनी के आईसीआईसीआई बैंक खाते से चार अलग-अलग लेनदेन में कुल 44,55,265 रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। जब कंपनी के अन्य कर्मचारियों को इस धोखाधड़ी का पता चला, तो उन्होंने सुनील नरवरे को इसकी सूचना दी। इसके बाद कंपनी ने एक समिति बनाकर मामले की पुष्टि की, जिसमें यह पाया गया कि रामदास ने अपने निजी फायदे के लिए इस बड़ी रकम को कंपनी के खाते से निकाला था।

    आरोपी को तलाश रही पुलिस
    शिकायत के बाद, सोनेगांव पुलिस ने आरोपी रामदास राऊत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 316(4) और 318(4) के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है और मामले की आगे की जांच जारी है। यह घटना दर्शाती है कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों पर वित्तीय लेन-देन के संबंध में अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस प्रकार की धोखाधड़ी से कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।