हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़, 11 शिवसैनिक गिरफ्तार

-डिप्टी सीएम शिंदे पर की थी टिप्पणी
मुंबई.
कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उन्हें ‘गद्दार’ कहा और आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसका वीडियो सामने आने के बाद शिवसैनिक भड़क गए और मुंबई स्थित हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ कर दी, जहां विवादित शो की शूटिंग हुई थी। इस मामले में अब मुंबई पुलिस ने शिवसेना नेता समेत 11 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
अधिकारियों ने बताया
अधिकारियों ने बताया कि राहुल कनाल और 19 अन्य के खिलाफ बीती रात हैबिटेट स्टैंडअप कॉमेडी सेट पर तोड़फोड़ करने के आरोप में खार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
पिक्चर अभी बाकी है
तोड़फोड़ को लेकर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पर शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल ने कहा, “यह कानून को हाथ में लेने की बात नहीं है। यह पूरी तरह से आपके आत्मसम्मान की बात है। जब बात बुजुर्गों या देश के सम्मानित नागरिकों की आती है… जब आपके बुजुर्गों को निशाना बनाया जाता है, तो आप उस मानसिकता के किसी व्यक्ति को निशाना बनाएंगे… इससे संदेश (कुणाल कामरा के लिए) स्पष्ट है कि ‘अभी तो यह ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है।’ जब भी आप मुंबई में होंगे, आपको शिवसेना स्टाइल में अच्छा सबक सिखाया जाएगा।”
किसी को भी अपमानित करने का अधिकार नहीं- मंत्री
वहीँ, कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद पर महाराष्ट्र सरकार के गृह (शहरी) मंत्री योगेश कदम ने कहा कि संविधान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान की है। लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपमान करने का अधिकार नहीं दिया गया है। उन्होंने शिवसैनिकों के तोड़फोड़ पर कहा, “जो भी कार्रवाई जरुरी होगी वह की जाएगी। बता दें कि वायरल वीडियो में कामरा ने सत्तारूढ़ महायुति में शामिल तीनों दलों- बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी का मजाक उड़ाया।
संजय राउत ने सरकार को घेरा
कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ कार्रवाई पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। राउत ने कहा, कुणाल कामरा को मैं पहले से जानता हूं। उसने हम पर भी इसी प्रकार से पहले टिप्पणी की है। उन्होंने अगर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है, तो कार्रवाई की जरुरत नहीं है। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है, लेकिन कामरा का ऑफिस और स्टूडियो तोड़ दिया गया। यह गुंडागर्दी है।

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