Category: विदर्भ

  • पीडित सुनील राय मारपीट मामला गरमाया, डीसीपी ने बिठाई जांच… पानठेला वाले की अब होंगी जांच!

    पीडित सुनील राय मारपीट मामला गरमाया, डीसीपी ने बिठाई जांच
    -WH NEWS के ‘खबर का असर’
    -ऑनलाईन पैसे लेनेवाले पानठेला वाले की अब होंगी जांच
    -कई साल से पुलीस के साथ मिलकर पैसे लेने देने का करता हैं धंदा !

    [embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=l2xLGVGLTmc[/embedyt]

    नागपूर :(विजय खवसे ) 20 फरवरी को सुबह तडके 10 बजे के दौरान बिहारी सुनील कुमार राय की सीताबर्डी थाने के डिबी स्कॉड ने जमकर पिटाई का मामला सामने आया.
    1 मार्च को WH NEWS ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. इस पर पुलीस प्रशासन गंभीर नही हुआ. फिर पीडित सुनीलकुमार राय को ढुंढ निकाला  और संविधान चौक पर इंटरव्हिव्यू लेकर 5 मार्च को समुचा घटनाक्रम दर्शक को के सामने रखा. इस खबर को शहर के डीसीपी राहुल मदने ने गंभीरता से लेकर जांच के आदेश एसीपी नांदणवार को दिए.जांच शुरु भी हुई.

    सुनील राय को भी बयान दर्ज करने बुलाया.उधर सीताबर्डी थाने में लगे सीसीटीव्ही फुटेज को खंगालने में पीआई राजपूत लगे.मामले के पीडित सुनील ने पीएसआई विनोद तिवारी का नाम बताया . उनके साथ और 3 पुलीस कर्मी होने की जानकारी प्राप्त हैं. पुलीस ने नि:पक्ष जांच की तो सत्य सामने आयेगा.
    तिवारी के कहने के अनुसार,  सुनील चोर हैं. वह शहर में चोरी करता हैं. एक बार उसे गाव भी छोड दिया. फिर भी शहर में आया. उल्लेखनीय बात यह है कि, सुनील के खिलाफ एक भी FIR दर्ज नही हैं.

    -सुनील के परिवार से मांगी ऑनलाईन रक्कम, पानठेला चलाने वाले के खाते में

    सुनील ने बताया की, मेरी पिटाई करने के बाद घर पर पुलीस ने फोन किया व 15 हजार रुपये ऑनलाईन मांगे. रामदास पेठ स्थित एक पानठेले वाले के खाते पर यह रक्कम भेजी गई. सूत्र ने बताया की, पानठेले वाले के साथ पुलीस की सांठ-गांठ हैं. पुलीस की मेहरबानी से देर रात तक यह पानठेले शुरु रहता हैं. पैसे की लेन-देन वही करता हैं. समुचे अवैध ट्रांजेक्शन इन महाशय के ही बँक खाते में जाने कि जानकारी है. बडे साहब को हवाई जहाज का सफर करना हो या अन्य मेहमान नवाजी, तो पानठेला वाले का नाम जुबां पे रहता है. बडे अधिकारी कि हवाई यात्रा की तिकीट उसने ही निकालकर देने की जानकारी सूत्र ने दी.
    सुनील के मामले में अब पानठेले वाले की जांच होंगी.उसके बॅंक के खाते की जांच की तो सारा सच सामने आने की संभावना जताई जा रही हैं.


    -देर रात तक कैसे चलता पानठेला!

    रामदास पेठ अस्पतालो से भरा क्षेत्र हैं. कही बडे-बडे होटल भी हैं. लेकिन कानून की बात कि जाये तो रात 11 बजे तक ही दुकाने चलाना चाहिए. लेकिन पानठेला देर रात तक चलता हैं. किसकी मेहरबानी से चलता यह सवाल उठ रहा हैं. अब इस पर भी सीपी, डीसीपी व नये पी आई साहब एक नजर डालीये. निपक्ष जांच करें,जो कही राज और तत्थ्य सामने आयेंगे.सुनील को न्याय मिलेंगा, गैर कानूनी काम करने वाले पुलीस को सबक मिलेंगा, अब देखना यह हैं की जांच अधिकारी कबतक मामले का सत्य बहार लाते या आपने ही पुलीस को बचाते, इसकी और सभी की नजरे लगी हैं.

     

  • मेयो में नही मिल रहा उपचार, पेशन्ट को बैठा कर रखा घन्टे.. आखिर जा ना पडा निजी अस्पताल  -मुख्यमंत्री के शहर में सरकारी अस्पताल ही बिमार  -सिएम साहब नागपूर के सरकारी अस्पतालो पर ध्यान दो

    मेयो में नही मिल रहा उपचार, पेशन्ट को बैठा कर रखा घन्टे.. आखिर जा ना पडा निजी अस्पताल -मुख्यमंत्री के शहर में सरकारी अस्पताल ही बिमार -सिएम साहब नागपूर के सरकारी अस्पतालो पर ध्यान दो

    मेयो में नही मिल रहा उपचार, पेशन्ट को बैठा कर रखा घन्टे.. आखिर जाना पडा निजी अस्पताल!

    -मुख्यमंत्री के शहर में सरकारी अस्पताल ही बिमार!

    -सिएम साहब नागपूर के सरकारी अस्पतालो पर ध्यान दो!

    नागपूर – हर नागरिक चाहता हैं की मेयो मेडिकल में निशुल्क उपचार मिले लेकिन ऐसा नागपूर में संभव नही दिखाई दे रहा. गुरुवार दिनांक 27 फरवरी 2025  को दोपहर 2बजे एक पेशन्ट केजवल्टी आया 20रुपये देकर नाम दर्ज किया. फिर डॉक्टर के पास गया.डॉक्टर ने परची पर लिख दिया और बैठने को कहा, पेशन्ट करीब दो घंटे बैठा रहा कोई डॉक्टर नही आया तो फिर से केजवल्टी के डॉक्टर के पास पाहुचा, डॉक्टर ने कहा की नाक कान घसा के वार्ड में जाईये वहा डॉक्टर मिलेंगे. पेशन्ट की हालत चलने की नही होने के बावजुद पेशन्ट को पैदल चालकर नये सर्जीकल बिल्डींग ले गये वहा पर एक भी डॉक्टर नही.

    आखिर परेशान होकर मेयो के डेपोटी सागर पांडे से फोन कर जानकारी दी. पांडे साहब ने फिर केजवल्टी में जाने को कहा वहा पर डॉक्टर से बात करा दी, फिर रुकने को कहा, रुके भी लेकिन एक घन्टा होने के बाद भी डॉक्टर नही आये आखिर पेशन्ट को लेकर निजी अस्पताल में आना पडा.

    मेयो अस्पताल में डॉक्टर की कमी हैं या डॉक्टर मारिजो पर ध्यान नही देते यह सवाल हैं. भारी मात्रा में यहाँ पर लोग आते हैं लेकिन बिना उपचार के ही लौट जाते हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नागपूर शहर में स्वास्थ्य का यह हाल हैं.
    इस पर डीन की भी आनदेखी होने से यहाँ पर भारी मात्र में स्वास्थ्य के साथ खिलावाड होते दिखाई दे रहा हैं.

    सूत्र ने बताया की मरिजोको परेशान कर उन्हे निजी अस्पताल में जाने के लिए मजबुर किया जाता हैं. इस मुख्य समस्या पर अब मुख्यमंत्री खुद्द ही ध्यान देंगे तो नागपूर की सरकारी अस्पताल की व्यवस्था सुधर सकती हैं नही तो नागपूर के आम लोगो को स्वास्थ्य सुविधा देने सरकार के डॉक्टर ही खिलवाड करते नजर आयेंगी.
    अब देखना यह हैं की इस समस्या पर कौन कौन गंभीर हैं.

  • महाराष्ट्र में नदीयों का पुनरुद्धार: महाकुंभ की सफलता से सीखने योग्य सबक

    महाराष्ट्र में नदीयों का पुनरुद्धार: महाकुंभ की सफलता से सीखने योग्य सबक

    महाराष्ट्र में नदीयों का पुनरुद्धार: महाकुंभ की सफलता से सीखने योग्य सबक
    नागपुर: प्रयागराज में महा कुंभ के लिए गंगा की सफल सफाई यह दर्शाती है कि किस प्रकार इंजीनियरिंग और उचित योजना के माध्यम से महाराष्ट्र के शहरी जल निकायों और नदियों को पुनर्जीवित किया जा सकता है।

    प्रयागराज में, ट्रैश स्किमर के माध्यम से निरंतर कचरा हटाने की प्रक्रिया जल निकायों को स्वच्छ बनाए रखने में कारगर साबित हुई है। ये स्किमर प्रतिदिन 10-15 टन तैरता हुआ कचरा एकत्र करते हैं। इस प्रक्रिया में नदी की गश्त, पुष्प अर्पण और प्लास्टिक कचरे जैसे तैरते हुए मलबे की पहचान और उसका त्वरित निष्कासन शामिल है।

    उत्तर प्रदेश सरकार के शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव, अमृत अभिजात ने इस पहल के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “महा कुंभ में नदी पुनर्जीवन की सफलता सुव्यवस्थित इंजीनियरिंग हस्तक्षेप और निरंतर निगरानी का परिणाम थी। ड्रेजर और ट्रैश स्किमर के उपयोग से न केवल नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बहाल करने में मदद मिली, बल्कि कचरे को जमा होने से पहले ही हटा दिया गया। यह मॉडल दिखाता है कि तकनीक और सुशासन मिलकर शहरी नदियों की रक्षा कैसे कर सकते हैं।”

    प्रयागराज परियोजना के लिए जिम्मेदार कंपनी क्लीनटेक इंफ्रा के प्रबंध निदेशक, गौरव चोपड़ा ने कहा, “किसी बड़े पैमाने की नदी पुनर्जीवन परियोजना को प्रबंधित करने के लिए सही उपकरणों और समर्पित निष्पादन का समन्वय आवश्यक होता है। उच्च क्षमता वाले ट्रैश स्किमर और निरंतर कचरा हटाने के प्रयासों के माध्यम से हमने निर्धारित समयसीमा के भीतर प्रभावी परिणाम प्राप्त किए। इस दृष्टिकोण को अन्य शहरी नदियों की प्रदूषण संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए अपनाया जा सकता है।”

    महाराष्ट्र में जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए सरकारी एजेंसियों, निजी भागीदारों और स्थानीय समुदाय के समन्वित प्रयास की आवश्यकता होगी। महा कुंभ के दौरान किए गए नदी सफाई अभियान की सफलता यह साबित करती है कि सही कदम उठाए जाएं तो अत्यधिक प्रदूषित नदियों को भी पुनर्जीवित किया जा सकता है।

  • महाबोधी महाविहार मुक्ती आंदोलनास नागपुरातून पाठिंबा

    महाबोधी महाविहार मुक्ती आंदोलनास नागपुरातून पाठिंबा

    महाबोधी महाविहार मुक्ती आंदोलनास नागपुरातून पाठिंबा

    नागपूर – बुद्धगया येथे 12 फेब्रुवारी पासून देश विदेशातील बौद्ध भिक्षूंच्या नेतृत्वात सुरू असलेल्या महाबोधी महाविहार मुक्ती आंदोलनास नागपुरातील भारतीय बौद्ध महासभा, दीक्षाभूमी बचाव संघर्ष समिती सह विविध संस्था संघटनांनी एक दिवशीय धरणा देऊन त्या आंदोलनास पाठिंबा जाहीर केला.

    तथागत गौतम बुद्धांना अडीच हजार वर्षांपूर्वी ज्या ठिकाणी ज्ञानप्राप्ती झाली त्या ठिकाणी सम्राट अशोकांनी महाबोधी महाविहाराची निर्मिती केली. प्रशासकीय दृष्टीने ते महाबोधी महाविहार हल्ली ब्राह्मणांच्या कब्जात आहे. महाबोधी महाविहार बौद्धांना सोपवावे यासाठी शंभर वर्षांपूर्वी अनागारीक धम्मपाल यांनी आंदोलन केले होते. त्यामुळे त्या विहार समितीत चार बौद्ध भिक्खूंचा समावेश करण्यात आला. परंतु अजूनही तिथे ब्राह्मणांचे बहुमत आहे.

    त्यामुळे बिहार सरकारचा 1949 चा बी टी अक्ट रद्द करून महाबोधी महाविहार ब्राह्मणांच्या कब्जातून मुक्त करून बौद्धांच्या ताब्यात द्यावे, यासाठी हे आंदोलन सुरू आहे. यापूर्वीही भंते सुरेइ ससाई यांच्या नेतृत्वात अनेक वर्ष आंदोलन चालले. हल्ली हे महाबोधी महाविहार मुक्ती आंदोलन बौद्ध भिक्खू चालवीत आहेत.

    नागपुरातील संविधान चौकात महाबोधी महाविहाराच्या मुक्ती आंदोलनाच्या समर्थनार्थ जनजागृती सभा घेण्यात येऊन बुद्धगया येथील बौद्ध भिक्खूंच्या त्या आंदोलनाला पाठिंबा जाहीर करण्यात आला. तसेच नागपूरातून त्या आंदोलनास पाठिंबा म्हणून अनेक भिक्षु व कार्यकर्ते सुद्धा सहभागी होणार आहेत. सर्व धर्मांची प्रार्थना स्थळे त्या त्या धर्मांच्या ताब्यात असताना बौद्धांचे महाबोधी महाविहार ब्राह्मणांच्या ताब्यात का? असा प्रश्न जगातील बौद्ध विचारत आहेत!

    याप्रसंगी प्रामुख्याने भंते महास्थवीर प्रियदर्शी, भंते महास्थवीर धम्मोदय, भंते विनयकीर्ती, भंते हर्षबोधि, इंजि पद्माकर गणगिर, इंजि राहुल दहिकर, उत्तम शेवडे, अशोक जांभुळकर, प्रा राहुल मून, रवी शेंडे, जयंत साठे, मुरली मेश्राम, भागवत लांडगे, धर्मपाल आवडे, आनंद चौरे, शामराव हाडके, सुमन लांडगे, ज्योती बनकर, रेखा मेश्राम, पपीता खोब्रागडे, रमा धोंगडे, रूपाली चांदेकर, पंचशीला सहारे, इंदू उमरे, मोनाली गेडाम, सविता वासनिक यांचे सहित मोठ्या संख्येने धार्मिक, सामाजिक व राजकीय क्षेत्रात कार्य करणारे मोठ्या संख्येने उपस्थित झाले होते.

  • बारावीच्या बोर्डाच्या परीक्षेदरम्यान नागपूर पोलीस आयुक्तांची परीक्षा केंद्राला दिली अचानक भेट !

    बारावीच्या बोर्डाच्या परीक्षेदरम्यान नागपूर पोलीस आयुक्तांची परीक्षा केंद्राला दिली अचानक भेट !

     

    बारावीच्या बोर्डाच्या परीक्षेदरम्यान नागपूर पोलीस आयुक्तांची परीक्षा केंद्राला दिली अचानक भेट !

    नागपूर – सध्या बारावीच्या बोर्डाच्या परीक्षा सुरू असून, विद्यार्थ्यांसाठी हा अत्यंत महत्त्वाचा काळ आहे. विद्यार्थ्यांना तणावरहित परीक्षा देण्यासाठी प्रेरित करण्याच्या उद्देशाने नागपूर शहराचे पोलीस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल यांनी यापूर्वीच दहावी व बारावीच्या विद्यार्थ्यांसाठी पत्राद्वारे मार्गदर्शन केले आहे.

    आज पोलीस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल यांनी हिस्लॉप कॉलेज या परीक्षा केंद्राला अचानक भेट दिली. या भेटीदरम्यान, त्यांनी परीक्षा केंद्रात पुरविण्यात आलेल्या सुविधांची पाहणी केली तसेच परीक्षा सुरळीत पार पडत आहे की नाही, याचा आढावा घेतला. राज्यभरात सुरू असलेल्या “कॉपी मुक्त परीक्षा” अभियानाच्या पार्श्वभूमीवर त्यांनी परीक्षा केंद्रावरच्या तयारीची पाहणी केली.

    हिस्लॉप कॉलेज या केंद्रात 228 विद्यार्थी गणिताचा पेपर देत होते. संपूर्ण सुरक्षेचा आढावा घेतल्यानंतर पोलीस आयुक्तांनी परीक्षा केंद्रप्रमुख आणि शिक्षकांशी चर्चा केली. विद्यार्थ्यांना सुरक्षित आणि शांत परीक्षेसाठी अनुकूल वातावरण असल्याबाबत त्यांनी खात्री केले.

    पोलीस आयुक्तांनी दिलेल्या अचानक भेटीमुळे परीक्षा केंद्रात सतर्कता वाढली असून, परीक्षेच्या पारदर्शकतेबाबत विश्वास अधिक दृढ झाला.

  • बसपा ने उस्ताद लहुजींना अभिवादन केले

    बसपा ने उस्ताद लहुजींना अभिवादन केले

    बसपा ने उस्ताद लहुजींना अभिवादन केले

    नागपूर – सामाजिक क्रांतीचे जनक राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिराव फुले यांचे शारीरिक गुरु उस्ताद लहुजी साळवे यांच्या 144 व्या स्मृतिदिन निमित्ताने कही हम भूल न जाये या बसपाच्या राष्ट्रीय अभियानांतर्गत बसपाचे महाराष्ट्र प्रदेश मीडिया प्रभारी उत्तम शेवडे, नागपूर जिल्हा महासचिव चंद्रशेखर कांबळे, माजी जिल्हा प्रभारी सुमंत गणवीर, युवा नेते सदानंद जामगडे, पश्चिम नागपूर विधानसभेचे अध्यक्ष अंकित थुल आदींनी वस्ताद लहुजी साळवे उद्यान (अंबाझरी गार्डन) येथील लहुजींच्या पूर्णाकृती पुतळ्याला माल्यार्पण करून अभिवादन केले.

    याप्रसंगी प्रामुख्याने उपस्थित असलेले बार्टीचे प्रकल्प अधिकारी हृदय गोडबोले यांच्या माध्यमातून भारतीय संविधानाच्या प्रास्ताविकाचे वाटप व वाचन करण्यात आले.

    महात्मा फुले हे शैक्षणिक व सामाजिक कार्य करीत असताना तत्कालीन प्रस्थापित जातीयवादी मंडळी महात्मा फुलेंना विरोध करीत होती, त्यावेळी वस्ताद लहुजी हे महात्मा फुले यांच्या बाजूने उभे राहिले, एवढेच नव्हे तर सावित्रीबाई शिक्षण कार्य करीत असताना धर्म बुडवीत असल्याचा आव आणणारी मंडळी सावित्री बाईचा छळ करीत होती. त्यावेळी लहुजी सावित्री बाईंच्या पाठीशी अंगरक्षक म्हणून सावली सारखे उभे राहिले होते, त्यामुळे फुले दांपत्य हे ऐतिहासिक कार्य करू शकले, म्हणून फुले दांपत्याच्या कार्यात लहुजींचा मोठा वाटा असल्याचे मनोगत याप्रसंगी बसपा नेत्यांनी व्यक्त केले.

  • स्त्रीवादाचा अभ्यास करताना बौद्ध काळाचा अभ्यास होणे आवश्यक -सुजाता लोखंडे

    स्त्रीवादाचा अभ्यास करताना बौद्ध काळाचा अभ्यास होणे आवश्यक -सुजाता लोखंडे

    स्त्रीवादाचा अभ्यास करताना बौद्ध काळाचा अभ्यास होणे आवश्यक
    -सुजाता लोखंडे

    नागपूर : स्त्रीवादाचा अभ्यास करताना बौद्ध काळाचा अभ्यास होणे आवश्यक असल्याचे मत ज्येष्ठ लेखिका सुजाता लोखंडे यांनी व्यक्त केले. डॉ बाबासाहेब आंंबेडकर यांनी स्थापन केलेल्या दी बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडियाच्या महिला विंगने आयोजित केलेल्या महिला परिषदेच्या समारोपीय सत्राच्या अध्यक्ष म्हणून त्या बोलत होत्या. एक दिवसीय परिषद महिला विभागाच्या अलका चौकीकर आणि त्यांच्या सहकाऱ्यांनी आयोजित केली होती.

    व्यासपीठावर संस्थेच्या विदर्भ उपाध्यक्ष रमा वासनिक, सचिव ज्योती खोब्रागडे, धार्मिक कार्यकर्त्या उषा बौद्ध, संजीवनी सखी मंचच्या अध्यक्ष कल्पना मेश्राम सुजाता लोखंडे म्हणाल्या, तथागतांनी अर्हत पद पुरुषाबरोबरच स्त्री देखील प्राप्त करू शकते, यावर चर्चा केली आहे. बुद्ध खरे समानतेचे प्रेरक आहेत. धम्म चळवळ खरी मानव मुक्तीची चळवळ आहे. म्हणूनच. स्त्रीवादाचा अभ्यास करताना बौद्ध काळाचा अभ्यास होणे आवश्यक आहे. समता सैनिक दलाच्या बौद्धिक प्रमुख रंजना वासे म्हणाल्या, चळवळ जिवंत ठेवण्यासाठी संघटना आवश्यक असते. त्यात काम करणाऱ्याला प्रश्न पडले पाहिजे. प्रश्न विचारणे चांगली गोष्ट आहे. उषा बौद्ध, कल्पना मेश्राम, रमा वासनिक यांचीही समयोचित भाषणे झाली.

    परिषदेचे उदघाट्न महासभेचे राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबोधी पाटील यांच्या हस्ते झाले. हा महिलांचा महिलांनी आयोजित केलेला कार्यक्रम असून त्यांना व्यक्त होण्यासाठी जास्तीत जास्त संधी मिळाली पाहिजे. भारत बौद्धमय करण्याची ताकद त्यांच्यात आहे, असे मत पाटील यांनी व्यक्त केले. उदघाट्न कार्यक्रमाच्या अध्यक्षस्थानी सामाजिक कार्यकर्त्या तक्षशिला वाघधरे होत्या. व्यासपीठावर भिक्खूणी सुनीती, राष्ट्रीय सरचिटणीस शंकर ढेंगरे, विदर्भ अध्यक्ष अनिलकुमार मेश्राम उपस्थित होते. प्रास्ताविक अलका चौकीकर यांनी केले. संचालन भारती सहारे आणि मनीषा जामगडे यांनी केले तर मृणालिनी दहिवडे आणि वर्षा सहारे यांनी आभार मानले. परिषद यशस्वी करण्यासाठी अस्मिता देशभ्रतार, भारती पानतावणे, तारा मेश्राम, अनिता बागडे, कल्पना गेडाम, नंदा रामटेके, नलिनी मेश्राम, जयश्री बोरकर, उषा मेश्राम, कल्पना बनकर, माया मोहाडे, वैशाली गडपायले, कल्पना तेलंग, तृप्ती ढोके, शोभा ढोणे आदींचे सहकार्य लाभले.

  • कर्मचारी हाच एमआयडीसीचा कणा – उद्योग मंत्री उदय सामंत

    कर्मचारी हाच एमआयडीसीचा कणा – उद्योग मंत्री उदय सामंत

    कर्मचारी हाच एमआयडीसीचा कणा
    – उद्योग मंत्री उदय सामंत

    नागपूर,  महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडळातील कार्यरत असलेल्या कर्मचारी-अधिकाऱ्यांच्या मुलांनाही भविष्यात आपल्या उद्योगाची पायाभरणी करता आली पाहिजे. विविध उद्योग व्यवसायांना सकारून देण्याचे कसब अंगी असलेल्या आमच्या कर्मचाऱ्यांच्या मुलांना हे बाळकडू घरूनच असल्याने ते यात कमी पडणार नाहीत. यादृष्टीने विचार करून गुणवत्ताधारक पाल्यांना आयपॅड व इतर साहित्य देऊन प्रोत्साहन देण्याची भूमिका उद्योग विभागाने घेतली असे प्रतिपादन उद्योग मंत्री उदय सामंत यांनी केले.

    नियोजन भवन येथील सभागृहात महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडळातील अधिकारी कर्मचारी यांच्या आठवी ते दहावीपर्यंत शिकत असलेल्या गुणवत्ताधारक पाल्यांना टॅब व शैक्षणिक आज्ञावलीच्या वाटप कार्यक्रमात ते बोलत होते.

    कोणत्याही चांगल्या गोष्टीचे श्रेय जेव्हा विभाग प्रमुख म्हणून, या विभागाचे मंत्री म्हणून आम्ही घेतो तेव्हा नकळत या यशामागे या विभागातील कर्मचाऱ्यांचेही हात व मेहनत आहे, याची जाणीव उद्योग मंत्री म्हणून मी प्रत्येक वेळेस ठेवली आहे. या जाणिवेतूनच आपल्या आरोग्य विमाबाबत, आपल्याला लागणाऱ्या सेफ्टी साहित्य याचबरोबर दुचाकी वाहनासाठी पूर्वी असलेली मर्यादा वाढवून देण्याचा निर्णय घेतल्याचे त्यांनी सांगितले.

    अलीकडच्या वर्षात महाराष्ट्राच्या उद्योग विभागाने महत्वपूर्ण निर्णय घेऊन यासाठी लागणारी कामे अतिशय अल्प कालावधीत पूर्ण करून दाखवले. अमरावती येथील टेक्स्टाईल पार्क साठी लागणाऱ्या जमिनीचे संपादन हे केवळ 45 दिवसात आपल्या अधिकारी कर्मचाऱ्यांनी करून दाखवले याचा आम्हाला अभिमान असल्याचे त्यांनी सांगितले.

    यावेळी नागपूर व अमरावती विभागातील ५१ पाल्यांना टॅब देण्यात आले. उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी उपेंद्र तामोरे, मुख्य राजेश झंजाड, अधीक्षक अभियंता सुनील अकुलवार, प्रादेशिक अधिकारी मनोहर पोटे व मान्यवर उपस्थित होते.
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  • डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर इंटरनॅशनल पार्क ठिकाणी रमाई यांची 127 वी जयंती साजरी  -रमाईचे वंशजांची डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर पार्क ला सदिच्छा भेट

    डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर इंटरनॅशनल पार्क ठिकाणी रमाई यांची 127 वी जयंती साजरी -रमाईचे वंशजांची डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर पार्क ला सदिच्छा भेट

    डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर इंटरनॅशनल पार्क ठिकाणी रमाई यांची 127 वी जयंती साजरी

    -रमाईचे वंशजांची डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर पार्क ला सदिच्छा भेट

    नागपूर: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर इंटरनॅशनल पार्क बचाव कृती समितीचे अध्यक्ष चंदू पाटील यांच्या नेतृत्वाखाली ९ फेब्रुवारी, रविवारी झालेल्या नुकत्याच जयंती समारोह प्रसंगी रमाईचे वंशज शुंभागीताई धोत्रे (वाघचौरे) रमाई मातेची भाची यांना खास म्हणून सन्मान देऊन बोलावून व विरेंद्र वाघचौरे (मुलगा) यासोबतच मयुर शिर्के, गौतम मोरे, वैभव मोरे, पुर्णिमा मोरे तसेच इतरही सदस्यांची या प्रसंगी उपस्थिती होती. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर इंटरनॅशनल पार्क नारा बचाव कृती समितीचे अध्यक्ष चंदू पाटील यांच्या नेतृत्वाखाली त्यांना मान -सन्मान देऊन सन्मानित केले.

    रमाबाई भिमराव आंबेडकर यांच्या परिवारा तर्फे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर इंटरनॅशनल पार्क नारा येथे साखळी उपोषण आंदोलनाचा ९ फेब्रुवारी रोजी 131 वा, दिवस होता.

    त्यावेळेस रमाई चे वंशज यांनी सदिच्छा भेट देऊन समर्थन दिले. यावेळी राजकुमार वंजारी, रेशम भोयर, अलका रक्षित, सुनिता सांगोळे, आशा दहाड, परि रंगारी, अन्नपूर्ण मेश्राम, यमुनाबाई रामटेके, विजया पाटील, जिजा रामटेके, वनिता वालदे, शाशिकला चालखुरे, संघमित्रा रागटेके, रेखा खोब्रागडे, जया पाटील, चंदा मेश्राम, गौतम पाटील, अजय खोब्रागडे, राजकुमार मेश्राम, आनंद वाघमारे, प्रफुल्ल खोब्रागडे, यांची उपस्थिती होती. संचालन गौतम पाटील यांनी केले. प्रास्तविक चंदु पाटिल यांनी केले तर आभार सुषमा कांबळे यांनी मानले.

  • भाजपा नेता जमाल सिद्दीकी माफी मांगें – एड. शशिकांत ठाकूर  -कुंभ मेले में मृत नागरिकों को 30 लाख का मुआवजा दे सरकार

    भाजपा नेता जमाल सिद्दीकी माफी मांगें – एड. शशिकांत ठाकूर -कुंभ मेले में मृत नागरिकों को 30 लाख का मुआवजा दे सरकार

    भाजपा नेता जमाल सिद्दीकी माफी मांगें – एड. शशिकांत ठाकूर

    -कुंभ मेले में मृत नागरिकों को 30 लाख का मुआवजा दे सरकार

    नागपूर –
    जमाल सिद्धिकी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को लिखा गया व कहा की छोटी पार्टीयों की मान्यता रद्द करने की मांग की. इसके विरोध में 12 फरवरी बुधवार को राष्ट्र समर्पण पार्टी की ओर दोहपर 2 और 3 के बीच गांधी पुतळा व्हेरायटी चौक पर धरणे आंदोलन किया. राष्ट्र समर्पण पार्टी के कार्यकर्ताओ ने जमकर नारेबाजी कर सिद्धिकिका विरोध किया.

    पार्टी के राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख एड.शशिकांत ठाकूर का काहना है कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और वे इस फैसले का कड़ा विरोध करेंगे। राष्ट्र समर्पण पार्टी ने स्पष्ट किया कि जमाल सिद्दीकी को माफी मांगनी होगी, क्योंकि उनकी यह हरकत लोकतंत्र के खिलाफ है.पार्टी का मानना है कि देश संविधान से चलेगा, न किसी तानाशाही विचारधारा से। जमाल सिद्दीकी केवल एक मोहरा हैं.असली खेल कोई और खेल रहा है। और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा हाथ है.

    इसके अलावा पार्टी ने मांग की है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कुंभ मेले में मृत नागरिकों के परिवारों को 30 लाख रुपये का मुआवजा दें. पार्टी ने यह भी चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को अनदेखा किया गया तो यह आंदोलन और तीव्र होगा.

    राष्ट्र समर्पण पार्टी का संकल्प करते है लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा. कुंभ मेले में मृत नागरिकों के परिवारों को न्याय और मुआवजा मिले.जमाल सिद्दीकी द्वारा छोटे दलों के खिलाफ की गई अपील को वापस लिया जाए और वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। इस धरणा आंदोलन में शकडो कार्यकर्ता मौजूद थे.