Category: क्राइम

  • 16 नक्सली ढेर, भारी मात्रा में हथियार बरामद

    16 नक्सली ढेर, भारी मात्रा में हथियार बरामद

    सुकमा में मुठभेड़ की खबर
    सुकमा.
    सुकमा में एक बार फिर नक्सली और जवानों के बीच भीषण मुठभेड़ हो गई है। जवानों ने 15 से 20 नक्सलियों को ढेर कर दिया है और दो जवान भी घायल हो गए हैं। हालांकि इस बात की पुष्टि होना अभी बाकी है।

    मुठभेड़ जारी है
    जानकारी के मुताबिक, ये मुठभेड़ गोगुंडा के पहाड़ी पर उपमपल्ली में चल रही है। सुबह से ही सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। सुरक्षाबलों को इस ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी मिल सकती है। नक्सलवाद खात्मे को लेकर जवान भी आक्रामक हैं। अभी तक 15 नक्सलियों के मारे जाने की सूचना प्राप्त हुई है। वहीं पुलिस एक अधिकारियों ने बताया कि यह मुठभेड़ सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र में हो रही है।

    तलाशी अभियान के दौरान हुई मुठभेड़
    अधिकारियों के अनुसार, सुकमा पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत केरलापाल इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान शुरू किया गया था। संयुक्त दल 28 मार्च को तलाशी अभियान के लिए निकला था। इसी दौरान जवानों का सामना नक्सलियों से हो गया और देखते ही देखते गोलीबारी शुरू हो गई। जवानों में मुंहतोड़ जवाब देते हुए 15 से अधिक आतंकी को मार गिराया।

    टॉप नक्सली लीडर के मारे जाने की संभावना
    बताया जा रहा है कि यहां बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद है जिसे जवानों ने घेर दिया है। डीआरजी और सीआरपीएफ जवानों की सर्चिंग जारी है। सुकमा एनकाउंटर में नक्सलियों के टॉप लीडर के मारे जाने की खबर है। मुठभेड़ में डीवीसीएम जगदीश की मारे जाने की खबर है। मारे गए नक्सलियों के पास से सुरक्षाबल के जवानों के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक सामान और हथियार बरामद हुआ है। जवानों ने मौके से इंसास, एनएलआर जैसे ऑटोमैटिक वेपंस भी बरामद किए हैं। मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

    दो जवान भी घायल
    सुकमा में हुई इस मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मियों के घायल होने की खबर है। घायल जवानों के इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। जवान इलाके में सर्चिंग अभियान चला रहे हैं। इस मुठभेड़ के बाद इलाके में तनाव का माहौल है, लेकिन जवानों का मनोबल ऊंचा है। बता दें कि सुकमा और आसपास के इलाकों में लगातार नक्सली घटनाएं होती रही हैं। सुरक्षाबलों की इस सफलता को नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक बड़ा झटका माना जा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने इस मुठभेड़ को एक बड़ी उपलब्धि करार दिया है। इस बीच खबर है कि नक्सल अभियान की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 3 अप्रैल को दंतेवाड़ा आएंगे।

  • केजरीवाल पर एफआईआर

    केजरीवाल पर एफआईआर

    दिल्ली पुलिस का एक्शन
    नई दिल्ली.
    दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के कथित उल्लंघन की शिकायत के आधार पर की गई है। पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी अनुपालन रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को निर्धारित की गई है।

    क्या है मामला?
    प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की एक अदालत ने 11 मार्च को राजधानी में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाने के लिए जनता के धन का कथित तौर पर दुरुपयोग करने के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का आदेश जारी किया था। अदालत ने यह निर्देश शिकायत के आधार पर दिया, जिसमें सार्वजनिक संपत्ति और संसाधनों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की।

    जनता के धन का गलत उपयोग
    2019 में दर्ज की गई शिकायत में दावा किया गया है कि केजरीवाल, मटियाला से आम आदमी पार्टी (आप) के तत्कालीन विधायक गुलाब सिंह और द्वारका ए वार्ड की तत्कालीन पार्षद नितिका शर्मा ने इलाके में कई स्थानों पर विशाल होर्डिंग्स लगवाकर जानबूझ कर रूप से जनता के धन का गलत उपयोग किया।

    जांच की बताई वजह
    अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नेहा मित्तल ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट में उल्लेख है कि रिपोर्ट दाखिल करने की तारीख को संबंधित स्थान पर कोई होर्डिंग या बैनर नहीं था, लेकिन शिकायत की तारीख के समय की स्थिति पर पुलिस ने कुछ नहीं कहा। इसलिए यह जांच जरूरी है कि होर्डिंग्स किसने और क्यों लगवाए। राज्य के वकील ने दलील दी कि समय बीत चुका है और सबूत के तौर पर दी गई तस्वीरों में होर्डिंग बनाने वाली कंपनी का नाम नहीं है, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर कहा कि मामले में शामिल लोगों की पहचान के लिए जांच जरूरी है।

  • भजनलाल को फिर से जान से मारने की धमकी

    भजनलाल को फिर से जान से मारने की धमकी

    इस जेल से आया कॉल; अलर्ट मोड पर पुलिस
    बीकानेर.
    मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक यह धमकी भरा कॉल बीकानेर जेल से किया गया है। घटना के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क अलर्ट मोड पर आ गई हैं और जेल परिसर में सघन तलाशी अभियान जारी है। सूत्रों के अनुसार, इस धमकी के पीछे जेल में बंद एक कैदी की मंशा जेल प्रशासन में फेरबदल कराने की हो सकती है, ताकि सख्त अधिकारियों को हटाया जा सके। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है और जल्द ही मामले का खुलासा करने का दावा कर रही है।

    पहले भी मिल चुकी है धमकी
    इसके पहले 21 फरवरी को दौसा जेल से कॉल कर उन्हें धमकी दी गई थी। वह कॉल पॉक्सो एक्ट के तहत सजा काट रहे एक कैदी ने किया था। दोनों ही मामलों में पॉक्सो केस में बंद कैदियों का हाथ था। उन मामलों में भी पुलिस ने सख्त कार्रवाई की थी, जिसके तहत जेलर और दो जेल कर्मियों पर गाज गिरी थी और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।

    डिप्टी सीएम बैरवा को भी मिली थी धमकी
    बता दें, यह पहली बार नहीं है जब राज्य सरकार के उच्च पदस्थ नेताओं को इस तरह की धमकियां मिली हैं। दो दिन पहले ही राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को भी जान से मारने की धमकी मिली थी। इस पर जयपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विक्रम सिंह, शाहनील, वसीम खान, जुनैद और मोहम्मद अशरफ समेत छह बदमाशों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि आरोपी विक्रम सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल कर डिप्टी सीएम को जान से मारने की धमकी दी थी। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने जानकारी दी थी कि बुधवार शाम करीब 7:15 बजे सिटी कंट्रोल रूम पर कॉल आया था, जिसमें डिप्टी सीएम को धमकी दी गई। पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए विधायकपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया और आरोपियों को पकड़ लिया।

    जेलों में बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन के आदेश
    इधर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गृह विभाग कि बैठक में प्रदेशभर की जेलों में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर जेल के अंदर किसी भी तरह की अवैध सामग्री पाई जाती है तो संबंधित जेल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा सभी जेलों में नियमित रूप से पुलिस और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में औचक तलाशी अभियान चलाया जाए। अगर कोई नेटवर्क अवैध सामग्री पहुंचाने में शामिल पाया जाता है तो उस पर एफआईआर दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

  • वर्जिनिटी टेस्ट की मांग पर कोर्ट ने कहा-आप कराएं नपुंसकता की जांच’

    वर्जिनिटी टेस्ट की मांग पर कोर्ट ने कहा-आप कराएं नपुंसकता की जांच’

    याचिका को असंवैधानिक करार देते हुए अदालत ने खारिज कर दिया
    रायपुर.
    छत्तीसगढ़ से एक अनोखा मामला सामने आया है। पति-पत्नी ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए थे। पति को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था, जबकि पत्नी ने पति पर नपुंसक होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पति ने अपनी पत्नी का वर्जिनिटी टेस्ट कराने की मांग की और मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पत्नी के वर्जिनिटी टेस्ट की मांग वाली याचिका को असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया है। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसी मांग करना न केवल महिलाओं की गरिमा के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

    जानिए पूरा मामला
    दरअसल, रायगढ़ जिले के एक युवक ने 30 अप्रैल 2023 को हिंदू रीति-रिवाज से शादी की थी। शादी के कुछ दिनों तक पति-पत्नी के बीच संबंध ठीक रहे, लेकिन कुछ महीनों बाद ही पति-पत्नी के बीच विवाद शुरू हो गया। इसके बाद पति-पत्नी अलग-अलग रहने लगे। इसी बीच पत्नी ने जुलाई 2024 में रायगढ़ के फैमिली कोर्ट में परिवाद दायर किया, जिसमें उसने भरण-पोषण के लिए 20 हजार रुपये प्रतिमाह अंतरिम गुजारा भत्ता की मांग की। पत्नी का आरोप था कि उसका पति नपुंसक है, जिसके कारण वह शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम नहीं है। उसे और परिवार वालों को धोखे में रखकर शादी कराई गई है।

    पति ने की पत्नी के वर्जिनिटी टेस्ट की मांग
    वहीं, पति ने अपनी पत्नी के चरित्र पर लांछन लगाया। उसने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी का उसके बहनोई से अवैध संबंध है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैमिली कोर्ट ने पति की दलील को खारिज कर दिया। साथ ही उसे पत्नी को भरण-पोषण का पैसा देने का आदेश दिया। इस बीच पति ने फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। आरोप लगाया कि पत्नी का उसके बहनोई से अवैध संबंध है, जबकि पत्नी ने उस पर नपुंसक होने का आरोप लगाया है। नपुंसक बताए जाने पर पति ने अपनी पत्नी की वर्जिनिटी टेस्ट कराने की मांग की.

    वर्जिनिटी टेस्ट असंवैधानिक : हाईकोर्ट
    इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वर्जिनिटी टेस्ट असंवैधानिक है और महिलाओं की गरिमा का हनन करता है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पति अपने ऊपर लगे नपुसंकता आरोपों को गलत साबित करना चाहता है, तो वह अपना खुद मेडिकल टेस्ट करा सकता है, लेकिन पत्नी पर ऐसे आरोप लगाना अवैधानिक है।

  • जेल से आया राजस्थान के डिप्टी सीएम को फोन, ठोंक देंगे

    जेल से आया राजस्थान के डिप्टी सीएम को फोन, ठोंक देंगे

    ट्रैक करने पर मिली ये लोकेशन
    जयपुर.
    राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को जान से मारने की धमकी दी गई है। ये धमकी भरा कॉल कहीं और से नहीं बल्कि जयपुर सेंट्रल जेल से आया है। जेल से इस तरह का कॉल आना बेहद गंभीर मुद्दा है। इस घटना के बाद जयपुर पुलिस भी एक्शन में आ गई है।

    धमकी भरा कॉल
    जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ का कहना है कि धमकी भरा कॉल आया है। इसके बाद प्रशासन सख्त हो गया है और जांच में जुटा है। इस धमकी भरे फोन के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया है। घटना के बाद विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो गया है। विपक्ष ने इस धमकी भरे कॉल को लेकर राज्य की कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि इस मामले पर सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

    कानून व्यवस्था का दिखा आईना
    विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस घटना को लेकर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री को जब धमकी भरा फोन आ सकता है तो इससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संदेह पैदा होता है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि जयपुर सेंट्रल जेल से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा जी को जान से मारने की धमकी मिलना बेहद चिंताजनक है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल जी के बाद आज उपमुख्यमंत्री जी को जयपुर की सेंट्रल जेल से धमकी मिलना प्रदेश की वास्तविक कानून व्यवस्था का एक आईना है। प्रदेश में वरिष्ठ जनप्रतिनिधि को ही जेल से धमकियां मिल रही है वो ही सुरक्षित नहीं तो आम जनता का क्या हाल होगा? प्रदेश में अपराधी बेख़ौफ़ हो चुके हैं मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता में लेकर प्रकरण की गहराई से जांच की जाए आखिर अपराधियों के पास जेलों में मोबाइल कैसे पहुंच रहे है?

    व्यवस्था पर बड़ा सवाल
    बता दें कि जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम में धमकी भरा कॉल आया था। इस फोन को ट्रेस करने पर लोकेशन जयपुर सेंट्रल जेल मिली है। पुलिस जांच में जुटी है कि आखिर जेल से धमकी भरा कॉल किसने किया। घटना के बाद से जेल में फोन होने पर भी सवाल खड़ा हुआ है।

  • कठुआ में मुठभेड़, दो जवान घायल

    कठुआ में मुठभेड़, दो जवान घायल

    अभियान के दौरान सुरक्षाबल और आतंकी आमने-सामने
    जम्मू.
    जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकवादियों के साथ हुई ताजा मुठभेड़ में गुरुवार को दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए, जहां पिछले चार दिनों से बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान चल रहा है। यह मुठभेड़ आज सुबह तब शुरू हुई जब सुरक्षा बलों ने राजबाग के घाटी जुथाना इलाके में जाखोले गांव के पास आतंकवादियों को देखा, जो हीरानगर सेक्टर में रविवार को हुई मुठभेड़ स्थल से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। अधिकारियों ने कहा कि अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और अंतिम रिपोर्ट मिलने तक गोलीबारी जारी थी।

    सुरक्षा बलों को यह संदेह
    आतंकवादियों के उसी समूह का हिस्सा होने का संदेह है जो रविवार शाम को आधे घंटे से अधिक समय तक चली मुठभेड़ के बाद हीरानगर सेक्टर से भागने में सफल रहा था। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ रविवार को तब शुरू हुई जब पुलिस के एक विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सान्याल गांव में स्थित एक नर्सरी में एक बाड़े के अंदर उनकी मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर एक अभियान शुरू किया।

    बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान
    पुलिस, सेना, एनएसजी, बीएसएफ और सीआरपीएफ के साथ तकनीकी और निगरानी उपकरणों से लैस और हेलीकॉप्टर, यूएवी, ड्रोन, बुलेटप्रूफ वाहनों और खोजी कुत्तों की मदद से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी रहा, ताकि आतंकवादियों का पता लगाया जा सके, जिनके बारे में माना जाता है कि वे शनिवार को या तो खड्ड के रास्ते या सीमा पार से एक नई बनाई गई सुरंग के जरिए घुसपैठ कर आए थे। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान को आगे बढ़ाया, खासकर बिलावर जंगल की ओर जाने वाले मार्गों पर और आतंकवादियों को पकड़ने में सफल रहे।

    कार्बाइन भरी मैगजीन मिली थी
    सोमवार को इससे पहले, तलाशी दलों को हीरानगर में मुठभेड़ स्थल के पास एम4 कार्बाइन की चार भरी हुई मैगजीन, दो ग्रेनेड, एक बुलेटप्रूफ जैकेट, स्लीपिंग बैग, ट्रैकसूट, खाने-पीने के कई पैकेट और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस बनाने की सामग्री से भरे अलग-अलग पॉलीथीन बैग मिले थे। पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात कठुआ में डेरा डाले हुए थे और पिछले चार दिनों से जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक भीम सेन टूटी के साथ आतंकवाद विरोधी अभियान का नेतृत्व कर रहे थे।

  • बांग्लादेश में राष्ट्रपति शासन के कयास तेज

    बांग्लादेश में राष्ट्रपति शासन के कयास तेज

    – सेना की आपात बैठक, बड़े निर्णय की ओर देश
    ढाका.
    भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ती ही जा रही है। अविश्वास के माहौल में कानून और व्यवस्था की ज़िम्मेदारी संभाल रही सेना की चुनौतियाँ बढ़ गई हैं। ऐसे में सेनाध्यक्ष वकार उज जमां ने आपात बैठक बुलाकर देश में स्थिरता बहाल करने के उपायों पर चर्चा की। सेनाध्यक्ष की बुलाई बैठक में शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें 5 लेफ्टिनेंट जनरल, 8 मेजर जनरल (जीओसी), स्वतंत्र ब्रिगेड के कमांडिंग अधिकारी और सेना मुख्यालय के अधिकारी शामिल थे। माना जा रहा है कि सेना की सिफारिश पर बांग्लादेश में जल्द ही आपातकाल घोषित करके यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है। ऐसे में बांग्लादेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। इसके अलावा बांग्लादेश में सेना अपनी निगरानी में राष्ट्रीय एकता सरकार बनाने के विकल्प पर भी विचार कर रही है।
    कट्टरपंथियों के खिलाफ मोर्चा
    इस बीच, बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने देश में कट्टरपंथियों के उभार पर निशाना साधते हुए कहा है जिन लोगों ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान सामूहिक हत्याओं में पाकिस्तानी सेना का सहयोग किया था, वो अब ऊंची आवाज़ में बोल रहे हैं। कुछ लोग, कुछ दल, कुछ समूह ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि जैसे 1971 कभी हुआ ही नहीं..इसे लोगों की यादों से मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर सेनाध्यक्ष जमान ने भी सेना मुख्यालय की एक बैठक को संबोधित करते हुए चेताया है कि देश में कट्टरपंथी आगामी दिनों में कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर सकते हैं। ऐसा होने पर इन तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा।
    अमेरिकी सैन्य जनरल पहुंचे बांग्लादेश
    बांग्लादेशी सेना की आपात बैठक ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी पैसिफिक कमांड के एक शीर्ष जनरल जेबी वॉवेल, बांग्लादेशी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत के लिए 24 मार्च को ढाका पहुंचे हैं। दरअसल, देश की जनता और राजनीतिक दल, दोनों का ही मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से भरोसा लगातार कम हो रहा है। देश में आर्थिक स्थिति भी बिगड़ती जा रही है। लोगों की आय घटी है, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन बढ़े हैं और महिलाओं के खिलाफ अपराध में भारी इजाफा होने के साथ ही बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथ का तेज़ी से उभार हो रहा है। इन सबके चलते मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी अब सीधे यूनुस सरकार की नीयत पर सवाल उठा रही है। दूसरी ओर पिछले दिनों यूनुस सरकार के संरक्षण में गठित नए राजनीतिक दल नेशनल सिटिजन पार्टी के छात्र नेताओं ने सीधे सेना पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।

  • हजारीबाग में धार्मिक जुलूस पर हुआ पथराव

    हजारीबाग में धार्मिक जुलूस पर हुआ पथराव

    -तोड़फोड़-हंगामे के कारण ईद बाजार हुआ बंद
    हजारीबाग.
    झारखंड के हजारीबाग में रामनवमी के अवसर पर मंगला जुलूस के दौरान पथराव और तोड़फोड़ की घटना सामने आई है। मंगलवार रात को झंडा चौक मस्जिद गली मोड़ के पास जुलूस था। इसी दौरान किसी बात को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया। इसके बाद पथराव भी शुरू हो गया।
    तनाव की बनी स्थिति
    वहीं घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और बढ़ते हंगामे को देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके अलावा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की। इससे इलाके में तनाव की स्थिति बन गई। हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया और रात को बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
    दुकानों में की तोड़फोड़
    जुलूस में शामिल लोगों का आरोप है कि मंगला जुलूस पर पथराव किया गया। इसके बाद स्थिति बिगड़ गई और भीड़ ने आसपास की दुकानों में भी तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस हंगामे के कारण ईद बाजार भी बंद कर दिया गया।
    मौके पर पहुंचे एसपी
    सूचना मिलने पर मौके पर एसपी अरविंद कुमार सिंह, एसडीपीओ अमित आनंद सहित कई पुलिस अधिकारी पहुंचे। गौरतलब है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने चार बार हवाई फायरिंग भी की थी। कुछ समय बाद ही पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। घटना को लेकर एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि हजारीबाग में रामनवमी से पहले और होली के बाद मंगलवार को मंगला जुलूस निकालने की परंपरा है। दूसरे मंगला जुलूस के दौरान यह घटना हुई है। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी और ड्रोन फुटेज की जांच कर रही है। घटना के समय जुलूस में गाना बज रहा था और लोग लाठी से करतब दिखा रहे थे।

  • क्लीन चिट मिलते ही सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचीं रिया चक्रवर्ती

    क्लीन चिट मिलते ही सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचीं रिया चक्रवर्ती

    -परिवार के साथ किए दर्शन
    मुंबई.
    सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में सीबीआई से 22 मार्च को क्लीन चिट मिलने के बाद रिया चक्रवर्ती अपने परिवार के साथ मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर दर्शन करने पहुंचीं। इस दौरान उनके साथ उनके पिता और भाई भी मौजूद थे।
    सुशांत केस में रिया पर लगे थे गंभीर आरोप
    14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत का शव उनके बांद्रा स्थित घर में मिला था। इस मामले में रिया चक्रवर्ती पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगे थे। उनके पिता के.के. सिंह ने 25 जुलाई 2020 को पटना में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें रिया पर मेडिकल रिपोर्ट्स का गलत इस्तेमाल कर सुशांत को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और धमकाने का आरोप था।
    सीबीआई ने दी क्लीन चिट
    सीबीआई ने 4 साल 6 महीने की जांच के बाद 22 मार्च 2024 को क्लोजिंग रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़े कोई सबूत नहीं मिले। रिया को ड्रग मामले में 8 सितंबर 2020 को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। जांच में ड्रग खरीदने और सप्लाई करने की चैट सामने आई थी। रिया को 27 दिन जेल में रहने के बाद 7 अक्टूबर 2020 को बेल मिल गई, जबकि उनके भाई शौविक को 3 महीने तक जेल में रहना पड़ा।
    सुशांत और रिया की लव स्टोरी
    रिया और सुशांत की पहली मुलाकात 2013 में यशराज स्टूडियो में हुई थी। 2019 में दोनों की वेकेशन तस्वीरें सामने आईं, जिससे इनके रिलेशन की खबरें चर्चा में आईं। दिसंबर 2019 में दोनों लिव-इन में रहने लगे, लेकिन 6 महीने बाद सुशांत की मौत हो गई।

  • एनएचएआई के जीएम समेत तीन अन्य गिरफ्तार

    एनएचएआई के जीएम समेत तीन अन्य गिरफ्तार

    -रिश्वत कांड : करीब 1.18 करोड़ रुपये नकद बरामद
    नई दिल्ली.
    केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के महाप्रबंधक और तीन निजी व्यक्तियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया। उन्हें 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते ही पकड़ लिया गया। सीबीआई के एक बयान के अनुसार, एनएचएआई के आरोपी महाप्रबंधक राम प्रीत पासवान ने कथित तौर पर एनएचएआई के अनुबंधों/कार्यों से संबंधित बिलों के प्रसंस्करण और पारित करने में अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
    1 करोड़ से ज़्यादा की नकदी बरामद
    इस मामले से जुड़ी तलाशी लेने पर सीबीआई को 1.18 करोड़ रुपये की नकदी (लगभग) बरामद हुई। सीबीआई ने पटना, मुज़फ़्फ़रपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, रांची और वाराणसी में आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ली। सीबीआई ने 22 मार्च को एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक/महाप्रबंधक (जीएम)/अन्य वरिष्ठ रैंक के छह लोक सेवकों, एक निजी कंपनी, निजी कंपनी के चार वरिष्ठ प्रतिनिधियों, जिसमें इसके दो जीएम, एक अन्य निजी ठेकेदार और अज्ञात अन्य लोक सेवक और निजी व्यक्ति शामिल हैं, सहित 12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
    एफआईआर में 12 आरोपियों के नाम
    सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में एनएचएआई क्षेत्रीय कार्यालय, पटना में तैनात मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) और क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) वाईबी सिंह, उप महाप्रबंधक कुमार सौरभ, परियोजना निदेशक ललित कुमार, साइट इंजीनियर अंशुल ठाकुर और एजीएम अकाउंट्स हेमेन मेधी के नाम शामिल हैं।