मराठी सबसे पहले, मंत्री-विधायक के बाद में

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Marathi first, then minister-MLA

मनसे नेता ने दी खुली धमकी
मुंबई.
महाराष्ट्र में भाषा विवाद के बीच मीरा भाईंदर लड़ाई का केंद्र बना गया है। मंगलवार को मनसे ने मीरा रोड मोर्चा निकाला तो वहीं एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के नेता और मंत्री प्रताप सरनाईक भी मीरा भाईंदर पहुंचे। पुलिस ने मोर्चा निकालने की अनुमति नहीं होने पर मंत्री को जाने से रोका। बाद में मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि मीरा भाईंदर में मराठी आवाज के आंदोलन में मराठी एकता समिति के अध्यक्ष गोवर्धन देशमुख के साथ भाग लिया। उन्होंने कहा कि मंत्री, विधायक के बाद में, मराठी सबसे पहले है। मैं मीरा भाईंदर में मराठी लोगों के साथ मजबूती से खड़ा रहूंगा। तो वहीं दूसरी तरफ मनसे नेता संदीप देशपांडे ने हुंकार भरी और कहा कि 2000 किलोमीटर दूर से आकर चुपचाप धंधा करिए। मराठी आदमी को घमंड दिखाने की कोशिश करोगे तो कान के नीचे आवाज जरूर निकालेंगे।

मनसे के मोर्चा में गरजे देशपांडे
पुलिस के मोर्चा के लिए अनुमति नहीं देने के बाद भी मनसे कार्यकर्ता इकट्ठे हुए। इस मौके पर राज ठाकरे के करीब नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि अगर मराठी आदमी को घमंड दिखाने की कोशिश करोगे तो कान के नीचे आवाज जरूर निकालेंगे। तुम व्यापार के लिए हो, चुपचाप व्यापार करो 2 हजार मील से यहां आकर मराठी आदमी को घमंड दिखाना बंद नहीं कर पाएगा। मीरा भाईंदर में मनसे ने इस आयोजन को मराठी एकता समिति के मार्च नाम दिया था। मनसे के मोर्चा के बीच प्रताप सरनाईक भी मीरा भाईंदर पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि मैं खुद मीरा-भायंदर मार्च में हिस्सा लेने जा रहा हूं, हिम्मत है तो रोक लो। सरनाईक ने पुलिस को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा है कि मैं खुद मीरा-भायंदर मार्च में हिस्सा लेने जा रहा हूं। हिम्मत है तो रोक लो। प्रताप सरनाईक ने आज सुबह मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मीरा भायंदर में मार्च को अनुमति नहीं दिए जाने के मामले में पुलिस की भूमिका बहुत गलत थी। पुलिस को एक पार्टी के लिए काम नहीं करना चाहिए, मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी बात करूंगा।

 

मारवाड़ी व्यापारी को थप्पड़ों से पीटा था
मुंबई से सटे मीरा रोड पर 29 जून को मराठी नहीं बोलने पर मनसे का कार्यकर्ताओं ने एक मारवाड़ी व्यपारी को थप्पड़ों से पीटा था। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। पुलिस ने सात मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन उन्हें अरेस्ट नहीं किया था। पुलिस के अनुसार वह इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। ऐसे में सजा कोर्ट तय करेगा। इस घटना के विरोध में गैर मराठी दुकानदारों ने विरोध स्वरूप मीरा भाईंदर बंद रखा था। इसके जवाब में मनसे ने मोर्चा निकालने का ऐलान किया था। इसके लिए बालाजी होटल से मीरा रोड स्टेशन का रूट तय किया गया था।

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