Category: अंतरराष्ट्रीय

  • बूंद-बूंद को तरस रहा पाकिस्तान

    बूंद-बूंद को तरस रहा पाकिस्तान

    पानी रोके जाने पर भारत को 4 बार लिख चुका चिट्ठी
    नई दिल्ली.
    पाकिस्तान इस समय गंभीर जल संकट से जूझ रहा है, और इसका कारण भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करना बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत को चार बार पत्र लिखकर इस संधि को बहाल करने की गुहार लगाई है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक यह संधि निलंबित रहेगी।

    पहलगाम हमले के बाद भारत का कड़ा रुख
    22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 28 लोग मारे गए थे, के बाद भारत ने सख्त कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने का आरोप है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” इसके बाद भारत ने सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों के पानी को नियंत्रित करने की योजना शुरू की।

    पाकिस्तान में जल संकट की स्थिति
    पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत की 90% खेती सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है। पानी की कमी से न केवल खेती को नुकसान हो रहा है, बल्कि पीने के पानी और हाइड्रोपावर परियोजनाओं पर भी गंभीर असर पड़ रहा है। इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी के अनुसार, सिंधु नदी प्रणाली में पानी की आपूर्ति में 21% की कमी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि रबी फसलों को भारी नुकसान हो सकता है, और गर्मियों में यह संकट और गहरा सकता है।

    पाकिस्तान की अपील
    पाकिस्तान ने मई 2025 की शुरुआत में पहला पत्र लिखा था, जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू नहीं किया था। इसके बाद तीन और पत्र भेजे गए, जिसमें पाकिस्तान ने भारत से संधि को बहाल करने की अपील की। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाए बिना कोई पुनर्विचार नहीं होगा। जल शक्ति मंत्रालय ने इन पत्रों को विदेश मंत्रालय को भेज दिया है।

    भारत की रणनीति
    भारत अब अपने हिस्से के पानी का बेहतर उपयोग करने के लिए बड़े पैमाने पर परियोजनाएं शुरू कर रहा है। इनमें 130 किलोमीटर लंबी नहर, जो ब्यास नदी को गंगनहर से जोड़ेगी, और यमुना को जोड़ने के लिए 200 किलोमीटर की नहर शामिल है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान का पानी पूरी तरह रोकने के लिए भारत को भाखड़ा नांगल जैसे 22 बांधों की जरूरत होगी, जो एक लंबी प्रक्रिया है। फिर भी, मौजूदा ढांचे में बदलाव कर भारत पानी के प्रवाह को नियंत्रित कर सकता है।

    पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जल सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता बताया और नए जलाशयों के निर्माण का आदेश दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के फैसले का विरोध करने की कोशिश की, लेकिन वर्ल्ड बैंक ने इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। पाकिस्तान के पंजाब सरकार की मंत्री अजमा बोखारी ने भारत को “गंभीर परिणाम” की चेतावनी दी, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया।

  • एलन मस्क बनाएंगे नई राजनीतिक पार्टी

    एलन मस्क बनाएंगे नई राजनीतिक पार्टी

    44 लाख लोगों ने दिया समर्थन
    नई दिल्ली.
    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और बिज़नेसमैन एलन मस्क के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अमेरिका के लिए बनाया गया ट्रंप का ‘बजट रेकन्सिलीऐशन बिल’, जिसे उन्होंने ‘बिग एंड ब्यूटीफुल बिल’ का नाम दिया है, एलन को बिल्कुल पसंद नहीं है। मस्क, ट्रंप के इस बिल के खिलाफ हैं और इसकी जमकर आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे अमेरिका पर कर्ज़ बढ़ जाएगा और देश में मंदी आ जाएगी। मस्क की आलोचना से ट्रंप खुश नहीं हैं। इस वजह से ट्रंप ने एलन के सभी सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स भी रद्द कर दिए हैं। मस्क ने भी ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाकर उनकी जगह जेडी वेंस को नया राष्ट्रपति बनाने की बात कही है। इतना ही नहीं, मस्क ने तो ट्रंप का नाम ‘एप्सटीन फाइल्स’ में होने का भी खुलासा किया है। इसी बीच मस्क ने अमेरिका में एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने का हिंट दे दिया है।

    44 लाख लोगों ने दिया समर्थन
    ट्रंप से चल रहे विवाद के बीच मस्क ने सोशल मीडिया पर लोगों से सवाल पूछा कि क्या अमेरिका में नई राजनीतिक पार्टी बनाने का समय आ गया है? एक ऐसी पार्टी जो मध्यवर्ग में 80% लोंगों का प्रतिनिधित्व करे? ट्रंप के इस पोल पर करीब 56 लाख लोगों ने वोट दिया, जिनमें से 80.4% यानी कि करीब 44 लाख लोगों ने अमेरिका में नई राजनीतिक पार्टी बनाने की बात को समर्थन दिया।

    अमेरिका में नई राजनीतिक पार्टी की ज़रूरत
    नई राजनीतिक पार्टी से जुड़े पोल पर करीब 44 लाख लोगों के समर्थन पर मस्क ने कहा, “लोगों ने अपनी बात कह दी है। अमेरिका में 80% मध्यवर्गीय लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक नई राजनीतिक पार्टी की जरूरत है और ठीक 80% लोग इस बात से सहमत हैं। यह होना तय है।”

    क्या हो सकता है मस्क की राजनीतिक पार्टी का नाम?
    मस्क ने बताया कि उनकी राजनीतिक पार्टी का नाम ‘द अमेरिका पार्टी’ हो सकता है। हालांकि मस्क ने अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है कि वह सच में ऐसा करेंगे या नहीं, लेकिन अगर वह ऐसा करते हैं, तो 2028 में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की रेस में मस्क भी शामिल हो सकते हैं।

  • पाकिस्तान में 200 से ज्यादा कैदी फरार

    पाकिस्तान में 200 से ज्यादा कैदी फरार

    भूकंप से टूटी कराची जेल की दीवार
    कराची.
    पाकिस्तान के कराची शहर में सोमवार देर रात एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। मलीर जिला जेल, जिसे ‘बच्चा जेल’ के नाम से भी जाना जाता है, से 216 कैदी भूकंप के कारण उत्पन्न अफरातफरी का फायदा उठाकर फरार हो गए। इस घटना ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है। जेल प्रशासन के अनुसार, कराची में पिछले 48 घंटों में 9 से 11 बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 2.6 से 3.6 रिक्टर स्केल के बीच थी। इन झटकों के कारण जेल की बाहरी दीवार कमजोर हो गई थी। सोमवार रात जब कैदियों को सुरक्षा कारणों से बैरकों से बाहर निकाला गया, तभी कुछ कैदियों ने गार्ड्स पर हमला कर हथियार छीन लिए और दीवार तोड़कर भाग निकले।

    78 को पकड़ लिया गया
    सिंध प्रांत के पुलिस महानिरीक्षक गुलाम नबी मेमन ने बताया कि लगभग 2,000 कैदियों को भूकंप के बाद गिनती के लिए बाहर लाया गया था। इस दौरान 213 कैदी भागने में सफल रहे, जिनमें से 78 को दोबारा पकड़ लिया गया है, जबकि 138 अभी भी फरार हैं। एक कैदी की गोलीबारी में मौत हो गई, और तीन फ्रंटियर कोर कर्मी व एक जेल कर्मचारी घायल हुए।

    सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
    सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कैदी सड़कों पर भागते दिखाई दे रहे हैं। एक वीडियो में दो कैदी यह कहते सुनाई दिए कि वे कई सालों से जेल में थे और अब आजाद हो गए। पुलिस, रेंजर्स और फ्रंटियर कोर ने इलाके को घेर लिया है और फरार कैदियों की तलाश में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है।

    फरार कैदियों को पकड़ना मुश्किल
    सिंध के गृह मंत्री जिया-उल-हसन लांजर ने इसे पाकिस्तान के सबसे बड़े जेलब्रेक में से एक बताया। उन्होंने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन घनी आबादी वाले कराची में फरार कैदियों को पकड़ना चुनौतीपूर्ण है। जेल में ज्यादातर नशे से संबंधित मामलों के कैदी थे, जिनमें कई मानसिक रूप से अस्थिर बताए जा रहे हैं।

    सुरक्षा पर सवाल
    यह घटना पाकिस्तान में जेल सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कराची में भूकंपीय गतिविधियां आम हैं, क्योंकि यह शहर तीन टेक्टॉनिक प्लेटों के जंक्शन पर स्थित है। इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है, और जेल की संरचनात्मक कमजोरियों का आकलन किया जा रहा है।

  • पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह पाक की रैली में शामिल

    पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह पाक की रैली में शामिल

    भारत के खिलाफ उगला जहर
    नई दिल्ली.
    पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया और यह स्थिति अभी भी बरकरार है। 22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे और 20 घायल हो गए थे। भारत ने 7 मई को तड़के सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च करते हुए इस आतंकी हमले का बदला ले लिया था। पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर ड्रोन्स और मिसाइलों से हमले की कोशिश की, जिन्हें नाकाम करते हुए भारत ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ही हिस्सा था।

    पहले भी जहर उगला था
    पहलगाम आतंकी हमले के पीछे द रेसिस्टेन्स फ्रंट नाम के आतंकी संगठन का हाथ था, लेकिन हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी है। पहलगाम आतंकी हमले से कुछ दिन पहले ही सैफुल्लाह ने भारत के खिलाफ जहर उगला था और अब एक बार फिर उसने ऐसा ही किया।

    हमले के बाद पहली बार आया सामने
    पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर में आयोजित एक आतंकी रैली में कसूरी भी शामिल हुआ। पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह पहला मौका था, जब सैफुल्लाह खुलेआम सबके सामने आया। लश्कर के कई आतंकी और पंजाब प्रांत के राजनेता भी इस रैली में शामिल हुए। सैफुल्लाह ने इस रैली में जनता को संबोधित किया। सैफुल्लाह ने कहा, “भारत ने मुझे पहलगाम आतंकी हमले का आरोपी ठहराया और इससे मैं पूरी दुनिया में फेमस हो गया। सैफुल्लाह ने करीब 20 मिनट तक रैली को संबोधित किया, जिसमें उसने जमकर भारत के खिलाफ जहर उगला।

    किसने और क्यों किया रैली का आयोजन?
    लाहौर में हुई इस रैली जा आयोजन लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा पाकिस्तान मरकज़ी मुस्लिम लीग – पीएमएमएल ने किया। इस रैली में शामिल आतंकियों ने भारत के विरोध में जमकर बयानबाजी की और साथ ही पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ का जश्न भी मनाया।

    उस समय गिड़गिड़ाया था सैफुल्लाह
    पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब भारत सरकार ने चेतावनी दी कि इसके पीछे जिन लोगों का हाथ है उन्हें माफ नहीं किया जाएगा, तो सैफुल्लाह अपनी जान पर खतरे को देखते हुए दुनिया के सामने गिड़गिड़ाने लगा था। लश्कर कमांडर ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा था, “मैंने कुछ नहीं किया है। भारत मुझ पर और पाकिस्तान पर इस हमले का झूठा आरोप लगा रहा है। इससे दुनियाभर में पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे जिन आतंकियों का हाथ था, उनसे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।”

  • ट्रंप ने व्हाइट हाउस से हटाए 100 अधिकारी

    ट्रंप ने व्हाइट हाउस से हटाए 100 अधिकारी

    नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में फेरबदल
    वाशिंगटन.
    अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने शुक्रवार को नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (एनएससी) के दर्जनों स्टाफ मेंबर्स की छुट्टी कर दी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम एनएससी के संविधान और आकार को सीमित करने की रणनीति के तहत उठाया गया है। जिन कर्मचारियों को निकाला गया, वे ज्यादातर यूक्रेन, कश्मीर जैसे संवेदनशील भू-राजनीतिक मामलों पर कार्य कर रहे थे। उन्हें शुक्रवार दोपहर पद छोड़ने का निर्देश दिया गया।

    ट्रंप सरकार के सलाहकार निकले पूर्व जिहादी
    एनएससी से स्टाफ की बड़े पैमाने पर छंटनी ऐसे समय में की गई है, जब करीब तीन हफ्ते पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज को हटा दिया था। इसके बाद, विदेश मंत्री मार्को रूबियो को अस्थायी रूप से एनएससी का प्रमुख नियुक्त किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि एनएससी में स्टाफ कटौती के बाद, अब राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया मामलों पर विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और अन्य अहम एजेंसियों का दखल और अधिकार बढ़ जाएगा। भू-राजनीतिक कूटनीति से जुड़े फैसलों में अब इन विभागों की भूमिका और ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

    राहत भरी खबर यह भी है
    ट्रंप प्रशासन अब एनएससी में सिर्फ कुछ दर्जन कर्मचारियों को बनाए रखने की योजना पर काम कर रहा है, जबकि बाकी स्टाफ को हटाने की तैयारी चल रही है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पुनर्गठन के बाद एनएससी में कुल स्टाफ की संख्या घटकर केवल 50 रह सकती है। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में एनएससी में 300 से ज़्यादा अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत थे। राहतभरी खबर यह है कि, ट्रंप प्रशासन उनकी सेवाएं पूरी तरह खत्म करने की बजाय, उन्हें सरकार के अन्य विभागों में स्थानांतरित करने की योजना पर काम कर रहा है। इस कदम से कई अनुभवी अधिकारी सरकारी सिस्टम का हिस्सा बने रह सकते हैं, भले ही वे अब एनएससी का हिस्सा न हों।

  • मरियम ने कबूला- भारत के हमले से भारी नुकसान

    मरियम ने कबूला- भारत के हमले से भारी नुकसान

    पाकिस्तान के झूठ का फिर पर्दाफाश
    लाहौर.
    पहलगाम हमले से आगबबूला भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत की एयरस्ट्राइक्स में 100 से ज़्यादा आतंकी भी मारे गए। भारत के एक्शन से बौखलाकर पाकिस्तान ने कई भारतीय शहरों पर ड्रोन्स और मिसाइलों से हमले किए, जिन्हें भारत ने नाकाम कर दिया। जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले करते हुए उन्हें तबाह कर दिया। पाकिस्तानी सेना और नेताओं ने समय-समय पर कहा है कि भारत के हमले से पाकिस्तान को कुछ खास नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इस झूठ का भंडाफोड़ भी हुआ है। अब पाकिस्तान के झूठ का एक बार फिर पर्दाफाश हो गया है।

    मरियम नवाज़ शरीफ ने किया पर्दाफाश
    पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश किसी और ने नहीं, बल्कि मरियम नवाज़ शरीफ ने की कर दिया। हाल ही में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मरियम ने कहा कि भारत के हमले से पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ है। मरियम ने अपने संबोधन के दौरान विपक्ष यानी कि जेल में बंद पूर्व पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की पीटीआई पार्टी पर भी निशाना साधा। मरियम ने कहा कि जो काम भारत ने किया और जो काम पाकिस्तान के विपक्षी दल ने 9 मई को किया, उसमें ज़्यादा फर्क नहीं है, क्योंकि दोनों से पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ।

    विपक्ष को भी कोसा
    गौरतलब है कि 9 मई 2023 को इमरान के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के विरोध में देशभर में दंगे किए थे। इस दौरान उन्होंने आगजनी की, काफी तोड़-फोड़ मचाई और पब्लिक प्रॉपर्टी को बहुत नुकसान पहुंचाया। इन दंगों के बाद इमरान के 3,000 से ज़्यादा समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था।

  • बांग्लादेश में जनता का सेना की छावनी की ओर मार्च

    बांग्लादेश में जनता का सेना की छावनी की ओर मार्च

    यूनुस ने दिया इस्तीफे का अल्टीमेटम
    ढाका.
    बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। राजधानी ढाका में शुक्रवार की जुमे की नमाज़ के बाद जैसे ही भीड़ मस्जिदों से बाहर निकली, हजारों छात्र और इस्लामवादी संगठन सड़कों पर उतर आए। सोशल मीडिया पर वायरल आह्वानों के बाद कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने सेना छावनी की ओर मार्च करना शुरू कर दिया। इस बीच अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस का धमकी भरा बयान सामने आया है “यदि सभी दल मेरा समर्थन नहीं करते तो मैं पद छोड़ दूंगा। यूनुस की यह चेतावनी ऐसे वक्त पर आई है जब सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान ने दिसंबर तक चुनाव कराने की बात दोहराई और बीएनपी ने स्पष्ट रोडमैप की मांग की।

    दबाव बनाने की रणनीति
    अंतरिम प्रधानमंत्री यूनुस का यह बयान विपक्ष पर दबाव बनाने की रणनीति माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि यूनुस की ‘इस्तीफा धमकी’ दरअसल बीएनपी और अन्य विपक्षी दलों को झुकाने की एक सियासी चाल है, ताकि वे चुनावी प्रक्रिया में शामिल हो जाएं। हालांकि बीएनपी ने इसे सत्ता पक्ष की “नाटकीयता” बताया है और कहा है कि जब तक चुनाव की तारीख और निष्पक्षता सुनिश्चित नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे।

    बांग्लादेश राजनीतिक अस्थिरता की गिरफ्त में
    बहरहाल बांग्लादेश एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता की गिरफ्त में है। यूनुस का अगला कदम क्या होगा-यह आने वाले कुछ दिनों में देश की दिशा तय कर सकता है। सभी की नजर अब ढाका की सड़कों और सेना मुख्यालय पर टिकी है।

    यूनुस के बयान के बाद ढाका में प्रदर्शन तय
    यूनुस की आलोचना इसलिए भी हो रही है, क्योंकि हाल के महीनों में उनकी सरकार के दौरान कई कट्टरपंथी कदम उठाए गए—जैसे अवामी लीग पर प्रतिबंध, महिला सुधारों को रोकना, और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के घर को निशाना बनाना। हालांकि यूनुस ने इन कार्रवाइयों में अपनी भूमिका को नकारा है, लेकिन उन्होंने कभी खुलकर विरोध भी नहीं किया।

    बांग्लादेश में फिर उबाल की आशंका
    बीएनपी ने अब यूनुस पर चुनावों में देरी करके सत्ता पर कब्ज़ा बनाए रखने की कोशिश का आरोप लगाया है। पार्टी ने न सिर्फ उनके कैबिनेट के दो सदस्यों के इस्तीफे की मांग की है, बल्कि ढाका साउथ के मेयर पद पर उम्मीदवार की घोषणा करने की मांग भी रखी है।

    बांग्लादेश की अंतरिम सत्ता डगमगाई
    राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यूनुस इस्लामवादी ताकतों और छात्रों का इस्तेमाल करके एक वैकल्पिक सत्ता संरचना तैयार कर रहे हैं। भले ही उन्होंने चुनाव जून 2026 तक कराने की बात कही हो, लेकिन बीएनपी को डर है कि यह सिर्फ एक बहाना है। स्थिति इस कदर बिगड़ चुकी है कि अब यूनुस की हर चाल को सत्ता में बने रहने की कोशिश माना जा रहा है। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो बांग्लादेश एक और राजनीतिक संकट की ओर बढ़ सकता है।

  • भारत की कार्रवाई से झल्लाया पाकिस्तान

    भारत की कार्रवाई से झल्लाया पाकिस्तान

    24 घंटे में हाई कमीशन के एक अधिकारी को देश छोड़ने का दिया आदेश
    नई दिल्ली.
    पाकिस्तान सरकार ने गुरुवार को भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को निष्कासित करने का एलान किया। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, एक पारस्परिक कूटनीतिक कार्रवाई में पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को निष्कासित करने की घोषणा कर दी। पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के कर्मचारी को’ अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया और 24 घंटे के भीतर उसे जाने का आदेश दिया। यह कदम भारत द्वारा नई दिल्ली में अपने उच्चायोग से एक पाकिस्तानी राजनयिक को राजनयिक स्थिति के अनुरूप गतिविधियों में शामिल होने के इसी तरह के आधार पर निष्कासित किए जाने के बाद उठाया गया है।

    भारत की देखादेखी
    विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को उसकी विशेषाधिकार प्राप्त स्थिति के विपरीत गतिविधियों में शामिल होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित किया है। संबंधित अधिकारी को 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया है। इस निर्णय की जानकारी देने के लिए भारतीय प्रभारी को विदेश मंत्रालय बुलाया गया। बयान में कहा गया कि इस बात पर जोर दिया गया कि भारतीय उच्चायोग के किसी भी राजनयिक या कर्मचारी को किसी भी तरह से अपने विशेषाधिकारों और स्थिति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। इससे पहले बुधवार को भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक पाकिस्तानी अधिकारी को भारत में उसकी आधिकारिक स्थिति के अनुरूप गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर निष्कासित कर दिया था।

    पिछले सप्ताह भी निकाला था
    एक सप्ताह में यह दूसरा निष्कासन था। 13 मई को भारत ने जासूसी में कथित रूप से संलिप्त होने के आरोप में एक अन्य पाकिस्तानी अधिकारी को निष्कासित कर दिया था। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात एक भारतीय कर्मचारी को भी निष्कासित कर दिया था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई। भारत ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाकर सटीक हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की जवाबी कोशिश की। भारतीय सेना ने इन उकसावे का दृढ़ता और प्रभावी ढंग से जवाब दिया।

  • हाफिज़ सईद के राइट हैंड आमिर हमज़ा पर हमला

    हाफिज़ सईद के राइट हैंड आमिर हमज़ा पर हमला

    नाज़ुक स्थिति में कराया अस्पताल में भर्ती
    नई दिल्ली.
    पाकिस्तान में अब आतंकियों को भी डर के माहौल में रहना पड़ रहा है। इसकी वजह है अज्ञात हमलावर, जो समय-समय पर पाकिस्तान में रह रहे आतंकियों को निशाना बना रहे हैं। एक समय में जो आतंकी खुलेआम घूमा करते थे, भारत के खिलाफ रैलियाँ निकालते थे, अब वो अकेले अपने घरों से बाहर निकलने से भी डरते हैं। आए दिन ही इस तरह के मामले सामने आते हैं जब अज्ञात हमलावर पाकिस्तान में आतंकियों पर हमला करते हैं और अब एक बार फिर ऐसा मामला सामने आया है। इस बार अज्ञात हमलावरों ने पाकिस्तान में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के खूंखार आतंकी पर हमला किया है।

    लश्कर-ए-तैयबा का सह-संस्थापक है
    लश्कर-ए-तैयबा का खूंखार आतंकी और सह-संस्थापक आमिर हमज़ा घायल हो गया है। 66 वर्षीय हमज़ा पर मंगलवार को लाहौर में उसके घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया। हमज़ा को नाज़ुक स्थिति में लाहौर में सेना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

    आईएसआई की निगरानी में चल रहा है इलाज
    जानकारी के अनुसार लाहौर में सेना के अस्पताल में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की निगरानी में हमज़ा का इलाज चल रहा है। अज्ञात हमलावरों के खतरे को देखते हुए आईएसआई ने हमज़ा को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई है, जिससे उस पर अस्पताल में हमला न किया जा सके।

    हाफिज़ सईद का करीबी है हमज़ा
    हमज़ा, भारत के मोस्ट वॉन्टेड दुश्मन और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज़ सईद का करीबी है। वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला से है और इसे अमेरिका ने 2012 में अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित किया था।

  • सेना के स्कूल की बस में आत्मघाती बम धमाका

    सेना के स्कूल की बस में आत्मघाती बम धमाका

    बलूचिस्तान में 4 बच्चों की मौत और 38 घायल
    ख़ुज़दार.
    पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पिछले काफी समय से राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। बलूचिस्तान में बलूच नेता, पाकिस्तानी सरकार और सेना के खिलाफ हैं और अपने प्रांत को पाकिस्तान से आज़ाद कराने के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। बलूच नेता मीर यार बलूच तो प्रांत की आज़ादी का भी ऐलान कर चुका है और भारत समेत दुनियाभर के देशों से बलूचिस्तान को एक आज़ाद देश के तौर पर मान्यता देने की मांग कर रहा है। इसी बीच आज बलूचिस्तान के ख़ुज़दार जिले में एक आत्मघाती बम धमाके का मामला सामने आया है।

    बम से लदी कार ने मारी टक्कर
    बलूचिस्तान प्रांत के ख़ुज़दार जिले में आज, बुधवार, 21 मई को बम से लदी एक कार ने पास से जा रही एक स्कूल बस को जोर की टक्कर मारी। इससे भीषण धमाका हुआ। बस, बच्चों को स्कूल ले जा रही थी। आत्मघाती बम धमाके की वजह से बस पूरी तरह जल गई।

    4 बच्चों की मौत और 38 घायल
    इस आत्मघाती बम धमाके में 4 बच्चों की मौत हो गई और 38 घायल हो गए। घायल बच्चों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। इनमें से कई बच्चों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। ऐसे में मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है।

    सेना के स्कूल की थी बस
    जिस स्कूली बस पर आत्मघाती हमला किया गया, वो सेना के स्कूल की बस थी। ऐसे में सैन्य पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल किसी संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है, पर इसके पीछे बलूच विद्रोहियों का हाथ बताया जा रहा है, जो अक्सर ही इस तरह के हमलों को अंजाम देते हैं।