Category: महाराष्ट्र

  • कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों को टारगेट मिलेगा

    कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों को टारगेट मिलेगा

    कांग्रेस प्रशिक्षण शिविर में एकजुटता पर जोर
    नागपुर.
    स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी के तहत, कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों को अब जिला स्तर पर संगठन कार्य का टारगेट मिलेगा। पुणे के खड़कवासला में शुरू हुए कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर में पदाधिकारियों को विविध विषयों पर कार्य नियोजन का निर्देश मिला है। प्रशिक्षण शिविर का संचालन प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे और विधान परिषद सदस्य अभिजीत वंजारी ने किया। नागपुर से सहभागी पदाधिकारियों में राजेंद्र मुलक, अतुल कोटेचा, उमाकांत अग्निहोत्री, किशोर कन्हेरे, विशाल मुत्तेमवार, प्रसन्ना तिडके, संजय दुबे, केतन ठाकरे, शकूर नागानी शामिल थे।

    हर विषयों की जानकारी दी गई
    शिविर में पदाधिकारियों को अपने गृह जिले में चुनाव कार्य में योगदान देने का निर्देश दिया गया है। उन्हें यह भी कहा गया है कि चुनाव के समय टीका-टिप्पणी से बचने के साथ ही अधिकार की बात पर अधिक ध्यान देना होगा। प्रशिक्षण शिविर में ओबीसी, जातीय गणना, सामाजिक क्रांति का इतिहास, प्रशासकीय कामकाज और कार्यकर्ता का अधिकार सहित विविध विषयों पर बारीकी से जानकारी दी गई।

    कई मामलों में सचेत रहने के निर्देश
    शिविर में शामिल एक पदाधिकारी के अनुसार, जानकारों से जो टिप्स मिले, उनमें यही कहा गया है कि पार्टी कार्यकर्ताओं को कई मामलों में सचेत रहना होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई बार गैर-राजनीतिक लोगों के नाम पर विविध निराधार जानकारियां साझा की जाती हैं, जो वास्तव में राजनीतिक ही होती हैं। कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया के दुरुपयोग के तंत्र को समझना होगा। यह भी कहा गया कि केवल प्रदर्शन करने और बयानबाजी तक सीमित रहने का लाभ नहीं मिल पाता है। विरोधियों की रणनीति का जवाब तथ्यों और सूझबूझ के साथ देने की तैयारी रहनी चाहिए।

  • जिला महिला अस्पताल में भ्रष्टाचार

    जिला महिला अस्पताल में भ्रष्टाचार

    अधिकारी ही कर रहे हैं कर्मचारियों का शोषण
    अकोला.
    राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में 31 पदों की भर्ती के बाद हुए घोटाले में जिला सर्जन समेत दो वरिष्ठ अधिकारियों के निलंबन से अभी जिला प्रशासन उबरा भी नहीं था कि अब जिला महिला अस्पताल में भ्रष्टाचार के नए मामले सामने आ गए हैं। इस बार आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारी अपनी नियमित सेवाओं और कार्यों के लिए भी अधिकारियों को पैसे देने को मजबूर हैं।

    हेड नर्स ने लगाया आरोप
    यह गंभीर आरोप अस्पताल की एक हेड नर्स ने लगाया है, जिन्होंने शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें बेवजह परेशान किया गया और उनसे पैसे की मांग की गई। शिकायत के अनुसार, एक आदेश को रद्द करने के लिए उनसे 20,000 रुपये मांगे गए, जिसमें से 15,000 रुपये देने के बाद ही आदेश को रद्द किया गया। इस घटना से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप भी वायरल हो रहा है, जो अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों से की जा रही अवैध वसूली की पोल खोलता है।

    बेहद चिंताजनक स्थिति
    अकोला के स्वास्थ्य विभाग में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामले बेहद चिंताजनक हैं। एक तरफ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजना में घोटाला होता है, वहीं दूसरी तरफ अब जिला महिला अस्पताल में कर्मचारियों से ही पैसे ऐंठने की शिकायतें मिल रही हैं। यह स्थिति न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की साख पर बट्टा लगाती है, बल्कि कर्मचारियों का मनोबल भी तोड़ती है। यह दिखाता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। जरूरी है कि इन शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए और तत्काल एक निष्पक्ष जांच बैठाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। सिर्फ निलंबन से काम नहीं चलेगा, बल्कि एक ऐसा तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है, जो इस तरह के घोटालों पर अंकुश लगा सके और कर्मचारियों को भयमुक्त होकर काम करने का माहौल दे सके। स्वास्थ्य सेवा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भ्रष्टाचार का जारी रहना समाज के लिए एक बड़ा खतरा है। प्रशासन को इस पर कठोरता से लगाम कसनी होगी ताकि जनता का स्वास्थ्य सेवाओं पर से भरोसा न उठ जाए।

  • लाडली बहन योजना में फर्जीवाड़े के आरोप

    लाडली बहन योजना में फर्जीवाड़े के आरोप

    26 लाख लाभार्थियों की जांच शुरू
    मुंबई.
    महाराष्ट्र सरकार की महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से शुरू की गई लाडली बहन योजना पर फर्जीवाड़े के आरोप लग रहे हैं। राज्य में इस योजना के करीब 26 लाख लाभार्थियों की जांच शुरू हो गई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, सरकार को संदेह है कि बड़ी संख्या में महिलाओं ने अवैध या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इस योजना का लाभ उठाया है। कुछ मामलों में यह भी सामने आया है कि पुरुषों ने भी इस योजना का लाभ उठाया है, जिससे योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला स्तरीय समितियों को जांच के आदेश दिए हैं। यदि आरोप सही साबित होते हैं तो दोषी लाभार्थियों पर वसूली और योजना से बाहर करने जैसी सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

    विपक्ष ने बोला हमला
    विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर योजना लागू करने में लापरवाही और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह योजना महिलाओं के लिए है, लेकिन अगर पुरुष इसका लाभ उठा रहे हैं तो यह सरकार की नीयत पर सवाल उठाता है। वडेट्टीवार ने यह भी कहा कि कई वास्तविक लाभार्थी महिलाएं जांच के नाम पर परेशान होने से डर रही हैं। यह घटनाक्रम सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है और विपक्ष इसे आगामी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बना सकता है। सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, ताकि जनता का विश्वास बहाल हो सके।

  • कांग्रेस का पुणे में दो दिवसीय शिविर

    कांग्रेस का पुणे में दो दिवसीय शिविर

    खड़गे ऑनलाइन संबोधित करेंगे
    मुंबई.
    महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस ने आगामी स्थानीय चुनावों की तैयारियों के लिए अपनी नई कार्यकारिणी का दो दिवसीय शिविर पुणे के खड़कवासला में आयोजित किया है। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य पार्टी में समन्वय स्थापित करना और पदाधिकारियों को चुनाव की रणनीति से अवगत कराना है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ऑनलाइन के माध्यम से इस शिविर का उद्घाटन करेंगे और पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे। इस शिविर में कांग्रेस कमेटी के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत भी सोशल मीडिया के इस्तेमाल के बारे में जानकारी देंगी।

    बेहतर तालमेल के लिए मिलेगी नई दिशा
    कांग्रेस के लिए यह शिविर बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि पार्टी को राज्य में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। स्थानीय चुनावों में सफलता कांग्रेस के लिए एक नई दिशा तय कर सकती है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्नीथला ने कहा कि इस शिविर का आयोजन स्थानीय चुनावों से पहले पार्टी में बेहतर तालमेल बनाने के लिए किया गया है। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर चर्चा सत्र होंगे, जो पदाधिकारियों को चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार करेंगे। यह शिविर एक तरह से पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरने और उन्हें एकजुट करने का प्रयास है। सोशल मीडिया के उपयोग पर विशेष ध्यान देना यह दर्शाता है कि कांग्रेस भी आधुनिक चुनाव प्रचार की अहमियत को समझ रही है। यह शिविर पार्टी की आगामी रणनीति और दिशा को स्पष्ट करेगा, जिससे वे चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

  • शिवसेना (उद्धव) का सरकार के खिलाफ आंदोलन

    शिवसेना (उद्धव) का सरकार के खिलाफ आंदोलन

    पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन का ऐलान
    मुंबई.
    महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक का एक नया अध्याय शिवसेना (उद्धव) के आंदोलन से शुरू हो रहा है। पार्टी ने राज्य सरकार के कथित भ्रष्ट मंत्रियों और चुनाव आयोग के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और सांसद संजय राऊत ने आरोप लगाया है कि सरकार के कुछ मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। राऊत ने चुनाव आयोग पर भी पक्षपात करने और वोटों की चोरी में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया है। यह आरोप कांग्रेस नेता राहुल गांधी के महाराष्ट्र में वोटों की चोरी के दावे के बाद आया है, जिससे यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है।

    सरनाईक ने आंदोलन पर कसा तंज
    शिवसेना (उद्धव) का यह आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने और जनता का ध्यान अपनी ओर खींचने की एक रणनीति है। वे जनता के बीच यह संदेश देना चाहते हैं कि महायुति सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है और लोकतंत्र खतरे में है। यह आंदोलन आगामी स्थानीय चुनावों से पहले विपक्ष को एक मजबूत मुद्दा दे रहा है। हालांकि, शिवसेना (शिंदे) के नेता और परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इस आंदोलन पर तंज कसते हुए कहा है कि उद्धव ठाकरे गुट के पास मोर्चे निकालने और सरकार को कोसने के अलावा कोई ठोस काम नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसे आंदोलन कर रहे हैं और उनके पास अपने आरोपों के कोई ठोस सबूत नहीं हैं। दोनों पक्षों के बीच चल रही यह जुबानी जंग आने वाले चुनावों में और तेज होने की संभावना है। यह आंदोलन यह भी दर्शाता है कि विपक्ष अभी भी महायुति सरकार को घेरने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, भले ही उनके पास पर्याप्त संख्या बल न हो।

  • भाजपा-शिंदे गुट के बीच कलह

    भाजपा-शिंदे गुट के बीच कलह

    सुभाष येरुणकर ने भाजपा का दामन थाम लिया
    मुंबई.
    मुंबई समेत महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राज्य में महायुति (भाजपा, शिवसेना-शिंदे और एनसीपी-अजित पवार) ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, लेकिन मुंबई में उनके बीच अंदरूनी कलह सामने आ रही है। मागाठाणे के वार्ड नंबर 11 में, शिवसेना (शिंदे) के शाखा प्रमुख सुभाष येरुणकर ने अपने ही विधायक प्रकाश सुर्वे को बड़ा झटका देते हुए भाजपा का दामन थाम लिया। येरुणकर, जो पिछले 20 साल से पार्टी से जुड़े थे और शिवसेना में विभाजन के बाद भी सुर्वे के साथ शिंदे गुट में रहे थे, ने भाजपा नेता प्रवीण दरेकर की मौजूदगी में पार्टी बदल ली।

    महायुति के भीतर सब कुछ ठीक नहीं
    इस घटना से यह साफ होता है कि महायुति के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है। मुंबई महानगरपालिका के चुनाव से पहले यह घटना एक बड़ी चुनौती पेश करती है। प्रवीण दरेकर और प्रकाश सुर्वे के बीच राजनीतिक मतभेद लंबे समय से चले आ रहे हैं, और येरुणकर का भाजपा में शामिल होना इन मतभेदों को और गहरा कर सकता है। यह घटना दर्शाती है कि सीटों के बंटवारे और स्थानीय वर्चस्व को लेकर महायुति के नेताओं में मतभेद हैं। अगर ये मतभेद चुनावों से पहले सुलझाए नहीं गए, तो इसका सीधा फायदा विपक्ष को मिल सकता है।

    महायुति के लिए सबसे बड़ी चुनौती
    महायुति के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे अपने गठबंधन को एकजुट रखे और आपसी कलह को सार्वजनिक न होने दे। इस तरह की घटनाएं भविष्य में और भी देखने को मिल सकती हैं, खासकर उन सीटों पर जहां दोनों दलों के नेताओं का मजबूत आधार है। महायुति के शीर्ष नेतृत्व को इस मामले में हस्तक्षेप कर इन मतभेदों को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए ताकि वे विपक्ष के खिलाफ मजबूत मोर्चा बना सकें। यह घटना एक महत्वपूर्ण संकेत है कि चुनावी मौसम में गठबंधन की राजनीति कितनी जटिल हो सकती है, खासकर जब स्थानीय स्तर पर नेताओं के अपने-अपने हित टकरा रहे हों।

  • विश्व आदिवासी दिनानिमित्त जय बिरसा आदिवासी विकास सोसायटी लाव्हा तर्फे भव्य रॅलीचे आयोजन

    विश्व आदिवासी दिनानिमित्त जय बिरसा आदिवासी विकास सोसायटी लाव्हा तर्फे भव्य रॅलीचे आयोजन

     


    विश्व आदिवासी दिनानिमित्त जय बिरसा आदिवासी विकास सोसायटी लाव्हा तर्फे भव्य रॅलीचे आयोजन

    वाडी लाव्हा – विश्व आदिवासी दिनाच्या औचित्याने जय बिरसा आदिवासी विकास सोसायटी लाव्हा यांच्या वतीने भव्य रॅलीचे आयोजन करण्यात आले. रॅलीची सुरुवात आंबेडकर नगर येथे बाबासाहेब डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या प्रतिमेस माल्यार्पण करून करण्यात आली. त्यानंतर लाव्हा येथे बिरसा मुंडा यांच्या प्रतिमेस माल्यार्पण व ध्वजवंदन सोहळा पार पडला.

    यानंतर सोनबा नगर येथे कुवारा भिवसन पेन यांची पूजा करण्यात आली आणि बिरसा मुंडा यांच्या प्रतिमेस माल्यार्पण करण्यात आले. शेवटी टेकडी वाडी येथे बिरसा मुंडा यांच्या प्रतिमेचे अनावरण करून कार्यक्रमाची सांगता झाली.

    या रॅलीत सुखलाल भलावी, दिनेश उईके, सचिन सलामे, विनोद करनाके, महेश धुर्वे, श्रावण कुळमते, बुधारामजी कोवाचे, वाढवेजी, भोजराजजी पुसाम, रमेश सलामे, कपील पुसाम, सौरभ वरठी, बोरकरजी, धनपालजी मरसकोल्हे, महेशजी कुरसंगे, रेखलाल खंडाते, प्रमोद वरठी, जगदिश मरकाम, मनीश उईके, कठोतेजी, यशोदाबाई मडावी, शारदाताई मर्सकोल्हे, इंदिराताई कुरसंगे, रेखाताई कोडापे, पेंदामताई, दुर्गाताई कुरसंगे, ललीताबाई कोकोंडे, शिलाबाई पुसाम, शोभाबाई सलामे यांच्यासह मोठ्या संख्येने आदिवासी बांधव व भगिनी उपस्थित होते.कार्यक्रमाच्या यशस्वी आयोजनामुळे लाव्हा परिसरात उत्साहाचे वातावरण निर्माण झाले.


     

  • धगधगाने वाला तूफ़ान थमा, पूर्व सूबेदार जगन्नाथजी गवई ने लिया अंतिम विदा

    धगधगाने वाला तूफ़ान थमा, पूर्व सूबेदार जगन्नाथजी गवई ने लिया अंतिम विदा

    धगधगाने वाला तूफ़ान थमा, पूर्व सूबेदार जगन्नाथजी गवई ने लिया अंतिम विदा
    चांदूर रेलवे। (बंडू आठवले )  मिलिंद नगर के पूर्व सूबेदार एवं नगर परिषद के उपाध्यक्ष जगन्नाथजी गवई का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे संघर्ष से उठने वाले, अन्याय के विरुद्ध डटकर खड़े होने वाले, सेवानिवृत्त फौजी और समाजसेवी थे।

    जगन्नाथ गवई के पिता का 1952 में निधन हो गया था। मात्र 19 वर्ष की उम्र में परिवार की ज़िम्मेदारी संभालते हुए उन्होंने अपने मित्र पुंडलिकराव आठवले के साथ 1954 में सेना में भर्ती ली। वहीं से उन्होंने अपनी देश सेवा की शुरुआत की और सूबेदार मेजर के पद तक पहुंचे। 1962 और 1965 के भारत-पाक युद्ध में उन्होंने बहादुरी से हिस्सा लिया। 1972 में सेवानिवृत्त होकर उन्होंने समाज सेवा का नया सफ़र शुरू किया।

    अपने छोटे भाई शेषरावजी गवई के निधन के बाद 1986 में हुए उपचुनाव में वे नगरसेवक चुने गए और लगातार दो बार नगर परिषद के उपाध्यक्ष रहे। नगर परिषद में अपनी बुलंद आवाज़ और आक्रामक कार्यशैली के लिए वे जाने जाते थे। मटन मार्केट का मुद्दा उन्होंने दिल्ली तक उठाया और 10 वर्षों तक नगरसेवक के रूप में जनसेवा की।

    कोरोना काल में उन्होंने अपनी पेंशन से ज़रूरतमंदों को राशन वितरित किया। एक सच्चे फौजी और दानवीर के रूप में उनकी छवि रही। पूर्व पार्षद बंडु  आठवले ने कहा, “मामा हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनका शूरवीर व्यक्तित्व हमेशा याद रहेगा। हम हमेशा उनकी प्रेरणा लेकर उनके विचारो पर चलेंगे.सुभेदार को  NEWS की और से भावपूर्ण श्रद्धांजलि।”

  • महादेवी के लिए लाखों का ‘घर’ बनाएगा वनतारा

    महादेवी के लिए लाखों का ‘घर’ बनाएगा वनतारा

    स्वीमिंग पूल, थेरेपी रूम, रबर की फर्श, कोल्हापुर के नंदनी में ही सब सुविधा
    कोल्हापुर.
    महादेवी विवाद का समाधान सामने आया है। यह समाधान ऐसा है, जिससे कोर्ट के आदेश का पालन भी हो सकेगा और लोगों की धार्मिक भावनाएं भी आहत नहीं होंगी। वनतारा ने मठ के नेतृत्व और जानवरों की भलाई इन सभी के बीच संतुलन बनाने के लिए कोल्हापुर के नंदनी इलाके में ही महादेवी के लिए एक खास पुनर्वास केंद्र बनाने का प्रस्ताव रखा है। नंदनी में महादेवी उर्फ माधुरी के लिए बनाए जाने वाला केंद्र न सिर्फ उसकी चिकित्सीय जरूरतों का ध्यान रखकर बनाया जाएगा। बल्कि कोल्हापुर के लोगों और जैन मठ की उससे भावनात्मक जुड़ाव को भी सम्मान देगा।

    कई खास सुविधाएं होंगी
    कोल्हापुर में प्रस्तावित इस केंद्र में महादेवी के लिए कई खास सुविधाएं होंगी। वनतारा ने बयान में बताया कि सेंटर में हाइड्रोथेरेपी तालाब, तैराकी के लिए जगह, लेज़र थेरेपी रूम, और 24×7 वेटरनरी क्लिनिक होगा। इसके अलावा वहां एक कवर किया हुआ नाइट शेल्टर, चेन-फ्री ओपन एरिया, रेत का गड्ढा, रबर की फर्श और मुलायम रेत के टीले भी होंगे, जो महादेवी को आर्थराइटिस और पैर की बीमारियों से उबरने में मदद करेंगे। ये सब सुविधाएं उसकी सेहत, आराम और गरिमा को ध्यान में रखकर बनाई जाएंगी।

    खास होगा सेंटर
    वनतारा ने अपने बयान में कहा कि कोल्हापुर में जो केंद्र बनाया जाएगा, वह स्पेशल होगा। यह भारत में पहली बार इस तरह का बनाया जाने वाला केंद्र होगा। बयान में कहा गया है कि वनतारा परंपरा के सम्मान के साथ-साथ वैज्ञानिक देखभाल और संवेदनशीलता को भी महत्व देता है। यह केंद्र जैन मठ, महाराष्ट्र सरकार और हाई-पावर कमेटी की सलाह से और अंतरराष्ट्रीय स्तर की हाथी देखभाल के मानकों के अनुसार बनाया जाएगा।

    वनतारा ने यह कहा
    अनंत अंबानी की वनतारा टीम यह दिखा रही है कि भावनात्मक जुड़ाव, आधुनिक चिकित्सा और मिलकर काम करने का तरीका सब एक साथ आकर जानवरों की भलाई के लिए बेहतरीन समाधान दे सकते हैं। यह योजना महादेवी की सेहत और आराम को प्राथमिकता देगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगी है कि वह अपनी प्रिय जनता के पास ही रह सके। इस पुनर्वास केंद्र के लिए ज़मीन को वनतारा, जैन मठ और महाराष्ट्र सरकार मिलकर तय करेंगे। जमीन और बाकी जरूरी मंज़ूरी मिलते ही वनतारा की एक्सपर्ट टीम काम शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

  • धर्म बनाम मनोरंजन, यह लड़ाई अरबों की है

    धर्म बनाम मनोरंजन, यह लड़ाई अरबों की है

    अनिरुद्धाचार्य महाराज ने बॉलीवुड पर लगाए गंभीर आरोप

    मुंबई.

    प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने भारतीय सिनेमा पर गंभीर आरोप लगाकर एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने दावा किया है कि बॉलीवुड ने पिछले 80 सालों में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को मुगलों और अंग्रेजों से भी ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। उनके इस बयान ने समाज के विभिन्न वर्गों में एक नई बहस छेड़ दी है। महाराज का कहना है कि बॉलीवुड की फिल्में और सीरियल गलत संदेश फैला रहे हैं, जिसका युवाओं पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि फिल्मों के प्रभाव में आकर लड़कियां ऐसे कपड़े पहन रही हैं जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं, और इसका सीधा असर हमारे पारिवारिक मूल्यों पर पड़ रहा है। उन्होंने पुरुषों के ‘निर्वस्त्र’ होने को भी गलत बताया।

     

    बड़ा कारोबार दांव पर  

    इस विवाद को लेकर बवाल होना तय है, क्योंकि इसमें भारतीय फिल्म उद्योग का बड़ा कारोबार दांव पर है। 2023 में भारतीय सिनेमा ने बॉक्स ऑफिस पर ₹6,900 करोड़ से अधिक की कमाई की थी, और यह उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। इतने बड़े कारोबार में पहनावे और कंटेंट का अहम रोल है, जिसे सीधे तौर पर चुनौती देना आसान नहीं है। महाराज के बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, कुछ लोग उनके विचारों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे अतिशयोक्तिपूर्ण बता रहे हैं।