स्वघोषित पादरी बजिंदर को उम्रकैद की सजा

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यौन शोषण का आरोप, कमरे में पीड़िता को अकेले बैठाता था और गलत तरीके से छूता था
मोहाली.
पंजाब के मोहाली की एक अदालत ने येशु-येशु वाले स्वघोषित पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के बलात्कार के एक मामले में मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) विक्रांत कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया। बजिंदर को 28 मार्च को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया गया। पुलिस के अनुसार, एक अलग मामले में 28 फरवरी को 22 वर्षीय महिला की शिकायत के आधार पर सिंह (42) के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

परिसर में कड़ी सुरक्षा
यह मामला 2018 में जीरकपुर थाने में एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था। मंगलवार को फैसला सुनाए जाने से पहले अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। कुछ दिनों पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्वयंभू ईसाई धर्म प्रचारक द्वारा महिला को थप्पड़ मारते हुए और उससे बहस करते हुए देखा गया था। मोहाली पुलिस ने 35 वर्षीय महिला द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय में शिकायत किए जाने के बाद दर्ज हुए मामले की जांच शुरू की।

राष्ट्रीय महिला आयोग पहुंची
बजिंदर सिंह द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का शिकार हुई महिला मंगलवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के समक्ष पेश हुई थी। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि बजिंदर सिंह उसे संदेश भेजता रहता था और प्रत्येक रविवार को चर्च के एक कमरे में उसे अकेले बैठाता था तथा इस दौरान वह उसे गलत तरीके से छूता था। पुलिस ने पादरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया था।

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