Category: अंतरराष्ट्रीय

  • सीजफायर नहीं होता, तो तबाह हो जाता पाकिस्तान

    सीजफायर नहीं होता, तो तबाह हो जाता पाकिस्तान

    ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने रवाना कर दिए थे टी-72 टैंक, बीएमपी-2 की गाड़ियां
    जम्मू.
    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 6 और 7 मई की रात को “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमला किया। इस ऑपरेशन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया था। लेकिन अब दोनों देशों में सीजफायर हो गया है और हालात सामान्य हो गए हैं।

    भारत का कड़ा जवाब, पाकिस्तान पर भारी
    अगर समय पर सीजफायर न होता, तो पाकिस्तान को और बड़ा नुकसान हो सकता था। इस बात की पुष्टि पुंछ सेक्टर में तैनात ब्रिगेडियर मुदित महाजन के बयान से होती है। उन्होंने मंगलवार को जानकारी दी कि भारतीय सेना ने पुंछ, राजौरी और अखनूर के सामने मौजूद 9 में से 6 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।

    पाक ने नागरिक इलाकों पर गोलाबारी की
    ब्रिगेडियर महाजन ने कहा, “यह कार्रवाई पाकिस्तान की बिना वजह की गोलीबारी का जवाब थी। पुंछ ब्रिगेड सिर्फ हिस्सा नहीं थी, बल्कि इस ऑपरेशन की मुख्य ताकत थी। हमने किसी हमले का इंतजार नहीं किया, हम पहले से तैयार थे।” ब्रिगेडियर महाजन ने बताया कि यह ऑपरेशन तब शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने एलओसी के पास आम नागरिकों को निशाना बनाना शुरू किया। शुरुआत में भारतीय सेना ने सिर्फ आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया, लेकिन जब पाकिस्तानी सेना ने नागरिक इलाकों पर अंधाधुंध गोलाबारी शुरू की, तब भारतीय सेना ने उनके सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया।

    भारत ने रवाना कर दिए थे टी-72 टैंक
    सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने टी-72 टैंक और बीएमपी-2 बख्तरबंद गाड़ियों को एलओसी के पास तैनात किया था। इन टैंकों से उन पाकिस्तानी चौकियों को खत्म किया गया, जो आतंकियों की घुसपैठ में मदद कर रही थीं। ब्रिगेडियर महाजन ने कहा, “हमने बहुत ही सटीक और प्रभावी तरीके से काम किया। 9 में से 6 ठिकानों को उसी रात खत्म कर दिया गया।”

    ड्रोन से हमला और उसका जवाब
    जब पाकिस्तान ने ड्रोन के झुंड से हमला करने की कोशिश की, तो भारतीय सेना की वायु रक्षा यूनिट ने तेजी और कुशलता से सभी ड्रोन गिरा दिए। ब्रिगेडियर महाजन ने कहा, “हमारी एयर डिफेंस ने हर हवाई खतरे को खत्म कर दिखाया कि हम पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने अंत में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, फिलहाल रुका हुआ है। अगर दुश्मन फिर से हमला करता है, तो हम जवाब गोलियों और मजबूत इरादों से देंगे, शब्दों से नहीं।”

  • पाकिस्तान का हर झूठ होगा बेनकाब

    पाकिस्तान का हर झूठ होगा बेनकाब

    विभिन्न देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगा भारत

    नई दिल्ली. 

    कूटनीतिक कदम उठाते हुए, विभिन्न राजनीतिक दलों के भारतीय सांसदों (एमपी) का एक प्रतिनिधिमंडल 22 मई के बाद अंतरराष्ट्रीय आउटरीच दौरे पर जाने वाला है। इसका उद्देश्य पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुए संघर्ष के बारे में वैश्विक नेताओं को जानकारी देना और भारत के रणनीतिक रुख के बारे में जानकारी प्रदान करना है। इस दौरे में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, कतर और संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों का दौरा किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू इस अंतरराष्ट्रीय दौरे के समन्वय का नेतृत्व कर रहे हैं। सांसदों को निमंत्रण भेजे गए हैं, और प्रतिनिधिमंडल में 5-6 सदस्य शामिल होंगे, जिनमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के वरिष्ठ सांसद शामिल होंगे। इन प्रतिनिधिमंडलों को भारत की स्थिति और कार्यों को स्पष्ट करने का काम सौंपा गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त हो सके।

     

    कांग्रेस ने भी दिया साथ

    कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखते हुए कांग्रेस निश्चित रूप से बहुदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल होगी। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष से बात की है, जो पार्टी नेताओं को प्रतिनिधिमंडल में शामिल करेंगे। यह योजनाबद्ध संपर्क भारत द्वारा विदेशी सरकारों से समर्थन प्राप्त करने के लिए किए जा रहे गहन कूटनीतिक प्रयासों के मद्देनजर किया गया है। इसमें पाकिस्तान की कार्रवाइयों के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने के उद्देश्य से शीर्ष अधिकारियों और विदेश मंत्रियों के साथ बातचीत शामिल है।

     

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया

    22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा किए गए आतंकवादी हमले के बाद संघर्ष नाटकीय रूप से बढ़ गया, जिसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। इसके बाद तनाव बढ़ने पर पाकिस्तान ने भारतीय शहरों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर ड्रोन हमले करने की कोशिश की। 10 मई को तनाव कम करने के समझौते पर पहुंचने तक चार दिनों तक तनाव बना रहा।

  • चीन-तुर्की के खिलाफ भारत का डिजिटल स्ट्राइक

    चीन-तुर्की के खिलाफ भारत का डिजिटल स्ट्राइक

    बैन किए फेक न्यूज़ फैलाने वाले स्टेट मीडिया के सोशल अकाउंट्स
    नई दिल्ली.
    पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया। हालांकि फिलहाल स्थिति कुछ सामान्य होती नज़र आ रही है। इसी बीच भारत ने चीन और तुर्की के खिलाफ डिजिटल स्ट्राइक की है।

    देश में बैन
    भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने तुर्की के ड्रोन्स और चीन की मिसाइलों का इस्तेमाल लिया। इस दौरान चीन और तुर्की के न्यूज़ चैनल्स, वेबसाइट्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स ने भी भारत के खिलाफ जमकर फेक न्यूज़ और प्रोपैगैंडा फैलाया। अब भारत सरकार ने दोनों देशों के खिलाफ डिजिटल स्ट्राइक करते हुए इनके स्टेट मीडिया के सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट्स को देश में बैन कर दिया है।

    राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए उठाया कदम
    भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया। भारत सरकार के अधिकारियों के मुताबिक चीन और तुर्की की स्टेट मीडिया के ये सोशल मीडिया अकाउंट्स ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के विषय में भारत के खिलाफ फर्जी खबरें फैला रहे थे। इतना है नहीं, भारत के राफेल फाइटर जेट को मार गिराने, एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को नुकसान पहुंचाने, भारत के खिलाफ पाकिस्तान को बढ़त मिलने जैसी फर्जी न्यूज़ को दोनों देशों की स्टेट मीडिया ने खूब फैलाया।

    मंत्रालय ने उठाया सख्त कदम
    भारतीय सरकार की तरफ से चीन और तुर्की की स्टेट मीडिया को चेतावनी भी दी गई थी कि कोई भी खबर चलाने से पहले तथ्यों को सत्यापित करना और अपने स्रोतों की जांच करना ज़रूरी है, लेकिन दोनों देशों ने भारत सरकार की गाइडलाइन्स की परवाह करते हुए फर्जी खबर फैलाना जारी रखा, जिसके चलते आज सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह कदम उठाया।

  • पाक में सेना-आतंकियों का नापाक कनेक्शन

    पाक में सेना-आतंकियों का नापाक कनेक्शन

    भारत के दावे पर आखरकार लगी मुहर
    नई दिल्ली.
    पाकिस्तान में आतंकियों और सेना की मिलीभगत को लेकर भारत लंबे समय से दावा करता आया है और समय-समय पर इसकी पुष्टि भी हुई है। अब पाकिस्तानी सेना ने खुद कुछ ऐसा किया है, जिससे एक बार फिर भारत के इस दावे की पुष्टि हो गई है। दरअसल, पाकिस्तान की सेना ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान खुद ही सबूत दे दिया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने जिन लोगों को मारा, वो सभी आतंकी थे। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना ने जो तस्वीरें दिखाई, उसमें आतंकियों की मौत के बाद जो शख्स नमाज पढ़ता नजर आ रहा है, वो शख्स भी कुख्यात आतंकी ही है। इस दौरान सेना के कई अधिकारी भी वहां मौजूद थे जिससे साफ होता है कि पाकिस्तान में आतंकी-सेना गठजोड़ है।

    आतंकी को सेना ने बताया बेगुनाह
    आतंकियों की मौत के बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए नमाज पढ़ने वाले आतंकी का नाम हाफिज अब्दुर रऊफ है, जो एक कुख्यात आतंकी है। हालांकि हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तानी सेना के मुख्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि रऊफ एक बेगुनाह पारिवारिक व्यक्ति है, जिसका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है।

    पाकिस्तानी सेना की खुली पोल
    रऊफ को बेगुनाह पारिवारिक व्यक्ति बताने के लिए अहमद ने सबूत के तौर पर रऊफ की पहचान संबंधी जानकारी भी दिखाई। लेकिन ऐसा करके अहमद ने खुद ही इस बात के पुख्ता सबूत दे दिए कि रऊफ वाकई लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी ही है, जैसा कि भारत ने दावा किया था। अहमद ने रऊफ को बेगुनाह बताते हुए जो जानकारियाँ सार्वजनिक की हैं, वो अमेरिकी सरकार के प्रतिबंधित आतंकियों के डेटाबेस में हाफिज अब्दुल रऊफ के जानकारी से पूरी तरह मेल खाती है।

  • पुतिन से मिलने के लिए ज़ेलेन्स्की तैयार

    पुतिन से मिलने के लिए ज़ेलेन्स्की तैयार

    3 साल से ज़्यादा समय बीत जाने के बावजूद युद्ध जारी
    नई दिल्ली.
    रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुआ युद्ध 3 साल से ज़्यादा समय बीत जाने के बावजूद भी जारी है। दोनों देशों के बीच यह युद्ध 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुआ था और तब से अब तक इसका अंत नहीं हुआ है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अब तक का यह सबसे बड़ा युद्ध है, जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर शुरू हुआ था। इस युद्ध की वजह से यूक्रेन में काफी तबाही मची है। यूक्रेन में इस युद्ध की वजह से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है और कई शहर तबाह हो गए हैं। हालांकि रूस को अभी अब तक इस युद्ध में जीत हासिल नहीं हुई है और रूसी सेना के भी कई सैनिक जंग में मारे गए हैं।

    कत्लेआम को बढ़ाना सही नहीं
    दोनों देशों के बीच जब से युद्ध शुरू हुआ है, तभी से दुनिया भर के देश इसे रोकने की मांग कर रहे हैं। अब इस मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। ज़ेलेन्स्की रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिलने के लिए तैयार हैं। ज़ेलेन्स्की ने कहा, “कत्लेआम को बढ़ाना सही नहीं है और मैं गुरुवार को तुर्की में पुतिन से मिलने का इंतज़ार कर रहा हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि इस बार रूसी कोई बहाना नहीं बनाएंगे।

    ट्रंप ने बताया ज़रूरी
    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच शांति संभव है या नहीं, इसका फैसला करने के लिए पुतिन और ज़ेलेन्स्की के बीच सीधी बातचीत ज़रूरी है। हालांकि क्रेमलिन की तरफ से फिलहाल इस विषय में कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। आखिरी बार रूस-यूक्रेन युद्ध के विषय में दोनों पक्षों के बीच मार्च, 2022 में आमने-सामने की बातचीत हुई थी। यह बातचीत युद्ध शुरू होने के करीब एक महीने के भीतर ही हुई थी। उसके बाद से दोनों पक्षों के बीच आमने-सामने की बातचीत नहीं हुई है।

  • पाकिस्तानी संसद में पीएम शहबाज को कहा बुजदिल

    पाकिस्तानी संसद में पीएम शहबाज को कहा बुजदिल

    भारत ने घर में घुसकर मारा, गुस्से में लोग भड़के
    इस्लामाबाद.
    भारत से बार-बार पिटने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अब अपनों के निशाने पर आ गए हैं। पाकिस्तान की संसद में शहबाज शरीफ की तुलना गीदड़ से की जा रही है। उन्हें बुजदिल कहा जा रहा है। ये सब आज शुक्रवार को हुआ, जब कुछ घंटे पहले ही सुबह तड़के भारत से भेजे गए ड्रोन ने पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर, सियालकोट समेत कई शहरों को निशाना बनाया।

    पाकिस्तानी नेतृत्व की गीदड़ से तुलना
    शुक्रवार को पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली (संसद) में एक सांसद ने शहबाज शरीफ पर हमला बोला और कहा कि उनकी तरफ से भारत को लेकर एक भी बयान नहीं आया। पाकिस्तानी सांसद ने कहा, मुझे टीपू सुल्तान का एक बयान याद आ रहा है। अगर एक लश्कर (सैन्य टुकड़ी) जिसका सरदार शेर हो और उस लश्कर में गीदड़ हों तो वो सभी शेर की तरह लड़ते हैं। वहीं, अगर शेरों के लश्कर का सरदार अगर गीदड़ हो तो वे नहीं लड़ सकते। वे जंग हार जाते हैं।’

    शहबाज को बताया बुजदिल
    पाकिस्तानी सांसद इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने शहबाज शरीफ को बुजदिल बता डाला। पाकिस्तानी सांसद ने आगे कहा कि इस वक्त बॉर्डर पर खड़ा फौजी हमारी तरफ उम्मीद से देख रहा है। देश का प्रधानमंत्री आईना होता है। वो उसकी तरफ देख रहा है कि हमारा लीडर दिलेरी से मुकाबला करेगा। उन्होंने कहा कि जब देश का प्रधानमंत्री बुजदिल हो.. मोदी का नाम तक न ले सके, वो बॉर्डर पर खड़े फौजी को क्या पैगाम देगा?

    हर हमले को भारत ने नाकाम किया
    भारत के ऑपरेशन सिंदूर से बिलबिलाए पाकिस्तान ने 6-7 मई की रात भारत के कई सैन्य अड्डों को निशाना बनाने की कोशिश की। पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, लेकिन भारत ने रूस से मिले एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से पाकिस्तानी हमले को नाकाम कर दिया। इसके बाद भारत ने जबर्दस्त जवाबी प्रतिक्रिया दी और पाकिस्तान के अंदर घुसकर हमला किया। इस दौरान लाहौर, सियालकोट, इस्लामाबाद और रावलपिंडी समेत कई शहरों को निशाना बनाया गया। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारत की कार्रवाई में लाहौर में पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम नष्ट हो गया।

  • 12 ड्रोन हमलों से दहला पाकिस्तान

    12 ड्रोन हमलों से दहला पाकिस्तान

    मुल्ला मुनीर की सेना का एयर डिफेंस फेल
    इस्लामाबाद.
    पाकिस्तान दावे कर रहा है कि उसके कई शहरों को ड्रोन से निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान ने कहा है कि कराची और लाहौर समेत कई शहरों में ड्रोन हमले हो रहे हैं। वहीं कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये पाकिस्तान के बड़े प्रोपेगेंडा का हिस्सा हो सकता है। पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने खुद को पीड़ित बताने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि भारत के हमले के बाद उसके कई आतंकी ठिकाने तबाह हुए हैं, जिसको लेकर पाकिस्तान के पास कोई दलील नहीं है। पाकिस्तान के ड्रोन हमलों के दावे काफी भ्रामक हैं। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (डीजी आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि देश के विभिन्न हिस्सों में 12 ड्रोन मार गिराए गए हैं।

    पाकिस्तान यह दावा कर रहा है
    उन्होंने कहा है कि “लाहौर, गुजरांवाला, चकवाल, बहावलपुर, मियानो, कराची, छोर, रावलपिंडी और अटक में ड्रोन को मार गिराया गया।” डीजी आईएसपीआर के मुताबिक एक ड्रोन लाहौर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जबकि अन्य को रावलपिंडी, चकवाल और कराची के करीब मार गिराया गया। पाकिस्तान कह रहा है कि ड्रोन हमले के परिणामस्वरूप लाहौर में चार पाकिस्तानी सेना के जवान घायल हो गए, जबकि सिंध के मियानो में एक नागरिक मारा गया है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल पूरी तरह से सतर्क हैं।

    ये दावा बहुत बड़े प्रोपेगेंडा का हिस्सा
    पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि ड्रोन ने रात में लाहौर के पास एक सैन्य ठिकाने पर हमला किया, जिसमें चार सैनिक घायल हो गए, जबकि देश की वायु रक्षा प्रणाली ने विभिन्न स्थानों पर पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में घुसने वाले 12 ड्रोन को रोककर मार गिराया। सेना ने कहा कि लाहौर में हुए हमले में सैन्य ठिकाने को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। माना जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना केा ये दावा बहुत बड़े प्रोपेगेंडा का हिस्सा है और इसे आधार बनाकर वो हमले का बहाना खोज रहा है।

  • आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों की मौत

    आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों की मौत

    बहन- बहनोई मारे गए, कहा- “मैं भी मारा जाता तो अच्छा होता”
    नई दिल्ली.
    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान के बहावलपुर और अन्य क्षेत्रों में किए गए सटीक हवाई हमलों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को गहरा आघात पहुंचाया है। इस कार्रवाई में मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्यों और चार करीबी सहयोगियों के मारे जाने की खबर है। दुख और हताशा में डूबे मसूद अजहर ने कथित तौर पर कहा, “मैं भी मर जाता तो अच्छा था…”, जिससे उसकी मनोदशा और इस हमले के गहरे प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है।

    आतंक के गढ़ पर करारा प्रहार
    भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारतीय सेना ने प्रेसिजन मिसाइलों और लोइटरिंग म्यूनिशन्स का उपयोग कर जैश और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने इसे “केंद्रित, संयमित और गैर-उत्तेजक” कार्रवाई करार दिया, जिसमें किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।

    लक्ष्य बहावलपुर था
    हमले का एक प्रमुख लक्ष्य बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था, जो करीब 200 एकड़ में फैला हुआ था। इस परिसर में मस्जिद, स्कूल, अस्पताल, फार्म और ट्रेनिंग कैंप शामिल थे, जिन्हें भारतीय वायुसेना ने पूरी तरह नष्ट कर दिया। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में करीब 70-100 आतंकवादी मारे गए और 50 से अधिक घायल हुए।

    मसूद अजहर के परिवार पर कहर
    जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर ने स्वयं पुष्टि की कि भारतीय हमले में उनके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए। मारे गए लोगों में उनकी बड़ी बहन, बहनोई, और मौलाना कशफ का पूरा परिवार शामिल है। इसके अलावा, मुफ्ती अब्दुल रऊफ के पोते-पोतियां और बाजी सादिया के पति घायल हुए हैं, जबकि उनकी सबसे बड़ी बेटी के चार बच्चे भी चोटिल हैं। मसूद अजहर ने कथित तौर पर कहा, “मेरे परिवार के साथ मुझे भी मार देते,” जिससे उसकी निराशा और हार का अंदाजा लगता है।

    आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है
    मसूद अजहर का बहावलपुर में एक भारी सुरक्षा वाले परिसर में रहना और वहां आतंकी गतिविधियों का संचालन करना जगजाहिर था। यह हमला न केवल उसके संगठन के लिए, बल्कि उसके व्यक्तिगत जीवन के लिए भी एक बड़ा झटका है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि मसूद अजहर स्वयं इस हमले में घायल हुआ या मारा गया, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।

    भारत का साफ संदेश
    मसूद अजहर, जिसे 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट हमले, 2016 के उरी हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे आतंकी कृत्यों का मास्टरमाइंड माना जाता है, ने इस हमले के बाद गहरे दुख और हताशा का इजहार किया। उसका बयान, “मैं भी मर जाता तो अच्छा था,“ न केवल उसके परिवार के नुकसान को दर्शाता है, बल्कि भारत की सैन्य शक्ति और आतंकवाद के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति के सामने उसकी बेबसी को भी उजागर करता है।

  • भारत के साथ खड़ा है अमेरिका

    भारत के साथ खड़ा है अमेरिका

    आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हर संभव मदद का आश्वासन
    नई दिल्ली.
    पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव का माहौल बना हुआ है। दुनिया के ज़्यादातर देशों ने भारत के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इज़रायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बाद अमेरिकी संसद के स्पीकर माइक जॉनसन ने कहा है कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ खड़े रहना चाहिए और डटकर लड़ना चाहिए। अमेरिका इस मामले में भारत का पूरी तरह से साथ देने के लिए तैयार है। आतंकवाद से जंग में ट्रंप प्रशासन भारत की हर संभव मदद करेगा। हम इसके लिए भारत को हर संभव संसाधन मुहैया कराएगा। भारत एक साथ जो हुआ उसके प्रति हमारी पूरी संवेदना है और हम भारत के साथ खड़े रहेंगे।”

    भारत और अमेरिका के बीच जल्द होगी ट्रेड डील
    अमेरिकी संसद के स्पीकर जॉनसन ने यह बयान देश की राजधानी वॉशिंगटन डीसी की कैपिटल हॉल बिल्डिंग में आयोजित संसदीय ब्रीफिंग के एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन लोकल समयानुसार सोमवार को हुआ। इस दौरान जॉनसन ने भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर भी बयान देते हुए उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच जल्द ही ट्रेड डील होगी।

  • मुस्लिम देश आए पाकिस्तान के साथ

    मुस्लिम देश आए पाकिस्तान के साथ

    पहलगाम पर भारत के आरोपों को बताया निराधार
    न्यूयॉर्क.
    गाजा पट्टी में युद्ध रूकवाने में नाकाम रहने वाले इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने अब भारत को चेतावनी देने की हिमाकत की है। ओआईसी ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लगाए गये आरोपों को “निराधार” बताते हुए कहा है कि इससे दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ रहा है। इसके अलावा इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने अपनी हदों को पार करते हुए कहा है कि “कश्मीर को आत्मनिर्णय के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, जिसकी गारंटी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों में दी गई है।”

    बिगड़ते हालात पर जताई चिंता
    रिपोर्ट के मुताबिक न्यूयॉर्क में इस्लामिक सहयोग संगठन ने “दक्षिण एशिया में बिगड़ते सुरक्षा माहौल पर गहरी चिंता” जताई है, जिसमें भारत के “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान के खिलाफ निराधार आरोपों” को क्षेत्र में तनाव को बढ़ाने वाला एक प्रमुख फैक्टर बताया गया है। 57 सदस्य देशों वाले संगठन ओआईसी ने कहा कि “इस तरह के आरोपों से पहले से ही अस्थिर स्थिति और खराब होने का खतरा है, और “आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ अपनी सैद्धांतिक स्थिति और निंदा को दोहराया, चाहे वह किसी भी व्यक्ति द्वारा और कहीं भी किया गया हो।”

    ओआईसी का दोगलापन
    ओआईसी के अनुसार, अनसुलझा विवाद दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा को प्रभावित करने वाला मुख्य मुद्दा बना हुआ है। जम्मू और कश्मीर के लोगों को उनके आत्मनिर्णय के अविभाज्य अधिकार से वंचित किया जा रहा है, जैसा कि प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में निहित है। याद रहे, ये वही ओआईसी है जो चीन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ होने वाले अत्याचार को लेकर चुप्पी साधे रखता है। ये वही ओआईसी है, जो अफगानिस्तान में तालिबान के क्रूर इस्लामिक शासन और महिलाओं को घर में बंधक बनानए जाने की नीति को लेकर चुप्पी साधे रखता है। ये वही ओआईसी है जो पाकिस्तान में शिया, अहमदिया और हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति पर कभी कुछ नहीं कहता, लेकिन जब भारत की बात आती है तो यही ओआईसी अचानक से मानवाधिकार का चैंपियन बन जाता है।