नागपुर के हजारों श्रद्धालु परेशान
नागपुर.
नागपुर से मध्य प्रदेश के पचमढ़ी स्थित नागद्वार मेले की पवित्र यात्रा पर जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए इस साल मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। एसटी बसों के लिए मध्य प्रदेश सरकार से परमिट न मिलने की समस्या ने आस्था के इस पर्व से पहले ही यात्रियों और एसटी महामंडल दोनों की चिंता बढ़ा दी है। यह केवल परिवहन का मुद्दा नहीं, बल्कि हजारों भक्तों की आस्था और सुविधा से जुड़ा संवेदनशील मामला है।
अंतर-राज्यीय समन्वय की कमी
नागपंचमी पर नागद्वार मेले में शामिल होने के लिए नागपुर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर साल रवाना होते हैं। एसटी बसें इन यात्रियों के लिए सबसे भरोसेमंद और किफायती परिवहन साधन रही हैं, खासकर उन परिवारों के लिए जिनके पास निजी वाहन नहीं हैं। ऐसे में 48 बसों के लिए परमिट न मिलना सीधे तौर पर हजारों लोगों की यात्रा योजनाओं को बाधित कर रहा है। पिछले दस दिनों से एसटी के वरिष्ठ अधिकारी मध्य प्रदेश शासन से संपर्क साध रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता या अंतर-राज्यीय समन्वय की कमी के कारण परमिट मिलने में हो रही देरी स्वीकार्य नहीं है।
निजी बस संचालक करेंगे मनमानी
यदि यह समस्या जल्द हल नहीं हुई, तो इसका सीधा खामियाजा श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ेगा। सबसे बड़ा डर निजी बसों की मनमानी का है। जहाँ एसटी बसें कम किराए पर आरामदायक यात्रा उपलब्ध कराती हैं, वहीं निजी बसें इस मजबूरी का फायदा उठाकर यात्रियों से मनमाना किराया वसूल सकती हैं, जिससे पहले से ही कम बजट वाले श्रद्धालुओं की जेब पर भारी बोझ पड़ेगा।
सदन में उठा मुद्दा
विधानमंडल सत्र में नागपुर के विधायक अभिजीत वंजारी द्वारा इस मुद्दे को विधान परिषद में उठाना सराहनीय कदम है। परिवहन राज्य मंत्री ने मध्य प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द अनुमति प्राप्त करने के लिए शिष्टमंडल भेजने का आश्वासन दिया है, जो एक सकारात्मक संकेत है। एसटी महामंडल के विभाग नियंत्रक विनोद चावरे की उम्मीद है कि परमिट जल्द मिलेगा, लेकिन यह समयबद्ध कार्रवाई की मांग करता है। सरकारों को यह समझना होगा कि यह सिर्फ परिवहन का मामला नहीं है, बल्कि लाखों लोगों की धार्मिक भावनाओं और उनके सहज यात्रा के अधिकार से जुड़ा है। आस्था के मार्ग में लालफीताशाही द्वारा अड़चनें पैदा करना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे तत्काल दूर किया जाना चाहिए।
Leave a Reply