‘समान सम्मान’ के लिए संघर्ष और तेज़ होगा : डिजिटल पत्रकार संगठन का इशारा
– पत्रकार भवन, प्रेस क्लब, पीआर एजेंसी और जिला सूचना अधिकारी का विरोध
नागपुर, 13 सितंबर 2025: (डॉ.ममता खांडेकर)
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण हाल ही में नागपुर आए थे। पार्टी की ओर से संदेश दिया गया कि वे प्रेस क्लब में पत्रकारों से संवाद करेंगे, लेकिन थोड़ी ही देर बाद वह संदेश हटा लिया गया और बैठक स्थगित होने का मैसेज डाला गया। इसके बावजूद प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रदीप मैत्रे की पहल पर चुनिंदा पारंपरिक पत्रकारों और संपादकों के साथ बैठक आयोजित हुई, जिसके फोटो भाजपा पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर वायरल किए।
इससे नाराज़ होकर डिजिटल मीडिया न्यूज़ पोर्टल संघ ने शनिवार को रविभवन में बैठक लेकर प्रेस क्लब और पत्रकार भवन पदाधिकारियों का विरोध किया। संगठन का आरोप है कि हर बार बड़े नेता नागपुर आते हैं तो प्रेस क्लब चुनिंदा पत्रकारों के लिए बैठक रखते है और डिजिटल पत्रकारों को दूर रखा जाता है। यही स्थिति पहले अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और अलका लांबा के कार्यक्रमों में भी देखी गई थी।
बैठक में संगठन के अध्यक्ष भीमराव लोणारे की अध्यक्षता में कई ठराव पारित हुए।
• आगे से डिजिटल पत्रकार प्रेस क्लब और पत्रकार भवन की गतिविधियों का स्थायी बहिष्कार करेंगे।
• नागपुर में केवल डिजिटल मीडिया के लिए अलग कार्यालय (डिजिटल हाउस) स्थापित किया जाएगा।
• मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ज्ञापन देकर प्रेस क्लब जैसी वित्तीय सहायता डिजिटल मीडिया को भी देने की मांग की जाएगी।
अध्यक्ष भीमराव लोणारे ने कहा कि गरीब और मध्यमवर्गीय यूट्यूबर्स ही सबसे अधिक संघर्ष करते हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी माना कि आज डिजिटल मीडिया का प्रभाव अखबार और चैनलों से ज्यादा है, फिर भी विज्ञापन और राजनीतिक कवरेज में भेदभाव किया जाता है।
सचिव विजय खवसे ने बताया कि 2021 से डिजिटल मीडिया नीति बनाने की प्रक्रिया केंद्र में शुरू हुई थी, लेकिन अब तक लागू नहीं हुई। इस कारण डिजिटल पत्रकारों की सबसे अधिक उपेक्षा हो रही है।सरकार जल्द ही डिजिटल मीडिया कानून लागू करें.
बैठक में कुछ पीआर एजेंसियों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए कि वे पत्रकारों की आड़ में उपहार और पैसे वसूलते हैं, पर असली पत्रकारों तक लाभ नहीं पहुंचाते। इसलिए स्क्वेअर मीडिया सॉल्यूशन (मंजुषा जोशी), सेवन हिल्स एडवर्टाइजिंग (तरुण निर्बाण) और सुधीर मंगरुळकर द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के बहिष्कार का ठराव पारित किया गया।
संगठन ने जिला सूचना अधिकारी विनोद रापतवार के भेदभावपूर्ण रवैये की भी निंदा की। आरोप है कि वे डिजिटल पत्रकारों को धमकीभरे लहजे में कहते हैं – “हमारी नजर तुम पर है।”आज तक राप तवार ने डिजिटल मीडिया से संवाद नही साधा.
बैठक में यह भी स्पष्ट करते हुए सचिव विजय खवसे ने कहा कि
• डिजिटल मीडिया चलाने वाले पत्रकार किसी जाति, धर्म या पंथ विरोधी समाचार न दें।सच्ची खबर ही दे.
• हमें भी मुख्यधारा मीडिया जैसा समान सम्मान चाहिए।
• सब्सक्राइबर लाखों में हैं, फिर भी हमें “यूट्यूबर” कहकर नीचा दिखाया जाता है।
• प्रेस क्लब लोकतांत्रिक संस्था होकर भी एक ही अध्यक्ष सालों तक बना रहता है, यह तानाशाही है।
कई पत्रकारों ने कहा कि प्रेस क्लब असल में आमदनी का ज़रिया है – रजिस्ट्रेशन के नाम पर 7 हजार रुपये और चाय-नाश्ते के दाम भी ऊँचे हैं। लेकिन डिजिटल मीडिया अपने दम पर परिवार चलाता है।
बैठक में यह भी प्रस्ताव आया कि :
• संगठन हर महीने बैठक करेगा।
• ज़रूरतमंद सदस्यों के लिए बीमा और आर्थिक मदद योजना बनाई जाएगी।
• नए यूट्यूबर्स को एडिटिंग से लेकर आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
• भविष्य में नागपुर को डिजिटल हब बनाया जाएगा।
अंत में अध्यक्ष भीमराव लोणारे ने सभी का आभार व्यक्त किया और कहा –
“जो हमें सम्मान नहीं देंगे, उनका बहिष्कार होगा। भाजपा के साथ सभी पार्टीयों के नेताओं को भी आत्मचिंतन करना होगा, अन्यथा उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी डिजिटल संगठन बहिष्कार करेगा।”
बैठक में डॉ. ममता खांडेकर, नावेद, अमोल तुमसरे, सनी सहारे, प्रणव सातोकर, विक्की सोनकुसळे, रमेश रामटेके, प्रतीक पांडे, राकेश गजभिये, शीतल नंदनवार, अशोक माटे, अमित वांद्रे, अमजद शेख, दिनेश घरडे, भीमराव वानखेडे, सचिन बैस, सतीश कडू, आसिफ खान, रितेश बाजपेयी, नितेश जंगाडे, प्रेम मुंदाफळे, श्रीकांत सहारे, निहाल पाटील, संजय पांडे, अनिल बागडे, संजना तितरमारे, ख्वाजा कबीर आदि पत्रकार उपस्थित रहे।
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