कॉलेज प्राध्यापिका का यौन उत्पीड़न

उच्च शिक्षा के संस्थान भी सुरक्षित नहीं रहे
नागपुर.
एक नामी कॉलेज में शर्मसार करने वाली घटना हुई है। महिला प्राध्यापक पिछले पंद्रह सालों से समाज को शिक्षित कर रही है। उसे उन्हीं लोगों द्वारा अपमानित किया गया, जिन पर संस्थान की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी थी। जानकारी के अनुसार, डॉ. अरुण जोसेफ और रवि मेंढे जैसे आरोपियों ने न सिर्फ उस प्राध्यापिका को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, बल्कि सबके सामने उसे शर्मिंदा करने की कोशिश की। घटना 23 जुलाई को शाम करीब 4 से 4.30 बजे के बीच की है।

घिनौनी काम का ऑफर
प्राध्यापिका घर जाने के लिए कार की सीट पर बैठी थी, तभी मेंढे उनके पास आया। हाथ पकड़कर घिनौनी काम का ऑफर दिया। इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि जब प्राध्यापिका ने इस मामले की शिकायत की, तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने उन्हें सूचना पत्र देकर छोड़ दिया है। हालांकि पुलिस ने आरोपी डॉ. अरुण जोसेफ (66) रेशिमबाग और रवि मेंढे (60) वैशालीनगर निवासी पर धारा 74, 351(2), 352, 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है।

रसूख का इस्तेमाल
रवि मेंढे एक निजी व्यक्ति है और कॉलेज के प्रशासनिक कार्यों में दखलंदाज़ी करता है। वह दिखावा करता है कि अध्यक्ष ने अनुमति दे दी है। वह कर्मचारियों को धमकाता है। चूंकि वह कभी-कभी अध्यक्ष के साथ देखा जाता है, इसलिए प्रोफेसर और कर्मचारी उस पर भरोसा करते हैं। सत्ता और प्रभाव का दुरुपयोग करके वह महिला कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता रहा है।

शिकायत में गंभीर आरोप
शिकायत में डॉ. अरुण जोसेफ और रवि मेंढे पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं। धमकी देना, अपमानित करना और शारीरिक सुख की मांग करना जैसे आरोप यह साबित करते हैं कि कॉलेज में एक ऐसा माहौल है, जहां महिलाओं के सम्मान की कोई परवाह नहीं की जाती। वहीं, इस मामले में पुलिस ने भले ही प्राथमिकी दर्ज कर ली हो, लेकिन आरोपियों को सिर्फ सूचना पत्र देकर छोड़ देना दिखाता है कि कानून का भय ऐसे प्रभावशाली लोगों पर शायद ही काम करता हो।

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