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  • एम्स में एमबीबीएस छात्र ने फांसी लगाई

    एम्स में एमबीबीएस छात्र ने फांसी लगाई

    कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं
    नागपुर.
    मिहान स्थित एम्स अस्पताल के चरक ब्वॉयज हॉस्टल में एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्र संकेत पंडितराव धाबाडे (23) ने आत्महत्या कर ली। रविवार रात को हॉस्टल के बाथरूम में शॉल से फांसी लगाकर उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। इस घटना ने एक बार फिर मेडिकल छात्रों के बीच बढ़ते मानसिक तनाव और आत्महत्या के भयावह आंकड़ों की ओर ध्यान खींचा है। संकेत के परिवार, जिसमें उनके पिता शिक्षक और बहन डॉक्टर हैं, इस घटना से गहरे सदमे में हैं। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और मामले की जांच जारी है।

    सिस्टम में ही कहीं दोष तो नहीं
    यह घटना कोई अकेली नहीं है। नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा जारी किए गए चौंकाने वाले आंकड़े बताते हैं कि 2025 के शुरुआती सात महीनों में ही देशभर में लगभग 30 मेडिकल छात्रों ने आत्महत्या कर ली है, जो पिछले वर्षों के वार्षिक औसत से दोगुना से भी अधिक है। 2018 से 2022 के बीच कुल 122 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जिसमें से 64 एमबीबीएस के और 58 पीजी के छात्र थे। ये आंकड़े मेडिकल शिक्षा प्रणाली में व्याप्त गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करते हैं।

    पढ़ाई छोड़ने की मजबूरी और भारी जुर्माना
    आत्महत्या के बढ़ते मामलों के साथ-साथ, मेडिकल स्टूडेंट्स द्वारा पढ़ाई छोड़ने की संख्या भी चिंताजनक है। 2018 से 2022 के बीच 1270 छात्रों ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी, जिनमें से 1117 पीजी के छात्र थे। पीजी कोर्स, जिसमें प्रवेश पाना अत्यंत कठिन होता है, उसे बीच में छोड़ने का मुख्य कारण मानसिक दबाव और तनाव है। इसके ऊपर, छात्रों को पढ़ाई छोड़ने पर 10 से 50 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना भी भरना पड़ता है, जो उन्हें और भी गहरे संकट में धकेल देता है। संकेत धाबाडे की मौत एक और अलार्म है, जो सरकार और मेडिकल शिक्षा संस्थानों को जगाने के लिए काफी है। यह समय है कि नियमों का सख्ती से पालन किया जाए और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए।

  • सीएम के इलाके में गंदा पानी

    सीएम के इलाके में गंदा पानी

    लालफीताशाही की दबंगई का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा
    नागपुर.
    विधायक संदीप जोशी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले स्वावलंबी नगर व दीनदयाल नगर परिसर में पिछले कई दिनों से गंदा, बदबूदार व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पानी की आपूर्ति हो रही है। जान-बूझकर इस ओर ध्यान नहीं देने का आरोप उन्होंने मनपा प्रशासन पर लगाया है। मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर अपनी नाराजी भी जाहिर की है।

    अन्य क्षेत्रों की स्थिति का अंदाजा सहज
    यह मुद्दा अत्यंत गंभीर है। यह केवल एक स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि पूरे राज्य में अधिकारियों की लापरवाही और जनता की उपेक्षा का एक स्पष्ट उदाहरण है। अगर मुख्यमंत्री के अपने क्षेत्र में, जहां प्रशासन को सबसे अधिक सतर्क और जवाबदेह होना चाहिए, जनता को 15-20 दिनों तक पीने के लिए अस्वस्थ पानी मिल रहा है, तो इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य के अन्य दूरदराज के क्षेत्रों में स्थिति कितनी बदतर होगी।

    मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता में सबसे नीचे
    यह घटना यह भी दर्शाती है कि प्रशासन और जनता के बीच का संवाद कितना कमजोर हो चुका है। लोगों द्वारा लगातार शिकायतें दर्ज कराने और सोशल मीडिया पर अपनी व्यथा जाहिर करने के बाद भी मनपा प्रशासन का ध्यान न देना, उनकी कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है। यह दिखाता है कि अधिकारियों के लिए जनता की स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं की चिंता शायद उनकी प्राथमिकता सूची में सबसे नीचे है।

    जनहित सर्वोपरी हो
    विधायक जोशी ने मनपा आयुक्त के कार्यालय में जनता के साथ पहुंचने की चेतावनी दी है। यह स्थिति ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विधायक को भी अपने ही क्षेत्र की एक मूलभूत समस्या के समाधान के लिए इस तरह की चेतावनी देनी पड़ रही है। यह संस्थागत लापरवाही की ओर इशारा करता है। अधिकारियों को यह समझना होगा कि उनका पद जनता की सेवा के लिए है, न कि अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ने के लिए। इस घटना से सबक लेते हुए, सरकार को न केवल नागपुर की समस्या का तत्काल समाधान करना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पूरे राज्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो। जनता का स्वास्थ्य और विश्वास किसी भी सरकार के लिए सर्वोपरि होना चाहिए।

  • गार्ड ने मानकापुर उड़ानपुल से लगाई छलांग

    गार्ड ने मानकापुर उड़ानपुल से लगाई छलांग

    जांच में लगी पुलिस को नहीं मिले सुराग
    नागपुर.
    मानकापुर उड़ानपुल से सोमवार की दोपहर सुरक्षा रक्षक ने छलांग लगा दी। उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, कुकरेजा नगर जरीपटका निवासी यशवंत रमेश शाहू (31) ने सोमवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे के दौरान पागलखाना चौक के पास मानकापुर उड़ान पुल से छलांग लगाई। गंभीर रूप से घायल होने के कारण यशवंत की मौत हो गई। वह विवाहित था और एक सुरक्षा एजेंसी में कार्यरत था।

    ऐसी घटनाओं का हल जरूरी
    हालांकि यह कोई अकेली घटना नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में, शहर के विभिन्न फ्लाईओवर से आत्महत्या करने के कई मामले सामने आए हैं। ये संरचनाएं, जो लोगों को उनकी मंजिल तक जल्दी पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं, अब कुछ निराश और हताश लोगों के लिए जीवन समाप्त करने का एक आसान साधन बन गई हैं। फ्लाईओवर केवल सड़कों का विस्तार नहीं हैं, बल्कि वे हमारे समाज की स्वास्थ्य और सुरक्षा की स्थिति का भी प्रतिबिंब हैं। यह समय है कि हम इस समस्या को गंभीरता से लें और इसका समाधान ढूंढें।

    हर पहलू से तफ्तीश अनिवार्य
    मानकापुर थाने के वरिष्ठ निरीक्षक हरीश कलसेकर के अनुसार, जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उसका दोपहिया वाहन, हेलमेट और बैग मौके पर रखा हुआ था। सूचना मिलते ही परिजन भी मौके पर पहुंचे। उनका कहना था कि यशवंत ने आत्मघाती कदम उठाया या उसे क्या परेशानी थी, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में केवल आकस्मिक मृत्यु का प्रकरण दर्ज करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह समझना महत्वपूर्ण है कि कोई भी व्यक्ति बिना किसी गहरे दुख या दबाव के ऐसा कदम नहीं उठाता।

  • स्मार्ट मीटर पर जोर, सरकार के मन में ‘चोर’

    स्मार्ट मीटर पर जोर, सरकार के मन में ‘चोर’

    अनिल देशमुख ने लगाए गंभीर आरोप
    नागपुर.
    महाराष्ट्र में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की प्रक्रिया पर पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि यह मामला केवल तकनीकी बदलाव का नहीं, बल्कि लाखों उपभोक्ताओं के आर्थिक हितों और सरकार के आश्वासनों की विश्वसनीयता से जुड़ा है। देशमुख का यह भी कहना कि कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए स्मार्ट मीटर की सख्ती की जा रही है, लिहाजा पूरी परियोजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

    उदाहरण देकर समझाया
    उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर का मुख्य उद्देश्य बिजली खपत की सटीक गणना करना, चोरी रोकना और उपभोक्ताओं को अपनी खपत पर बेहतर नियंत्रण देना है। लेकिन, जब उपभोक्ताओं को पहले के 2,000 रुपये के बिल की जगह 28,000 रुपये का बिल मिल रहा है, तो यह स्पष्ट है कि कहीं न कहीं गंभीर गड़बड़ी है। ऐसी शिकायतें केवल एक या दो नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर मिल रही हैं। ये अचानक बढ़े हुए बिल नागरिकों पर एक बड़ा वित्तीय बोझ डाल रहे हैं, जिससे उनके कर्ज में डूबने की आशंका बढ़ रही है।

    फडणवीस पर वादाखिलाफी का आरोप
    देशमुख ने कहा कि यह विडंबना है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा चुनाव से पहले खुद स्मार्ट मीटर न लगाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब उनकी सरकार इसे बड़े पैमाने पर लागू कर रही है। यह सीधा-सीधा चुनावी वादे से मुकरने का मामला है। यह सिर्फ एक राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सरकार और जनता के बीच के विश्वास को कमजोर करता है।

    कंपनियों को लाभ देने की नीति
    सरकार को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। महावितरण कंपनी का मार्च 2026 तक पूरे राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य, इन शिकायतों के समाधान के बिना, और भी बड़े संकट को जन्म दे सकता है। सरकार को इन बढ़े हुए बिलों की जांच करनी चाहिए और उन कारणों का पता लगाना चाहिए जो इतनी बड़ी विसंगति पैदा कर रहे हैं। यदि स्मार्ट मीटर वास्तव में दोषपूर्ण हैं, तो उन्हें तुरंत बदला जाना चाहिए। साथ ही, जब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जानी चाहिए। नागरिकों को यह महसूस होना चाहिए कि सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए है, न कि निजी कंपनियों के लाभ के लिए।

  • भाजपा ओबीसी आरक्षण को लेकर गंभीर

    भाजपा ओबीसी आरक्षण को लेकर गंभीर

    पालकमंत्री बावनकुले ने दिखाया विरोधियों को आईना
    नागपुर.
    राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में कहा कि जो लोग ओबीसी आरक्षण का विरोध कर रहे थे, उन्हें करारा झटका लगा होगा। यह एक तरह से विपक्ष को भी स्पष्ट संदेश है कि भाजपा इस मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं है। यह मुद्दा केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह भाजपा की एक बड़ी सामाजिक-राजनीतिक परियोजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह समाज के विभिन्न वर्गों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है।

    चुनावी आधार मजबूत कर रही भाजपा
    ओबीसी आरक्षण का मुद्दा लंबे समय से कानूनी और राजनीतिक जटिलताओं में फंसा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और ट्रिपल टेस्ट की शर्तों ने इस पर अनिश्चितता के बादल मंडरा दिए थे। ऐसे में, बावनकुले का यह आश्वासन उन लाखों लोगों के लिए एक राहत की तरह है जो दशकों से राजनीतिक प्रतिनिधित्व में अपनी हिस्सेदारी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। भाजपा, जो खुद को सामाजिक न्याय की पक्षधर पार्टी के रूप में प्रस्तुत करती है, इस मुद्दे पर स्पष्ट और मजबूत रुख अपनाकर अपने चुनावी आधार को भी मजबूत कर रही है।

    भाजपा की गहरी रणनीति
    भाजपा की यह गंभीरता केवल बयानों तक सीमित नहीं है। पार्टी ने ओबीसी आरक्षण को बहाल करने के लिए कानूनी और प्रशासनिक स्तर पर भी प्रयास किए हैं। ट्रिपल टेस्ट की शर्तों को पूरा करने के लिए जरूरी डेटा एकत्र करने और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाने जैसे कदम इस बात के प्रमाण हैं कि पार्टी इस समस्या का स्थायी समाधान चाहती है। यह एक ऐसी रणनीति है जो न केवल अल्पकालिक चुनावी लाभ देती है, बल्कि एक व्यापक सामाजिक आधार भी तैयार करती है।

    प्रदेश की राजनीति को नई दिशा
    यह ध्यान देने योग्य है कि स्थानीय निकाय चुनाव राज्य के विकास और प्रशासन की रीढ़ होते हैं। इन चुनावों में ओबीसी समुदाय का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना एक समावेशी और सहभागी लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। भाजपा का यह रुख न केवल इस समुदाय को राजनीतिक शक्ति देगा, बल्कि उन्हें मुख्यधारा की राजनीति में और मजबूती से स्थापित करेगा। यह एक ऐसा कदम है जो केवल चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि आने वाले समय में महाराष्ट्र की राजनीतिक और सामाजिक संरचना को भी प्रभावित करेगा। ओबीसी आरक्षण पर भाजपा की गंभीरता, इसलिए, एक सकारात्मक और स्वागतयोग्य कदम है।

  • घृणित कार्य के दोषी चौकीदार को मृत्यु तक उम्रकैद

    घृणित कार्य के दोषी चौकीदार को मृत्यु तक उम्रकैद

    पहले भी अनेक छात्रों के साथ यौनाचार के आरोप
    नागपुर.
    नागपुर के बुटीबोरी स्थित होली क्रॉस इंग्लिश मीडियम हाईस्कूल में हुई भयावह घटना और उस पर आया फैसला न्याय प्रणाली में हमारी आस्था को मजबूत करता है। विशेष एट्रॉसिटी न्यायालय द्वारा चौकीदार होमदेव उत्तम पडोले को सुनाई गई मृत्यु तक उम्रकैद की सजा, ऐसे जघन्य अपराधों के प्रति समाज और कानून की सख्ती को दर्शाती है। यह फैसला उन सभी बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो ऐसे घिनौने कृत्यों का शिकार होते हैं, कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।

    पहले भी तिहरी उम्र कैद की सजा
    बता दें कि बुटीबोरी स्थित होली क्रॉस इंग्लिश मीडियम हाईस्कूल की 7 नाबालिग छात्राओं पर अत्याचार करने वाले चौकीदार को विशेष एट्रॉसिटी न्यायालय नागपुर ने पोक्सो कानून के तहत दोषी करार देते हुए मृत्यु तक उम्रकैद और 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। विशेष न्यायाधीश जे.ए. शेख ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया। इसके पहले भी इसी चौकीदार को छठवीं कक्षा में पढ़ने वाले नाबालिग लड़के के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के मामले में जिला व सत्र न्यायालय नागपुर ने तिहरी उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

    कई बच्चों के साथ घृणित कार्य
    दोषी चौकीदार होमदेव उत्तम पडोले (35), निवासी बामणी, तहसील पवनी, जिला भंडारा निवासी है। पीड़ित विद्यार्थियों के माता-पिता की शिकायत पर होमदेव के साथ संस्था संचालक, छात्रावास की अधीक्षिका, स्कूल की मुख्याध्यापिका और शिक्षिका के खिलाफ बुटीबोरी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। यह घटना 22 दिसंबर 2016 को उजागर हुई थी। होमदेव ने विभिन्न आयु वर्ग के नाबालिग बच्चों के साथ लगातार घृणित कृत्य किए। पीड़ित विद्यार्थियों ने बार-बार होने वाले यौन अत्याचार की शिकायत शिक्षकों और अन्य लोगों से की थी, लेकिन किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। बाद में एक विद्यार्थी ने यह बात अपने पिता को बताई। उन्होंने अधीक्षिका, मुख्याध्यापिका, और संस्था संचालक को सूचित किया और बुटीबोरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।

    पॉक्सों कानून की भी धारा
    कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें और सबूतों को ध्यान में रखते हुए आरोपी चौकीदार होमदेव पडोले को पोक्सो कानून की धारा 4 के तहत उम्र कैद और 10 हजार का जुर्माना, धारा 6 के तहत उम्र कैद और 10 हजार रुपए जुर्माना और धारा 377 के तहत उम्र कैद और 10 हजार का जुर्माना, धारा 8 के तहत 3 साल कैद और 5 हजार का जुर्माना, साथ ही धारा 506 में 1 साल कैद और 5 हजार जुर्माना लगाया था। वहीं, सोमवार को न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2) और फौजदारी प्रक्रिया संहिता की धारा 235 के तहत मृत्यु तक उम्रकैद, धारा 506 के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास और कुल 15,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। इस प्रकार होमदेव को पहले तीन उम्रकैद और अब मृत्यु तक उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

  • फिर हिट एंड रन…नशे में धुत आर्मी अफसर ने दौड़ाई कार, 30 लोगों को मारी टक्कर

    फिर हिट एंड रन…नशे में धुत आर्मी अफसर ने दौड़ाई कार, 30 लोगों को मारी टक्कर

    गुस्साए लोगों ने जमकर पिटाई की
    नागपुर.
    नागपुर में रविवार शाम नशे में धुत एक कार चालक ने अपनी गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और 25 से 30 लोगों को टक्कर मारकर घायल कर दिया। इस हादसे के बाद गुस्साएं लोगों ने चालक की जमकर पिटाई कर दी। अधिकारी ने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी और शराब पीकर ही कार चला रहा था। एक समय बाद उसने कार का नियंत्रण खो दिया और आसपास मौजूद 25-30 लोगों को कार से टक्कर मार दी।

    कार चालक की हुई पहचान
    मिली जानकारी के अनुसार, कार चालक का नाम हर्षपाल महादेव वाघमारे (40) है। जांच पड़ताल करने के बाद इस व्यक्ति की पहचान असम में भारतीय सेना में अधिकारी के तौर पर हुई। सेना अधिकारी असम में कार्यरत है और वह 4 दिन की छुट्टी पर था। हर्षपाल वाघमारे कथित तौर पर शराब के नशे में रात करीब 8:30 बजे नगरधन के दुर्गा चौक होते हुए हमलापुरी जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि वह लापरवाही से गाड़ी चला रहे था और गाड़ी से नियंत्रण खो बैठा। कुछ ही सेकंड में उन्होंने लोगों को टक्कर मार दी, कार पलट गई और एक नाले में गिर गई।

  • रूठा मानसून, अभी नहीं बरसेंगे बादल

    रूठा मानसून, अभी नहीं बरसेंगे बादल

    उमस करने लगी हलाकान
    नागपुर.
    बारिश नहीं होने के कारण अब तापमान में भी बढ़ोतरी होने लगी है। नागपुर का अधिकतम तापमान 34 डिग्री के पार पहुंच गया है। दिन में गर्मी और उमस हालाकान कर रही है। मौसम विभाग ने आगामी 7 अगस्त तक इसी तरह का मौसम रहने के संकेत दिए हैं। उक्त अवधि के दौरान धूप-छांव का खेल चलता रहेगा। हालांकि अधिकतर समय आसमान में बादल छाए रहेंगे। लेकिन अच्छी बारिश नहीं होगी। इक्का-दुक्का इलाकों में बूंदाबांदी होने की संभावना है।

    बदराया मौसम, टपकता रहा पसीना
    सोमवार को सुबह बदराया मौसम रहा, लेकिन दोपहर में धूप खिलने से उमस बढ़ गई। तापमान 32-25 डिग्री के बीच विदर्भ में घूमता रहा। रविवार को भी ऐसी ही स्थिति रही थी। लोग उमस से हलाकान रहे। मौसम विभाग ने रविवार को नागपुर का अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री दर्ज किया था। यह औसत से 3.6 डिग्री अधिक रहा। हालांकि शनिवार की तुलना में रविवार को न्यूनतम तापमान में 1.6 डिग्री की गिरावट आई थी।

    पूरा विदर्भ गर्मी से त्रस्त
    बता दें कि नागपुर समेत पूरे विदर्भ में बारिश नदारद है। विदर्भ के इक्का-दुक्का जिलों को छोड़कर अधिकतर जिलों का तापमान 32 डिग्री के पार पहुंच गया है।

  • नागपुर में बारिश ने 260 सड़कों की सूरत बिगाड़ी

    नागपुर में बारिश ने 260 सड़कों की सूरत बिगाड़ी

    मनपा ने मान लिया, 14.46 करोड़ से करेंगे दुरुस्ती

    नागपुर.

    नागपुर महानगरपालिका (मनपा) ने भारी बारिश से खराब हुई शहर की 260 सड़कों की मरम्मत के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है। इस कार्ययोजना को बारिश खत्म होने और त्योहारों के आने से पहले लागू किया जाएगा। मनपा का हॉट मिक्स प्लांट विभाग इस काम के लिए 14.46 करोड़ रुपये खर्च करेगा।  मनपा ने तीन चरणों में सड़कों की मरम्मत का फैसला किया है। पहले चरण में उन 135 सड़कों को प्राथमिकता दी जाएगी जो 50% से ज्यादा क्षतिग्रस्त हैं। इसके बाद 50% से कम क्षतिग्रस्त 87 सड़कों को दूसरे और बाकी 38 सड़कों को तीसरे चरण में ठीक किया जाएगा।

     

    त्योहारों में चकाचक दिखेंगीं सड़कें

    इस प्रस्ताव में कुल 120 किलोमीटर लंबी सड़कों को शामिल किया गया है। पहले चरण की 135 सड़कों की मरम्मत पर 7.17 करोड़ रुपये खर्च होंगे, दूसरे चरण की 87 सड़कों पर 3.83 करोड़ रुपये और तीसरे चरण की 38 सड़कों पर 3.46 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मरम्मत के लिए लक्ष्मी नगर, धंतोली और मंगलवारी जोन की सड़कों को प्राथमिकता दी गई है। इस पहल से उम्मीद है कि नागरिकों को त्योहारों के दौरान बेहतर सड़कें मिलेंगी और यातायात की समस्या में भी सुधार होगा।

  • अवैध होर्डिंग्स का खेल, बड़ा घालमेल

    अवैध होर्डिंग्स का खेल, बड़ा घालमेल

    राजस्व का हो रहा नुकसान, अधिकारी मौन
    नागपुर.
    नागपुर शहर में अवैध होर्डिंग्स की भरमार है, लेकिन महानगरपालिका (मनपा) का विज्ञापन विभाग इन पर कार्रवाई करने से बच रहा है। जोन कार्यालयों को नोटिस भेजने का दावा तो किया जाता है, लेकिन वहां से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इस कारण मनपा को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।

    संख्या बढ़ रही है, आय नहीं
    मनपा की विज्ञापन नीति के तहत होर्डिंग्स और बैनरों के लिए शुल्क निर्धारित है। बिना अनुमति के होर्डिंग्स लगाने पर पहले तीन महीने में कुल शुल्क का 10% और फिर 25% दंड लगाया जाता है, लेकिन इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है। मनपा के दो दलों ने 650 से अधिक होर्डिंग्स का गहन निरीक्षण भी किया था, लेकिन कार्रवाई के अभाव में अवैध होर्डिंग्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस लापरवाही से न सिर्फ राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि शहर की सुंदरता भी प्रभावित हो रही है और नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में है।

    यह स्थिति विडंबना है
    मनपा ने शहर में 550 कियोस्क विज्ञापन फलक लगाने के लिए एक कंपनी को नियुक्त किया है, जो सालाना 1.75 करोड़ रुपये का भुगतान करती है। इन अधिकृत फलकों पर मनपा का चिन्ह भी लगा हुआ है। लेकिन इन अधिकृत फलकों के अलावा भी शहर में अवैध होर्डिंग्स की कमी नहीं है।