हाईकोर्ट से बीजेपी नेता को बड़ी राहत; जानें पूरा मामला
मुंबई.
भाजपा विधायक राजेंद्र गावित को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उच्च न्यायालय ने भाजपा विधायक राजेंद्र गावित की जीत को शून्य घोषित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि यह देखते हुए कि बहुविवाह किसी विधायक को पद से हटाने का आधार नहीं हो सकता। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2024 के चुनावों में भाजपा विधायक राजेंद्र गावित की जीत को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि उनकी वैवाहिक स्थिति के बारे में ईमानदारी से खुलासा चुनाव नियमों का उल्लंघन नहीं करता है।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता और पालघर के मतदाता सुधीर जैन एक याचिका दायर कर करते हुए तर्क दिया गया कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत गावित की दूसरी शादी अमान्य है और उनकी दूसरी पत्नी रूपाली गावित को सूचीबद्ध करना गलत घोषणा है। हालांकि, गावित ने तर्क दिया कि उनका खुलासा स्वैच्छिक और सत्य था। मामले की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पीठ ने पाया कि आदिवासी भील समुदाय के सदस्य गावित ने चुनावी हलफनामे में अपने दोनों जीवनसाथी के बारे में जानकारी दी है, जिसमें उनके पैन नंबर और आयकर रिटर्न की स्थिति शामिल है।
पीठ ने क्या कहा?
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसे मामले हो सकते हैं, जहां किसी विशेष धर्म से संबंधित उम्मीदवार, जिसमें बहुविवाह की अनुमति है, ने कई शादियां की हों। पारित किए गए आदेश में कोर्ट ने कहा कि अगर नामांकन फॉर्म में कॉलम जोड़ने की अनुमति नहीं होने के बारे में याचिका में उठाए गए तर्क को स्वीकार कर लिया जाता है, तो ऐसे उम्मीदवार कभी भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
उम्मीदवार ने दिखाई ईमानदारी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि गावित के दो जीवनसाथी हैं और तदनुसार उन्होंने अपने पैन कार्ड और आयकर रिटर्न दाखिल करने की स्थिति सहित संबंधित विवरण का खुलासा किया। प्रतिवादी (गावित) ने फॉर्म में अपने दोनों जीवनसाथी के पैन और आयकर रिटर्न दाखिल करने की स्थिति के बारे में सच्चा और ईमानदार खुलासा किया है। कोर्ट ने कहा कि जानकारी का सच्चा और ईमानदार खुलासा करने के लिए सिर्फ़ एक कॉलम जोड़ने से चुनाव को चुनौती देने का आधार नहीं बनता। वहीं, कोर्ट में गावित ने तर्क दिया कि किसी उम्मीदवार पर स्वैच्छिक रूप से जानकारी का खुलासा करने पर कोई प्रतिबंध या रोक नहीं है। गावित ने दावा किया कि भील समुदाय में बहुविवाह की अनुमति है, जहां दूसरी शादी पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं
बता दें कि याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मार्ने कहा कि जानकारी का सच्चा और ईमानदार खुलासा करने के लिए फॉर्म में एक कॉलम जोड़ने का उम्मीदवार का कार्य न तो नामांकन फॉर्म को दोषपूर्ण बनाता है और न ही चुनाव नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।
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