Category: महाराष्ट्र

  • पार्टी नेताओं को शिंदे की वॉर्निंग

    पार्टी नेताओं को शिंदे की वॉर्निंग

    कहा- मुझ पर उंगली उठती है, एक्शन को मजबूर न करें, कायदे में रहें
    मुंबई.
    महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और शिवसेना के बड़े नेता एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी के लोगों को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने पार्टी के मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों को अनुशासन में रहने को कहा है। शिंदे ने कहा कि वह लोग गड़बड़ करते हैं और सुनना उन्हें पड़ता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर वे नहीं माने तो उन्हें कार्रवाई करनी पड़ेगी।

    कम बोलो, काम ज्यादा करो
    एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनसे लोग आप पर नहीं, मुझ पर उंगली उठा रहे हैं। वे मुझसे पूछ रहे हैं कि आपके विधायक क्या कर रहे हैं? आप सब मेरे अपने लोग हैं। हम एक परिवार हैं। आपकी बदनामी मेरी बदनामी है। अपनी ऊर्जा बेकार की बातों में बर्बाद मत करो। कम बोलो, काम ज्यादा करो।’

    ‘अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं’
    शिंदे ने कहा, ‘कुछ मंत्रियों को जनता के विरोध के कारण इस्तीफा देना पड़ा। मुझे अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करना पसंद नहीं है। लेकिन मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर मत करो। मैं आप सभी से अनुशासन और जवाबदेही की उम्मीद करता हूं।’ शिंदे यह साफ कर रहे हैं कि वे किसी भी गलत काम को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर कोई मंत्री या विधायक गलत काम करता है, तो उसे पद से हटाया जा सकता है।

    ‘बॉस की तरह व्यवहार नहीं करता लेकिन…’
    एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा, ‘मैं बॉस की तरह व्यवहार नहीं करता। मुझे गुस्सा नहीं आता। मैं एक कार्यकर्ता की तरह काम करता हूं – और आपको भी ऐसा ही करना चाहिए। अपनी सफलता को अपने सिर पर मत चढ़ने दो। चाहे आप कितने भी ऊंचे पदों पर हों, हमेशा याद रखें, आप सबसे पहले एक कार्यकर्ता हैं।’ शिंदे अपनी पार्टी के लोगों को याद दिला रहे हैं कि वे सभी जनता के सेवक हैं। उन्हें हमेशा विनम्र और जमीन से जुड़े रहना चाहिए।

    ‘हमें बदनाम करने की कोशिश’
    उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने बहुत कम समय में बहुत कुछ हासिल किया है। लोग हमारे साथ हैं – और इसी वजह से कुछ लोग अब हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। सतर्क और सावधान रहें। आने वाला समय हमारी परीक्षा लेगा। सार्वजनिक जीवन में अनुशासन की आवश्यकता होती है। हमें इसे बनाए रखना चाहिए।’

    संजय गायकवाड़ और संजय राठौड़ ने बढ़ाई मुसीबत
    शिंदे की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट और मिट्टी और जल संरक्षण मंत्री संजय राठौड़ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इसके अलावा, शिवसेना की आलोचना तब भी हुई जब बुलढाणा से पार्टी विधायक संजय गायकवाड़ ने विधायक कैंटीन के कर्मचारियों को बासी खाना परोसने के लिए पीटा था।

    एकनाथ शिंदे सेना की खराब हो रही छवि
    शिरसाट पर विपक्ष ने तब हमला बोला जब उनके बेडरूम में नकदी से भरा बैग रखने का एक वीडियो वायरल हो गया। दूसरी ओर, राठौड़ को उनके विभाग में तबादलों के दौरान भारी मात्रा में पैसे के लेन-देन के लिए निशाना बनाया गया है। बागवानी मंत्री भरत गोगावले को भी निशाना बनाया गया, जब एक वायरल वीडियो में उन्हें एक ‘तांत्रिक’ (जादूगर) के साथ कुछ रस्में करते हुए दिखाया गया। इन सभी घटनाओं से शिवसेना की छवि खराब हुई है, और शिंदे इसे सुधारना चाहते हैं।

  • दोस्त की पत्नी का यौन उत्पीड़न

    दोस्त की पत्नी का यौन उत्पीड़न

    पुलिसकर्मी ने किया विश्वासघात
    नागपुर.
    महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक पुलिस कांस्टेबल की पत्नी के यौन उत्पीड़न के आरोप में मुंबई पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। आरोपी और पीड़ित महिला का पति बचपन के दोस्त हैं, लेकिन इस भरोसे के रिश्ते को पुलिस सब-इंस्पेक्ट ने शर्मसार कर दिया। यह घटना बचपन की दोस्ती और भरोसे पर एक गहरा आघात है।

    बचपन की दोस्ती को किया शर्मसार
    कोंढाली पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, आरोपी पीएसआई ने फरवरी में एक पारिवारिक पिकनिक के दौरान नागपुर के पास एक रिसॉर्ट में महिला का यौन उत्पीड़न किया। यह घटना एक सुखद पारिवारिक आयोजन को भयावह अनुभव में बदल गई। सिर्फ यही नहीं, आरोपी की हिम्मत इतनी बढ़ गई कि उसने 13 मई को नागपुर जिले के हिंगना इलाके स्थित पीड़िता के घर पर भी फिर से वही घिनौनी हरकत की। पीड़िता और उसका पति मूल रूप से गड़चिरोली जिले के निवासी हैं।

    डर से खामोश रही
    शुरुआत में, पीड़िता ने समाज में बदनामी और अपने परिवार की प्रतिष्ठा को लेकर डर के मारे किसी को कुछ नहीं बताया। यह सामाजिक दबाव और बदनामी का डर अक्सर यौन उत्पीड़न के मामलों में पीड़ितों को चुप करा देता है। हालांकि, हाल ही में पीड़िता ने साहस दिखाते हुए अपने पति को पूरी घटना के बारे में बताया। पति-पत्नी दोनों ने मिलकर इस अन्याय के खिलाफ खड़े होने का फैसला किया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

    मामले की जांच जारी
    पुलिस ने आरोपी पीएसआई के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। आरोपी वर्तमान में मुंबई के विनोबा भावे नगर थाने में तैनात है। आरोपी सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम को मुंबई भेजा गया है। इस त्वरित कार्रवाई से यह सुनिश्चित होने की उम्मीद है कि आरोपी को जल्द ही कानून के दायरे में लाया जाएगा। मामले की जांच जारी है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह घटना पुलिस बल के भीतर भी नैतिकता और भरोसे के मुद्दों पर सवाल उठाती है। यह उन सभी महिलाओं के लिए एक चेतावनी भी है कि वे ऐसे मामलों में चुप न रहें और न्याय के लिए आगे आएं।

  • राज ठाकरे मराठी के नाम पर नफरत फैला रहे, रासुका लगे

    राज ठाकरे मराठी के नाम पर नफरत फैला रहे, रासुका लगे

    हाईकोर्ट के वकीलों ने मनसे चीफ के खिलाफ खोला मोर्चा
    मुंबई
    मराठी बनाम हिंदी भाषा का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र स्थानीय चुनाव से पहले भाषा को लेकर छिड़े इस विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के खिलाफ रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग उठी है। मुंबई के वर्ली डोम में 5 जुलाई को हुई ठाकरे भाईयों- उद्धव और राज की संयुक्त जनसभा में भड़काऊ और उत्तेजक भाषण देने के आरोप लगाए गए हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट के तीन अधिवक्ताओं पंकज कुमार मिश्रा, नित्यानंद शर्मा और आशीष राय ने राज ठाकरे के खिलाफ महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत भेजी है।

    शिकायत में यह आरोप
    शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि राज ठाकरे के भाषण के बाद मनसे कार्यकर्ता हिंदी भाषी लोगों के प्रति आक्रामक हो गए हैं। महाराष्ट्र के कई हिस्सों में अन्य राज्यों से आए नागरिकों के साथ मराठी न बोलने पर गाली-गलौज, धमकियां और मारपीट जैसी घटनाएं सामने आई हैं। इससे राज्य की सामाजिक शांति और कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो गया है।

    नफरत फैलाने वाले बयान
    शिकायत में यह भी कहा गया है कि राज ठाकरे ने अपने भाषण में अन्य राज्यों के लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले बयान दिए, जिससे मनसे कार्यकर्ता उत्तेजित होकर मराठी नहीं बोलने वालों से मारपीट कर रहें है। इस प्रकार की कार्रवाई को भारतीय संविधान के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए, शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि राज ठाकरे के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर कड़ी कार्रवाई की जाए।

    यह संविधान के खिलाफ
    तीनों वकीलों ने अपनी शिकायत में कहा कि मराठी महाराष्ट्र की प्रादेशिक भाषा है और मराठी भाषा का सम्मान करना हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है। लेकिन हाल के कुछ दिनों में मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा अन्य राज्यों से आए नागरिकों के साथ भाषा के मुद्दे पर अत्याचार, मारपीट और सार्वजनिक रूप से अपमान की कई घटनाएं सामने आई हैं। यह एक गंभीर मामला है, जो संविधान के खिलाफ है।

    यह कहा था राज ठाकरे ने
    वर्ली डोम में हुए ‘आवाज मराठीचा’ सभा में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में राज ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं से कहा था कि अगर किसी को मराठी नहीं बोलने के लिए पीटते हो तो उसका वीडियो मत बनाओ। राज ठाकरे ने कहा था, “यहां चाहे गुजराती हो या कोई और, उसे मराठी आनी ही चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की कोई जरूरत नहीं है। फिर भी अगर कोई ड्रामा करे तो कान के नीचे लगाओ, लेकिन वीडियो बना कर प्रचार मत करो।“

    विरार में उत्तर भारतीय से मारपीट
    हाल ही में महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में एक उत्तर भारतीय ऑटो चालक के साथ कथित रूप से मराठी न बोलने पर मनसे और शिवसेना (उद्धव गुट) के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे भाषा के नाम पर की जा रही हिंसा को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। लोगों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि इस मामले में अब तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है, इसलिए अभी मामला दर्ज नहीं किया गया है।

  • आईसीयू में ही डॉक्टर को बेरहमी से पीटा

    आईसीयू में ही डॉक्टर को बेरहमी से पीटा

    दबंगई के चक्कर में मनसे नेता ने लांघी मर्यादा
    मुंबई.
    महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के जिला अध्यक्ष लक्ष्मण जाधव का एक शर्मनाक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मनसे नेता नशे की हालत में एक निजी अस्पताल के आईसीयू में जबरन घुसकर डॉक्टर के साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैं। यह घटना मेहकर स्थित गाभने हॉस्पिटल की बताई जा रही है।

    रिश्तेदार का इलाज चल रहा था
    मिली जानकारी के अनुसार, मनसे नेता लक्ष्मण जाधव अपने कुछ दोस्तों के साथ रात तीन बजे के करीब अस्पताल पहुंचे, जहां उनके एक रिश्तेदार का इलाज आईसीयू में चल रहा था। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने नियमों का हवाला देकर जाधव को बताया कि इतनी रात में एक बार में एक ही व्यक्ति को मिलने की अनुमति है, ताकि मरीजों को आराम करने में कोई परेशानी न हो। इस पर जाधव भड़क गए और दबंगई दिखाते हुए अपने साथ आये सभी लोगों को एक साथ आईसीयू में जाने देने की जिद करने लगे।

    आपा खो बैठे नेता
    इसके बावजूद जब डॉक्टर ने मना किया, तो मनसे नेता ने आपा खो दिया और वहां मौजूद जूनियर डॉक्टर और स्टाफ से मारपीट शुरू कर दी। यह पूरी घटना अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने मेहकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और जाधव के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

  • 4 बम से 3 बजे उड़ जाएगा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज

    4 बम से 3 बजे उड़ जाएगा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज

    ई-मेल से मचा हड़कंप, बढ़ाई गई सुरक्षा
    मुंबई.
    देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को एक धमकी भरा ईमेल मिलने से सोमवार को अफरा-तफरी मच गई। ईमेल में दावा किया गया था कि बीएसई टावर में 4 आरडीएक्स आईईडी बम लगाए गए है, जो दोपहर 3 बजे ब्लास्ट होंगे और उड़ जाएगा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज। धमकी की जानकारी मिलते ही पुलिस और बम निरोधक दस्ता तुरंत मौके पर पहुंचा, लेकिन जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।

    कोई विस्फोटक बरामद नहीं
    मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने बताया की धमकी भरा यह ईमेल मुंबई शेयर बाजार को ‘कॉमरेड पिनाराई विजयन नामक आईडी से भेजा गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की सुरक्षा बढ़ा दी और पूरे परिसर की सघन जांच की। हालांकि मौके से कोई विस्फोटक बरामद नहीं हुआ है। इस घटना के संबंध में माता रमाबाई आंबेडकर मार्ग पुलिस थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 351(1)(b), 353(2), 351(3), और 351(4) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि जांच जारी है और ईमेल भेजने वाले की पहचान की जा रही है।

    लोगों से अपील-सतर्क रहें
    मुंबई शहर में इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित संस्थानों को बम धमाके की धमकियां मिल चुकी हैं। ऐसे मामलों को मुंबई पुलिस हमेशा गंभीरता से लेती है और किसी भी संभावित खतरे को टालने के लिए तत्परता से जरूरी कदम उठाती है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।

    सेंट स्टीफंस कॉलेज को भी मिली धमकी
    वहीं, दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज को मंगलवार को एक ईमेल भेजकर बम धमाके की धमकी दी गई, जिससे कॉलेज परिसर में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही आपातकालीन सेवाएं तुरंत सक्रिय हो गईं और दिल्ली पुलिस ने पूरे कॉलेज परिसर में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। अधिकारियों के अनुसार, मौके पर बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वॉड और अग्निशमन विभाग की टीमों ने पहुंचकर परिसर की गहन जांच की। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और आगे की जांच जारी है।

  • एक्टर धीरज कुमार का निधन

    एक्टर धीरज कुमार का निधन

    काफी दिनों से वेंटिलेटर पर थे
    मुंबई.
    प्रोड्यूसर डायरेक्टर और एक्टर धीरज कुमार का निधन हो गया है। उन्होंने 79 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। एक्टर निमोनिया से जूझ रहे थे। उन्हें गंभीर हालत में कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बीते दिन सोमवार को उनकी हालत बेहद खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।

    श्रद्धांजलि देने वाला का तांता
    इसके पहले धीरज कुमार के परिवार और प्रोडक्शन टीम ने एक बयान भी जारी किया था। उन्होंने कहा था कि धीरज कुमार डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में हैं और उनका इलाज चल रहा है। परिवार उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहा है और सभी से अनुरोध करता है कि इस कठिन समय में उनकी निजता बनाए रखें। अब इसके बाद बड़ी खबर आई है कि एक्टर धीरज कुमार अपने परिवार और फैंस को छोड़कर भगवान के पास चले गए हैं। उनके निधन से सोशल मीडिया पर लोग कमेंट कर रहे हैं और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

    अभी परिवार की प्रतिक्रिया नहीं
    बताया जा रहा है कि धीरज कुमार तबीयत बिगड़ने से पहले इस्कॉन मंदिर गए थे, जहां उन्होंने दर्शन किए थे। इसके बाद ही उनकी सेहत अचानक बिगड़ गई और उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने मंगलवार को दम तोड़ दिया। दिग्गज एक्टर-प्रोड्यूसर के निधन से इंडस्ट्री में शौक की लहर दौड़ गई है। उनके निधन के बाद अब कई कलाकारों की तरफ से संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं। हालांकि अभी तक उनके परिवार की तरफ से इस मामले पर कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है। ना ही परिवार की तरफ से इस पर कुछ भी कहा गया है।

    कई फिल्मों में किया है काम
    बता दें, धीरज कुमार ने फिल्मों में काम करने के साथ-साथ कई मूवी और टीवी सीरियलों को प्रोड्यूस भी कर चुके है। उन्होंने 1965 में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखा था। उन्होंने पंजाबी फिल्मों के साथ बॉलीवुड की कई मूवीज में काम किया है। उन्होंने 1970 से 1984 के बीच करीब 21 पंजाबी फिल्मों में किया है. फिर उन्होंने खुद की प्रोडक्शन कंपनी क्रिएटिव आई के नाम से खोली, जिसे वे चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बने।

    टीवी के कई शो कर चुके हैं डायरेक्ट
    फिल्मों की बात करें तो उन्होंने दीदार, रातों का राजा, बहारों फूल बरसाओ, हीरा पन्ना, शराफत छोड़ दी मैंने, रोटी कपड़ा और मकान, सरगम, मांग भरो सजना, क्रांति, पुराना मंदिर, कमर युद्ध, बेपनाह, स्वामी जैसी कई फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्होंने प्रोडक्शन हाउस क्रिएटिव आई के बैनर तले कई टीवी सीरियलों का निर्माण भी किया। उन्होंने ‘कहां गए वो लोग’, ‘अदालत’, ‘संसार’, ‘धूप छांव’, ‘श्री गणेश’, ‘सच’, ‘जाने अनजाने’, ‘क्या मुझसे दोस्ती करोगे’, ‘मिली’, ‘घर की लक्ष्मी बेटियां’, ‘मन में है विश्वास’, ‘मायका’, ‘ये प्यार ना होगा कम’ सहित कई शोज प्रोड्यूज और डायरेक्ट किए हैं।

  •  संविधान खत्म कर रही भाजपा

     संविधान खत्म कर रही भाजपा

    कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने केंद्र सरकार को घेरा

    मुंबई.

    राज्यसभा सांसद और माइनॉरिटी डिपार्टमेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के बनाए संविधान को खत्म कर रही है, जो आने वाले समय के लिए घातक होगा। उन्होंने केंद्र में बीजेपी के तानाशाही रवैये पर भी सवाल उठाए।

     

    हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने का आरोप

    प्रतापगढ़ी ने कहा कि केंद्र सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है और बाबासाहब भीमराव आंबेडकर के लिखे हुए संविधान को खत्म कर रही है। उन्होंने भारत को एक शांतिप्रिय देश बताया, जहां सभी जात, सभी मजहब के लोग गंगा जमुनी तहजीब को फॉलो करते हुए एक दूसरे के दुख दर्द और त्योहारों में शरीक होते हैं, लेकिन यह सरकार हिंदू-मुस्लिम को एक दूसरे से लड़ा रही है।

     

    मामूली चुनाव नहीं बीएमसी

    दक्षिण मुंबई कांग्रेस को संबोधित करते हुए, जिसमें मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़, विधायक असलम शेख, अमीन पटेल सहित तमाम लोग मौजूद थे, प्रतापगढ़ी ने कहा कि आने वाला बीएमसी का चुनाव सभी के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव कोई मामूली चुनाव नहीं है। उन्होंने मौजूदा भाषा विवाद पर बीजेपी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से जवाब मांगा, क्योंकि वे गृह मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि अगर सभी मिलकर काम करेंगे तो निश्चित रूप से पार्टी मजबूत होगी।

  • अवैध ‘तानिष्का रेजिडेंसी’ पर चला बुलडोजर

    अवैध ‘तानिष्का रेजिडेंसी’ पर चला बुलडोजर

    भारत रत्न डॉ. आंबेडकर के वारिसों की जमीन पर बन रही थी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग
    मुंबई.
    महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विधानसभा में एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कल्याण में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के वारिस यशवंत भीमराव आंबेडकर की जमीन पर एक अवैध इमारत ‘तानिष्का रेजिडेंसी’ बन गई थी। यह जमीन अभी प्रकाश आंबेडकर और अन्य लोगों के नाम पर दर्ज है। इस मामले पर कई विधायकों ने सवाल उठाए थे, जिनमें असलम शेख, विजय वडेट्टीवार, नाना पटोले और विश्वजीत कदम जैसे नाम शामिल थे।

    अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ
    बावनकुले ने माना कि कल्याण डोंबिवली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने लगभग 3200 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध निर्माण की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब हुआ। मंत्री ने बताया कि इस जमीन पर 72 फ्लैट और 8 दुकानें बनाने की इजाजत दी गई थी, लेकिन राजस्व विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पूरे निर्माण को ध्वस्त कर दिया। अब यह खाली जमीन आंबेडकर परिवार को वापस सौंप दी गई है। बावनकुले ने कहा, ‘मैंने इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को दी है। हम उन अधिकारियों के खिलाफ जांच करेंगे जिन्होंने इस अवैध निर्माण में मदद की।’ उन्होंने यह भी बताया कि 2023 में ही इस इमारत को अवैध घोषित कर दिया गया था, और जून 2025 में इसे पूरी तरह से तोड़ दिया गया।

    दी पूरी जानकारी
    बावनकुले ने विधानसभा में बताया कि म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को एक शिकायत मिली थी, जिसमें कहा गया था कि ललित महाजन और अन्य लोग कल्याण में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के वारिस यशवंत भीमराव आंबेडकर की जमीन पर ‘तानिष्का रेजिडेंसी’ नाम की एक इमारत बना रहे हैं। इसके बाद, 10 फरवरी 2023 को महाराष्ट्र म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 260 और 267 (1) के तहत एक नोटिस जारी किया गया। 17 फरवरी 2023 को एक सुनवाई रखी गई, लेकिन डेवलपर्स इमारत के बारे में कोई भी जरूरी कागज नहीं दिखा पाए। इसलिए म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने इमारत को अवैध घोषित कर दिया।

    वारिसों के नाम पर ही दर्ज है संपत्ति
    बावनकुले ने बताया कि 20 मई 2025 से 13 जून 2025 तक कल्याण डोंबिवली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने इस अवैध तानिष्का रेजिडेंसी को पूरी तरह से तोड़ दिया। जमीन अभी भी प्रकाश यशवंत आंबेडकर और यशवंत भीमराव आंबेडकर के अन्य वारिसों के नाम पर दर्ज है। इस संपत्ति का कोई भी ट्रांसफर नहीं हुआ है और न ही किसी तीसरे पक्ष का नाम दर्ज किया गया है। यह जमीन डॉ. आंबेडकर के परिवार की थी और इसे धोखे से हड़प लिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विधायक असलम शेख ने कहा कि जो लोग इस अवैध इमारत को बनाने में शामिल थे, उन पर एमपीडीए के तहत मामला दर्ज होना चाहिए।

  • निरहुआ के बाद पवन सिंह ने दिया चैलेंज

    निरहुआ के बाद पवन सिंह ने दिया चैलेंज

    हिंदी-मराठी भाषा विवाद में कूदे अभिनेता
    मुंबई.
    महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मीरा रोड के बाद अब पालघर वसई विरार में ऑटो चालक के साथ मारपीट की घटना के बीच भोजपुरी सुपर स्टार पवन सिंह ने कहा है कि वह मराठी नहीं बोलेंगे, तो वहीं दूसरी ओर मराठी फिल्मों के अभिनेता सुबोध भावे का भी इस पूरे विवाद पर एक बयान सामने आया है। इसमें उन्होंने कहा है कि हिंदी…हिंदी मत करिए, महाराष्ट्र में आकर हमें मत सिखाइए कि हम मराठी नहीं बोलेंगे।

    अभिनेता सुबोध भावे का पलटवार
    भावे ने कहा कि वे जब यूपी जाएंगे तो हिंदी में बात करेंगे, क्योंकि वहां के लोगों को हिंदी समझ में आती है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में आकर मराठी नहीं बोलने की बात कहना भाषा का अपमान है। गौरतलब हो कि इससे पहले बीजेपी के पूर्व सांसद और भोजपुरी गायक-अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ भी मराठी बोलने से मना कर चुके हैं, जिस पर उन्हें महाराष्ट्र के नेताओं ने धमकी भी दी थी। अब पवन सिंह के बयान पर विवाद बढ़ सकता है। राजनीतिक हलकों में भाषा विवाद को राजनीतिक कारणों से जोड़कर देखा जा रहा है।

    क्या बोले पवन सिंह?
    हिंदी-मराठी विवाद पर पवन सिंह ने दो टूक कहा है कि मराठी नहीं बोलूंगा, चाहे जान से मार दो। महाराष्ट्र में त्रिभाषा फार्मूले के तहत महाराष्ट्र के स्कूलों में पहली कक्षा से हिंदी पढ़ाने के निर्णय के बाद यह विवाद शुरू हुआ था। अब यह विवाद ‘मराठी बनाम हिंदी’ हो गया है। पवन सिंह ने राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे और उनके कार्यकर्ताओं को ललकारते हुए कहा कि मैं आपसे नहीं डरता हूं, आप लोग मुझे जान से मार दोगे तब भी मैं मराठी नहीं बोलूंगा। पवन सिंह के इस बयान के बाद मनसे और यूबीटी का रिएक्शन क्या आता है, इस पर सभी की नजर लगी है।

    ऐसी जिद करना अहंकार
    पवन सिंह ने मराठी-हिंदी विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मेरा जन्म बंगाल में हुआ है, लेकिन फिर भी मुझे बंगाली नहीं आती। मुझे नहीं लगता कि मैं कभी वह भाषा सीख पाऊंगा, इसलिए मैं बंगाली भी नहीं बोलता। मैं मराठी भी नहीं जानता, लेकिन मैं महाराष्ट्र में रहता हूं। मैं काम करने के लिए मुंबई आता हूं। इस वजह से मुझे मराठी आनी चाहिए ऐसी जिद करना अहंकार है। मुझे हिंदी बोलने का अधिकार है। ज्यादा से ज्यादा लोग मुझे मार देंगे। मैं मौत से नहीं डरता। सितारों की बयानबाजी ऐसे वक्त पर सामने आई है, जब महाराष्ट्र में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर पहले से राजनीति गरमाई हुई है। राज ठाकरे की अगुवाई वाली मनसे और उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी मराठी अस्मिता कार्ड खेल रहे हैं।

  • रील बनाने के चक्कर में गई जान

    रील बनाने के चक्कर में गई जान

    नवी मुंबई में ट्रेन की छत पर चढ़े किशोर की करंट से मौत
    मुंबई.
    नवी मुंबई में एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना हुई है, जहां नेरुल रेलवे स्टेशन पर एक खड़ी ट्रेन के ऊपर चढ़कर सोशल मीडिया के लिए ‘रील’ बनाना एक युवक के लिए जानलेवा बन गया। वीडियो बनाते समय लड़का करंट की चपेट में आ गया। 16 साल का आरव श्रीवास्तव बुरी तरह जल गया और तड़पने लगा। कुछ लोगों ने उसे आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वाशी राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के वरिष्ठ निरीक्षक किरण उंद्रे ने बताया कि किशोर नवी मुंबई में बेलापुर का रहने वाला था और 6 जुलाई को अपने दोस्तों के साथ रेलवे स्टेशन गया था।

    कचरे से लदी थी ट्रेन
    अधिकारी ने कहा कि वह कचरे से लदी एक खड़ी ट्रेन पर चढ़ गया और रील बनाने की तैयारी करने लगा। उन्होंने बताया कि ट्रेन के डिब्बे पर चढ़े लड़के का हाथ ऊपर से गुजर रहे उच्च क्षमता वाले बिजली के तार के संपर्क में आ गया, जिससे उसे जबरदस्त बिजली का झटका लगा और वह नीचे गिर गया। अधिकारी ने बताया कि किशोर के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर कई जगह चोट के निशान थे और वह 60 प्रतिशत तक झुलस गया था।

    स्थित बेहद गंभीर
    शुरू में उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। उंद्रे ने बताया कि उसकी स्थिति गंभीर बनी रही जिसके बाद उसे ऐरोली में ‘बर्न्स हॉस्पिटल’ में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस संबंध में दुर्घटनावश मृत्यु का मामला दर्ज किया है और वे घटना के संबंध में जांच कर रहे हैं।