Category: राजनीती

  • लालू यादव ने बेटे तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी से निकाला

    लालू यादव ने बेटे तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी से निकाला

    गैर-जिम्मेदाराना आचरण और पारिवारिक मूल्यों तथा सार्वजनिक शिष्टाचार से विचलन को बताया कारण
    पटना.
    राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संरक्षक लालू प्रसाद यादव ने एक चौंकाने वाले फैसले में अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। लालू ने इस कठोर निर्णय के पीछे तेज प्रताप के गैर-जिम्मेदाराना आचरण और पारिवारिक मूल्यों तथा सार्वजनिक शिष्टाचार से विचलन को मुख्य कारण बताया। यह निष्कासन ऐसे समय में आया है जब हाल ही में तेज प्रताप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अनुष्का यादव नामक लड़की के साथ 12 साल के रिश्ते में होने का दावा किया था। हालांकि, उस पोस्ट को तुरंत हटा दिया गया और बाद में तेज प्रताप ने एक अन्य पोस्ट में यह दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था। इस घटनाक्रम ने पार्टी और परिवार दोनों के भीतर हलचल मचा दी है।

    लालू यादव ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा?
    सोशल मीडिया पोस्ट में इस कदम की घोषणा करते हुए, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूँ। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।’

    लोकलाज का सदैव हिमायती
    उन्होंने आगे लिखा, ‘अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूँ। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है।’ निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है।

    तेज प्रताप ने यह खुलासा किया था
    तेज प्रताप यादव ने शनिवार को एक लड़की के साथ फेसबुक पर एक तस्वीर साझा कर दावा किया था कि वह पिछले 12 सालों से उसके साथ रिश्ते में हैं, और काफी समय से वह यह बात सार्वजनिक करना चाहते थे। हालांकि, उन्होंने जल्द ही उस पोस्ट को हटा दिया। कुछ देर बाद, उन्होंने उसी कैप्शन के साथ दोबारा तस्वीर साझा की और अपने रिश्ते में होने की बात दोहराई। इसके कुछ समय बाद ही तेज प्रताप ने फिर से पोस्ट डिलीट कर दिया। इस बार उन्होंने दावा किया कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर लिया गया था और उन्हें एआई-जनरेटेड तस्वीरों के साथ बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

  • मनीष तिवारी ने भी कांग्रेस को दिया सीधा संदेश

    मनीष तिवारी ने भी कांग्रेस को दिया सीधा संदेश

    शशि थरूर की राह पर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं
    नई दिल्ली
    शशि थरूर द्वारा अपनी भागीदारी को उचित ठहराने के लिए राष्ट्रीय हित का हवाला दिए जाने के बाद, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक पहुंच के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के अपने फैसले को स्पष्ट करने के लिए राष्ट्र के आह्वान का हवाला दिया है। कांग्रेस नेतृत्व ने दोनों सांसदों को प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने से रोकने का असफल प्रयास किया था, जिसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चार वैकल्पिक नाम प्रस्तावित किए थे।

    खून पे ये इल्जाम न आए
    सरकार ने कांग्रेस की सूची को खारिज कर दिया, केवल आनंद शर्मा को स्वीकार किया। तिवारी ने अपने संदेश को रेखांकित करने के लिए किशोर कुमार द्वारा गाए गए 1975 की फिल्म आक्रमण से एक देशभक्ति गीत क्लिप पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “किशोर कुमार द्वारा राजेश खन्ना के लिए गाया गया फिल्म ‘आक्रमण’ (1975) का एक गीत हमें दिखाता है कि राष्ट्र के आह्वान का जवाब कैसे दिया जाए,” उन्होंने गीत के बोल उद्धृत करते हुए लिखा: देखो वीर जवानों अपने खून पे ये इल्जाम न आए, माँ ना कहे कि मेरे बेटे वक़्त पड़ा तो काम ना आये।

    कांग्रेस नेतृत्व आक्रामक
    इस बीच, कांग्रेस नेतृत्व सरकार की पसंद या अपने सांसदों को नियंत्रित करने में असमर्थ होकर आक्रामक हो गया। पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि विपक्ष को दुरुपयोग करने के एक दशक से अधिक समय बाद प्रधानमंत्री को विदेश में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने इस संपर्क को क्षणिक, पाखंडी और अवसरवादी द्विदलीयता कहा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विदेश जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों पर उनकी पार्टी समेत कुछ विपक्षी दलों द्वारा आपत्ति जताए जाने को लेकर सोमवार को कहा कि वह इस मुद्दे में नहीं पड़ेंगे। संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष ने इसकी बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इस विषय में बिल्कुल नहीं पड़ रहा हूं।’

  • दिग्गी राजा फिर बोल गए बड़े बोल

    दिग्गी राजा फिर बोल गए बड़े बोल

    पूछा-क्या है पाकिस्तान के साथ आरएसएस का रिश्ता
    भोपाल.
    कांग्रेस नेता व एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर एस. जयशंकर के बयान और जासूसी मामले को लेकर भाजपा सरकार पर सवाल उठाया है। सोशल मीडिया पर दिग्विजय सिंह ने लिखा कि, ‘क्या भाजपा-आरएसएस का मुखबिरी का इतिहास है? क्या रिश्ता है आपका पाकिस्तान के साथ? कल खबर आई कि देश में आईएसआई से जुड़े कुछ जासूस पकड़े गए हैं। डीआरडीओ का अधिकारी प्रदीप कुरुलकर, जो आरएसएस से जुड़ा हुआ था, वह पाकिस्तान को सूचना देता था। वहीं, एक खबर और आई थी कि भाजपा का ध्रुव सक्सेना आईएसएस के लिए काम करते हुए पकड़ा गया। लेकिन उनका क्या हुआ?’

    क्या रिश्ता है आपका पाकिस्तान के साथ?
    वहीं अपने दूसरे पोस्ट में पूर्व सीएम ने लिखा कि, ‘नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कहा था कि- समस्या बॉर्डर पर नहीं है- समस्या दिल्ली में है। आज इसी समस्या के बारे में हम आपको बता रहे हैं कि देश में ऐसे लोग हैं, जो पाकिस्तान को सारी बातें पहले ही सूचित कर देते हैं। एस. जयशंकर इस तरह के बयान देकर हमारे देश को हंसी का पात्र बना रहे हैं।’

  • बदजुबान नेताओं के लिए दिल्ली से आया फरमान

    बदजुबान नेताओं के लिए दिल्ली से आया फरमान

    पार्टी की किरकिरी कराने वाले नेताओं और विधायकों की खैर नहीं, एक्शन की तैयारी
    भोपाल.
    विजय शाह के विवादित बयान से शर्मिंदगी का सामना कर रही भाजपा अब ऐसे विधायकों और नेताओं पर सख्ती के मूड में नजर आ रही है, जो अपने बड़बोलेपन और बगावत के सुर बोलकर पार्टी के लिए बार-बार मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस मामले पर गंभीरता जाहिर की है। वहीं देश के सभी प्रदेश संगठनों को इस संदर्भ के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

    नड्डा की सख्त चेतावनी
    जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मामले को लेकर पार्टी अध्यक्षों से बात की है। उनसे कहा गया है कि जो भी बेलगाम बोलते हैं, बगावती सुर उगल रहे हैं, उन पर सख्ती से एक्शन लें। नाराज आलाकमान ने साफ किया है कि इस तरह की बदजुबानी या अनुशासनहीनता अब स्वीकार नहीं की जाएगी। इसी कड़ी में उन्होंने एमपी बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की भी क्लास लगा दी है। आशंका जताई जा रही है कि मध्य प्रदेश के कई नेता अगर अब भी नहीं संभले तो इस एक्शन की भेंट चढ़ सकते हैं।

    वीडी शर्मा की लगी क्लास
    विवादित बयानों के कारण विरोध झेल रही भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की भी क्लास लगा दी। नड्डा ने उन्हें ऐसे नेताओं पर लगाम कसने के निर्देश दिए हैं, जो पार्टी के खिलाफ बोलते हैं और बेलगाम विवादित बयानबाजी करते हैं। दरअसल मध्य प्रदेश में मंत्री विजय शाह का मामला इसका ताजा उदाहरण है, वहीं इससे पहले भी यहां पार्टी विधायक और नेताओं की अनरगल बयानबाजी का खामियाजा पार्टी को अक्सर भुगतना पड़ा है।

    पार्टी के खिलाफ बोले कई विधायक
    1. — पिछले दिनों गुना से विधायक पन्नालाल शाक्य अपनी परेशानी बताते हुए अचानक पार्टी के खिलाफ सुर बोल गए, उन्होंने कहा, प्रशासन उन्हें गंभीरता से नहीं लेता, सिर्फ कुछ खास नेताओं की ही सुनी जाती है। उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया कि वे एससी वर्ग से आते हैं, इसलिए उनकी आवाज दबा दी जाती है।
    2.– शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन भी पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके हैं। पिछोर विधायक प्रीतम लोधी भी स्थानीय प्रशासन और प्रभारी मंत्री के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं।
    3.– सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह और मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल ने आरोप लगाया था कि उन्हें पुलिस की ओर से लगातार धमकियां मिल रही हैं।
    4.– पूर्व गृहमंत्री और खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह भी अपनी ही पार्टी भाजपा और कांग्रेस दोनों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि दोनों ही उनके खिलाफ कोई साजिश रच रहे हैं।

  • अति बोलकर अपनी दुर्गति करा रहे हैं नेता

    अति बोलकर अपनी दुर्गति करा रहे हैं नेता

    विजय शाह के बाद डेप्युटी सीएम जगदीश देवड़ा का विवादित बयान
    जबलपुर.
    मंत्री विजय शाह के बाद मध्य प्रदेश के डेप्युटी सीएम जगदीश देवड़ा ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने जबलपुर में सिविल डिफेंस के एक कार्यक्रम में कहा कि पूरा देश, सैनिक और देश की सेना पीएम मोदी की चरणों में नतमस्तक है। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है। साथ ही जगदीश देवड़ा पर इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।

    पहलगाम पर बात करते हुए कही यह बात
    दरअसल, जबलपुर स्थित नेता जी सुभाष चंद्र बोस कन्वेंशन सेंटर में एक कार्यक्रम के दौरान जगदीश देवड़ा ने यह बात कही है। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। उन्होंने यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में दिया। उन्होंने कहा कि इस हमले के बाद उनके मन में बहुत गुस्सा था। आतंकियों ने पर्यटकों से धर्म पूछकर उन्हें मारा। महिलाओं के सामने उनके पतियों को गोली मार दी गई। इस घटना से पूरे देश में तनाव था।

    मोदी को धन्यवाद
    डेप्युटी सीएम ने आगे कहा कि जिन आतंकवादियों ने महिलाओं के सिंदूर मिटाने का काम किया है और जो लोग आतंकवादियों को पाल रहे हैं, उन्हें जब तक हम खत्म नहीं कर देते, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि पूरा देश और देश की सेना उनके चरणों में नतमस्तक है। उन्होंने जो जवाब दिया है, उसकी जितनी सराहना की जाए, कम है। इसका मतलब है कि पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ जो कदम उठाए हैं, वह सराहनीय हैं।

    अब प्रतिक्रियाओं की बाढ़
    डेप्युटी सीएम देवड़ा के इस बयान पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि सेना किसी व्यक्ति विशेष के प्रति नहीं, बल्कि देश के प्रति वफादार होती है।

  • छात्रों से बात करने जा रहे राहुल का रोका काफिला

    छात्रों से बात करने जा रहे राहुल का रोका काफिला

    दरभंगा की घटना, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
    दरभंगा.
    कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुरुवार 15 मई को बिहार के दरभंगा पहुंचे हैं। वह जिले में छात्रों से बातचीत करने वाले थे। हालांकि, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने लोकसभा नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को दरभंगा में आंबेडकर छात्रावास में एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करने से रोकने की कोशिश की। बुधवार को बीपीसीसी मुख्यालय सदाकत आश्रम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, एआईसीसी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक अभय दुबे ने आरोप लगाया कि राज्य की सत्तारूढ़ जेडी(यू)-बीजेपी गठबंधन के इशारे पर यह दमनकारी कदम उठाया गया है।

    प्रशासन ने कहा
    दुबे ने कहा कि दरभंगा में जिला कल्याण अधिकारी ने हमें पत्र लिखकर सूचित किया है कि वह 15 मई को कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं देंगे। कोई कारण नहीं बताया गया है। ऐसा लगता है कि यह राज्य की सत्तारूढ़ जेडी(यू)-बीजेपी गठबंधन के इशारे पर उठाया गया दमनकारी कदम है। कांग्रेस ने एक्स पोस्ट में लिखा कि आज नेता विपक्ष राहुल गांधी बिहार के दरभंगा में होने वाले ‘शिक्षा न्याय संवाद’ में छात्रों से मिलने वाले थे। लेकिन.. बिहार की ‘डबल इंजन’ सरकार से ये बर्दाश्त न हुआ। सरकार ने आयोजन स्थल पर पुलिस भेजकर तोड़फोड़ करवाई और छात्रों को जबरदस्ती वापस भेजा गया।

    अन्याय का विरोध
    पार्टी ने कहा कि बेहतर शिक्षा छात्रों का अधिकार है, उनके आगे बढ़ने और भविष्य संवारने का जरिया है, जिसे बिहार के छात्रों से लगातार छीना जा रहा है। हम इस अन्याय का पुरजोर विरोध करते हैं। छात्रों के साथ व छात्रों के हित में हमारी लड़ाई जारी है और जारी रहेगी। कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि JDU-BJP की डरी-सहमी सरकार तानाशाही पर उतर आई है। सरकार ने अपनी पुलिस लगाकर राहुल गांधी जी को रोक लिया है। क्या बिहार में दलित छात्रों से संवाद करना अपराध है? क्या बिहार में छात्रों के न्याय के लिए आवाज उठाना गुनाह है? ये तानाशाह सरकार चाहे कितना भी जोर लगा ले, हमारी आवाज को नहीं दबा सकती। हम छात्रों को न्याय दिलाने के लिए लड़ते रहेंगे। अन्याय को हारना होगा, न्याय की जीत होगी।

  • मोदी सरकार की तारीफ पड़ी भारी, पार्टी से निकाला

    मोदी सरकार की तारीफ पड़ी भारी, पार्टी से निकाला

    कांग्रेस नेता जिद पर अड़े रहे
    ग्वालियर.
    मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार की तारीफ करना एक कांग्रेस नेता को भारी पड़ गया। पार्टी आलाकमान ने उन्हें बाहर कर दिया है। ग्वालियर नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित को कांग्रेस पार्टी ने निष्कासित कर दिया है।

    नोटिस देने के बाद भी अड़े
    दरअसल, कृष्णराव दीक्षित ने पिछले दिनों कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की थी, साथ ही केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ भी की थी। दीक्षित के इस रवैय्ये पर पार्टी ने उन्हें नोटिस जारी कर कीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा था। हालांकि, नोटिस मिलने के बाद भी दीक्षित अपने बयान पर कायम रहे, जिसका खामियाजा ये रहा कि कांग्रेस ने नेता के रवैय्ये को अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाते हुए निष्कासित कर दिया है।

    साक्षात्कार पर मचा बवाल
    कांग्रेस अनुशासन समिति ने दीक्षित को भेजे नोटिस में कहा कि, उनके साक्षात्कार एवं साक्षात्कार के ऑडियो को कांग्रेस अनुशासन समिति ने पढ़ा एवं ऑडियो सुना, जिसमें कहा गया है कि, कांग्रेस पर कम्युनिस्ट विचारधारा हावी हो गई है और कांग्रेस अपनी विचारधारा से भटक गई है, उनके द्वारा साम्प्रदायिक ताकतों को समाज व राष्ट्र के हित में बताया गया है, कांग्रेस के नीतिगत निर्णय जो वफ्फ बोर्ड के सबंध में लिया गया था, उसका भी उनके द्वारा विरोध किया गया। उनके द्वारा अपनी बात पार्टी मंच पर न रखते हुए इस तरह का साक्षात्कार देना कांग्रेस संविधान के अनुसार अनुशासनहीनता की परिधि में आता है।

    पार्टी ने 3 दिन में जवाब देने को कहा था
    शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा के निर्देश पर अनुशासन समिति ने निर्णय लिया था कि दीक्षित अपने इस कथन पर 3 दिन में स्पष्टीकरण जिला कांग्रेस कार्यालय में पेश करें, लेकिन तीन दिन बाद भी दीक्षित अपने बयान पर अड़िग रहे, जिसके चलते जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए पार्टी से निकाल दिया गया है।

    भाजपा में शामिल हो सकते हैं दीक्षित
    वहीं, अब ऐसी चर्चा भी जोरों पर है कि, ग्वालियर कांग्रेस के पूर्व नेता कृष्णराव दीक्षित जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। क्योंकि, कृष्णराव दीक्षित को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बेहद करीबी बताया जाता है।

  • पवार-बादल बढ़ाएंगे मोदी की सियासी ताकत

    पवार-बादल बढ़ाएंगे मोदी की सियासी ताकत

    एनडीए में शामिल होने की संभावना
    मुंबई.
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ जल्द ही आने वाली है। इससे पहले सुगबुगाहट इस बात की है कि केंद्र में सत्तारुढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सियासी ताकत बढ़ने वाली है। हम आपको बता दें कि ऐसी चर्चाएं हैं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दोनों धड़ों का विलय होने वाला है और चाचा शरद पवार तथा भतीजे अजित पवार साथ आने वाले हैं। इसी तरह पंजाब में शिरोमणि अकाली दल बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी अपने लाव-लश्कर के साथ एनडीए के साथ फिर से जुड़ने वाले हैं।

    औपचारिकताएं पूरी
    बताया जा रहा है कि इसकी औपचारिकताएं पूरी कर ली गयी हैं। दोनों धड़ों का प्रयास है कि महाराष्ट्र में जल्द होने वाले निकाय चुनावों से पहले विलय की प्रक्रिया पूरी कर ली जाये। बताया जा रहा है कि दोनों दलों के ज्यादातर नेता इस विलय के समर्थन में हैं, बस शरद पवार की पार्टी के 8 में दो सांसद ही इस विलय के विरोध में हैं।

    इसलिए हुए हैं राजी
    जानकार बताते हैं कि शरद पवार विलय के लिए इसलिए राजी हुए हैं, क्योंकि उन्हें इस बात की भनक लग गयी थी कि निकाय चुनावों से पहले उनकी पार्टी के अधिकांश नेता पाला बदल कर अजित पवार के साथ जाने की तैयारी कर रहे हैं। इसलिए शरद पवार ने मौके की नाजुकता को देख भतीजे को साथ लेने की सोची है। यह भी बताया जा रहा है कि एनसीपी के दोनों धड़ों के विलय होने की स्थिति में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। अभी केंद्र की एनडीए सरकार में एनसीपी का कोई प्रतिनिधि नहीं है। इस बाबत अजित पवार ने भाजपा नेताओं से बात भी की है।

    पहलगाम हमले के बाद बदलाव
    हालांकि भाजपा नेता अभी कुछ कहने से बच रहे हैं, क्योंकि उनका अनुभव यह रहा है कि शरद पवार उनके साथ बैठकों में कुछ और कहते हैं, लेकिन सार्वजनिक रूप से अलग रुख अख्तियार कर लेते हैं, इसलिए एनडीए के साथ आने की घोषणा उन्हीं की ओर से की जाये तो अच्छा रहेगा। बता दें कि पहलगाम हमले के बाद से शरद पवार केंद्र सरकार के साथ पूरी तरह खड़े नजर आ रहे हैं और हाल ही में उन्होंने इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की कांग्रेस की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा सार्वजनिक रूप से नहीं की जा सकती।

    बादल ने भी की सराहना
    दूसरी ओर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने सीमा पार शांति के दुश्मनों से निपटने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत और स्पष्ट दृष्टिकोण की सराहना की है। शिअद प्रमुख ने एक बयान में स्थिति को कूटनीतिक तरीके से संभालने के लिए मोदी की प्रशंसा की, जिसके चलते पाकिस्तानी सेना को ‘‘संघर्षविराम की भीख मांगने के लिए वाशिंगटन भागना पड़ा। बादल ने कहा, “युद्ध के मैदान में निर्णायक जीत के बाद, प्रधानमंत्री ने शत्रुता समाप्त करने के उनके अनुरोध को स्वीकार करके एक राजनेता की तरह काम किया। याद दिला दें कि शिरोमणि अकाली दल पहले भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का घटक दल था लेकिन तीन कृषि कानूनों के विरोध में उसने एनडीए से नाता तोड़ लिया था।

  • पाक को नेस्तानाबूद करने सिर्फ 15 मिनट चाहिए

    पाक को नेस्तानाबूद करने सिर्फ 15 मिनट चाहिए

    एआईएमआईएम नेता ने कहा- मुसलमानों को सत्ता दे दीजिए
    नई दिल्ली.
    ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना और वायुसेना ने 6 और 7 अप्रैल की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकियों के नौ ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इस अभियान में स्पाइस-2000, हैमर और ब्रह्मोस जैसी आधुनिक मिसाइलों का प्रयोग किया गया। इस दौरान नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत किया गया। हमले में करीब 90 से ज्यादा आतंकी भी मारे गए। इनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के प्रमुख सदस्य शामिल हैं। सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की योजना सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर बनाई थी। इसके चलते पाकिस्तान के नागरिक इलाकों में कोई नुकसान नहीं हुआ।

    सेना की कार्रवाई को सराहा
    पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर को देश के सभी राजनीतिक दलों ने स्वागत किया। दूसरी ओर देश की जनता में भी सेना की इस कड़ी कार्रवाई से उत्साह की लहर दौड़ गई। हालांकि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाने पर पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ता देखा गया।

    पाकिस्तान के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया
    इसी बीच गुरुवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शोएब जमई ने पाकिस्तान के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी है। शोएब जमई ने कहा, “भारत के मुसलमानों को सिर्फ 15 मिनट के लिए सत्ता सौंप दीजिए, हम दिखा देंगे कि पाकिस्तान को कैसे नेस्तनाबूद किया जा सकता है।” उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत के मुसलमानों ने हमेशा देश की एकता और तरक्की में अहम भूमिका निभाई है।

    ओवैसी ने लगाए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे
    इससे पहले पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर पर एआईएमआईएम पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने खुशी जताई थी। उन्होंने सेना का मनोबल बढ़ाते हुए अपने सोशल मीडिया ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा था “मैं हमारी सेना द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए लक्षित हमलों का स्वागत करता हूं। पाकिस्तानी डीप स्टेट को सख्त सबक सिखाना जरूरी है ताकि फिर कभी दूसरा पहलगाम न हो।” इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, इसमें वह मंच से भारत जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते दिख रहे हैं।

    पाकिस्तान पर गरजे मनजिंदर सिंह सिरसा
    दूसरी ओर दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पाकिस्तान द्वारा पुंछ गुरुद्वारे में किए गए हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, “मैं पाकिस्तान द्वारा गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा पुंछ पर मिसाइलों से हमला करने की कड़ी निंदा करता हूं। ये उनकी घटिया मानसिकता को बताता है। मैंने पुंछ के गुरुद्वारा सिंह सभा की प्रबंध कमेटी के प्रधान से बात की। उन्होंने बताया कि सुबह सात बजे का प्रोग्राम था। जो सात बजे समाप्त हुआ और आठ बजे मिसाइल दागे गए। ये पाकिस्तान का सिविलियंस पर अटैक है। इसमें पांच लोग मारे गए हैं। पाकिस्तान इतना कायर है कि अब सिविलियंस पर हमले कर रहा है। मैंने जब अध्यक्ष जी से बात की तो उन्होंने कहा कि हम पूरे जोश में हैं। खालसा के तीस हजार सिख इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। मैं पाकिस्तान के बदमाशों को बताना चाहता हूं कि मेरी भारत की सरकार इसका भी हिसाब लेगी।”

  • पाक सेना के आदेश पर 10 हज़ार से ज़्यादा लोगों का कत्ल

    पाक सेना के आदेश पर 10 हज़ार से ज़्यादा लोगों का कत्ल

    बीजेपी सांसद का चौंकाने वाला दावा
    नई दिल्ली.
    पहलगाम आतंकी हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया है, लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार कर रहा है। भारत में लोग इस आतंकी हमले का बदला लेने की मांग कर रहे हैं, जिससे पाकिस्तान को इस बात का डर सता रहा है कि भारत जल्द ही पाकिस्तान पर हमला कर सकता है। पाकिस्तान में सरकार और सेना हाई अलर्ट पर है। इसी तनाव के बीच बीजेपी के एक नेता ने चौंकाने वाला दावा किया है।

    सनसनीखेज खुलासा
    बीजेपी नेता और गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में बताया, “पाकिस्तान टुकड़ों में बंट गया है। पाकिस्तान में सेना के आदेश पर खून के प्यासे आतंकी हाफिज़ सईद और डॉन दाउद इब्राहिम बलूच और भारत से गए मुज़ाहिरों को मार रहे हैं और पिछले 15 दिनों में लगभग 10 हज़ार लोगों का कत्ल कर दिया गया है और ग़ायब कर दिया गया है।”

    सेना-सरकार और बलूचों के बीच तनाव
    पाकिस्तान में काफी समय से सेना और सरकार का बलूचों से तनाव चल रहा है। बलूच विद्रोही चाहते हैं कि बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आज़ादी मिल जाए और इसके लिए समय-समय पर पाकिस्तानी सेना और पुलिस पर हमले करती है। बलूचिस्तान में चल रहे इस संघर्ष की वजह से प्रांत में हालात काफी बुरे हैं। बलूचों के अनुसार सरकार उनके प्रांत पर ध्यान नहीं देती और सेना उन पर अत्याचार करती है। इसी वजह से वो खुद को पाकिस्तान से अलग करना चाहते हैं और बलूच विद्रोही इसी कारण सेना और सरकार के खिलाफ हैं। बलूचिस्तान में कई विद्रोही समूह एक्टिव हैं और लगातार सेना और सरकार के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।