दो हत्याओं से सिहरा नागपुर

रंजिश और शराब के विवादों ने ली जान
नागपुर.
नागपुर में आपराधिक गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ढाई घंटे के भीतर शहर में हुई दो हत्याएं इस बात का कड़वा सच बयां करती हैं। रंजिश और शराब के विवादों ने जिस तरह से दो जिंदगियां छीन लीं, वह न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि समाज में बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा की प्रवृत्ति को भी दर्शाता है।

दो लोगों को मौत के घाट उतारा
पहली घटना में, जूनी मंगलवारी के हर्षल अनिल सौदागर (26) को गुजरी चौक में एक मामूली विवाद के बाद धारदार हथियारों से घेरकर मौत के घाट उतार दिया गया। यह दर्शाता है कि छोटे-मोटे झगड़े भी किस तरह खूनी रूप ले सकते हैं। दूसरी घटना कॉटन मार्केट के पास हुई, जहां शराब पीने-पिलाने को लेकर हुए विवाद में अमोल पैकूजी बनकर (36) की जान चली गई। आरोपी ने उन्हें लात मारी, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई और अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई।

सड़कों पर अब असुरक्षा का माहौल
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि नागपुर की सड़कों पर अब असुरक्षा का माहौल है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। हालांकि, यह पर्याप्त नहीं है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पुलिस प्रशासन को और अधिक सक्रिय और दृढ होना होगा। गश्त बढ़ानी होगी, संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नज़र रखनी होगी और त्वरित न्याय सुनिश्चित करना होगा, ताकि अपराधियों में डर का माहौल बना रहे। साथ ही, समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। युवाओं में बढ़ती हिंसा की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए परिवारों और शैक्षणिक संस्थानों को नैतिक मूल्यों और संयम का पाठ पढ़ाना होगा। नागपुर को फिर से शांतिपूर्ण और सुरक्षित शहर बनाने के लिए पुलिस, प्रशासन और नागरिकों के संयुक्त प्रयास आवश्यक हैं।

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