भजनलाल को फिर से जान से मारने की धमकी

इस जेल से आया कॉल; अलर्ट मोड पर पुलिस
बीकानेर.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक यह धमकी भरा कॉल बीकानेर जेल से किया गया है। घटना के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क अलर्ट मोड पर आ गई हैं और जेल परिसर में सघन तलाशी अभियान जारी है। सूत्रों के अनुसार, इस धमकी के पीछे जेल में बंद एक कैदी की मंशा जेल प्रशासन में फेरबदल कराने की हो सकती है, ताकि सख्त अधिकारियों को हटाया जा सके। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है और जल्द ही मामले का खुलासा करने का दावा कर रही है।

पहले भी मिल चुकी है धमकी
इसके पहले 21 फरवरी को दौसा जेल से कॉल कर उन्हें धमकी दी गई थी। वह कॉल पॉक्सो एक्ट के तहत सजा काट रहे एक कैदी ने किया था। दोनों ही मामलों में पॉक्सो केस में बंद कैदियों का हाथ था। उन मामलों में भी पुलिस ने सख्त कार्रवाई की थी, जिसके तहत जेलर और दो जेल कर्मियों पर गाज गिरी थी और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।

डिप्टी सीएम बैरवा को भी मिली थी धमकी
बता दें, यह पहली बार नहीं है जब राज्य सरकार के उच्च पदस्थ नेताओं को इस तरह की धमकियां मिली हैं। दो दिन पहले ही राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को भी जान से मारने की धमकी मिली थी। इस पर जयपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विक्रम सिंह, शाहनील, वसीम खान, जुनैद और मोहम्मद अशरफ समेत छह बदमाशों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि आरोपी विक्रम सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल कर डिप्टी सीएम को जान से मारने की धमकी दी थी। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने जानकारी दी थी कि बुधवार शाम करीब 7:15 बजे सिटी कंट्रोल रूम पर कॉल आया था, जिसमें डिप्टी सीएम को धमकी दी गई। पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए विधायकपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया और आरोपियों को पकड़ लिया।

जेलों में बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन के आदेश
इधर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गृह विभाग कि बैठक में प्रदेशभर की जेलों में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर जेल के अंदर किसी भी तरह की अवैध सामग्री पाई जाती है तो संबंधित जेल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा सभी जेलों में नियमित रूप से पुलिस और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में औचक तलाशी अभियान चलाया जाए। अगर कोई नेटवर्क अवैध सामग्री पहुंचाने में शामिल पाया जाता है तो उस पर एफआईआर दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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