अवैध ‘तानिष्का रेजिडेंसी’ पर चला बुलडोजर

भारत रत्न डॉ. आंबेडकर के वारिसों की जमीन पर बन रही थी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग
मुंबई.
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विधानसभा में एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कल्याण में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के वारिस यशवंत भीमराव आंबेडकर की जमीन पर एक अवैध इमारत ‘तानिष्का रेजिडेंसी’ बन गई थी। यह जमीन अभी प्रकाश आंबेडकर और अन्य लोगों के नाम पर दर्ज है। इस मामले पर कई विधायकों ने सवाल उठाए थे, जिनमें असलम शेख, विजय वडेट्टीवार, नाना पटोले और विश्वजीत कदम जैसे नाम शामिल थे।

अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ
बावनकुले ने माना कि कल्याण डोंबिवली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने लगभग 3200 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध निर्माण की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब हुआ। मंत्री ने बताया कि इस जमीन पर 72 फ्लैट और 8 दुकानें बनाने की इजाजत दी गई थी, लेकिन राजस्व विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पूरे निर्माण को ध्वस्त कर दिया। अब यह खाली जमीन आंबेडकर परिवार को वापस सौंप दी गई है। बावनकुले ने कहा, ‘मैंने इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को दी है। हम उन अधिकारियों के खिलाफ जांच करेंगे जिन्होंने इस अवैध निर्माण में मदद की।’ उन्होंने यह भी बताया कि 2023 में ही इस इमारत को अवैध घोषित कर दिया गया था, और जून 2025 में इसे पूरी तरह से तोड़ दिया गया।

दी पूरी जानकारी
बावनकुले ने विधानसभा में बताया कि म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को एक शिकायत मिली थी, जिसमें कहा गया था कि ललित महाजन और अन्य लोग कल्याण में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के वारिस यशवंत भीमराव आंबेडकर की जमीन पर ‘तानिष्का रेजिडेंसी’ नाम की एक इमारत बना रहे हैं। इसके बाद, 10 फरवरी 2023 को महाराष्ट्र म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 260 और 267 (1) के तहत एक नोटिस जारी किया गया। 17 फरवरी 2023 को एक सुनवाई रखी गई, लेकिन डेवलपर्स इमारत के बारे में कोई भी जरूरी कागज नहीं दिखा पाए। इसलिए म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने इमारत को अवैध घोषित कर दिया।

वारिसों के नाम पर ही दर्ज है संपत्ति
बावनकुले ने बताया कि 20 मई 2025 से 13 जून 2025 तक कल्याण डोंबिवली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने इस अवैध तानिष्का रेजिडेंसी को पूरी तरह से तोड़ दिया। जमीन अभी भी प्रकाश यशवंत आंबेडकर और यशवंत भीमराव आंबेडकर के अन्य वारिसों के नाम पर दर्ज है। इस संपत्ति का कोई भी ट्रांसफर नहीं हुआ है और न ही किसी तीसरे पक्ष का नाम दर्ज किया गया है। यह जमीन डॉ. आंबेडकर के परिवार की थी और इसे धोखे से हड़प लिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विधायक असलम शेख ने कहा कि जो लोग इस अवैध इमारत को बनाने में शामिल थे, उन पर एमपीडीए के तहत मामला दर्ज होना चाहिए।

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