Category: नागपुर न्यूज़

  • मेडिकल कॉलेज में सुरक्षाकर्मियों की बर्बरता

    मेडिकल कॉलेज में सुरक्षाकर्मियों की बर्बरता

    पीड़ित और परिजनों ने की न्याय की मांग
    नागपुर.
    नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक मरीज के रिश्तेदार के साथ महाराष्ट्र सिक्योरिटी फोर्स के जवानों द्वारा की गई मारपीट और गाली-गलौज की घटना ने सुरक्षाकर्मियों के व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सुरक्षा के नाम पर मरीजों और उनके रिश्तेदारों के साथ किस तरह का दुर्व्यवहार किया जाता है। एक सामाजिक कार्यकर्ता सुदत्त गजभिये को अपनी मामी के साथ अस्पताल में रिपोर्ट लेने जाने के दौरान सिर्फ इसलिए अभद्र व्यवहार और मारपीट का शिकार होना पड़ा, क्योंकि उन्होंने अपना दोपहिया वाहन हटाने में थोड़ी देर कर दी थी।

    अधिकारी ने जवानों का बचाव किया
    यह घटना अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा के मानकों और मानवता की कमी को दर्शाती है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जब इस मामले की शिकायत एमएसएफ अधिकारियों से की गई, तो उन्होंने जवानों का बचाव करते हुए कहा कि वे “तनाव में रहते हैं।” यह बयान किसी भी तरह से जवानों के इस बर्बर व्यवहार को सही नहीं ठहरा सकता। अस्पताल में आने वाले लोग पहले से ही मानसिक और भावनात्मक तनाव में होते हैं और ऐसे में सुरक्षाकर्मियों का ऐसा रवैया उनकी परेशानी को और बढ़ा देता है।

    व्यवस्था ही कटघरे में
    सुदत्त गजभिये ने इस मामले में अजनी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, जो न्याय की प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाता है। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति के साथ हुई मारपीट का मामला नहीं है, बल्कि यह अस्पताल प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की जवाबदेही का सवाल है। इस तरह के मामलों में तत्काल और कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए और दोषी जवानों को उनके किए की सजा मिलनी चाहिए, ताकि सुरक्षाकर्मियों के बीच यह संदेश जाए कि उनकी ड्यूटी लोगों की सेवा और सुरक्षा करना है, न कि उनके साथ बर्बरता करना।

  • नागपुर-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस बड़ी सौगात

    नागपुर-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस बड़ी सौगात

    उपराजधानी की झोली में एक और खुशखबरी
    नागपुर.
    नागपुर के निवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! उपराजधानी को पश्चिमी महाराष्ट्र के प्रमुख शहर पुणे से जोड़ने के लिए बहुप्रतीक्षित नागपुर-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस 10 अगस्त को शुरू होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेंगलुरु से वर्चुअल माध्यम से इस अत्याधुनिक ट्रेन का उद्घाटन करेंगे, जो नागपुर से चलने वाली चौथी वंदे भारत ट्रेन होगी। यह नई रेल सेवा नागपुरवासियों के लिए वरदान साबित होगी, क्योंकि यह दोनों शहरों के बीच यात्रा को न केवल तेज बल्कि बेहद आरामदायक भी बना देगी।

    यात्रियों का कीमती समय बचेगा
    इस हाई-स्पीड ट्रेन के शुरू होने से व्यावसायिक और शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। अब तक नागपुर और पुणे के बीच यात्रा करने में लंबा समय लगता था, लेकिन वंदे भारत एक्सप्रेस इस दूरी को काफी कम समय में तय करेगी। इससे यात्रियों का कीमती समय बचेगा। यह ट्रेन अजनी स्टेशन से अपनी यात्रा शुरू करेगी और पुणे स्टेशन पर समाप्त होगी।

    सप्ताह में एक दिन चल सकती है
    हालांकि, अभी इसका विस्तृत शेड्यूल जारी नहीं किया गया है, लेकिन उम्मीद है कि यह ट्रेन सप्ताह में एक दिन चलेगी। इस ट्रेन के शुरू होने से दोनों शहरों के बीच आर्थिक और सामाजिक संबंध मजबूत होंगे। पुणे में आईटी, शिक्षा और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले नागपुर के लोगों को घर आने-जाने में सुविधा होगी। वहीं, पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उद्घाटन समारोह में स्थानीय सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे, जो इस ऐतिहासिक अवसर का स्वागत करेंगे। यह ट्रेन नागपुर के विकास की गति को और तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

  • मेडिकल में टल गई अनहोनी, लेकिन असुरक्षित हैं 30 ऑक्सीजन सिलेंडर

    मेडिकल में टल गई अनहोनी, लेकिन असुरक्षित हैं 30 ऑक्सीजन सिलेंडर

    सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल, यह बड़ी खामियों का परिणाम
    नागपुर.
    नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई ऑक्सीजन पाइपलाइन लीकेज की घटना ने अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर किया है। मंगलवार को ऑपरेशन थिएटर ‘बी’ में अचानक ऑक्सीजन पाइपलाइन लीक होने से मरीजों और कर्मचारियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। समय रहते मरम्मत टीम को बुलाया गया और तीन घंटे की मशक्कत के बाद लीकेज को ठीक किया जा सका। इस दौरान मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर से सप्लाई दी गई, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, यह घटना सिर्फ एक तकनीकी खराबी नहीं थी, बल्कि अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी खामियों का परिणाम थी।

    निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मी नहीं
    इस घटना के बाद, यह बात सामने आई है कि अस्पताल में चल रहे नवीनीकरण कार्य के बावजूद सुरक्षा नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। पुराने वार्ड नंबर 49, जिसका नवीनीकरण हो रहा है, में 30 से भी ज़्यादा भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर महीनों से असुरक्षित तरीके से पड़े हुए हैं। ये सिलेंडर पूरी तरह से भरे हुए हैं और किसी भी समय एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। इन सिलेंडरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने या उनकी निगरानी करने के लिए कोई भी सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं किया गया है।

    अधिकारी ने की लीकेज की पुष्टि
    अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने लीकेज की पुष्टि करते हुए कहा कि घटना की सूचना मिलते ही तकनीकी टीम को अलर्ट कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने भरे हुए सिलेंडरों की असुरक्षित स्थिति पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस तरह की लापरवाही न केवल मरीजों की जान को जोखिम में डालती है, बल्कि अस्पताल के कर्मचारियों की सुरक्षा को भी खतरे में डालती है। अस्पताल प्रशासन को इस गंभीर लापरवाही पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।

  • ग्राहकांच्या लेखी परवानगीशिवाय स्मार्ट मीटर बसविण्यास विरोध. – बहुजन वंचित आघाडीकडून अभियंत्यांना विनंती

    ग्राहकांच्या लेखी परवानगीशिवाय स्मार्ट मीटर बसविण्यास विरोध. – बहुजन वंचित आघाडीकडून अभियंत्यांना विनंती

    ग्राहकांच्या लेखी परवानगीशिवाय स्मार्ट मीटर बसविण्यास विरोध. – बहुजन वंचित आघाडीकडून अभियंत्यांना विनंती

    नागपूर WH NEWS 
    सध्या राज्य सरकारच्या धोरणानुसार, महाराष्ट्र राज्य वीज वितरण कंपनी प्रत्येक घरातून जुने मीटर काढून नवीन स्मार्ट मीटर बसवित आहे.

    परंतु या नवीन स्मार्ट मीटरच्या संदर्भात, मोठ्या संख्येने राजकीय सामाजिक , ग्राहक संघटनांनी अनेक शंका उपस्थित केल्या आहेत, ज्यामुळे वीज ग्राहकांमध्ये संभ्रम निर्माण झाला आहे. अनेक ठिकाणी स्मार्ट मीटरमध्ये आढळून आलेल्या दोषांमुळे वीज ग्राहकांमध्ये संताप आणि चिंता दिसून येत आहे.

    या परिस्थिती लक्षात घेता, वंचित बहुजन आघाडीकडून सोमवारी सोनबा नगर येथील वाडी वीज वितरण कार्यालयाच्या अभियंत्यांना वीज ग्राहकांच्या परवानगीशिवाय स्मार्ट मीटर बसविण्याचे काम थांबवण्याची विनंती करण्यात आली. *वंचित बहुजन आघाडीचे तहसील उपाध्यक्ष नागेश बोरकर यांच्या नेतृत्वाखाली वंचित बहुजन आघाडीचे पदाधिकारी प्रकाश मेश्राम, राजेश वानखेडे, विनायकराव घुमटकर, दर्शन बेले, यांनी वीज वितरण कार्यालयाच्या सहाय्यक अभियंत्यांची भेट घेतली आणि त्यांची विनंती सादर केली आणि चर्चेदरम्यान सांगितले की, सध्या स्मार्ट मीटरबाबत ग्राहकांमध्ये खूप गोंधळ आहे. वीज विभाग याचे समाधानकारक उत्तर देऊ शकत नाही. या स्मार्ट मीटरच्या वेगवान गतीमुळे ग्राहकांना जास्त वीज बिल आकारले जात आहे. भविष्यात हे स्मार्ट मीटर प्रीपेड मीटरमध्ये देखील बदलता येतील. या परिस्थिती लक्षात घेता, ग्राहकांच्या लेखी परवानगीशिवाय जुन्या वीज मीटरच्या जागी नवीन स्मार्ट मीटर बसवू नयेत.

    स्मार्ट वीज मीटरच्या करारा अंतर्गतही अशी तरतूद नमूद करण्यात आली आहे. आणि राज्याच्या मुख्यमंत्र्यांनी एका निवेदनात म्हटले आहे की ते ऐच्छिक आहे. कोणत्याही परिस्थितीत स्मार्ट मीटरमुळे वीज ग्राहकांची आर्थिक लूट सहन केली जाणार नाही. वाडी, आठवा मैल आणि ग्रामीण भागात अशा कोणत्याही कारवाईला जबरदस्तीने विरोध केला जाईल. आणि वंचित बहुजन आघाडीने वाडी वीज वितरण कार्यालयासमोर तीव्र आंदोलन करण्याचा इशाराही दिला. वंचित बहुजन आघाडीने सरकारवर उद्योगपतींच्या फायद्यासाठी हे स्मार्ट मीटर जबरदस्तीने ग्राहकांवर लादल्याचा आरोप केला. विद्युत अभियंत्याने स्मार्ट मीटरबाबत उपस्थित शिष्टमंडळाला योग्य माहिती देऊन हा प्रश्न सोडवण्याचा प्रयत्न केला, परंतु शिष्टमंडळ त्यावर समाधानी झाले नाही. अभियंत्यांनी योग्य कारवाईसाठी वरिष्ठांकडे विनंती पाठविण्यास मान्यता दिली.

    रमेश गजभिये, अभिजित मेश्राम, गौतम डोंगरदिवे, नितेश पुंडकर, सिद्धार्थ मेश्राम, सचिन साहेबराव गोलाईत, दिलीप पटेल, हरीश गजभिये, अमन मेश्राम, मयूर गजभिये, मयंक चौधरी व मोठ्या संख्येने कार्यकर्ते उपस्थित होते. या प्रणाली शिष्टमंडळात वंचित बहुजन आघाडीचे सहभागी होते.

  • कर्मचारी सतर्कता, जलद प्रतिसाद व आपत्ती व्यवस्थापन क्षमता तपासण्यासाठी मॉक ड्रिलचे आयोजन

    कर्मचारी सतर्कता, जलद प्रतिसाद व आपत्ती व्यवस्थापन क्षमता तपासण्यासाठी मॉक ड्रिलचे आयोजन

    कर्मचारी सतर्कता, जलद प्रतिसाद व आपत्ती व्यवस्थापन क्षमता तपासण्यासाठी मॉक ड्रिलचे आयोजन

     नागपूर WH NEWS –  मध्य रेल्वे, नागपूर विभागाने वरुड–मोर्शी सेक्शनमध्ये आपत्कालीन परिस्थितीत कर्मचार्‍यांची तयारी तपासण्यासाठी नियमित मॉक ड्रिलचे आयोजन केले. या सरावाचा उद्देश सतर्कता, जलद प्रतिसाद, समन्वय व बचाव क्षमतांचा आढावा घेणे हा होता.

    कल्पित परिस्थितीनुसार, गाडी क्रमांक 61103 मेमू (अमरावती ते नरखेड) किलोमीटर 761/12–13 दरम्यान दुपारी 15:00 वाजता एका काल्पनिक अपघाताला सामोरी गेली, ज्यात डब्याच्या दरवाज्यावर बसलेले काही प्रवासी खाली पडून गंभीर जखमी झाले. घटनेची माहिती मिळताच तात्काळ कारवाई करण्यात आली. 15:15 वाजेपर्यंत रुग्णवाहिका घटनास्थळी पोहोचली व जखमींना प्राथमिक उपचार देऊन रुग्णालयात पाठविण्यात आले. स्थानिक पोलिस कर्मचारी देखील घटनास्थळी दाखल झाले आणि बचाव कार्यात सहकार्य केले.

    ही ड्रिल नियोजनबद्ध व पद्धतशीर रितीने पार पडली व 15:35 वाजता अधिकृतपणे मॉक ड्रिल म्हणून घोषित करण्यात आली. अशा प्रकारचे सराव नागपूर विभागात वेळोवेळी घेण्यात येतात, ज्यामुळे आपत्ती व्यवस्थापनातील तयारी वाढविणे, विविध यंत्रणांमधील समन्वय सुधारणे व खरी आपत्कालीन परिस्थिती उद्भवल्यास प्रवासी सुरक्षेत बळकटी आणणे शक्य होते.

  • आदिवासी फासेपारधी व भटक्या जमातीच्या वस्त्यांमध्ये विविध दाखले वाटप करण्यासाठी शिबीरे घ्यावीत – अॅड. धर्मपाल मेश्राम

    आदिवासी फासेपारधी व भटक्या जमातीच्या वस्त्यांमध्ये विविध दाखले वाटप करण्यासाठी शिबीरे घ्यावीत – अॅड. धर्मपाल मेश्राम

    आदिवासी फासेपारधी व भटक्या जमातीच्या वस्त्यांमध्ये विविध दाखले वाटप करण्यासाठी शिबीरे घ्यावीत
    – अॅड. धर्मपाल मेश्राम

    नागपूर, दि. 5:– अनुसूचित जाती व जमाती, विमुक्त जाती व भटक्या जमाती यांचेकडे अधिवास पुरावे उपलब्ध नसल्यामुळे त्यांना शासनाकडून वितरीत करण्यात येणाऱ्या योजनांचा लाभ घेता येत नाही. घरकुल योजनेचा लाभ मंजूर होत नाही, जातीचे प्रमाणपत्र व जात वैधता प्रमापत्र वेळेत मिळत नाहीत. यावर प्रभावी उपाय म्हणून संबंधित विभागाने विमुक्त जाती व भटक्या जमातीच्या वस्त्यांमध्ये विविध दाखले वाटप करण्यासाठी शिबीरे आयोजित करण्याचे निर्देश अॅड. धर्मपाल मेश्राम यांनी दिले.

    रविभवन, नागपूर येथे महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाती जमाती आयोगाचे उपाध्यक्ष अॅड. धर्मपाल मेश्राम यांच्या अध्यक्षतेखाली आयोजित करण्यात आलेल्या बैठकीत ते बोलत होते. शासनामार्फत राबविण्यात येणाऱ्या विविध योजनांचा लाभ तळागळातील लोकांपर्यंत पोहचविण्यासाठी बैठकीत सविस्तर चर्चा करण्यात आली.

    आदिवासी फासे पारधी, विमुक्‍त भटक्या जामातीच्या 157 वस्तींमध्ये विविध दाखले वाटप शिबीर आयोजित करणे, घरकुल योजनांचा लाभ मंजूर करणे, जात प्रमाणपत्र व जात वैधता प्रमाणपत्र निर्गमीत करणे करिता लवकरच जिल्हानिहाय उप जिल्हाधिकारी पातळीचा समन्वय अधिकारी (नोडल अधिकारी) म्हणून नेमण्याचे व त्यासाठी प्रत्येक जिल्हयातील समाज कल्याण विभागाच्या अधिकाऱ्यांनी महिनाभरात अहवाल देण्याचे निर्देशीत केले.

    बैठकीला आदिवास विकास विभागाचे उपायुक्त दिगांबर चव्हाण, उपजिल्हाधिकारी विवेक साळुंके, जिल्हा समाजकल्याण अधिकारी सुखदेव कौरती, पोलीस उपअधीक्षक हेमंत खराबे, सामाजिक नेते व अखिल भारतीय स्तरावर घुमंतू भटक्या जातींमध्ये काम करणारे श्री दुर्गादासजी व्यास, आशिष कावळे, राजीव डोणारकर, प्रदिप वडणेरकर, प्रविण पवार, प्रशांत पवार, श्रीकांत तिजारे, अमोल एडके आदी उपस्थित होते.

  • जनप्रतिनिधि के नाम पर दबंगई

    जनप्रतिनिधि के नाम पर दबंगई

    फ्रेंडशिप डे पार्टी में बवाल
    नागपुर.

    जनप्रतिनिधियों के नाम पर दबंगई का मामला सामने आया है। नागपुर के कामठी रोड स्थित एक आयोजन स्थल पर फ्रेंडशिप डे पार्टी आयोजित था। अचानक किसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ। बात बढ़ी तो पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन वहां के आयोजक ने कथित तौर पर नागपुर के पालकमंत्री का नाम लेकर कार्रवाई को रोकने की धमकी दी।

    वायरल वीडियो में सब स्पष्ट
    वायरल वीडियो में आयोजक पुलिस अधिकारियों से सीधे तौर पर कह रहा है कि वह पालकमंत्री से सीधे बात कर सकता है। यह टिप्पणी साफ तौर पर पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश थी, ताकि वे अपना कर्तव्य पूरा न कर सकें। जूनी कामठी पुलिस ने हालांकि मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझा लिया और कोई एफआईआर दर्ज नहीं की, लेकिन यह घटना पुलिस अधिकारियों और आम जनता के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।

    ऐसे लोगों से दूरी ही जायज
    यह प्रवृत्ति लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए एक बड़ा खतरा है। डीसीपी निकेतन कदम ने इस घटना पर संज्ञान लिया है और जांच का आश्वासन दिया है। यह एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि केवल इस मामले की जांच ही न हो, बल्कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक मजबूत संदेश भी दिया जाए। जनप्रतिनिधियों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके नाम का इस्तेमाल दबंगई या गलत काम के लिए न हो। नेताओं को ऐसे लोगों से दूरी बनानी चाहिए जो उनके नाम का दुरुपयोग करते हैं, ताकि समाज में कानून का सम्मान बना रहे और पुलिस बिना किसी दबाव के अपना काम कर सके।

  • एम्स में एमबीबीएस छात्र ने फांसी लगाई

    एम्स में एमबीबीएस छात्र ने फांसी लगाई

    कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं
    नागपुर.
    मिहान स्थित एम्स अस्पताल के चरक ब्वॉयज हॉस्टल में एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्र संकेत पंडितराव धाबाडे (23) ने आत्महत्या कर ली। रविवार रात को हॉस्टल के बाथरूम में शॉल से फांसी लगाकर उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। इस घटना ने एक बार फिर मेडिकल छात्रों के बीच बढ़ते मानसिक तनाव और आत्महत्या के भयावह आंकड़ों की ओर ध्यान खींचा है। संकेत के परिवार, जिसमें उनके पिता शिक्षक और बहन डॉक्टर हैं, इस घटना से गहरे सदमे में हैं। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और मामले की जांच जारी है।

    सिस्टम में ही कहीं दोष तो नहीं
    यह घटना कोई अकेली नहीं है। नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा जारी किए गए चौंकाने वाले आंकड़े बताते हैं कि 2025 के शुरुआती सात महीनों में ही देशभर में लगभग 30 मेडिकल छात्रों ने आत्महत्या कर ली है, जो पिछले वर्षों के वार्षिक औसत से दोगुना से भी अधिक है। 2018 से 2022 के बीच कुल 122 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जिसमें से 64 एमबीबीएस के और 58 पीजी के छात्र थे। ये आंकड़े मेडिकल शिक्षा प्रणाली में व्याप्त गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करते हैं।

    पढ़ाई छोड़ने की मजबूरी और भारी जुर्माना
    आत्महत्या के बढ़ते मामलों के साथ-साथ, मेडिकल स्टूडेंट्स द्वारा पढ़ाई छोड़ने की संख्या भी चिंताजनक है। 2018 से 2022 के बीच 1270 छात्रों ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी, जिनमें से 1117 पीजी के छात्र थे। पीजी कोर्स, जिसमें प्रवेश पाना अत्यंत कठिन होता है, उसे बीच में छोड़ने का मुख्य कारण मानसिक दबाव और तनाव है। इसके ऊपर, छात्रों को पढ़ाई छोड़ने पर 10 से 50 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना भी भरना पड़ता है, जो उन्हें और भी गहरे संकट में धकेल देता है। संकेत धाबाडे की मौत एक और अलार्म है, जो सरकार और मेडिकल शिक्षा संस्थानों को जगाने के लिए काफी है। यह समय है कि नियमों का सख्ती से पालन किया जाए और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए।

  • सीएम के इलाके में गंदा पानी

    सीएम के इलाके में गंदा पानी

    लालफीताशाही की दबंगई का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा
    नागपुर.
    विधायक संदीप जोशी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले स्वावलंबी नगर व दीनदयाल नगर परिसर में पिछले कई दिनों से गंदा, बदबूदार व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पानी की आपूर्ति हो रही है। जान-बूझकर इस ओर ध्यान नहीं देने का आरोप उन्होंने मनपा प्रशासन पर लगाया है। मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर अपनी नाराजी भी जाहिर की है।

    अन्य क्षेत्रों की स्थिति का अंदाजा सहज
    यह मुद्दा अत्यंत गंभीर है। यह केवल एक स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि पूरे राज्य में अधिकारियों की लापरवाही और जनता की उपेक्षा का एक स्पष्ट उदाहरण है। अगर मुख्यमंत्री के अपने क्षेत्र में, जहां प्रशासन को सबसे अधिक सतर्क और जवाबदेह होना चाहिए, जनता को 15-20 दिनों तक पीने के लिए अस्वस्थ पानी मिल रहा है, तो इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य के अन्य दूरदराज के क्षेत्रों में स्थिति कितनी बदतर होगी।

    मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता में सबसे नीचे
    यह घटना यह भी दर्शाती है कि प्रशासन और जनता के बीच का संवाद कितना कमजोर हो चुका है। लोगों द्वारा लगातार शिकायतें दर्ज कराने और सोशल मीडिया पर अपनी व्यथा जाहिर करने के बाद भी मनपा प्रशासन का ध्यान न देना, उनकी कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है। यह दिखाता है कि अधिकारियों के लिए जनता की स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं की चिंता शायद उनकी प्राथमिकता सूची में सबसे नीचे है।

    जनहित सर्वोपरी हो
    विधायक जोशी ने मनपा आयुक्त के कार्यालय में जनता के साथ पहुंचने की चेतावनी दी है। यह स्थिति ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विधायक को भी अपने ही क्षेत्र की एक मूलभूत समस्या के समाधान के लिए इस तरह की चेतावनी देनी पड़ रही है। यह संस्थागत लापरवाही की ओर इशारा करता है। अधिकारियों को यह समझना होगा कि उनका पद जनता की सेवा के लिए है, न कि अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ने के लिए। इस घटना से सबक लेते हुए, सरकार को न केवल नागपुर की समस्या का तत्काल समाधान करना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पूरे राज्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो। जनता का स्वास्थ्य और विश्वास किसी भी सरकार के लिए सर्वोपरि होना चाहिए।

  • गार्ड ने मानकापुर उड़ानपुल से लगाई छलांग

    गार्ड ने मानकापुर उड़ानपुल से लगाई छलांग

    जांच में लगी पुलिस को नहीं मिले सुराग
    नागपुर.
    मानकापुर उड़ानपुल से सोमवार की दोपहर सुरक्षा रक्षक ने छलांग लगा दी। उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, कुकरेजा नगर जरीपटका निवासी यशवंत रमेश शाहू (31) ने सोमवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे के दौरान पागलखाना चौक के पास मानकापुर उड़ान पुल से छलांग लगाई। गंभीर रूप से घायल होने के कारण यशवंत की मौत हो गई। वह विवाहित था और एक सुरक्षा एजेंसी में कार्यरत था।

    ऐसी घटनाओं का हल जरूरी
    हालांकि यह कोई अकेली घटना नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में, शहर के विभिन्न फ्लाईओवर से आत्महत्या करने के कई मामले सामने आए हैं। ये संरचनाएं, जो लोगों को उनकी मंजिल तक जल्दी पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं, अब कुछ निराश और हताश लोगों के लिए जीवन समाप्त करने का एक आसान साधन बन गई हैं। फ्लाईओवर केवल सड़कों का विस्तार नहीं हैं, बल्कि वे हमारे समाज की स्वास्थ्य और सुरक्षा की स्थिति का भी प्रतिबिंब हैं। यह समय है कि हम इस समस्या को गंभीरता से लें और इसका समाधान ढूंढें।

    हर पहलू से तफ्तीश अनिवार्य
    मानकापुर थाने के वरिष्ठ निरीक्षक हरीश कलसेकर के अनुसार, जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उसका दोपहिया वाहन, हेलमेट और बैग मौके पर रखा हुआ था। सूचना मिलते ही परिजन भी मौके पर पहुंचे। उनका कहना था कि यशवंत ने आत्मघाती कदम उठाया या उसे क्या परेशानी थी, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में केवल आकस्मिक मृत्यु का प्रकरण दर्ज करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह समझना महत्वपूर्ण है कि कोई भी व्यक्ति बिना किसी गहरे दुख या दबाव के ऐसा कदम नहीं उठाता।