Tag: एकनाथ शिंदे

  • पार्टी नेताओं को शिंदे की वॉर्निंग

    पार्टी नेताओं को शिंदे की वॉर्निंग

    कहा- मुझ पर उंगली उठती है, एक्शन को मजबूर न करें, कायदे में रहें
    मुंबई.
    महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और शिवसेना के बड़े नेता एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी के लोगों को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने पार्टी के मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों को अनुशासन में रहने को कहा है। शिंदे ने कहा कि वह लोग गड़बड़ करते हैं और सुनना उन्हें पड़ता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर वे नहीं माने तो उन्हें कार्रवाई करनी पड़ेगी।

    कम बोलो, काम ज्यादा करो
    एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनसे लोग आप पर नहीं, मुझ पर उंगली उठा रहे हैं। वे मुझसे पूछ रहे हैं कि आपके विधायक क्या कर रहे हैं? आप सब मेरे अपने लोग हैं। हम एक परिवार हैं। आपकी बदनामी मेरी बदनामी है। अपनी ऊर्जा बेकार की बातों में बर्बाद मत करो। कम बोलो, काम ज्यादा करो।’

    ‘अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं’
    शिंदे ने कहा, ‘कुछ मंत्रियों को जनता के विरोध के कारण इस्तीफा देना पड़ा। मुझे अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करना पसंद नहीं है। लेकिन मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर मत करो। मैं आप सभी से अनुशासन और जवाबदेही की उम्मीद करता हूं।’ शिंदे यह साफ कर रहे हैं कि वे किसी भी गलत काम को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर कोई मंत्री या विधायक गलत काम करता है, तो उसे पद से हटाया जा सकता है।

    ‘बॉस की तरह व्यवहार नहीं करता लेकिन…’
    एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा, ‘मैं बॉस की तरह व्यवहार नहीं करता। मुझे गुस्सा नहीं आता। मैं एक कार्यकर्ता की तरह काम करता हूं – और आपको भी ऐसा ही करना चाहिए। अपनी सफलता को अपने सिर पर मत चढ़ने दो। चाहे आप कितने भी ऊंचे पदों पर हों, हमेशा याद रखें, आप सबसे पहले एक कार्यकर्ता हैं।’ शिंदे अपनी पार्टी के लोगों को याद दिला रहे हैं कि वे सभी जनता के सेवक हैं। उन्हें हमेशा विनम्र और जमीन से जुड़े रहना चाहिए।

    ‘हमें बदनाम करने की कोशिश’
    उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने बहुत कम समय में बहुत कुछ हासिल किया है। लोग हमारे साथ हैं – और इसी वजह से कुछ लोग अब हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। सतर्क और सावधान रहें। आने वाला समय हमारी परीक्षा लेगा। सार्वजनिक जीवन में अनुशासन की आवश्यकता होती है। हमें इसे बनाए रखना चाहिए।’

    संजय गायकवाड़ और संजय राठौड़ ने बढ़ाई मुसीबत
    शिंदे की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट और मिट्टी और जल संरक्षण मंत्री संजय राठौड़ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इसके अलावा, शिवसेना की आलोचना तब भी हुई जब बुलढाणा से पार्टी विधायक संजय गायकवाड़ ने विधायक कैंटीन के कर्मचारियों को बासी खाना परोसने के लिए पीटा था।

    एकनाथ शिंदे सेना की खराब हो रही छवि
    शिरसाट पर विपक्ष ने तब हमला बोला जब उनके बेडरूम में नकदी से भरा बैग रखने का एक वीडियो वायरल हो गया। दूसरी ओर, राठौड़ को उनके विभाग में तबादलों के दौरान भारी मात्रा में पैसे के लेन-देन के लिए निशाना बनाया गया है। बागवानी मंत्री भरत गोगावले को भी निशाना बनाया गया, जब एक वायरल वीडियो में उन्हें एक ‘तांत्रिक’ (जादूगर) के साथ कुछ रस्में करते हुए दिखाया गया। इन सभी घटनाओं से शिवसेना की छवि खराब हुई है, और शिंदे इसे सुधारना चाहते हैं।

  • शिंदे को सता रहा बगावत का डर

    शिंदे को सता रहा बगावत का डर

    शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अहम प्रस्ताव
    मुंबई.
    उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को क्या पार्टी में फूट का डर सता रहा है। शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पेश किया गया एक प्रस्ताव इस बात की ओर इशारा करता है। शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बीते दिनों हुई। इसमें कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे गए। इनमें से ‘शिवकोष शिवसेना विश्वस्त संस्था’ की स्थापना का प्रस्ताव सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाला था। दरअसल उद्धव ठाकरे को पार्टी में फूट के कारण बहुत बड़ा नुकसान हुआ। उनके ज्यादातर विधायक और सांसदों ने उनका साथ छोड़ दिया। कई नेता भी शिंदे गुट में चले गए। इसके बाद शिवसेना के कई मध्यवर्ती कार्यालयों और शाखाओं पर शिंदे गुट के नेताओं ने अपना दावा जताया। इससे ठाकरे और भी मुश्किल में आ गए।

    शिंदे ने क्यों उठाया ये कदम?
    एकनाथ शिंदे को अच्छी तरह पता है कि पार्टी में फूट के बाद ठाकरे के हाथ से कई मध्यवर्ती कार्यालय और शाखाएं कैसे निकल गईं? इसलिए अब शिंदे सतर्क होकर कदम उठा रहे हैं। शिवसेना के विधायक, सांसद और नेताओं के अलग होने के बाद स्थानीय स्तर पर पार्टी के कार्यालय और शाखाएं शिंदे गुट के पास चले गए। इन कार्यालयों और शाखाओं पर शिंदे गुट के नेताओं ने दावा किया। जिससे ठाकरे को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।

    किसने रखा प्रस्ताव?
    ठाकरे के साथ जो हुआ, उससे शिंदे ने सबक लिया है। तीन साल पहले जब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार सत्ता में थी। तब शिवसेना के इतिहास की सबसे बड़ी बगावत हुई थी। इस बगावत के बाद उद्धव ठाकरे को राजनीतिक रूप से बहुत नुकसान हुआ। उनके मुख्यमंत्री रहते हुए शिवसेना पार्टी टूट गई। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी में सबसे बड़ी बगावत हुई। इससे ठाकरे सरकार गिर गई। इसके बाद पार्टी और चुनाव चिन्ह भी ठाकरे के हाथ से चले गए। भविष्य में ऐसा न हो, इसलिए शिंदे गुट ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ‘शिवकोष शिवसेना विश्वस्त संस्था’ की स्थापना का प्रस्ताव रखा। पार्टी के कार्याध्यक्ष और विधायक बालाजी किणीकर ने विश्वस्त संस्था की स्थापना का प्रस्ताव पेश किया।

    शिवसेना को क्या होगा फायदा?
    शिवसेना के मध्यवर्ती कार्यालय और शाखाएं अब ‘शिवकोष शिवसेना विश्वस्त संस्था’ के अंतर्गत आएंगे। इनका प्रबंधन विश्वस्त संस्था द्वारा किया जाएगा। पार्टी निधि, जरूरतमंदों को मदद और पार्टी की ओर से आयोजित किए जाने वाले अन्य कार्यक्रमों का आयोजन संस्था द्वारा किया जाएगा। पार्टी द्वारा किए जाने वाले समाजोपयोगी और लोकपयोगी काम भी संस्था द्वारा किए जाएंगे। इसका मतलब है कि पार्टी के सभी महत्वपूर्ण काम और संपत्ति अब इस संस्था के अंतर्गत होगी। इससे भविष्य में किसी भी तरह की फूट से पार्टी को बचाया जा सके। शिंदे गुट अब ठाकरे की तरह नुकसान नहीं उठाना चाहता है।

  • ‘योग’ के बहाने शिंदे ने संयोग को दोहराया

    ‘योग’ के बहाने शिंदे ने संयोग को दोहराया

    कहा- हमने 21 तारीख को ही मैराथन योग किया था
    मुंबई.
    महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को तोड़ने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है। मुंबई में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर शिंदे ने कहा कि हमने 21 तारीख को ही बड़ा योग किया था (शिवसेना का दो गुटों में बंटना), वो मैराथन योग था’। उस योग की शुरुआत मुंबई से हुई और उसी की वजह से 21 जून को महाराष्ट्र में काफी बदलाव आया है।

    योग दिवस के कार्यक्रम में हुए शामिल
    दरअसल, गेटवे ऑफ इंडिया पर योग दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद जब एकनाथ शिंदे से पूछा गया कि 21 जून है और वह 21 जून को ही शिवसेना से अलग हुए थे, तो उन्होंने यह जवाब दिया। शिंदे ने कहा कि हमारी सरकार लोगों के लिए काम कर रही है। देवेंद्र फडणवीस और मैं पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में इस दिशा में काम कर रहे हैं।

    ‘दो फाड़’ तंज को विकास से जोड़ा
    उन्होंने कहा कि आज मुंबई कोस्टल रोड है, अटल सेतु और रुकी पड़ी मेट्रो आगे बढ़ रही है। गौरतलब है कि शिवसेना को तोड़ने लिए उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे और उनके साथ गए नेताओं को ‘गद्दार’ कहते आए हैं। ऐसे में जब मुंबई में अब धीरे-धीरे करीब आठ साल बाद बीएमसी चुनावों की सरगर्मी शुरू हो रही है, तब शिंदे ने शिवसेना के दो फाड़ होने को विकास से जोड़ा दिया है।

    दोनों दलों में तल्ख बयानबाजी
    गौरतलब हो एक 19 जून को शिवसेना के 59वें स्थापना दिवस पर दोनों दलों के बीच काफी तल्ख बयानबाजी सामने आई थी। उद्धव ठाकरे ने नाना पाटेकर की फिल्म प्रहार के अंदाज में अपने विरोधियों को चैलेंज किया था और कहा कम ऑन किल मी, इस पर शिंदे ने कहा था कि मरे हुए को क्या मारना। इतना नहीं शिंदे पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने बड़ा तंज कसा था और कहा था कि शिंदे की शिवसेना का जन्म सूरत यानी गुजरात में हुआ था। ऐसे में उन्हें अमित शाह की तस्वीर लगानी चाहिए। उद्धव ठाकरे गुट शिंदे को चुनौती देते आया है कि अगर उनमें हिम्मत है तो बाल ठाकरे की तस्वीर लगाना बंद करें। शिंदे की तरफ लगातार कहा गया है वह सही में बाल ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ रहा हैं।

  • शिवसेना शिंदे गुट में नियुक्तियों पर घमासान

    शिवसेना शिंदे गुट में नियुक्तियों पर घमासान

    होगी समीक्षा, समिति लेगी निर्णय
    नागपुर.
    शिवसेना में विभाजन के बाद, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के सामने संगठन विस्तार और नियुक्तियों को लेकर कई चुनौतियां और आंतरिक मतभेद सामने आते रहे हैं। शिंदे गुट में ऐसे कई नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए हैं, जो पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना में थे, या भाजपा और अन्य दलों से आए हैं। इन सभी को संगठन में उपयुक्त पद और जिम्मेदारियां देना एक बड़ी चुनौती है। आने वाले चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर भी आंतरिक खींचतान देखने को मिल रही है। हर नेता और उसके समर्थकों की अपनी महत्वाकांक्षाएं होती हैं, जिन्हें पूरा करना मुश्किल होता है।

     

    संतुलन बनाना बड़ी चुनौती
    पार्टी में शामिल हुए नए चेहरों और वर्षों से संगठन के लिए काम कर रहे पुराने कार्यकर्ताओं के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण होता है। यदि पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जाता है, तो उनमें असंतोष पनप सकता है। ऐसे में पार्टी ने फैसला किया है कि नेताओं की नियुक्तियों को लेकर समीक्षा की जाएगी। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के निर्देश पर समिति बनाई गई है। यह समिति जल्द ही नियुक्तियों को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी।

     

    स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर पेचीदगी
    मनपा व जिला परिषद सहित विविध स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनाव की तैयारी के तहत शिवसेना में संगठन पुनर्गठन का कार्य चल रहा है। पार्टी के पूर्व विदर्भ समन्वयक व भंडारा के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने पिछले दिनों नागपुर, चंद्रपुर सहित अन्य जिलों में नियुक्तियां कीं। उनमें से कुछ नामों को लेकर असहमति सामने आई। कहा गया कि पार्टी के ऐसे लोगों को प्रमुख पद दिया जा रहा है, जिनका शिवसेना की विचारधारा से संबंध नहीं है। इस विषय को लेकर पूर्व मंत्री डॉ. दीपक सावंत के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई है। समिति में वित्त राज्यमंत्री आशीष जैस्वाल, विधानपरिषद सदस्य कृपाल तुमाने, विदर्भ संगठक किरण पांडव का समावेश है।

  • उद्धव ठाकरे को फिर झटका

    उद्धव ठाकरे को फिर झटका

    बड़े नेताओं ने एक साथ छोड़ी पार्टी, शिंदे सेना में शामिल
    मुंबई.
    महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय और नगर निकाय चुनाव से पहले उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को बड़ी राजनीतिक ताकत मिली है। मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में पुणे, चंद्रपुर, नंदुरबार, बीड और धाराशिव जिलों से दर्जनों वरिष्ठ नेता और पूर्व नगरसेवकों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

    शिंदे ने जताया काम पर भरोसा
    इस मौके पर शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम हिंदुहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे और धर्मवीर आनंद दिघे के विचारों और विकास की बयार साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। जब मुझे ढाई साल मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का अवसर मिला, तब मैंने राज्य को विकास की ओर ले जाने के साथ-साथ जनहित की योजनाएं भी लागू कीं। जनता ने हमारे काम पर विश्वास जताया और इसका नतीजा यह हुआ कि हमने विधानसभा चुनाव में 80 सीटों पर चुनाव लड़ा और 60 पर जीत हासिल की, जबकि महायुति ने 232 सीटें जीतकर ऐतिहासिक बहुमत प्राप्त किया।

    इसके पहले भी छोड़ा साथ
    इस मौके पर चंद्रपुर जिले के भद्रावती नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष प्रफुल्ल चटकी, साथ में 11 पूर्व नगरसेवकों ने एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना की सदस्यता ली। इनमें पूर्व नगरसेवक सुधीर सातपुते, प्रमोद गेदाम, अनिता गेदाम, राजू सारंगधर, चंद्रकांत खारकर, शोभा पारखी, शीतल गेदाम, प्रतिभा सोनटक्के, आशा निबालकर और प्रदीप वडालकर समेत 11 पूर्व नगरसेवक उपमुख्यमंत्री शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हुए।

    पार्टी की विचारधारा से प्रभावित
    इसी तरह पुणे जिले से कांग्रेस के प्रदेश सचिव सोनाली मारने, नगरसेवक राहुल तुपेरे, कांग्रेस शहर महासचिव किरन मारने, एनसीपी के मंगल पवार और गिरीश जैवल जैसे प्रमुख चेहरों ने भी शिवसेना में प्रवेश किया। वहीँ, बीड विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और उद्धव गुट के लोकसभा संपर्क प्रमुख सुनील धांडे भी शिवसेना में शामिल हो गए। धाराशिव जिले से सोमनाथ गुट्टे, आप्पासाहेब बिराजदार, शंकर चव्हान, नागनाथ कदम, इलाई शेख और शहाजी हाके जैसे नेताओं ने पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर शिवसेना का दामन थामा। नंदुरबार जिले से उद्धव गुट के उपजिल्हा प्रमुख शंकर दर्जी समेत नगरसेवक गणेश वडनेरे, मनोज बोरसे, राहुल टीभे और गोविंद मोरे ने शिवसेना का धनुष-बाण थामा।

    वरोरा नप में भी खेला
    वहीं वरोरा नगरपरिषद के चार पूर्व नगरसेवक प्रणाली मेश्राम, सुषमा भोयर, दिनेश यादव और किशोर टिकले ने भी एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना में प्रवेश किया। साथ ही वरोरा तालुका शिवसेना यूबीटी शहर प्रमुख संदीप मेश्राम, विधानसभा संगठक सुधाकर मिलमिले, करणी सेना महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष श्यामसिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष धरमसिंह ठाकुर, राष्ट्रीय संगठक ठाकुर नेमसिंह सिसौदिया पदाधिकारियों के साथ शिवसेना में शामिल हुए। इस दौरान श्यामसिंह को राजस्थान राज्य का मुख्य समन्वयक नियुक्त करने की औपचारिक घोषणा भी की गई और उन्हें नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। मुंबई में आयोजित प्रवेश कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ मंत्री उदय सामंत, विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोऱ्हे और शिवसेना के सभी प्रमुख नेता व पदाधिकारी उपस्थित थे।

    शिंदे की शिवसेना को मिली मजबूती
    इस सामूहिक प्रवेश ने न केवल शिंदे की शिवसेना के सांगठनिक ढांचे को नई मजबूती दी है, बल्कि आगामी चुनावों में यह दल के लिए एक प्रभावशाली रणनीतिक बढ़त भी साबित हो सकती है। इससे यह भी स्पष्ट है कि राज्य की राजनीति में शिंदे की शिवसेना फिलहाल उद्धव ठाकरे गुट पर भारी पड़ती दिख रही है, जो कि विपक्षी दलों के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

  • पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक 3 की तैयारी शुरू’

    पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक 3 की तैयारी शुरू’

    डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान
    मुंबई.
    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार के अगले कदम का इंतजार है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कड़ी कार्रवाई के संदेश दिए। इस बीच महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष एकनाथ शिंदे ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक 3 की तैयारी शुरू है।

    बड़े एक्शन की तैयारी है
    एकनाथ शिंदे ने कहा कि जो घटना हुई है, वह निंदनीय है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी कड़ी निंदा की है। मोदी ने अब एक्शन लेना शुरू किया है। बड़े एक्शन की तैयारी है। मोदी और अमित शाह जरूर बड़ा कदम उठाएंगे। सर्जिकल स्ट्राइक 3 की तैयारी शुरू है। इसके आगे पाकिस्तान के साथ कोई खेल नहीं होना चाहिए। भारत पाकिस्तान मैच भी नहीं होनी चाहिए। पाकिस्तान की एक भी फिल्म रिलीज नहीं करने देंगे। सभी रिश्ते खत्म होने चाहिए।’ आतंकी हमले के बाद विपक्ष ने सुरक्षा को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। इसपर शिंदे ने कहा, ”जो लोग आलोचना कर रहे हैं, उनके ऊपर अब कुछ नहीं बोलेंगे, यह बात टीका टिप्पणी करने की नहीं है। एक साथ रहने की है।

  • हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़, 11 शिवसैनिक गिरफ्तार

    हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़, 11 शिवसैनिक गिरफ्तार

    -डिप्टी सीएम शिंदे पर की थी टिप्पणी
    मुंबई.
    कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उन्हें ‘गद्दार’ कहा और आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसका वीडियो सामने आने के बाद शिवसैनिक भड़क गए और मुंबई स्थित हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ कर दी, जहां विवादित शो की शूटिंग हुई थी। इस मामले में अब मुंबई पुलिस ने शिवसेना नेता समेत 11 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
    अधिकारियों ने बताया
    अधिकारियों ने बताया कि राहुल कनाल और 19 अन्य के खिलाफ बीती रात हैबिटेट स्टैंडअप कॉमेडी सेट पर तोड़फोड़ करने के आरोप में खार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
    पिक्चर अभी बाकी है
    तोड़फोड़ को लेकर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पर शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल ने कहा, “यह कानून को हाथ में लेने की बात नहीं है। यह पूरी तरह से आपके आत्मसम्मान की बात है। जब बात बुजुर्गों या देश के सम्मानित नागरिकों की आती है… जब आपके बुजुर्गों को निशाना बनाया जाता है, तो आप उस मानसिकता के किसी व्यक्ति को निशाना बनाएंगे… इससे संदेश (कुणाल कामरा के लिए) स्पष्ट है कि ‘अभी तो यह ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है।’ जब भी आप मुंबई में होंगे, आपको शिवसेना स्टाइल में अच्छा सबक सिखाया जाएगा।”
    किसी को भी अपमानित करने का अधिकार नहीं- मंत्री
    वहीँ, कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद पर महाराष्ट्र सरकार के गृह (शहरी) मंत्री योगेश कदम ने कहा कि संविधान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान की है। लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपमान करने का अधिकार नहीं दिया गया है। उन्होंने शिवसैनिकों के तोड़फोड़ पर कहा, “जो भी कार्रवाई जरुरी होगी वह की जाएगी। बता दें कि वायरल वीडियो में कामरा ने सत्तारूढ़ महायुति में शामिल तीनों दलों- बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी का मजाक उड़ाया।
    संजय राउत ने सरकार को घेरा
    कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ कार्रवाई पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। राउत ने कहा, कुणाल कामरा को मैं पहले से जानता हूं। उसने हम पर भी इसी प्रकार से पहले टिप्पणी की है। उन्होंने अगर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है, तो कार्रवाई की जरुरत नहीं है। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है, लेकिन कामरा का ऑफिस और स्टूडियो तोड़ दिया गया। यह गुंडागर्दी है।

  • अगला सांसद कमल का होना चाहिए, शिंदे समूह के नेता के निर्वाचन क्षेत्र में बावनकुले का बयान

    अगला सांसद कमल का होना चाहिए, शिंदे समूह के नेता के निर्वाचन क्षेत्र में बावनकुले का बयान

    बुलढाना : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी ने महाराष्ट्र के लिए मिशन 45 लॉन्च किया है. बीजेपी महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 45 पर बीजेपी उम्मीदवार को जिताने की कोशिश कर रही है. चंद्रशेखर बावनकुले ने बुलढाणा में एक कार्यक्रम में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया। बावनकुले ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बुलढाणा का सांसद कमल होना चाहिए। बुलढाणा लोकसभा क्षेत्र से 2019 का चुनाव शिवसेना के प्रतापराव जाधव ने जीता। जब से प्रतापराव जाधव फिलहाल शिंदे गुट में शामिल हुए हैं, इस बात पर ध्यान खींचा गया है कि उनकी प्रतिक्रिया कैसी होगी.

    चंद्रशेखर बावनकुले ने क्या कहा?

    नरेंद्र मोदी ने 2029 में भारत को विश्व गुरु बनाने का सपना बनाया है। हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम 2020 का विजन पेश करेंगे। नरेंद्र मोदी ने उस विजन को आगे ले जाने का फैसला किया। नरेंद्र मोदी ने 2029 में भारत को विश्व नेता बनाने का फैसला किया है। चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि अगर हमें नरेंद्र मोदी का सपना पूरा करना है तो हमें उनके हाथ मजबूत करने होंगे। बावनकुले ने बताया कि मोदी का हाथ मजबूत करने के लिए बुलढाणा की सांसद कमला को 2024 के लोकसभा चुनाव में देना होगा.

    संजय शिरसात ने आखिरकार मंत्री पद न मिलने पर जताया खेद

    वर्तमान में प्रतापराव जाधव सांसद बुलढाणा

    पिछली बार प्रतापराव जाधव ने शिवसेना से बुलढाणा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। प्रतापराव जाधव ने राकांपा नेता राजेंद्र शिंगाने को हराया। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान वंचित बहुजन अघाड़ी के उम्मीदवारों ने भी भारी संख्या में वोट हासिल किए थे.

    दरगाह में दर्शन किए, फिर नहाने गए तालाब में, पांच भाई-बहनों की डूबने से मौत, नांदेड़…

    शिंदे समूह की क्या भूमिका होगी?

    प्रतापराव जाधव वर्तमान में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समूह में हैं। चर्चाएं चल रही हैं कि केंद्र की मोदी सरकार एकनाथ शिंदे समर्थक सांसदों को केंद्र में दो मंत्री पद देने जा रही है. उस चर्चा में सबसे आगे बुलढाणा के सांसद प्रतापराव जाधव का नाम है। इसलिए शिंदे समूह ने इस बात पर ध्यान देना शुरू कर दिया है कि चंद्रशेखर बावनकुले के बयान पर उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी.

    उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र अभियान की शुरुआत, मुख्यमंत्री के गढ़ में पहली दहाड़

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  • महाराष्ट्र दौरे पर उद्धव ठाकरे शिंदे के किले से शुरू, टेम्बी नाका में बैठक

    महाराष्ट्र दौरे पर उद्धव ठाकरे शिंदे के किले से शुरू, टेम्बी नाका में बैठक

    मुंबई : शिवसेना में भारी गिरावट के बाद पार्टी को बचाने के लिए युवा नेता आदित्य ठाकरे मैदान में उतरे हैं. आदित्य की सभाओं को जहां जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है, वहीं अब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी हामी भर दी है. गणेशोत्सव के बाद उद्धव ठाकरे का महाराष्ट्र दौरा शुरू होगा। आदित्य ठाकरे की ‘निष्ठा यात्रा’ के बाद उद्धव ठाकरे की ‘महाप्रबोधन यात्रा’ शुरू हो गई है। खास बात यह है कि उद्धव ठाकरे की पहली दहाड़ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गढ़ यानी टेम्बी नाका में होगी, जबकि ‘महाप्रबोधन यात्रा’ कोल्हापुर के बिंदु चौक पर खत्म होगी.

    एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना में बड़ा तूफान खड़ा हो गया। ठाकरे परिवार के विश्वासपात्र और ‘मातोश्री’ के वफादार के रूप में जाने जाने वाले, यह वह थे जिन्होंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ एक स्टैंड लिया और खुद को भाजपा के साथ जोड़ लिया, उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया और एक नई सरकार बनाई। राष्ट्रपति चुनाव के बाद अचानक करीब 40 विधायक और 12 सांसदों ने उद्धव ठाकरे को छोड़ दिया। इस बीच, आदित्य ठाकरे ने पार्टी को बचाने के लिए ताकत के साथ मैदान में प्रवेश किया, जबकि उद्धव ठाकरे ने अगस्त में बाद में अपने महाराष्ट्र दौरे की घोषणा की। वर्तमान जानकारी के अनुसार, जैसे ही गणेशोत्सव समाप्त होगा, उद्धव ठाकरे की महाप्रबोधन यात्रा श्री गणेश के रूप में आयोजित की जाएगी।

    जहां से एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को चुनौती दी थी, वहीं उद्धव ठाकरे अपनी पहली बैठक ठाणे के टेम्बी नाका के मैदान में अपने ही गढ़ से करने जा रहे हैं. इस बैठक में शिवसेना के तमाम वरिष्ठ नेता के साथ-साथ पार्टी में नए-नए प्रवेश करने वाले नेता भी उनके साथ होंगे. अब तक उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस, कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों-खासदारों पर तोप चलाई. अब उद्धव ठाकरे बाहरी बैठकों के जरिए और खासकर एकनाथ शिंदे के घरेलू मैदान से सीधे शिंदे को चुनौती देने वाले हैं।

    उद्धव ठाकरे ने गुलाबराव पाताल की जपला के लिए नीलम गोर की प्रशंसा की
    उद्धव ठाकरे की ‘महाप्रबोधन यात्रा’ महाराष्ट्र के सभी 48 लोकसभा क्षेत्रों में जाएगी। उद्धव ठाकरे अपनी बात लोगों के सामने रखेंगे, ठाकरे सरकार ने कोविड के दौर में कैसे काम किया, एकनाथ शिंदे की बगावत तक, जो उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए महाराष्ट्र के लिए किया। आदित्य ठाकरे की निष्ठा यात्रा को जहां पूरे राज्य से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है, वहीं उद्धव ठाकरे ने भी हामी भर दी है. ठाणे से शुरू होकर उद्धव ठाकरे की ‘महाप्रबोधन यात्रा’ कोल्हापुर के बिंदु चौक पर खत्म होगी.

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  • उद्धव ठाकरे: कोर्ट का फैसला जो होगा, मैं न्याय के भगवान में विश्वास करता हूं

    उद्धव ठाकरे: कोर्ट का फैसला जो होगा, मैं न्याय के भगवान में विश्वास करता हूं

    अदालत में जो होगा कल होगा.. मुझे न्याय के देवता पर विश्वास, कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान उद्धव ठाकरे का बयान, चुनाव में जनता देशद्रोहियों को सबक सिखाएगी, ठाकरे का दावा