Tag: देवेंद्र फडणवीस

  • ‘गरुड़ दृष्टि’से सोशल मीडिया पर पैनी नजर

    ‘गरुड़ दृष्टि’से सोशल मीडिया पर पैनी नजर

    पुलिस को एक सशक्त हथियार
    नागपुर.
    मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि आज के डिजिटल युग में, सोशल मीडिया जहां एक तरफ सूचना और अभिव्यक्ति का मंच बन गया है, वहीं दूसरी तरफ यह नफरत, फर्जी खबरों और सांप्रदायिक तनाव फैलाने का एक प्रभावी माध्यम भी बन गया है। असामाजिक तत्व इस प्लेटफॉर्म का उपयोग समाज में दंगे भड़काने और वित्तीय धोखाधड़ी करने के लिए कर रहे हैं। महाराष्ट्र पुलिस द्वारा विकसित ‘गरुड़ दृष्टि’ टूल इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह तकनीक उन लोगों का पता लगाने में मदद करेगी जो ऑनलाइन घृणा फैलाते हैं और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेगी।

    200 पीड़ितों को ठगे गए 10 करोड़ वापस दिलवाए
    ‘गरुड़ दृष्टि’ प्रणाली की सबसे बड़ी ताकत इसका डिजिटल फुटप्रिंट का पता लगाने की क्षमता है। यह ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी पर भी प्रभावी ढंग से लगाम लगाएगी। हालिया उदाहरण नागपुर में देखने को मिला, जहां पुलिस ने धोखाधड़ी के शिकार 200 पीड़ितों को उनके ठगे गए 10 करोड़ वापस दिलवाए। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील भी की कि वे किसी भी ऑनलाइन प्रलोभन का शिकार न हों और संदिग्ध गतिविधि की सूचना हेल्पलाइन नंबरों पर दें। यह पहल पुलिस और जनता के बीच सहयोग को बढ़ावा देती है और साइबर अपराध के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा करती है।

  • जैन मठ लौटेगी माधुरी हथिनी

    जैन मठ लौटेगी माधुरी हथिनी

    वनतारा कोल्हापुर में पुनर्वास केंद्र बनाने के लिए सरकार तैयार
    मुंबई,
    महाराष्ट्र में बीते कुछ दिनों से चर्चा में रही ‘माधुरी’ उर्फ ‘महादेवी’ हथिनी को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को वनतारा टीम के साथ अहम बैठक की। सीएम फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिये जानकारी दी कि माधुरी हथिनी को फिर से कोल्हापुर के नांदनी मठ में वापस लाने के प्रयासों में वनतारा प्रबंधन भी साथ देगा। अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि माधुरी को वापस मठ लाने से संबंधित महाराष्ट्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाने वाली याचिका में वे भी सहभागी होंगे।

    सीएम फडणवीस ने कहा
    फडणवीस ने कहा, वनतारा के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया था, और हथिनी को कब्जे में लेने की कोई मंशा नहीं थी। इतना ही नहीं, वनतारा ने नांदनी मठ के पास वन विभाग द्वारा चयनित स्थल पर महादेवी हथिनी के लिए पुनर्वसन केंद्र स्थापित करने की भी इच्छा जताई है। वनतारा ने कहा है कि वे केवल माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं और ‘माधुरी’ की अभिरक्षा लेने की उनकी कोई मंशा नहीं थी। टीम ने यह भी इच्छा जताई कि वे कोल्हापुर के नांदनी में, महाराष्ट्र सरकार के वन विभाग द्वारा चुने गए स्थान पर, माधुरी के लिए एक पुनर्वास केंद्र बनाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे समुदाय की धार्मिक भावनाओं का सर्वोच्च सम्मान करते हैं।”

    रास्ता आसान होता नजर आ रहा है
    महाराष्ट्र सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रही है, जिसमें माधुरी हथिनी को वापस नांदनी मठ लाने की अनुमति मांगी जाएगी। वनतारा की सहमति से अब इस दिशा में रास्ता आसान होता नजर आ रहा है। बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महादेवी हथिनी को गुजरात के जामनगर स्थित अंबानी परिवार के वन्यजीव संरक्षण केंद्र ‘वनतारा’ भेजा गया था। इसके बाद कोल्हापुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। कोल्हापुर में यह हथिनी वर्षों से धार्मिक आस्था का केंद्र रही है और उसके मठ से हटाए जाने को लेकर कई संगठनों और श्रद्धालुओं में भारी नाराजगी है।

    ‘माधुरी’ को वनतारा क्यों भेजा?
    36 वर्षीय हथिनी ‘महादेवी’ तीन दशकों से अधिक समय तक नंदनी में श्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी जैन मठ में थी। उसे इस सप्ताह की शुरुआत में अदालत के फैसले के बाद वनतारा के राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। महादेवी को कथित तौर पर 1992 में कर्नाटक से कोल्हापुर मठ में लाया गया था और तब वह लगभग तीन साल की थी। उसने कथित तौर पर 2017 में मुख्य पुजारी को बार-बार दीवार पर पटक कर मार डाला था। कहा जा रहा है कि महादेवी को पैरों में सड़न, पैर के नाखून बड़े होना, गठिया और लगातार सिर हिलाना जैसी समस्या थी। उसके बिगड़ते स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक स्थिति को देखते हुए कोर्ट ने उसे वनतारा भेजा। वनतारा वन्यजीव संरक्षण और पुनर्वास केंद्र है। उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी ने इसकी स्थापनी की है। वनतारा रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन द्वारा समर्थित है। गुजरात में जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के भीतर स्थित वनतारा 3000 एकड़ में फैला हुआ है।

  • महाराष्ट्र में कई मंत्रियों पर गिर सकती है गाज

    महाराष्ट्र में कई मंत्रियों पर गिर सकती है गाज

    फडणवीस कैबिनेट में बड़े फेरबदल की तैयारी
    मुंबई.
    महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय और नगर निकाय चुनावों से पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने मंत्रिमंडल में एक बड़ा फेरबदल करने की तैयारी में हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले छह महीनों में कामकाज में पिछड़ने वाले, विवादों में घिरे और घोटालों के आरोप झेल रहे कई मंत्रियों को पद से हटाया जा सकता है। इस संभावित फेरबदल की सबसे अहम बात यह है कि मुख्यमंत्री के बेहद करीबी और राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन को भी मंत्रिमंडल से छुट्टी मिल सकती है, हालांकि उन्हें भाजपा संगठन में अहम जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है।

    रडार पर हैं ये चेहरे
    मिली जानकारी के मुताबिक, शिवसेना (शिंदे गुट) के संजय शिरसाट, संजय राठोड, भरत गोगावले और योगेश कदम की मंत्री पद से छुट्टी हो सकती है। ये सभी नेता किसी न किसी वजह से विपक्ष के निशाने पर रहे हैं। इनके साथ-साथ एनसीपी (अजित पवार गुट) के माणिकराव कोकाटे और नरहरी झिरवल भी रडार पर हैं।

    नार्वेकर को मंत्रिमंडल में जगह संभव
    दूसरी ओर, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) राहुल नार्वेकर को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। नार्वेकर 2022 में उद्धव ठाकरे नीत महाविकास आघाड़ी सरकार के गिरने के बाद से विधानसभा अध्यक्ष हैं, और वे मंत्री पद की इच्छा लंबे समय से जता रहे हैं। वहीं, एकनाथ शिंदे की सरकार में मंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार को फडणवीस मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया है। हालांकि, वे लगातार सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते आ रहे हैं, और खबर है कि बीजेपी उन्हें विधानसभा अध्यक्ष पद से नवाज सकती है।

    नए चेहरों को सामने लाने की कवायद
    कहा जा रहा है कि भाजपा स्थानीय निकाय चुनावों से पहले पार्टी संगठन और मंत्रिमंडल दोनों स्तरों पर नए चेहरे सामने लाने की तैयारी में है। इसे न केवल पार्टी की छवि को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि कुशल नेताओं को आगे लाकर विपक्ष पर रणनीतिक बढ़त हासिल करने का प्रयास भी माना जा रहा है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने मंत्रियों को 100 दिनों का लक्ष्य दिया था, जिसके अनुसार उनके कामकाज का ऑडिट किया गया है, और कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को हटाया जाएगा।

  • धर्म बदलने वालों के जाति वैधता प्रमाण-पत्र रद्द होंगे

    धर्म बदलने वालों के जाति वैधता प्रमाण-पत्र रद्द होंगे

    नागपुर में भी होगा फैसले का बड़ा असर
    नागपुर.
    महाराष्ट्र विधान परिषद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह आश्वासन कि धर्म बदलने वाले लोगों, विशेषकर हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म को छोड़कर अन्य धर्मों को अपनाने वालों के अनुसूचित जाति (एससी) प्रमाणपत्र और जाति वैधता प्रमाणपत्र रद्द किए जाएंगे, नागपुर सहित पूरे राज्य में महत्वपूर्ण दूरगामी प्रभाव डालेगा। यह सुप्रीम कोर्ट के 26 नवंबर 2024 के आदेश के अनुरूप है, जिसमें कहा गया था कि एससी आरक्षण का लाभ केवल हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म के लोग ही ले सकते हैं।

    सीधा असर पड़ेगा
    नागपुर में, जहां विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोग निवास करते हैं, इस निर्णय का सीधा असर उन व्यक्तियों पर पड़ेगा जिन्होंने अनुसूचित जाति का दर्जा होने के बावजूद ईसाई धर्म या इस्लाम जैसे अन्य धर्मों को अपनाया है। भाजपा विधायक अमित गोरखे ने जिस “क्रिप्टो क्रिश्चियन” के मुद्दे को उठाया, वह इसी बात पर केंद्रित है कि ऐसे लोग अनुसूचित जाति के आरक्षण और सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, जबकि वे अब उस धर्म का पालन नहीं करते जिसके आधार पर उन्हें यह दर्जा मिला था।

    शुचिता बनाए रखने के लिए जरूरी
    मुख्यमंत्री के बयान से स्पष्ट है कि यदि कोई व्यक्ति इस तरह के प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरी में है, तो उसका प्रमाणपत्र रद्द होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी। इसी प्रकार, यदि किसी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ा है, तो उसका चुनाव भी रद्द हो जाएगा। यह कदम आरक्षण प्रणाली की शुचिता बनाए रखने और वास्तविक हकदारों तक लाभ पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण है।

    इस निर्णय का भी दूरगामी असर
    इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सरकार को मिल गई है। लालच देकर, फंसाकर या जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाना एक और संवेदनशील विषय है जिस पर गहन विचार-विमर्श की आवश्यकता होगी। नागपुर में भी, जहाँ धर्मांतरण के कई मामले सामने आते रहते हैं, इस कानून का प्रभाव महसूस किया जाएगा। यह कदम समाज में धार्मिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत पसंद के अधिकार के बीच संतुलन स्थापित करने में महत्वपूर्ण होगा, और प्रशासन को इसे लागू करते समय विशेष सावधानी बरतनी होगी।

  • शिंदे के पास नहीं बैठना चाहते उद्धव, फडणवीस सत्ता का ऑफर दे रहे हैं

    शिंदे के पास नहीं बैठना चाहते उद्धव, फडणवीस सत्ता का ऑफर दे रहे हैं

    समझें, महाराष्ट्र की राजनीतिक खींचतान, जुबानी जंग और सत्ता के इशारे
    मुंबई.
    महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के विदाई समारोह का मंच राजनीतिक दांव-पेंच और जुबानी हमलों का अखाड़ा बन गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को सत्ता में आने का सीधा न्योता देकर सबको चौंका दिया, जबकि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच तीखी नोकझोंक ने मौजूदा राजनीतिक समीकरणों में खिंचाव को स्पष्ट कर दिया।

    क्या सुलह के मूड में है भाजपा
    फडणवीस ने दानवे के दोबारा सदन में लौटने की शुभकामना देते हुए कहा कि जरूरी नहीं कि वे उसी पद पर लौटें। जब उद्धव ठाकरे ने मज़ाकिया लहजे में फडणवीस को ही विपक्ष में आने का सुझाव दिया, तो मुख्यमंत्री का जवाब था, “उद्धवजी, हमारे लिए साल 2029 तक विपक्ष में बैठने की उम्मीद नहीं है। लेकिन यदि आप सदन में सत्तारूढ़ दल की ओर आना चाहेंगे तो इस पर अलग तरीके से विचार किया जा सकता है।” फडणवीस का यह बयान एक स्पष्ट संकेत था कि भाजपा अभी भी ठाकरे गुट के साथ सुलह की गुंजाइश देख रही है, शायद आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए।

    राजनीतिक तनातनी कम नहीं
    इस दौरान, एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच की कड़वाहट खुलकर सामने आई। शिंदे ने दानवे की तारीफ करते हुए उनके गरीबी से उठकर गरीबों के लिए काम करने की बात कही। इस पर उद्धव ने शिंदे का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि दानवे ने “भरी हुई थाली से प्रताड़ना नहीं की” और “उसी दल में बने हुए हैं जिसने उन्हें सब कुछ दिया”, जबकि “कुछ लोग थाली भरी होने के बाद भी और कुछ हासिल करने की चाहत में दूसरे रेस्टोरेंट में गए हैं।” यह सीधा हमला शिंदे के शिवसेना से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार बनाने के फैसले पर था। बाद में, फोटो सेशन के दौरान उद्धव का शिंदे के बगल में बैठने से परहेज करना भी इस राजनीतिक तनातनी का स्पष्ट प्रमाण था। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र की राजनीति में गहरे मतभेदों और भविष्य के संभावित गठबंधनों की ओर इशारा करता है।

  • किसी भी आड़ में अर्बन नक्सली कानून से नहीं होगा खिलवाड़

    किसी भी आड़ में अर्बन नक्सली कानून से नहीं होगा खिलवाड़

    महाराष्ट्र सरकार कसेगी नकेल, विशेष जन सुरक्षा विधेयक पारित
    मुंबई.
    ‘अर्बन नक्सल’ और माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में विशेष जन सुरक्षा विधेयक पारित किया गया है। इस कानून का मकसद शहरी क्षेत्रों में सक्रिय वामपंथी उग्रवादी संगठनों, खासकर तथाकथित ‘अर्बन नक्सल’ की गतिविधियों पर रोक लगाना है। इस विधेयक को राज्य के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन में पेश किया। फडणवीस ने बताया कि यह कानून संयुक्त प्रवर समिति की सिफारिशों और 12,500 से अधिक नागरिकों के सुझावों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि इस कानून का किसी भी तरह से दुरुपयोग नहीं किया जाएगा। यह विधेयक अब विधान परिषद में पेश किया जाएगा। हालांकि, विपक्ष इसका विधान परिषद में मजबूती से विरोध करेगा। अगर वहां भी इसे मंजूरी मिलती है, तो यह जल्द ही राज्य में कानून का रूप ले लेगा।

    मुख्यमंत्री ने क्या कहा
    मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “यह कानून संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ काम करने वाले संगठनों पर अंकुश लगाने के लिए समय की जरूरत है। यह कानून अन्य राज्यों की तुलना में कहीं अधिक संतुलित और प्रगतिशील है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि तेलंगाना, ओडिशा, झारखंड और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पहले से ही ऐसे कानून लागू हैं, लेकिन महाराष्ट्र का यह कानून अधिक सटीक और विचारपूर्ण तरीके से तैयार किया गया है। संयुक्त प्रवर समिति के किसी भी सदस्य ने विधेयक के खिलाफ असहमति दर्ज नहीं कराई।

    विपक्ष ने जताई आपत्ति
    हालांकि, विपक्ष ने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए, खासकर ‘अर्बन नक्सल’ शब्द की परिभाषा को लेकर, जिसे वे बहुत व्यापक और अस्पष्ट मानते हैं। विपक्ष ने आशंका जताई है कि इसका इस्तेमाल विचारों की अभिव्यक्ति को दबाने के लिए हो सकता है। इस विधेयक में उच्च न्यायालय के सेवा में या सेवानिवृत्त न्यायाधीश अध्यक्ष होंगे, साथ में एक सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश और एक उच्च न्यायालय का सरकारी वकील सदस्य होंगे। किसी भी संगठन को अवैध घोषित करने से पहले इस सलाहकार बोर्ड की सहमति अनिवार्य होगी। इस कानून के तहत दर्ज अपराधों की जांच केवल पुलिस उपाधीक्षक (डिप्टी एसपी) या उससे ऊपर के अधिकारी द्वारा ही की जा सकेगी। यह विधेयक विधानसभा के पिछले शीतकालीन सत्र में पेश किया गया था और संयुक्त प्रवर समिति को भेजा गया था। सरकार का दावा है कि यह कानून शक्ति का दुरुपयोग नहीं करेगा और पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाएगा।

  • संजय शिरसाट के बेटे को 110 करोड़ का होटल 67 करोड़ में मिला

    संजय शिरसाट के बेटे को 110 करोड़ का होटल 67 करोड़ में मिला

    टेंडर में घपले का आरोप
    मुंबई.
    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर के होटल वीआईटीएस की बिक्री में हुई टेंडर प्रक्रिया की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत की कंपनी भी शामिल थी। विधानसभा में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने एक प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की। दानवे ने होटल की बिक्री के लिए रद्द की गई टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे।

    दानवे ने उठाया था मुद्दा
    दानवे ने कहा, ‘एक कंपनी जो 2024 में बनी, उसे बोली में भाग लेने की अनुमति दी गई। होटल की बोली 2018 की दर पर तय की गई, जो कि बहुत कम थी। कंपनियों के गठजोड़ के कारण एक ऐसी कंपनी का टेंडर स्वीकार किया गया, जिसके पास जरूरी तीन साल का आईटीआर भी नहीं था। क्या अधिकारियों और टेंडर जीतने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई होगी?’

    बावनकुले बोले, टेंडर प्रक्रिया रद्द
    राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जानकारी दी कि टेंडर प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमने पहले 2018 से छह टेंडर जारी किए थे, लेकिन कोई भी कंपनी आगे नहीं आई। होटल का मूल्य विशेष एमपीआईडी कोर्ट के आधार पर तय किया गया था।

    छह बार निकाले गए टेंडर
    वीआईटीएस होटल, धनदा कॉर्पोरेशन लिमिटेड की संपत्ति थी। यह कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है। 2016 और 2017 में कंपनी की संपत्तियां जब्त कर ली गईं थीं, जिसमें यह होटल भी शामिल था। निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए होटल की नीलामी की जा रही थी। मंत्री जी के अनुसार, 2018 से छह बार टेंडर निकाले गए, लेकिन कोई भी कंपनी आगे नहीं आई।

    150 करोड़ होटल की कीमत
    दानवे ने बताया कि मेसर्स सिद्धांत मटेरियल प्रोक्योरमेंट एंड सप्लाई कंपनी ने 65 करोड़ रुपये में टेंडर जीता, जबकि होटल की मौजूदा कीमत लगभग 150 करोड़ रुपये है। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी के मालिक सिद्धांत शिरसाट हैं, जो एक मंत्री के बेटे हैं। दानवे ने कहा कि मंत्री के 2024 के चुनाव हलफनामे में उनके बेटे की कोई संपत्ति नहीं दिखाई गई है। इसका मतलब है कि दानवे जी को लगता है कि होटल को बहुत कम कीमत पर बेचा गया और इसमें मंत्री जी के बेटे का भी हाथ है।

    प्रकरण की गहराई से होगी जांच
    हंगामा जारी रहने पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राजस्व मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रक्रिया रद्द कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में पारदर्शिता हो। इसलिए, एक उच्च स्तरीय जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि पूरी प्रक्रिया में कोई अनियमितता हुई है या नहीं। मुख्यमंत्री जी चाहते हैं कि इस मामले की गहराई से जांच हो और सच्चाई सामने आए।

    लिस्टेड होटल था वीआईटीएस
    छत्रपति संभाजीनगर में वीआईटीएस होटल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी ढांडा कॉर्पोरेशन का था। वीआईटीएस होटल सहित ढांडा कॉर्पोरेशन की संपत्तियों को महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय प्रतिष्ठानों में) अधिनियम, 1999 के तहत जब्त कर लिया गया। अदालत ने होटल की नीलामी का आदेश दिया। तदनुसार, छत्रपति संभाजीनगर कलक्ट्रेट ने कार्यवाही की।

  • आदेश रद्द, थमा ‘हिन्दी’ पर जारी हंगामा

    आदेश रद्द, थमा ‘हिन्दी’ पर जारी हंगामा

    तीन भाषा नीति पर विचार करेगी समिति
    मुंबई.
    महाराष्ट्र सरकार ने तीन भाषा नीति पर लिए गए दो सरकारी आदेश रद्द कर दिए। विपक्ष का आरोप था कि सरकार हिंदी को राज्य के लोगों पर थोपने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अब भाषा फार्मूला लागू करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की है। यह समिति तीन भाषा नीति पर विचार करेगी और अपनी सिफारिशें देगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार की नीति मराठी और मराठी छात्रों पर केंद्रित है। वे इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करना चाहते। नरेंद्र जाधव समिति माशेलकर समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करेगी। यह उन लोगों से भी बात करेगी जो इसका विरोध कर रहे हैं। इसके बाद यह तीन भाषा नीति को लागू करने पर अपनी सिफारिशें देगी।

    फडणवीस ने पूरी जानकारी दी
    देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारे लिए हिंदी का विषय मराठी का विषय है। हमने राज्य में मराठी को अनिवार्य कर दिया है। हमने तय किया है कि कोई भी भारतीय भाषा सीख सकता है। फिर भी, एक सोए हुए व्यक्ति को जगाया जा सकता है, लेकिन एक व्यक्ति जो सोने का नाटक करता है उसे नहीं जगाया जा सकता। हिंदी वैकल्पिक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सबसे पहले कर्नाटक ने लागू किया था। फिर मध्य प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश ने इसे लागू किया। 21 सितंबर, 2020 को महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस शिक्षा नीति को कैसे लागू किया जाए? यह निर्धारित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की। इसका जीआर 16 अक्टूबर, 2020 को जारी किया गया था। फडणवीस ने कहा कि इस समिति में बहुत प्रसिद्ध विद्वान थे। डॉ. रघुनाथ माशेलकर की अध्यक्षता में 18 लोगों की एक समिति बनाई गई थी। इस समिति में सभी लोग मराठी, प्रसिद्ध और शिक्षा के क्षेत्र को समझने वाले लोग हैं। 14 सितंबर, 2021 को इस समिति ने 101 पन्नों की रिपोर्ट पेश की। मेरे पास इसका ट्वीट है। रिपोर्ट स्वीकार किए जाने के समय उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे। डीजीआईपीआर ने इस बारे में ट्वीट किया था।

  • अगला सांसद कमल का होना चाहिए, शिंदे समूह के नेता के निर्वाचन क्षेत्र में बावनकुले का बयान

    अगला सांसद कमल का होना चाहिए, शिंदे समूह के नेता के निर्वाचन क्षेत्र में बावनकुले का बयान

    बुलढाना : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी ने महाराष्ट्र के लिए मिशन 45 लॉन्च किया है. बीजेपी महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 45 पर बीजेपी उम्मीदवार को जिताने की कोशिश कर रही है. चंद्रशेखर बावनकुले ने बुलढाणा में एक कार्यक्रम में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया। बावनकुले ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बुलढाणा का सांसद कमल होना चाहिए। बुलढाणा लोकसभा क्षेत्र से 2019 का चुनाव शिवसेना के प्रतापराव जाधव ने जीता। जब से प्रतापराव जाधव फिलहाल शिंदे गुट में शामिल हुए हैं, इस बात पर ध्यान खींचा गया है कि उनकी प्रतिक्रिया कैसी होगी.

    चंद्रशेखर बावनकुले ने क्या कहा?

    नरेंद्र मोदी ने 2029 में भारत को विश्व गुरु बनाने का सपना बनाया है। हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम 2020 का विजन पेश करेंगे। नरेंद्र मोदी ने उस विजन को आगे ले जाने का फैसला किया। नरेंद्र मोदी ने 2029 में भारत को विश्व नेता बनाने का फैसला किया है। चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि अगर हमें नरेंद्र मोदी का सपना पूरा करना है तो हमें उनके हाथ मजबूत करने होंगे। बावनकुले ने बताया कि मोदी का हाथ मजबूत करने के लिए बुलढाणा की सांसद कमला को 2024 के लोकसभा चुनाव में देना होगा.

    संजय शिरसात ने आखिरकार मंत्री पद न मिलने पर जताया खेद

    वर्तमान में प्रतापराव जाधव सांसद बुलढाणा

    पिछली बार प्रतापराव जाधव ने शिवसेना से बुलढाणा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। प्रतापराव जाधव ने राकांपा नेता राजेंद्र शिंगाने को हराया। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान वंचित बहुजन अघाड़ी के उम्मीदवारों ने भी भारी संख्या में वोट हासिल किए थे.

    दरगाह में दर्शन किए, फिर नहाने गए तालाब में, पांच भाई-बहनों की डूबने से मौत, नांदेड़…

    शिंदे समूह की क्या भूमिका होगी?

    प्रतापराव जाधव वर्तमान में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समूह में हैं। चर्चाएं चल रही हैं कि केंद्र की मोदी सरकार एकनाथ शिंदे समर्थक सांसदों को केंद्र में दो मंत्री पद देने जा रही है. उस चर्चा में सबसे आगे बुलढाणा के सांसद प्रतापराव जाधव का नाम है। इसलिए शिंदे समूह ने इस बात पर ध्यान देना शुरू कर दिया है कि चंद्रशेखर बावनकुले के बयान पर उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी.

    उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र अभियान की शुरुआत, मुख्यमंत्री के गढ़ में पहली दहाड़

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  • हनुमान व्याम प्रसार मंडल को जल्द मिलेगा खेल विश्वविद्यालय का दर्जा, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

    हनुमान व्याम प्रसार मंडल को जल्द मिलेगा खेल विश्वविद्यालय का दर्जा, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

    अमरावती : खेल के क्षेत्र का दिन-प्रतिदिन विस्तार हो रहा है और दुनिया भर में विभिन्न खेल अलग-अलग तरीकों से विकसित हो रहे हैं। इसलिए देश में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी तैयार करने के लिए अप-टू-डेट और प्रभावी प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इस पृष्ठभूमि में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि सरकार जल्द ही एक समिति बनाकर अमरावती में श्री हनुमान व्याम प्रसारक मंडल का खेल विश्वविद्यालय बनने के लिए सकारात्मक कार्रवाई करेगी.

    उपमुख्यमंत्री फडणवीस श्री हनुमान व्याम प्रसारक मंडल क्षेत्र में मेजर ध्यानचंद इंडोर स्टेडियम के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. कार्यक्रम की अध्यक्षता रमेश गोडबोले ने की। सांसद रामदास टाडास, सांसद डॉ. अनिल बोंडे, विधायक प्रताप अडसाद, दीप्ति ताई चौधरी, श्री हनुमान व्याम प्रसारक मंडल के प्रमुख सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, उपाध्यक्ष डॉ. श्रीकांत चंदके, सचिव डॉ. माधुरी और चेंडके भी मौजूद थे।

    संस्थान एक खेल विश्वविद्यालय होगा

    उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि गौरवशाली इतिहास वाली संस्था श्री हनुमान व्याम प्रसार मंडल ने खेल गतिविधियों के साथ-साथ सामाजिक प्रतिबद्धता गतिविधियों को लगातार अंजाम दिया है. यह एक ऐसा संगठन है जो केवल खेल और व्यायाम तक ही सीमित नहीं मानवता के बारे में सोचता है। संस्था को खेल विश्वविद्यालय बनाने की मांग है। चूंकि दुनिया भर में खेल अलग-अलग तरीकों से विकसित हो रहे हैं और खेल के विभिन्न अवसर उपलब्ध हैं, इसलिए देश में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का उत्पादन करना आवश्यक है। इसलिए हम शीघ्र ही समिति बनाकर संस्था को विश्वविद्यालय बनाने के संबंध में सकारात्मक कार्रवाई करेंगे। इसी प्रकार उन्होंने इस अवसर पर आश्वासन दिया कि संस्था के छात्रावास एवं अन्य गतिविधियों में निश्चित सहयोग प्रदान किया जायेगा.

    इस संस्थान का छात्र होने पर गर्व है : फडणवीस

    फडणवीस ने आगे कहा कि श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल ने खेल मैदान के साथ सामाजिक प्रतिबद्धता को कायम रखते हुए अमरावती का गौरव बढ़ाया है. हालांकि मुझे उपमुख्यमंत्री के रूप में इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, लेकिन यहां आते ही मुझे यहां का छात्र जीवन याद आ गया। मैं यहां का छात्र हूं। यहां तैराकी, लाठी-काठी और कई खेल सीखे। गौरवशाली इतिहास वाले इस संस्थान का छात्र होने पर मुझे गर्व है। इस संस्था की कई यादें हैं। बेहद विपरीत परिस्थितियों में काम करते हुए मेजर ध्यानचंद ने भारतीय हॉकी को ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इस अवसर पर उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि उनके नाम पर एक इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया गया है। उपमुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा स्टेडियम के उद्घाटन के बाद स्टेडियम में छात्र-छात्राओं द्वारा ताइक्वांडो, बॉक्सिंग और कबड्डी का प्रदर्शन किया गया. इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से बातचीत की और उनकी सराहना की.

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    संगठन ‘मिनी इंडिया’ ही है।

    अपनी स्थापना के बाद से, खेल गतिविधियों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में अग्रणी होने के नाते, बोर्ड द्वारा लगातार कई गतिविधियों को लागू किया गया है। यहां स्वयंसेवकों द्वारा दंगों को रोकने और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के कार्यक्रम, किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए जागरूकता अभियान और कोविड महामारी के दौरान महत्वपूर्ण गतिविधियों का संचालन किया गया। भारत के सभी राज्यों के छात्र संस्थान में अध्ययन कर रहे हैं। संगठन पूरे देश का प्रतिनिधित्व करता है और एक मायने में यह एक ‘मिनी इंडिया’ है। पद्मश्री वैद्य ने परिचय में कहा कि वह इस ‘मिनी इंडिया’ की ओर से स्वागत कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री फडणवीस का संगठन द्वारा सम्मान बिल्ला, शॉल, श्रीपाल और फूलों के गुलदस्ते के साथ किया गया। संस्था की सचिव मधुरिताई चंदके ने धन्यवाद ज्ञापित किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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