Author: WH News Desk

  • अब पुलिस ही कठघरे में, सीआईडी करेगी जांच

    अब पुलिस ही कठघरे में, सीआईडी करेगी जांच

    -रामझूला हिट-एंड-रन केस
    नागपुर।

    25 फरवरी, 2024 को नागपुर के रामझूला पर हुए बहुचर्चित हिट-एंड-रन केस में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठने के बाद अब अदालत ने सीआईडी को जांच का आदेश दिया है। इस मामले में एक ‘अमीर शहजादी’ की तेज रफ्तार कार से दो निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद पुलिस की कमजोर कार्रवाई और आरोपी को तुरंत जमानत मिलने से लोगों में भारी आक्रोश था।

    7 लोगों पर गिरेगी गाज
    यह मामला सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि कानून की पहुंच, धन के दुरुपयोग और न्याय की लड़ाई का प्रतीक बन गया था। इस मामले में अब पुलिस निरीक्षक संदीप बुवा और उपनिरीक्षक परशुराम भवल समेत कुल 7 लोगों की जांच की जाएगी। इन पर सबूत नष्ट करने और मामले को दबाने के आरोप लगे हैं। मृतकों के परिजनों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने उन 7 लोगों को सह-आरोपी बनाने की मांग की थी, जिन्होंने आरोपी रितु मालू को घटनास्थल से भागने में मदद की थी। हालांकि, निचली अदालत ने तकनीकी आधार पर याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद परिजनों ने जिला सत्र न्यायालय में इसे चुनौती दी।

    काफी गंभीर आरोप लगे हैं
    कोर्ट के आदेश के तहत, पुलिस इंस्पेक्टर संदीप बुवा पर बिना फोरेंसिक जांच के कार को छोड़ने का आरोप है, जबकि पीएसआई परशुराम भवल पर आरोपियों को भागने में मदद करने का आरोप है। रितु मालू के पति दिनेश मालू और अन्य दो लोगों पर भी मामले को दबाने में मदद करने का आरोप है। इस घटना ने एक बार फिर से ‘दोहरे कानून’ की बहस को जन्म दिया है, जहां आम आदमी के लिए कठोर दंड है, वहीं प्रभावशाली लोगों को धन और पहुंच के कारण अक्सर आसानी से बच निकलने का मौका मिल जाता है। अदालत का यह फैसला न्याय की उम्मीद को फिर से जगाता है और यह साबित करता है कि न्यायपालिका अभी भी न्याय की अंतिम उम्मीद है।

  • धर्म बनाम मनोरंजन, यह लड़ाई अरबों की है

    धर्म बनाम मनोरंजन, यह लड़ाई अरबों की है

    अनिरुद्धाचार्य महाराज ने बॉलीवुड पर लगाए गंभीर आरोप

    मुंबई.

    प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने भारतीय सिनेमा पर गंभीर आरोप लगाकर एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने दावा किया है कि बॉलीवुड ने पिछले 80 सालों में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को मुगलों और अंग्रेजों से भी ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। उनके इस बयान ने समाज के विभिन्न वर्गों में एक नई बहस छेड़ दी है। महाराज का कहना है कि बॉलीवुड की फिल्में और सीरियल गलत संदेश फैला रहे हैं, जिसका युवाओं पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि फिल्मों के प्रभाव में आकर लड़कियां ऐसे कपड़े पहन रही हैं जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं, और इसका सीधा असर हमारे पारिवारिक मूल्यों पर पड़ रहा है। उन्होंने पुरुषों के ‘निर्वस्त्र’ होने को भी गलत बताया।

     

    बड़ा कारोबार दांव पर  

    इस विवाद को लेकर बवाल होना तय है, क्योंकि इसमें भारतीय फिल्म उद्योग का बड़ा कारोबार दांव पर है। 2023 में भारतीय सिनेमा ने बॉक्स ऑफिस पर ₹6,900 करोड़ से अधिक की कमाई की थी, और यह उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। इतने बड़े कारोबार में पहनावे और कंटेंट का अहम रोल है, जिसे सीधे तौर पर चुनौती देना आसान नहीं है। महाराज के बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, कुछ लोग उनके विचारों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे अतिशयोक्तिपूर्ण बता रहे हैं।

  • शरद पवार ने संभाला मोर्चा

    शरद पवार ने संभाला मोर्चा

    महा विकास आघाड़ी में डैमेज कंट्रोल
    मुंबई.
    एनसीपी शरद चंद्र पवार के प्रमुख शरद पवार एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में ‘डैमेज कंट्रोल’ की भूमिका में नजर आ रहे हैं। दिल्ली में ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे के बैठने की जगह को लेकर हुए विवाद के बाद, महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में फूट की अटकलें तेज हो गई थीं। ऐसी खबरें थीं कि उद्धव ठाकरे इस ‘कथित बेइज्जती’ से नाराज होकर गठबंधन से किनारा करने का मन बना रहे हैं। इसी नाजुक स्थिति को भांपते हुए पवार ने मोर्चा संभाला है।

    दरार भरने की कोशिश
    एक प्रेस वार्ता में, पवार ने इस विवाद को ‘अनावश्यक’ बताया और इस पर खेद भी व्यक्त किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे सभी नेता, जिनमें उद्धव ठाकरे भी शामिल थे, पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन को ठीक से देखने के लिए पीछे की पंक्ति में बैठे थे। उन्होंने कहा, “यह किसी राजनीतिक मतभेद का संकेत नहीं था।” पवार का यह बयान सीधे तौर पर एमवीए के भीतर किसी भी संभावित दरार को भरने का प्रयास माना जा रहा है।

    ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर संतुलन
    इसके साथ ही, पवार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर भी एक संतुलित रुख अपनाया। उन्होंने राहुल गांधी की प्रस्तुति को ‘अच्छी तरह से शोध और दस्तावेजों पर आधारित’ बताया, जिससे विपक्ष के आरोपों को बल मिला। हालांकि, उन्होंने निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को सीधे तौर पर कटघरे में खड़ा करने से परहेज किया और कहा कि आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए। पवार का यह ‘चतुर राजनीतिक कदम’ विपक्षी एकता को बनाए रखने और अपनी पार्टी की छवि को नुकसान से बचाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

    लक्ष्य सिर्फ एकजुटता
    शरद पवार के इन बयानों को एक अनुभवी राजनेता के तौर पर देखा जा रहा है, जो गठबंधन के अंदरूनी मतभेदों को सुलझाने और विपक्षी नेताओं के बयानों से उत्पन्न होने वाले संभावित नुकसान को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका लक्ष्य स्पष्ट है: आगामी चुनावों के मद्देनजर महा विकास आघाड़ी को एकजुट और मजबूत बनाए रखना।

  • महाराष्ट्र निकाय चुनाव में नहीं होगा वीवीपीएटी का इस्तेमाल

    महाराष्ट्र निकाय चुनाव में नहीं होगा वीवीपीएटी का इस्तेमाल

    आयोग ने बताई वजह, भड़का विपक्ष
    मुंबई.
    सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद महाराष्ट्र में दिवाली के बाद स्थानीय निकाय चुनाव होंगे। राज्य के चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने कहा है कि महाराष्ट्र में एक साथ वोटिंग नहीं होगी। चुनावी प्रक्रिया आगामी अक्टूबर महीने से शुरू की जाएगी। वाघमारे के अनुसार निकाय चुनाव ईवीएम पर कराए जाएंगे, लेकिन मतदान के दौरान वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि प्रत्येक वार्ड में अधिक उम्मीदवार होने की वजह से मतदाताओं को एक बार में चार वोट डालने होंगे, इसलिए प्रक्रिया में समय लगेगा। ऐसे में मतदान केंद्र पर भीड़ होने की संभावना है। इसी वजह से निकाय चुनावों में वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल पहले से ही नहीं किया जाता है। आयोग के बयान के बाद निकाय चुनाव तीन चरणों में होने की उम्मीद है।

    एक साथ नहीं होंगे चुनाव
    राज्य चुनाव आयोग चरणबद्ध तरीके से चुनाव कराएगा। चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण स्थिर रहेगा, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार लॉटरी प्रणाली के माध्यम से लागू किया जाएगा। वाघमारे के अनुसार पिछले चुनावों में लागू किए गए सिद्धांत का इस बार भी पालन किया जाएगा। 1 जुलाई, 2025 तक की मतदाता सूची का इस्तेमाल चुनावों के लिए किया जाएगा। वार्ड सीमाओं का मसौदा तैयार होने के बाद बाकी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जनशक्ति की कमी के कारण सभी स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ कराना संभव नहीं होगा।

    महाविकास आघाड़ी के दलों ने जताई आपत्ति
    चुनाव आयोग के इस ऐलान पर राज्य में राजनीति भी गरमा गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) सहित विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी में शामिल सभी प्रमुख दलों के नेताओं ने वीवीपैट के बगैर मतदान कराए जाने पर गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की है। एनसीपी (एसपी) ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। पार्टी एक याचिका के माध्यम से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने की जाएगी। राज्य में पिछले तीन साल से स्थानीय निकाय के चुनाव अटके हुए हैं। राज्य में आखिरी बार स्थानीय निकाय के चुनाव 2017 में हुए थे। मुंबई की बीएमसी समेत तमाम निगमों और पंचायतों में प्रशासक ही कामकाज चला रहे हैं। मुंबई बीएमसी के चुनाव अंतिम फेस में कराएजाने की संभावना है।शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे ने स्थानीय चुनावों से वीवीपैट मशीनों को बाहर करने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे मनमाना बताया है।

  • यूनियन के चुनाव से ठाकरे ब्रदर्स करेंगे आगाज

    यूनियन के चुनाव से ठाकरे ब्रदर्स करेंगे आगाज

    दोनों भाईयों ने पहला कदम बढ़ाया
    मुंबई.
    महाराष्ट्र में अक्तूबर के अंत से स्थानीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें मुंबई के प्रतिष्ठापूर्ण बीएमसी चुनाव भी शामिल हैं। स्थानीय निकाय चुनावों में ठाकरे ब्रदर्स के बीच गठबंधन होने की संभावना जताई जा रही है। इस दिशा में दोनों भाईयों ने पहला कदम बढ़ा दिया है। मुंबई में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली यूबीटी और राज ठाकरे की मनसे बेस्ट पतपेढी (क्रेडिट सोसायटी) का चुनाव मिलकर लड़ेंगे।

    18 अगस्त को है चुनाव
    बेस्ट पतपेढी का चुनाव 18 अगस्त को होना है। इस चुनाव में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली यूबीटी की बेस्ट कामगार सेना और मनसे कर्मचारी सेना मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है। इसके लिए उम्मीदवारों का एक एकीकृत ‘उत्कर्ष पैनल’ खड़ा किया है। दोनों पार्टियों के नेताओं का कहना है कि गठबंधन का औपचारिक ऐलान होने तक के लिए किया गया है। मुंबई में बीएमसी चुनावों के तीसरे और अंतिम चरण में होने की संभावना है।

    मराठी अस्मिता पर आए थे साथ
    पिछले महीने पांच जुलाई को दोनों भाईयों ने दो दशक बाद एक मंच पर उपस्थिति दी थी। इसमें दोनों भाईयों ने महाराष्ट्र और मराठी अस्मिता का हवाला दिया था। इसके बाद दोनों के बीच की दूरी कम हुई है। उद्धव को जन्मदिन की बधाई देने के लिए खुद राज ठाकरे मातोश्री पहुंचे थे। कांग्रेस की तरफ से पहले ही इस बात के संकेत दिए जा चुके हैं कि अगर उद्धव की यूबीटी इंडिया अलायंस में रहते हुए कोई उप गठबंधन करती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।

    19 साल बाद आए एक साथ
    19 साल बाद दोनों भाईयों के सार्वजनिक मंच पर आए और फिर 13 साल बाद मातोश्री जाने को शिवसैनिक शुभ संकेत मान रहे हैं। उद्धव ठाकरे से नजदीकी के बाद राज ठाकरे की मनसे सक्रिय भी दिख रही है। बेस्ट कामगार सेना के अध्यक्ष सुहास सामंत ने पर्चों के माध्यम से इस गठबंधन का प्रचार किया है। अभी ठाकरे के नेतृत्व वाली बेस्ट कामगार सेना का दबदबा है।

  • शरद पवार की अब ओबीसी पॉलिटिक्स, 9 को ‘मंडल यात्रा’

    शरद पवार की अब ओबीसी पॉलिटिक्स, 9 को ‘मंडल यात्रा’

    बड़ी तैयारी, बिगाड़ेंगे बीजेपी का खेल
    मुंबई.
    महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत के बाद बीजेपी का फोकस स्थानीय निकाय चुनावों पर हैं। सीएम देवेंद्र फडणवीस ओबीसी वर्ग को लुभाने की कोशिशों में जुटे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के कद्दावर नेता शरद पवार ने मराठा पॉलिटिक्स के बाद अब ओबीसी कार्ड खेलने की तैयारी की है। ऐसे में चर्चा छिड़ गई है कि शरद पवार बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन के प्लान को चौपट कर देंगे। शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय वाले शहर और राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर में मंडल यात्रा निकालने का ऐलान किया है।

    पवार खेलेंगे वीपी सिंह वाला कार्ड
    राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि 9 अगस्त को क्रांति दिवस के अवसर पर एनसीपी की ओर से ‘मंडल यात्रा’ निकाली जा रही है, जिसकी शुरुआत नागपुर से होगी। इस यात्रा को पार्टी प्रमुख शरद पवार हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। देशमुख ने कहा कि उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री वीपी सिंह थे, तब उन्होंने मंडल आयोग की घोषणा की थी। उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शरद पवार थे। उन्होंने इस आयोग की सिफारिशों को महाराष्ट्र में लागू किया, जिससे ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) को आरक्षण मिला। यह पहल करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य बना और इसका सीधा लाभ ओबीसी समाज को मिला।

    क्या है इस यात्रा का उद्देश्य?
    देशमुख ने यह भी कहा कि यह यात्रा शरद पवार के ओबीसी समाज के लिए किए गए योगदान को जनता तक पहुंचाने के लिए निकाली जा रही है। जब यह मंडल आयोग लागू किया गया, तब कुछ राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया और ‘कमंडल यात्रा’ निकाली। इन पार्टियों ने वीपी सिंह की सरकार भी गिरा दी थी। आज वही लोग सत्ता में हैं। यह सच्चाई जनता को जाननी चाहिए, इसलिए मंडल यात्रा जरूरी है। अनिल देशमुख ने बताया कि यह यात्रा सिर्फ आरक्षण पर नहीं, बल्कि किसानों, महिलाओं, युवाओं और कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को उजागर करने के लिए महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में जाएगी।

  • पिता की मौत का बदला लेने के लिए शराब की दुकानों में चोरी

    पिता की मौत का बदला लेने के लिए शराब की दुकानों में चोरी

    चोरी का अजीबोगरीब मामला उजागर
    नागपुर.
    नागपुर की पांचपावली पुलिस ने मयूरी सावजी बार एंड रेस्टोरेंट में हुई 40 हजार रुपये की चोरी का खुलासा करते हुए एक चोर को गिरफ्तार किया है। आरोपी राजा खान उर्फ राजा अमरावती सलीम खान (21) है, जिसने एक अनोखे मकसद से चोरी की वारदात को अंजाम दिया। वह शराब की दुकानों को इसलिए निशाना बनाता था, क्योंकि उसका मानना था कि उसके पिता की मौत अत्यधिक शराब पीने से हुई थी।

    8 मामले दर्ज हैं
    राजा खान अपने पिता सलीम खान की मौत का बदला लेना चाहता था। उसका मानना था कि शराब बेचने वाले लोग पैसे कमाने के साथ-साथ लोगों को मौत भी बेचते हैं। इसी वजह से उसने बीयर बार और वाइन शॉप्स में ही चोरियां करना शुरू कर दिया। उसके खिलाफ सदर, अंबाझरी और हुडकेश्वर में भी वाइन शॉप और बीयर बार में चोरी के 8 मामले पहले से ही दर्ज हैं।

    मकसद ने किया हैरान
    पांचपावली पुलिस ने रानी दुर्गावती चौक स्थित मयूरी सावजी बार में हुई चोरी की जांच के दौरान राजा खान को पकड़ा। पूछताछ में उसने अपने अजीब मकसद का खुलासा किया। यह घटना एक अनूठे मनोवैज्ञानिक पहलू को दर्शाती है, जहां एक व्यक्ति अपने दुख और गुस्से को एक असामान्य तरीके से व्यक्त करता है। पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है।

    लेकिन तरीका गलत था
    यह मामला अपराध के पीछे के मानसिक और भावनात्मक कारणों को दर्शाता है। जहां एक तरफ यह अपराध की श्रेणी में आता है, वहीं दूसरी तरफ यह शराब के सेवन से होने वाले सामाजिक और पारिवारिक नुकसान का एक दुखद उदाहरण भी है। राजा खान का अपने पिता की मौत का बदला लेने का तरीका गलत था, लेकिन यह दिखाता है कि कैसे शराब की लत एक परिवार को तबाह कर सकती है।

  • डेढ़ साल में नौकरानी ने उड़ाए 26 लाख के गहने, नकदी

    डेढ़ साल में नौकरानी ने उड़ाए 26 लाख के गहने, नकदी

    घर के मालिक को भनक तक नहीं लगी
    नागपुर.
    नागपुर के फ्रेंड्स कॉलोनी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक घर में काम करने वाली नौकरानी ने करीब डेढ़ साल की अवधि में 26.45 लाख रुपये की नकदी और गहने चुरा लिए। खास बात यह है कि घर के मालिक को इस चोरी की भनक तक नहीं लगी। गुरुवार को इस मामले में गिट्टीखदान थाने में केस दर्ज किया गया।

    गोल्ड लोन लिया था
    गया राम जनकसिंह (68) के घर में झारखंड की बेबीदेवी केवल झा (50) बच्चों की देखभाल का काम करती थी। डेढ़ साल पहले, जब गया राम ने अपना घर बदला और गोल्ड लोन लिया, तब उन्होंने अपने बेडरूम की अलमारी का लॉकर खोला तो उनके होश उड़ गए। लॉकर से 1 लाख रुपये नकद और लाखों के सोने-चांदी के आभूषण गायब थे। कुल मिलाकर, 26.45 लाख रुपये का माल चोरी हो चुका था। यह चोरी 1 नवंबर 2023 से 9 मई 2025 के बीच हुई।

    इसलिए शक गहराया
    शक की सुई बेबीदेवी पर गई, क्योंकि घटना का खुलासा होने पर वह अपने गांव चली गई थी। परिवार ने जब उससे पूछताछ की, तो मामला थाने पहुंचा। प्रभारी निरीक्षक प्रशांत पांडे के मार्गदर्शन में पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह घटना इस बात की पुष्टि करती है कि घरेलू नौकरों को काम पर रखते समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए और उनकी पूरी तरह से जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए।

    अंधाधुंध भरोसा ठीक नहीं
    यह घटना शहरी जीवन में बढ़ते भरोसे और उसके दुरुपयोग को उजागर करती है। घर के नौकर अक्सर परिवार के सदस्य की तरह हो जाते हैं, लेकिन यह मामला दिखाता है कि इस भरोसे को अंधाधुंध नहीं करना चाहिए। लोगों को अपने घर में काम करने वाले कर्मचारियों का रिकॉर्ड ठीक से रखना चाहिए, उनकी पृष्ठभूमि की जांच करनी चाहिए, और कीमती सामानों को सुरक्षित रखने के लिए अधिक सतर्क रहना चाहिए।

  • शादी से इनकार करने पर प्रेमिका पर चाकू से हमला

    शादी से इनकार करने पर प्रेमिका पर चाकू से हमला

    पत्नी को दे चुका था तलाक
    नागपुर.
    नागपुर के खापरखेड़ा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक नाराज प्रेमी ने शादी से इनकार करने पर अपनी प्रेमिका के गले और शरीर पर चाकू से कई वार कर दिए। आरोपी रोशन सोनेकर (32) ने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया था, लेकिन जब उसकी प्रेमिका आशा (20) ने उससे शादी करने से मना कर दिया, तो उसने यह खौफनाक कदम उठाया। घटना गुमथी गांव के हनुमान मंदिर में हुई, जहां आशा पूजा कर रही थी।

    स्कूल के दिनों से प्रेम संबंध थे
    रोशन और आशा के स्कूल के दिनों से प्रेम संबंध थे। रोशन का विवाह हो जाने के बाद, आशा ने उसकी पत्नी से मिलकर कहा कि वह उससे शादी करेगी। इसके बाद, रोशन ने 2023 में अपनी पत्नी को तलाक दे दिया। हालांकि, आशा ने बाद में शादी करने से साफ इनकार कर दिया, जिससे उनके बीच झगड़ा बढ़ गया। यह मामला पहले कोराडी थाने भी पहुंचा था, जहां रोशन पर छेड़छाड़ का केस दर्ज हुआ था।

    बहस के बीच तैश में आया
    रोशन, आशा द्वारा तलाक दिलवाने और फिर शादी से इनकार करने के साथ-साथ उस पर केस दर्ज करवाने से काफी नाराज था। गुरुवार को जब आशा मंदिर में पूजा कर रही थी, तो दोनों के बीच फिर से बहस हुई। गुस्से में आकर रोशन ने अपनी जेब से चाकू निकाला और आशा के गले और शरीर पर ताबड़तोड़ कई वार किए। घटना के बाद वह मौके से फरार हो गया। पुलिस ने आशा को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया और रोशन को गिरफ्तार कर लिया है।

    रिश्तों में बढ़ती क्रूरता
    यह घटना रिश्तों में बढ़ती क्रूरता और असहिष्णुता को उजागर करती है। किसी भी रिश्ते में सहमति और आपसी सम्मान सर्वोपरि होता है, लेकिन यहां एकतरफा भावनाओं के कारण एक व्यक्ति ने दूसरे की जान लेने की कोशिश की। यह मामला यह भी दिखाता है कि जब रिश्तों में दरार आती है, तो कैसे हिंसा और प्रतिशोध हावी हो जाते हैं।

  • हिस्ट्रीशीटर की निर्मम हत्या

    हिस्ट्रीशीटर की निर्मम हत्या

    ईंट-पत्थर और बेसबॉल की स्टीक से बुरी तरह मारा गया
    नागपुर.
    नागपुर के यशोधरा नगर में राजीव गांधी उड़ान पुल के पास वर्चस्व की लड़ाई और पैसों के लेन-देन को लेकर हुए विवाद में एक हिस्ट्रीशीटर समीर शेख उर्फ समीर येडा (30) की हत्या कर दी गई। गुरुवार सुबह करीब 5 से 5.30 बजे के बीच हुई इस वारदात में हिस्ट्रीशीटर को धारदार हथियार, ईंट-पत्थर और बेसबॉल की स्टीक से बुरी तरह मारा गया। वारदात के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए।

    कई मामले दर्ज थे
    समीर शेख, यशोधरा नगर का निवासी था और उसके खिलाफ 31 आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या का प्रयास, मारपीट, गांजा तस्करी और एमडी बिक्री जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। वह और आरोपी अस्सू उर्फ अफसर, दोनों ही मादक पदार्थों की बिक्री में सक्रिय थे और उनके बीच पैसों के लेन-देन और इलाके में वर्चस्व को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था।

    फरार आरोपियों की तलाश
    पुलिस के अनुसार, गुरुवार सुबह समीर अपनी ससुराल मोमिनपुरा से बुलेट पर घर लौट रहा था, तभी आरोपी अस्सू ने अपने साथियों के साथ उसे घेर लिया और हमला कर दिया। यशोधरा नगर पुलिस को सूचना मिलने पर वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रमेश खुणे मौके पर पहुंचे और खून से लथपथ समीर को मेयो अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मो. शहजाद समशेर खान की शिकायत पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और फरार आरोपियों की तलाश में कई टीमें बनाई हैं। पुलिस ने अस्सू के 4-5 संदिग्ध साथियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

    अपराधियों में कानून का डर कम
    नागपुर में यह हिंसक घटना शहर की बिगड़ती कानून-व्यवस्था का एक और उदाहरण है। खुलेआम और बेखौफ होकर एक हिस्ट्रीशीटर की हत्या, यह दिखाती है कि अपराधियों में कानून का डर कम होता जा रहा है। जिस तरह से यह हत्या सरेआम की गई, वह यह भी दर्शाता है कि अपराधी गैंगवार और व्यक्तिगत दुश्मनी को सुलझाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।