मेडिकल कॉलेज में सुरक्षाकर्मियों की बर्बरता

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Brutality of security personnel in medical college

पीड़ित और परिजनों ने की न्याय की मांग
नागपुर.
नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक मरीज के रिश्तेदार के साथ महाराष्ट्र सिक्योरिटी फोर्स के जवानों द्वारा की गई मारपीट और गाली-गलौज की घटना ने सुरक्षाकर्मियों के व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सुरक्षा के नाम पर मरीजों और उनके रिश्तेदारों के साथ किस तरह का दुर्व्यवहार किया जाता है। एक सामाजिक कार्यकर्ता सुदत्त गजभिये को अपनी मामी के साथ अस्पताल में रिपोर्ट लेने जाने के दौरान सिर्फ इसलिए अभद्र व्यवहार और मारपीट का शिकार होना पड़ा, क्योंकि उन्होंने अपना दोपहिया वाहन हटाने में थोड़ी देर कर दी थी।

अधिकारी ने जवानों का बचाव किया
यह घटना अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा के मानकों और मानवता की कमी को दर्शाती है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जब इस मामले की शिकायत एमएसएफ अधिकारियों से की गई, तो उन्होंने जवानों का बचाव करते हुए कहा कि वे “तनाव में रहते हैं।” यह बयान किसी भी तरह से जवानों के इस बर्बर व्यवहार को सही नहीं ठहरा सकता। अस्पताल में आने वाले लोग पहले से ही मानसिक और भावनात्मक तनाव में होते हैं और ऐसे में सुरक्षाकर्मियों का ऐसा रवैया उनकी परेशानी को और बढ़ा देता है।

व्यवस्था ही कटघरे में
सुदत्त गजभिये ने इस मामले में अजनी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, जो न्याय की प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाता है। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति के साथ हुई मारपीट का मामला नहीं है, बल्कि यह अस्पताल प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की जवाबदेही का सवाल है। इस तरह के मामलों में तत्काल और कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए और दोषी जवानों को उनके किए की सजा मिलनी चाहिए, ताकि सुरक्षाकर्मियों के बीच यह संदेश जाए कि उनकी ड्यूटी लोगों की सेवा और सुरक्षा करना है, न कि उनके साथ बर्बरता करना।

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