तेज प्रताप पर एक्शन चुनावी

महिलाओं की उपेक्षा का रिस्क नहीं लेना चाहते लालू यादव
पटना.
पूर्व सीएम लालू प्रसाद के बेटे तेज प्रताप का कन्हैया रूप बिहार के लिए नया नहीं है। वे रास रचैया का वेश धर कर अपनी तसवीरें भी सार्वजनिक कर चुके हैं। उनकी पत्नी से हुआ विवाद और फिर तलाक की मुकदमेबाजी से भी सभी वाकिफ हैं। ऐसे में आखिर क्या हुआ कि अनुष्का यादव के साथ बकौल खुद तेज प्रताप ‘पुरानी प्रेम कहानी’ सामने आने पर उन्हें आरजेडी ने पार्टी से बेदखल कर दिया। पार्टी दफ्तर में घुसने पर रोक लगा दी। एक तरह से परिवार से भी दरकिनार कर दिया, क्योंकि भतीजे इराज के पैदा होने के मौके पर वे गैरहाजिर ही रहे।

महिलाओं के खुश कर रहे हैं नीतीश
बिहार की राजनीति से वाकिफ लोग तेज प्रताप के मिजाज से भी परिचित हैं। फिर इस मामले में ही लालू प्रसाद यादव ने इतनी सख्ती क्यों दिखाई। एक दिग्गज राजनीतिक परिवार में आनन-फानन में हुए इस एक्शन की वजह भी राजनीतिक ज्यादा है। दरअसल, नीतीश कुमार के वोटरों में ज्यादा संख्या में महिलाओं की है। महिलाओं के समर्थन की कई वजूहात हैं। सबसे पहली और बड़ी वजह तो नशाबंदी है। महिलाओं को नशाबंदी हमेशा भाती है। कहने की जरुरत नहीं है कि पुरुषों की नशाखोरी महिलाओं को हर तरह से नाखुश करती है। इसके साथ ही महिलाओं के लिए अलग अलग महकमों में नीतीश सरकार ने आरक्षण भी दे रखा है। यही वजह है कि बिहार में बहुत से राज्यों की तुलना में महिलाओं की तादाद ज्यादा है। नीतीश कुमार जीविका दीदी के तौर पर महिलाओं को सुविधा और पैसे दे रहे हैं। ग्रेजुएट होने पर छात्राओं को 50 हजार की राशि दे रहे हैं। छोटी कक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने साइकिल वगैरह दे रहे हैं। कहने का मतलब ये है कि महिलाओं को खुश रखने में उन्होंने कोई कोर कसर छोड़ा नहीं है।

इसलिए लालू ने चली सधी चाल
लालू प्रसाद यादव की पार्टी नीतीश कुमार से जूझ रही है। उनके दूसरे बेटे तेजस्वी यादव के संगठन की ताकत पिछले चुनावों में देखी जा चुकी है। लालू प्रसाद की सेहत बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती। इसे वहां के लिए चुनाव का साल कहा जा सकता है। लालू प्रसाद खुद इन सारी बातों को समझ रहे हैं। ऐसे में वे किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते। अगर अनुष्का और तेज प्रताप की प्रेम कहानी की बात को विरोधी दल महिलाओं के सम्मान से जोड़ने में सफल हो गए तो आरजेडी की राह में कांटे उग आएंगे। साथ ही परिवार के मतभेद को भी तेज प्रताप पर एक्शन के जरिए खत्म कर दिया गया।

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