सरकारी दस्तावेजों को कबाड़ी में बेच दिया, अब रडार पर अधिकारी

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Government documents were sold to junk dealers, now officials are on the radar

नागपुर में सीजीएसटी विभाग का शर्मनाक मामला
नागपुर.
नागपुर के केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विभाग में सरकारी दस्तावेजों को कबाड़ी को बेचे जाने का मामला सामने आने के बाद शहर में भ्रष्टाचार और लापरवाही को लेकर एक गंभीर बहस छिड़ गई है। यह घटना न केवल विभाग की साख को बट्टा लगाती है, बल्कि सरकारी कामकाज में व्याप्त ढिलाई और सुरक्षा खामियों को भी उजागर करती है। जांच के दौरान कई अधिकारी रडार पर आ सकते हैं।

महज 5 हजार रुपए में बेचा था
जिस तरह से विभाग में पदस्थ एक बाबू मोहित गुंड ने सरकारी दस्तावेज और फाइलें महज 5 हजार रुपये में कबाड़ी को बेच दीं, वह चौंकाने वाला है। यह दर्शाता है कि महत्वपूर्ण और संवेदनशील सरकारी कागजातों की सुरक्षा कितनी लचर है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि बाबू के पास कार्यालय की चाबी कैसे पहुंची, जबकि उनका काम कार्यालय खोलना या बंद करना नहीं है। यह स्पष्ट रूप से उच्च अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों की लापरवाही की ओर इशारा करता है।

बाबू निलंबित, जांच के आदेश
विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बाबू गुंड को निलंबित कर दिया है और विभागीय जांच का आदेश दिया है। यह एक सही कदम है, लेकिन जांच सिर्फ बाबू तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। इस पूरी कड़ी में जिनकी भी लापरवाही सामने आती है, चाहे वे इंस्पेक्टर हों, अधीक्षक हों या अन्य कर्मचारी, उन पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। यह पता लगाना आवश्यक है कि जब दस्तावेज निकाले गए उस दौरान अन्य कर्मचारी कहां थे और किसी का ध्यान क्यों नहीं गया। यह भी चिंताजनक है कि इस कार्यालय में कोई सुरक्षा रक्षक या हवलदार नहीं था, जिसका फायदा उठाकर बाबू ने इस कृत्य को अंजाम दिया। नागपुर में सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई और गहन जांच आवश्यक है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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