Category: क्राइम

  • भाजपा नेता के घर पर ग्रेनेड हमला

    भाजपा नेता के घर पर ग्रेनेड हमला

    बाल-बाल बचे पूर्व मंत्री, इलाके में मचा हड़कंप
    जालंधर.
    पंजाब के जालंधर शहर में देर रात करीब 1:30 बजे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया के घर पर ग्रेनेड से हमला किया गया। हमलावर ई-रिक्शा में सवार होकर कालिया के घर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए। धमाका कालिया के घर के बरामदे में हुआ, जिससे दरवाजा टूट गया और पार्क की गई गाड़ी को भी नुकसान पहुंचा।

    हादसे के वक्त घर में सो रहे थे कालिया
    घटना के समय कालिया अपने घर में सोए हुए थे। पहले तो उन्हें लगा कि ट्रांसफार्मर ओवरलोड होने से कोई धमाका हुआ है, लेकिन जब मोहल्ले के लोगों ने बताया कि यह ग्रेनेड अटैक है, तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। कालिया के मुताबिक, घटना जालंधर थाने से महज 150 मीटर की दूरी पर हुई है। उन्होंने बताया कि पहले उनके घर के पास पीसीआर की टीम तैनात रहती थी, लेकिन हाल ही में उसे हटा लिया गया था।

    जांच में जुटी पुलिस
    घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर, एसपी-2 सुखविंदर सिंह और अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने पूरे क्षेत्र को सील कर लिया है और फॉरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया गया है। टीम ने घटनास्थल से सैंपल इकट्ठा कर लिए हैं। हालांकि पुलिस कमिश्नर ने अब तक ग्रेनेड हमले की पुष्टि नहीं की है। सीसीटीवी फुटेज में दो हमलावर नजर आ रहे हैं, जिन्हें पुलिस ने कब्जे में ले लिया है और एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

    घटना को लेकर बीजेपी में आक्रोश
    भाजपा नेताओं में घटना को लेकर आक्रोश है। भाजपा के जिला अध्यक्ष सुशील शर्मा और नेता शीतल अंगुराल मौके पर पहुंचे और घटना की कड़ी निंदा की। सुशील शर्मा ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे पंजाब के माहौल को खराब करने की साजिश साफ नजर आती है। इससे पहले भी अमृतसर में ग्रेनेड अटैक हो चुका है और अब भाजपा नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।

    लोगों में दहशत का माहौल
    अब तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है और सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। जालंधर में फिर से इस तरह की घटना होने से लोगों में दहशत का माहौल है और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

  • बड़े शहरों में अक्सर होता रहता है यौन उत्पीड़न

    बड़े शहरों में अक्सर होता रहता है यौन उत्पीड़न

    कर्नाटक के गृह मंत्री के बिगड़े बोल
    बेंगलुरु.
    कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने हाल ही में बेंगलुरु में हुई छेड़छाड़ की घटना को कमतर आंकने के लिए तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि “ऐसी घटनाएं बड़े शहरों में होती रहती हैं।” यह टिप्पणी सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद आई है, जिसमें 3 अप्रैल की सुबह भारती लेआउट, सुद्दागुंटेपल्या में एक सुनसान सड़क पर एक महिला के साथ छेड़छाड़ होती दिखाई दे रही है। वीडियो में एक व्यक्ति एक महिला को जबरन दीवार की ओर धकेलता हुआ दिखाई दे रहा है और फिर वह घटनास्थल से भाग जाता है, जबकि दूसरी महिला उसके बगल में चल रही है।

    कानून अनुसार कार्रवाई होगी
    घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह की घटनाएं बड़े शहरों में यहां-वहां होती रहती हैं। जो भी कानूनी कार्रवाई की जानी है, वह कानून के अनुसार की जाएगी। मैंने अपने कमिश्नर को गश्त बढ़ाने का निर्देश भी दिया है। इस बयान से व्यापक आक्रोश फैल गया है, आलोचकों ने मंत्री पर यौन हिंसा को महत्वहीन बनाने और अपराध की गंभीरता को स्वीकार करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।

    पुलिस ने स्वत: संज्ञान लिया है
    बेंगलुरु पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा के बाद स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया। डीसीपी साउथईस्ट सारा फातिमा ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74, 75 और 78 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें पीछा करने और यौन उत्पीड़न से संबंधित अपराध शामिल हैं। उन्होंने कहा, “जांच चल रही है और हम औपचारिक शिकायत दर्ज करने के लिए पीड़िता का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।” इस घटना ने शहर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में अधिक सक्रिय पुलिसिंग और सख्त जवाबदेही की मांग को जन्म दिया है।

  • गड्ढों में छिपाए थे गबन के पांच करोड़

    गड्ढों में छिपाए थे गबन के पांच करोड़

    खुदाई में निकली रकम देख पुलिस भी चौंकी
    बागपत.
    बागपत में एटीएम में डालने के लिए 5.26 करोड़ रुपये बैंक से लेकर गबन करने के मुख्य आरोपियों रॉकी और गौरव ने रिमांड के चौथे दिन पांच करोड़ रुपये बरामद करा दिए। गौरव ने आरिफपुर खड़खड़ी गांव में अपने घर में गड्ढा खोदकर तो रॉकी ने अपने गांव हसनपुर जिला शामली में खेत में रुपये दबाए हुए थे।

    तमंचे व कारतूस के साथ गिरफ्तारी
    रिमांड की अवधि पूरी होने पर सोमवार (आज) को इन दोनों के साथ ही चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर समेत सभी छह आरोपियों को जेल भेजा जाएगा। दोनों मुख्य आरोपी गौरव निवासी आरिफपुर खड़खड़ी और रॉकी निवासी हसनपुर जिला शामली 25 मार्च को तमंचे व कारतूस के साथ गिरफ्तार हो गए थे।

    रकम तक ऐसे पहुंची पुलिस
    जांच में मुख्य आरोपियों और चंडीगढ़ पुलिस की सेटिंग का खुलासा होने पर चंडीगढ़ में मुकदमा दर्ज किया गया। चंडीगढ़ पुलिस इंस्पेक्टर, दो सिपाहियों और मनीष निवासी जौहड़ी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। चंडीगढ़ जेल में बंद गौरव, रॉकी, इंस्पेक्टर समेत छह आरोपियों को बागपत में भी वारंट पर लाया गया और उनको बागपत जेल में शिफ्ट किया गया। इसके बाद न्यायालय से पांच दिन का रिमांड लेकर पुलिस ने छह आरोपियों को जेल से लाकर पूछताछ शुरू की। इनमें सबसे पहले आरोपी मनीष निवासी जौहड़ी ने चंडीगढ़ में छिपाकर रखे 50 हजार रुपये बरामद कराए।

    गड्ढे से रुपए का बैग बरामद
    रविवार को शामली के हसनपुर गांव में रॉकी ने अपने खेत में गड्ढा खोदकर दबाए गए रुपयों का बैग बरामद कराया। आरिफपुर खड़खड़ी में गौरव ने घर में भूसे के नीचे गड्ढे में दबाए गए रुपयों का बैग बरामद कराया। एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि गबन के आरोपियों की निशानदेही पर पांच करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं, जिनकी गिनती चल रही है। बाकी रुपये उन्होंने मौज मस्ती पर खर्च कर दिए तो कुछ चंडीगढ़ पुलिस, दोस्त व वकील को दिए। सोमवार को आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जाएगा। इस मुकदमे में गौरव व रॉकी के कई अन्य परिजनों को भी आरोपी बनाया जाएगा।

  • रतलाम में भिड़े दो पक्ष, भारी तनाव, दुकान जलाई

    रतलाम में भिड़े दो पक्ष, भारी तनाव, दुकान जलाई

    अतिरिक्त पुलिस बल तैनात
    रतलाम
    मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में सोमवार की सुबह मामूली बात पर शुरु हुए विवाद ने देखते ही देखते दो पक्षों के बीच तनाव के हालात उतपन्न कर दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, किसी बात पर हुए विवाद में एक शख्स के साथ चाकूबाजी की गई, साथ ही दुकान में आग भी लगाई गई है, जिससे हालात बिगड़ गए। हालात बिगड़ने पर दोनों तरफ से पथराव भी हुआ। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। फिलहाल, इलाके में भारी पुलिसबल तैनात है।

    चाकू से हमला
    बता दें कि जिले के बिलपांक थाना इलाके के अंतर्गत आने वाले छोटे से गांव कमेड में ये विवाद हुआ है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, वली मोहम्मद नाम के आरोपी ने धानेरा में रहने वाले लाल सिंह पर चाकू से हमला कर घायल किया है। हालांकि, घायल को तत्काल ही जिला अस्पताल पहुंचा दिया गया है। लेकिन, बाद में हालात बिगड़ने पर दूसरे पक्ष के लोगों ने एक दुकान को आग के हवाले कर दिया है।

    दुकान में लगाई आग
    इधर, जानकारी लगते ही बिलपांक थाना प्रभारी अय्यूब खान पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और हालात काबू करने का प्रयास किया। साथ ही, आला अधिकारियों को भी घटना से अवगत कराया। जानकारी लगते ही एडीशनल एसपी राकेश खाखा, एसडीओपी किशोर पटनवाला, एसपी अमित कुमार सहित कई सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। इलाके को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

    शांति की अपील
    एडीशनल एसपी राकेश खाखा ने बताया कि, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। बारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। वहीं, रतलाम नगर निगम से बुलाई गई दमकल वाहन की सहायता से दुकान में की गई आगजनी पर भी काबू पा लिया गया है। एसडीओपी किशोर पटनवाला के अनुसार, आरोपी की तलाश जारी है। वहीं, हालात बिगाड़ने वालों को भी चिन्हित किया जा रहा है। वहीं, स्थानीय लोगों से भी शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई है।

  • एक और पादरी पर बलात्कार का आरोप

    एक और पादरी पर बलात्कार का आरोप

    पहले रेप करके प्रेग्नेंट किया, फिर गलत तरीके से गर्भपात कराया… लड़की की मौत
    गुरदासपुर.
    गुरदासपुर के एक और पंजाब पादरी जशन गिल पर 22 वर्षीय लड़की से बलात्कार करने का आरोप लगाया गया है। पीड़िता के पिता ने बताया है कि कैसे पादरी द्वारा गुमराह किए जाने पर उनकी बेटी का बलात्कार किया गया, उसे गर्भपात के लिए मजबूर किया गया और अंततः उसकी मृत्यु हो गई।

    नहीं बचाया जा सका
    पीड़िता के पिता ने बताया है कि कैसे पादरी ने उनकी बेटी की हत्या की। उनके अनुसार, गर्भपात “लापरवाही से” किया गया था, जिससे गंभीर संक्रमण हो गया। “उसे पेट में दर्द होने लगा और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहाँ अल्ट्रासाउंड से पता चला कि उसका गर्भपात हो गया था। हम उसे अमृतसर ले गए, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

    कई टीमें लगीं आरोपी को पकड़ने में
    पीड़िता बीसीए की छात्रा थी और पंजाब के गुरदासपुर जिले के अबुल खैर गाँव की रहने वाली थी। पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी और परिवार के अन्य सदस्य गाँव के एक चर्च में जाते थे, जहाँ जशन गिल ने उनकी बेटी को गुमराह किया और उसके साथ बलात्कार किया। पंजाब पुलिस के सूत्रों ने रिपब्लिक को बताया है कि आरोपी एक घोषित अपराधी है। पुलिस ने वर्ष 2023 में एफआईआर दर्ज की है और आरोपी को पकड़ने के लिए कई टीमें काम कर रही हैं। आरोपी के खिलाफ चालान कोर्ट में पेश किया गया है।

    पुलिस पर गंभीर आरोप
    पीड़िता के पिता, जो अपनी मृत बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने पादरी को गिरफ्तार नहीं किया है और इस जघन्य अपराध को अंजाम देने के बावजूद वह खुलेआम घूम रहा है। पीड़ित के पिता ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस वाले उनसे पैसे लेते हैं और उन्हें अपना गांव छोड़ना पड़ा क्योंकि उन्हें पिछले दो सालों से जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। मृतक के पिता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मामले की सीबीआई जाँच की माँग की है।

    पादरी बजिंदर सिंह जेल में
    28 मार्च को पादरी बजिंदर सिंह, जो खुद को ईसाई धर्मगुरु मानते हैं और जिन्हें ‘येशु येशु पैगम्बर’ के नाम से जाना जाता है, को 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में दोषी पाया गया। मंगलवार, 1 अप्रैल को उन्हें आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई।

  • दुबई जाकर लॉरेंस के गुर्गे को दबोच लाई राजस्थान पुलिस

    दुबई जाकर लॉरेंस के गुर्गे को दबोच लाई राजस्थान पुलिस

    धमकी भरे कॉलों का था मास्टरमाइंड
    नई दिल्ली.
    राजस्थान पुलिस की इस समय जमकर तारीफ हो रही है। राजस्थान पुलिस ने एक शानदार एक्शन में लॉरेंस गैंग के प्रमुख सदस्य को दुबई जाकर दबोचा है। राजस्थान पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने लॉरेंस गिरोह के अहम सदस्य आदित्य जैन उर्फ टोनी को गिरफ्तार किया है। आरोपी को दुबई से प्रत्यर्पित कर शुक्रवार को जयपुर लाया गया।

    गिरोह का कंट्रोल रूम कहा जाता था
    आदित्य जैन गिरोह के संचालन में अहम भूमिका निभाता था, विदेश से आने वाली धमकी भरी कॉल को मैनेज करता था। गिरोह के “कंट्रोल रूम” के तौर पर काम करते हुए वह जबरन वसूली और फायरिंग के मामलों में शामिल था। कुचामन सिटी निवासी जैन एक कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखता है। एडिशनल डीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि पुलिस लंबे समय से टोनी पर नजर रख रही थी। राजस्थान में लगातार आने वाली धमकी भरी कॉल की जांच में उसका नाम सामने आया। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) योगेश यादव और एएसपी नरोत्तम वर्मा ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस हासिल किया। एएसपी सिद्धांत शर्मा, सर्किल इंस्पेक्टर मनीष शर्मा, सीआई सुनील जांगिड़ और सीआई रवींद्र प्रताप सहित एक विशेष पुलिस टीम ने उसे यूएई में ट्रेस किया।

    डब्बा कॉल कैसे काम करता है
    पुलिस के अनुसार, आदित्य जैन उर्फ टोनी लॉरेंस बिश्नोई-रोहित गोदारा गिरोह का एक बिचौलिया और “डब्बा” कॉल की सुविधा देने वाले प्रमुख सदस्यों में से एक माना जाता है। डब्बा कॉल में सबसे पहले, एक गुर्गा कथित तौर पर अपने इच्छित शिकार को जबरन वसूली के लिए इंटरनेट का उपयोग करता था। इसके बाद, वह कथित तौर पर दूसरे देश में बैठे अपने बॉस को दूसरे फोन का उपयोग करके दूसरी कॉल करता था, दोनों फोन को एक-दूसरे के बगल में रखता था, उनके स्पीकर चालू करता था और अपने बॉस को बात करने देता था।

    इंटरपोल रेड नोटिस और यूएई पुलिस की कार्रवाई
    डीआईजी योगेश यादव और एएसपी नरोत्तम वर्मा के नेतृत्व में एजीटीएफ ने जैन के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस प्राप्त किया था, जिससे यूएई अधिकारियों द्वारा उसे हिरासत में लेने में मदद मिली। इसके बाद, राजस्थान पुलिस ने उसके प्रत्यर्पण को सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई और इंटरपोल के साथ समन्वय किया।

    राजस्थान पुलिस की टीम दुबई भेजी गई
    यूएई अधिकारियों से अनुरोध प्राप्त होने पर, एएसपी सिद्धांत शर्मा की देखरेख में एक पुलिस दल को जैन की हिरासत के लिए दुबई भेजा गया। जैन की गिरफ्तारी राजस्थान पुलिस द्वारा संगठित अपराध, विशेष रूप से लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा नेटवर्क पर कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण सफलता है। पुलिस अब जैन को आगे की पूछताछ और कानूनी कार्यवाही के लिए भारत वापस लाने की तैयारी कर रही है।

  • नया ट्विस्ट, महिला ने कहा- मेरा रेप हुआ ही नहीं

    नया ट्विस्ट, महिला ने कहा- मेरा रेप हुआ ही नहीं

    मोनालिसा के फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा केस में नया मोड़
    झांसी.
    महाकुंभ में वायरल मोनालिसा के डायरेक्टर सनोज मिश्रा का विवादों से पूराना नाता रहा है। इससे पहले वो फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ की रिलीज से पहले लापता होने की वजह से चर्चा में थे। इसके बाद महाकुंभ की मोनालिसा को कास्ट करके चर्चा में रहे। अब उन पर रेप का आरोप लगा है और दिल्ली की जेल में हैं। पुलिस के मुताबिक, डायरेक्टर सनोज मिश्रा पर जबरन अबॉर्शन कराने और अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी देने का आरोप है। इसके बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया। इसी बीच अब ये केस नया मोड़ लेता नजर आ रहा है।

    महिला बोली- रेप का केस झूठा
    दरअसल, एक वीडियो सामने आया है, जो पीड़िता का बताया जा रहा है। इसमें एक महिला दावा कर रही है कि वो सनोज मिश्रा को 5 साल से जानती है। उनके बीच लड़ाई झगड़े होते रहे हैं। वसीम रिज्वी ने इसका फायदा उठाया और डायरेक्टर को उसके जरिए फंसा दिया। महिला कह रही है कि उसी ने सनोज मिश्रा के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया, जो कि झूठा था। ऐसा करने के लिए उससे वसीम रिज्वी ने कहा था।

    मुझे सनोज के खिलाफ भड़काया गया
    वीडियो में महिला बता रही है कि मैंने कभी नहीं बोला कि मेरा बलात्कार किया है। मेरा रेप किया है। जो मामला ये है कुछ लोगों ने मुझे बहुत ज्यादा बहकाया। दो-तीन लोग ऐसे हैं कि इतने मुझे प्रेशराइज किया कि तुझे छोड़ दिया और मोनालिसा के साथ घुम रहा है। उन्होंने मुझे एक फिमेल एडवोकेट करके दे दी। जो चीजें मैं नहीं कर सकती थी वो करके उसने दे दी। क्योंकि मैं गांव से हूं, मेरा दिमाग इतना नहीं चलता। उन्होंने बोला कि मैं तुम्हारी बहन हूं और एडवोकेट भी हूं। अगर ऐसा कुछ है लड़ाई-झगड़े हैं तो एक एफआईआर दे दो। मैंने कहा ठीक है। ये चीज तो मैं पहले ही बोलती रहती थी कि एफआईआर कर दूंगी, लेकिन मैंने ये कभी नहीं बोला कि उन्होंने रेप किया।

    विरोध करने पर मिली धमकी
    इसके बाद उन्होंने एक्सपर्ट्स को पैसे देकर वो चीजें लिखवा दी। झूठी 376 और 554 की भी धारा लगवा दी। जब मैंने विरोध किया कि मेरे साथ रेप नहीं हुआ है आपने ऐसा क्यों लिखवाया तो उन्होंने कहा कि इससे कुछ नहीं होगा। बस तुम्हारा केस मजबूत हो जाएगा। जब मुझे मेरी गलती का एहसास हुआ तो मैं उनके पास गई और अपना केस वापस लेने की बात कही तो वो लोग मुझे धमकाने लगे। कहते हैं कि एफआईआर हो चुका है और तुम्हारी सारी चीजें हमारे पास है क्या कर लोगी तुम? वीडियो बनाकर बताओ कि केस वापस क्यों ले रही हो।’

  • स्वघोषित पादरी बजिंदर को उम्रकैद की सजा

    स्वघोषित पादरी बजिंदर को उम्रकैद की सजा

    यौन शोषण का आरोप, कमरे में पीड़िता को अकेले बैठाता था और गलत तरीके से छूता था
    मोहाली.
    पंजाब के मोहाली की एक अदालत ने येशु-येशु वाले स्वघोषित पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के बलात्कार के एक मामले में मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) विक्रांत कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया। बजिंदर को 28 मार्च को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया गया। पुलिस के अनुसार, एक अलग मामले में 28 फरवरी को 22 वर्षीय महिला की शिकायत के आधार पर सिंह (42) के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

    परिसर में कड़ी सुरक्षा
    यह मामला 2018 में जीरकपुर थाने में एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था। मंगलवार को फैसला सुनाए जाने से पहले अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। कुछ दिनों पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्वयंभू ईसाई धर्म प्रचारक द्वारा महिला को थप्पड़ मारते हुए और उससे बहस करते हुए देखा गया था। मोहाली पुलिस ने 35 वर्षीय महिला द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय में शिकायत किए जाने के बाद दर्ज हुए मामले की जांच शुरू की।

    राष्ट्रीय महिला आयोग पहुंची
    बजिंदर सिंह द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का शिकार हुई महिला मंगलवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के समक्ष पेश हुई थी। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि बजिंदर सिंह उसे संदेश भेजता रहता था और प्रत्येक रविवार को चर्च के एक कमरे में उसे अकेले बैठाता था तथा इस दौरान वह उसे गलत तरीके से छूता था। पुलिस ने पादरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया था।

  • 50 माओवादियों ने किया सरेंडर

    50 माओवादियों ने किया सरेंडर

    14 पर था 68 लाख का इनाम
    बीजापुर.
    छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में आज रविवार को पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। यहां एक साथ 50 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। बताया जा रहा है कि इनमें से 14 पर कुल 68 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। यह आत्मसमर्पण बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव के समक्ष किया गया। बता दें कि पिछले दिनों से सुरक्षा बल लगातार एक्शन में नजर आ रहा है। इससे घबराए नक्सली अब आत्मसमर्पण की राह चुन रहे हैं।

    संगठन को बड़ा झटका
    सूत्रों के अनुसार, सरेंडर करने वाले 50 लोगों में से 6 पर 8-8 लाख रुपये का इनाम है, जबकि अन्य तीन पर 5-5 लाख रुपये का इनाम है। इसके अलावा पांच और नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपये के इनाम का ऐलान किया गया है। इस साल पहली बार एक साथ 50 नक्सलियों के सरेंडर करने से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है। 31 मार्च 2026 तक प्रदेश से नक्सलियों के खत्म करने की डेडलाइन को लेकर सरकार तेजी से काम कर रही है। प्रदेश में लोन वर्राटू अभियान, नक्सली पुनर्वास नीति के तहत भी नक्सलियों को घर वापसी के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

    प्रमुख कमांडरने भी डाले हथियार
    इस संबंध में पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि यह एक बड़ी उपलब्धि है और कुछ ही देर में मीडिया को विस्तृत जानकारी दी जाएगी। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में कुछ प्रमुख कमांडर भी शामिल हैं, जो लंबे समय से सक्रिय थे। सिर्फ पिछले 86 दिनों में 133 नक्सलियों का सफाया किया जा चुका है। सुरक्षा दल पूरी जान लगाकर इस नक्सलवाद को खत्म करने में लगे हुए हैं। गौरतलब है कि सुरक्षा बलों ने शनिवार (29 मार्च) को छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सुकमा और बीजापुर जिलों में दो मुठभेड़ के तहत 11 महिलाओं समेत 18 नक्सलियों को मार गिराया था। नक्सलवाद को खत्म करने के मिशन के तहत यह एक बड़ी सफलता है।

    दंतेवाड़ा में 15 नक्सलियों ने किया समर्पण
    दंतेवाड़ा जिले में नक्सल उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे ’लोन वर्राटू’ अभियान को शनिवार को एक और बड़ी सफलता मिली, जब 15 नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पितों में विभिन्न स्तरों पर सक्रिय नक्सली शामिल है। शासन की ’पुनर्वास नीति’ के तहत जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ लगातार भटके हुए नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रयास कर रही हैं। सुरक्षाबलों द्वारा गांव-गांव संपर्क और संवाद कर आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके प्रभाव में शीर्ष नक्सली सहित कई भटके हुए नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।

    अब तक 927 का आत्मसमर्पण
    लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 221 इनामी नक्सली सहित कुल 927 नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।

     

  • नेपाल में सड़कों पर उतरी सेना

    नेपाल में सड़कों पर उतरी सेना

    हालात हुए बेकाबू, 100 से ज्यादा गिरफ्तार
    काठमांडू.
    नेपाल में अधिकारियों ने शनिवार को कर्फ्यू हटा लिया, जो काठमांडू के पूर्वी इलाकों में सुरक्षा बलों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों के बाद लगाया गया था। शुक्रवार को तिनकुने इलाके में शुरू हुई अशांति ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई और लोगों की जानें गईं। हालांकि शांति के लिए सेना सड़कों पर उतर आई है।

    कैसे शुरू हुआ विरोध
    विरोध काठमांडू हवाई अड्डे के पास तिनकुने पार्क इलाके में शुरू हुआ, जहाँ राजशाही समर्थक इकट्ठा हुए और राजशाही की बहाली और हिंदू राज्य की स्थापना के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की वापसी की मांग की, जिन्होंने लोकतंत्र दिवस पर राजशाहीवादियों के बीच एकता की अपील की थी। दोपहर 3 बजे के आसपास तनाव बढ़ गया जब प्रदर्शनकारियों ने निर्धारित विरोध क्षेत्र से आगे बढ़ने का प्रयास किया। सुरक्षा बलों ने हस्तक्षेप किया, जिससे हिंसक झड़पें हुईं। पुलिस ने गोलीबारी की, जिसमें कम से कम एक प्रदर्शनकारी घायल हो गया। जवाब में, प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और सड़कों पर उतर आए, इमारतों में तोड़फोड़ की और एक वाणिज्यिक परिसर और एक निजी समाचार चैनल के कार्यालय में आग लगा दी।

    हताहत और क्षति
    इस झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक पत्रकार को जिंदा जला दिया गया, और दो राजशाही समर्थक शामिल थे। हिंसा में कम से कम 53 पुलिस अधिकारी, 22 सशस्त्र पुलिस बल के जवान और 35 प्रदर्शनकारी घायल हुए। प्रदर्शनों के दौरान 14 इमारतों में आग लगा दी गई, जबकि नौ में भारी तोड़फोड़ की गई। प्रदर्शनकारियों ने नौ सरकारी वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया और छह निजी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। कांतिपुर टेलीविजन और अन्नपूर्णा मीडिया हाउस सहित मीडिया संगठनों पर हमला किया गया।