Category: अंतरराष्ट्रीय

  • सुरक्षा परिषद में भी पाक की किरकिरी

    सुरक्षा परिषद में भी पाक की किरकिरी

    मदद मांगने गए थे, उल्टे पड़ी लताड़
    नई दिल्ली.
    पाकिस्तान का भारत के खिलाफ हर पैंतरा उस पर ही भारी पड़ रहा है। ताजा मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक का है, जहां पाकिस्तान मदद मांगने गया था, लेकिन सुरक्षा परिषद ने उल्टे पाकिस्तान को ही लताड़ दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पाकिस्तान से ही मुश्किल सवाल पूछे और पहलगाम आतंकी हमले पर जवाबदेही तय करने को कहा।

    लश्कर ए तैयबा का किया जिक्र
    यूएनएससी की बैठक में सदस्यों ने पाकिस्तान से पूछा कि क्या पहलगाम आतंकी हमले में लश्कर ए तैयबा का हाथ है या नहीं। दरअसल पाकिस्तान ये दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारत पहलगाम आतंकी हमले की आड़ में उस पर हमला करना चाहता है। हालांकि सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान के इस तर्क को खारिज कर दिया और उल्टे हमले में लश्कर ए तैयबा की भूमिका पर ही सवाल पूछ लिए।

    आतंकी हमले की कड़ी निंदा
    संयुक्त राष्ट्र परिषद की बैठक में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई और इसकी जवाबदेही तय करने की भी मांग की गई। कुछ सदस्यों ने खासकर इस बात पर सवाल उठाए कि पहलगाम में पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर निशाना बनाया गया। इसकी भी सदस्यों ने कड़ी निंदा की।

    उकसावे वाली कार्रवाई के लिए फटकार
    पाकिस्तान द्वारा हाल ही में बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया गया है। सुरक्षा परिषद के कई सदस्यों ने इस पर भी नाराजगी जताई और इसे पाकिस्तान की उकसावे वाली कार्रवाई बताया। पाकिस्तान की कोशिश थी कि मामले को सुरक्षा परिषद में उठाकर इसका अंतरराष्ट्रीयकरण किया जाए और भारत पर दबाव बनाया जाए कि वह सैन्य कार्रवाई न करे, लेकिन उसकी यह कोशिश धरी की धरी रह गई और सुरक्षा परिषद ने ही पाकिस्तान को सलाह दी कि वे भारत के साथ मिलकर द्विपक्षीय तरीके से मुद्दे को सुलझाए।

    अपना एजेंडा चलाने की साजिश रची थी
    गौरतलब है कि पाकिस्तान इस समय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गैर स्थायी सदस्य है। भारत फिलहाल सुरक्षा परिषद का हिस्सा नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान ने सोचा कि वह भारत की गैरमौजूदगी में सुरक्षा परिषद में अपना एजेंडा चलाने में सफल रहेगा, क्योंकि उसके आरोपों पर जवाब देने के लिए भारत यूएनएससी का हिस्सा नहीं है, लेकिन ये भारत की बढ़ती कूटनीतिक अहमियत का उदाहरण है कि भारत की गैरमौजूदगी में भी पाकिस्तान का एजेंडा नहीं चला और बाकी सदस्य देशों ने पाकिस्तान को ही घेर लिया।

  • ट्रंप नहीं लड़ेंगे फिर से राष्ट्रपति चुनाव

    ट्रंप नहीं लड़ेंगे फिर से राष्ट्रपति चुनाव

    लिया यू-टर्न, सुझाए दो नाम
    वाशिंगटन.
    डोनाल्ड ट्रंप तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस विषय पर उन्होंने यू-टर्न ले लिया है। अपने दूसरे कार्यकाल को 100 दिन पूरे होने पर उन्होंने कई बड़े फैसले लिए और जमकर हर मुद्दे पर बयानबाजी भी की। कुछ समय पहले ट्रंप ने कहा था कि वह अपने दूसरे कार्यकाल के खत्म होने के बाद तीसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की इच्छा रखते हैं। हालांकि अमेरिकी संविधान के अनुसार ऐसा संभव नहीं है।

    जेडी वेंस और मार्को रुबियो का नाम सुझाया
    ट्रंप ने एक इंटरव्यू के दौरान यह साफ कर दिया है कि वह फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस दौरान ट्रंप ने वर्तमान अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो का भावी अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए नाम सुझाया। इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा कि रिपब्लिकन पार्टी में कुछ अन्य संभावित भविष्य के उम्मीदवार भी उभरकर आ सकते हैं।

    चार शानदार साल काम करना चाहता हूं
    ट्रंप ने इंटरव्यू में इस बारे में बात करते हुए कहा, “बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो चाहते हैं कि मैं तीसरे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में उतरू। लेकिन संविधान के अनुसार ऐसा करने की अनुमति नहीं है। मैं ऐसा करने की नहीं सोच रहा। मैं दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर चार शानदार साल काम करना चाहता हूं और इसके बाद यह ज़िम्मेदारी किसी और को देना चाहता हूं और इसके लिए रिपब्लिक पार्टी का कोई बेहतरीन उम्मीदवार अच्छा विकल्प रहेगा।”
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  • पाक ने भी उतारे लड़ाकू विमान

    पाक ने भी उतारे लड़ाकू विमान

    जर्ब-ए-हैदरी, फिजा-ए-बद्र और ललकार-ए-मोमिन से झोंकी ताकत
    कराची.
    पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में तनातनी बनी हुई है। दोनों देशों ने अपनी सैन्य तैयारियों को अभूतपूर्व स्तर पर तेज कर दिया है, जिससे युद्ध का खतरा मंडराने लगा है। इस तनावपूर्ण माहौल में, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बच्चों को युद्ध जैसी स्थिति के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, जबकि भारत ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन गंगा एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमानों को उतारकर किया।

    पाकिस्तान का भी युद्ध अभ्यास
    उधर, पाकिस्तान ने भी अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज कर दिया है। पाकिस्तानी वायु सेना जर्ब-ए-हैदरी, फिज़ा-ए-बदर और ललकार-ए-मोमिन जैसे अभ्यासों में एफ-16, J-10, और जेएफ-17 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों का उपयोग कर रही है। पाकिस्तान ने चीन से प्राप्त पीएल-15 मिसाइलों से लैस JF-17 जेट्स के वीडियो जारी कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, पाकिस्तानी सेना की 1 स्ट्राइक कोर पंजाब के सामने गुजरांवाला में ‘एक्सरसाइज हैमर स्ट्राइक कर रही है, और नौसेना अरब सागर में युद्ध अभ्यास में जुटी है। पाकिस्तान ने लाहौर और इस्लामाबाद के बीच हवाई मार्ग बंद कर दिए और तटीय क्षेत्रों में ‘नो-फ्लाई जोन की चेतावनियां जारी की हैं।

    असामान्य कदम
    साथ ही, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में युद्ध की आशंका के बीच असामान्य कदम उठाए गए हैं। पीओके के मुख्य शहर मुजफ्फराबाद में 1,000 से अधिक मदरसों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, क्योंकि पाकिस्तान को डर है कि भारत इन्हें आतंकी प्रशिक्षण केंद्र मानकर निशाना बना सकता है। इसके अलावा, स्कूली बच्चों को युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार करने के लिए आपातकालीन प्रशिक्षण शिविर शुरू किए गए हैं। इन शिविरों में 11-12 साल के बच्चों को मरहम-पट्टी करना, घायलों को स्ट्रेचर पर ले जाना, और आग बुझाने जैसी बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा तकनीकों की ट्रेनिंग दी जा रही है।

    नियंत्रण रेखा पर तनाव
    नियंत्रण रेखा पर तनाव चरम पर है। भारतीय सेना ने बताया कि पाकिस्तानी चौकियों ने कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, नौशेरा, और अखनूर क्षेत्रों में बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की, जो पहलगाम हमले के बाद से लगातार सातवें दिन जारी है। भारतीय सेना ने संयमित और आनुपातिक जवाब दिया, लेकिन सीमा पर गोलीबारी ने दोनों पक्षों के बीच युद्ध की आशंका को और बढ़ा दिया है।

    पाकिस्तान में खौफ और भारत में आक्रोश
    पहलगाम हमले के बाद भारत में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को “पूरी आजादी” दी है, और 30 अप्रैल को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक में कठोर जवाबी कार्रवाई पर चर्चा हुई। दूसरी ओर, पाकिस्तान में भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई का डर व्याप्त है। इस तनावपूर्ण माहौल में, वैश्विक समुदाय की नजर दक्षिण एशिया पर टिकी है, जहां दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच टकराव के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

  • शहबाज को शरीफ की सलाह, भारत के साथ न हो युद्ध

    शहबाज को शरीफ की सलाह, भारत के साथ न हो युद्ध

    नवाज आक्रामक रुख अपनाने के इच्छुक नहीं
    कराची.
    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष नवाज शरीफ को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी। यह बैठक भारत द्वारा सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने के बाद बुलाई गई थी। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ये सख्त कदम उठाया था।

    ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’
    शहबाज शरीफ ने नवाज शरीफ से मुलाकात के दौरान बताया कि ये एक ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ था. इसका मतलब कि भारतीयों द्वारा ये जान-बूझकर किया गया ताकि क्षेत्र में अस्थिरता फैलाई जा सके। शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत के इस एकतरफा कदम ने दोनों देशों के बीच युद्ध के खतरे को और बढ़ा दिया है। इस बैठक में पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज भी मौजूद थीं।

    शहबाज शरीफ ने कही ये बात
    प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। एक सूत्र ने कहा कि नवाज शरीफ चाहते हैं कि उनकी सरकार दोनों देशों के बीच शांति बहाल करने के लिए बातचीत से हल निकाले। नवाज आक्रामक रुख अपनाने के इच्छुक नहीं हैं।

    आयोग गठित करने की पेशकश
    इससे पहले रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को इस घटना की जांच के लिए अमेरिका, ईरान, चीन, रूस और ब्रिटेन के अधिकारियों सहित एक अंतरराष्ट्रीय आयोग गठित करने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान दुनिया के सामने तथ्य सामने लाएगा। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि ये सिर्फ एक नाटक था, लेकिन इस झूठ से पर्दा उठाने के लिए हम किसी भी आयोग के साथ काम करने को तैयार हैं। हालांकि, अगर भारत कोई दुस्साहस करता है तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे।

  • लंदन में भारतीयों के विरोध से तिलमिलाया पाक

    लंदन में भारतीयों के विरोध से तिलमिलाया पाक

    डिफेंस अताशे ने दी गला काटने की धमकी, वीडियो वायरल
    नई दिल्ली.
    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 28 पर्यटकों की मौत हुई, के विरोध में लंदन में भारतीय समुदाय ने पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इस दौरान पाकिस्तानी उच्चायोग के एक डिफेंस अताशे की शर्मनाक हरकत सामने आई, जिसने प्रदर्शनकारियों को गला काटने की धमकी दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

    यह है पूरा मामला
    पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ लंदन में भारतीय छात्रों और प्रवासी भारतीयों ने पाकिस्तानी उच्चायोग के सामने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। प्रदर्शनकारी पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए हमले में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। इस दौरान पाकिस्तानी सेना के डिफेंस अताशे, कर्नल तैमूर राहत, उच्चायोग की बालकनी पर आए और भारतीय प्रदर्शनकारियों की ओर गला काटने का इशारा किया। उनके हाथ में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की तस्वीर थी, जिस पर “चाय शानदार है” लिखा था, जो 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद वायरल हुए एक प्रसंग का अपमानजनक उल्लेख था।

    शांतिपूर्ण तरीके से किया विरोध
    प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तानी समर्थकों ने भी भारतीयों के खिलाफ नारेबाजी और उकसावे की कोशिश की, जिससे तनाव की स्थिति बन गई। हालांकि, भारतीय प्रदर्शनकारियों ने संयम बनाए रखा और शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जारी रखा। लंदन पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित किया और उच्चायोग के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी।

    सोशल मीडिया पर उबाल, वीडियो वायरल
    घटना का वीडियो भारतीय छात्र तेजस भारद्वाज और अन्य प्रदर्शनकारियों ने रिकॉर्ड किया, जो अब सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है। एक्स पर कई यूजर्स ने इस घटना की निंदा करते हुए पाकिस्तानी अधिकारी की हरकत को “आतंकवादी मानसिकता” का प्रतीक बताया। एक पोस्ट में लिखा गया, “पाकिस्तानी डिप्लोमेट भूल गए कि अभिनंदन के समय उनके नेताओं के पांव कैसे कांप रहे थे।

    पाकिस्तान की बौखलाहट
    यह घटना तब हुई जब भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कूटनीतिक कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल समझौता निलंबित करना, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करना और पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना शामिल है। विश्लेषकों का मानना है कि लंदन में हुई यह घटना पाकिस्तान की बढ़ती बौखलाहट को दर्शाती है, क्योंकि वैश्विक मंच पर उसका आतंकवाद समर्थन उजागर हो रहा है।

    भारत की प्रतिक्रिया और अगले कदम
    भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए ब्रिटिश अधिकारियों से शिकायत दर्ज की है और कर्नल तैमूर राहत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। भारतीय समुदाय ने भी इस हरकत को “अपमानजनक और आतंकवादी मानसिकता” का प्रतीक बताया। लंदन में भारतीय उच्चायोग ने सुरक्षा बढ़ाने का अनुरोध किया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

  • घबराया पाक, दिया मिसाइल मिसाइल परीक्षण का आदेश

    घबराया पाक, दिया मिसाइल मिसाइल परीक्षण का आदेश

    भारत के कड़े तेवर से बढ़ा तनाव
    नई दिल्ली.
    पहलगाम आतंकी हमले से पूरे भारत में गुस्से का माहौल है, तो इस वजह से पाकिस्तान में डर का माहौल है। पाकिस्तान को इस बात का डर है कि कहीं भारत जवाबी हमला न कर दे। इस वजह से पाकिस्तान की सेना भी अलर्ट मोड पर है। बुधवार की रात पाकिस्तान की एयरफोर्स को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं भारत पीओके में एयरस्ट्राइक न कर दे, क्योंकि पीओके में आतंकी संगठन के पर जवाबी हमला कर सकता है। इसकी वजह है पीओके में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का लॉन्च पैड, जहाँ से कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है।

    परीक्षण करने के लिए अधिसूचना जारी
    भारत से बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल को अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर कराची तट पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने के लिए अधिसूचना जारी की है। संबंधित भारतीय एजेंसियाँ सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नज़र बनाए हुए हैं। इस बारे में देश के रक्षा सूत्रों ने जानकारी दी है।

    भारत की पाकिस्तान पर डिजिटल स्ट्राइक
    भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ डिजिटल स्ट्राइक करते हुए पाकिस्तान सरकार का एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट बैन कर दिया है। अब भारत में इस अकाउंट को नहीं देखा जा सकेगा। इसके पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीईसी की मीटिंग के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले का पाकिस्तान को कूटनीतिक तरीके से बड़ा झटका दिया गया।

    5 बड़े फैसले
    भारत की तरफ से लिए गए 5 फैसलों से पाकिस्तान को करारा जवाब दिया गया है।
    – भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 से चल रहे सिंधु जल समझौते पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
    -अटारी चेक पोस्ट को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है। जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ बॉर्डर पार कर चुके हैं, वो 1 मई से पहले उसी रास्ते से वापस आ सकते हैं।
    -पाकिस्तानी नागरिकों को अब वीज़ा नहीं दिया जाएगा और जिन्हें पहले से वीज़ा मिला हुआ है, उन्हें रद्द कर दिया गया है। ऐसे में भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को अगले 48 घंटे में भारत छोड़ना होगा।
    -दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। भारत, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को निरस्त माना जाएगा। सेवा सलाहकारों के 5 सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा।
    -उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जो 1 मई, 2025 तक प्रभावी में आ जाएगी।

  • तस्लीमा नसरीन ने कहा-‘जब तक इस्लाम, तब तक आतंकवाद’

    तस्लीमा नसरीन ने कहा-‘जब तक इस्लाम, तब तक आतंकवाद’

    पहलगाम हमले पर तीखा हमला
    नई दिल्ली.
    कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमलों पर बांग्लादेश की प्रख्यात लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा है कि “इस्लाम जब तक अस्तित्व में रहेगा, आतंकवाद तब तक जिंदा रहेगा।”

    आतंकवाद पर करार बयान
    तस्लीमा नसरीन, जिन्हें उनके विचारों के लिए बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा था, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि ‘जब तक इस्लाम रहेगा, आतंकवाद जिंदा रहेगा।’ उन्होंने लिखा है कि “जब तक इस्लाम जीवित रहेगा, गैर-मुसलमानों को कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी, स्वतंत्र विचारकों और तर्कवादियों को कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी, महिलाओं को कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी। जब तक इस्लाम जीवित रहेगा, फूल मुरझाते रहेंगे, बच्चे मरते रहेंगे, लाखों मरे हुए कबूतर बारिश की तरह गिरते रहेंगे।”

    इस्लाम की कोख से नफरत पैदा होती रहेगी
    तस्लीमा नसरीन ने आगे लिखा है कि “इस्लाम की कोख से नफरत पैदा होती रहेगी, बदसूरत राक्षस पैदा होते रहेंगे। जब तक इस्लाम जीवित रहेगा, कोई भी राज्य, कोई भी राज्य सभ्य नहीं बन पाएगा, दुनिया सभ्य नहीं बन पाएगी।”

    पुरुषों को ही बनाया निशाना
    26 साल के असावरी जगदाले, जिनके पिता की आतंकवादियों ने हत्या कर दी, उन्होंने बताया है कि बेताब घाटी में ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ घुमने वो अपने परिवार के साथ गये थे। लेकिन यह सिर्फ एक आम हमला नहीं था। असावरी ने कहा कि आतंकवादियों ने “खौस तौर पर पुरुष पर्यटकों को निशाना बनाया और गोली मारने से पहले उनसे धर्म के बारे में पूछा था। उनसे पूछा कि वो हिंदू हैं या मुस्लिम।” उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ है वह पूरी तरह से भयावह था। स्थानीय पुलिस की तरह कपड़े पहने बंदूकधारियों ने इलाके में धावा बोल दिया और हमला किया।

  • पोप की मौत पर भारत में तीन दिन राजकीय शोक घोषित

    पोप की मौत पर भारत में तीन दिन राजकीय शोक घोषित

    पहला चरण 22 और 23 अप्रैल को
    नई दिल्ली.
    पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत सरकार ने देशभर में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि महामहिम पोप फ्रांसिस, सर्वोच्च धर्मगुरु का सोमवार, 21 अप्रैल 2025 को निधन हो गया। उनके सम्मान में भारत में तीन दिन का राजकीय शोक मनाया जाएगा। गृह मंत्रालय के अनुसार, राजकीय शोक का पहला चरण दो दिनों का होगा, जो मंगलवार, 22 अप्रैल और बुधवार, 23 अप्रैल को लागू रहेगा।

    बदल जाएगी सौ साल पुरानी परंपरा
    तीसरा दिन पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के दिन मनाया जाएगा। इस दौरान पूरे भारत में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां इसे नियमित रूप से फहराया जाता है। साथ ही, इस अवधि में कोई भी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा। पोप फ्रांसिस, जिनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो था, मार्च 2013 में पोप चुने गए थे। वह अपने सादगी भरे जीवन, सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर मुखर रुख के लिए विश्व भर में जाने जाते थे। उनके निधन से न केवल कैथोलिक समुदाय, बल्कि पूरी दुनिया में शोक की लहर है। भारत में भी उनके निधन पर कई नेताओं और संगठनों ने शोक व्यक्त किया है।

    किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे
    देश में कई चर्चों के पादरियों ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। बता दें कि किडनी की बीमारी से जूझ रहे पोप फ्रांसिस का सोमवार को निधन हो गया। वेटिकन ने एक वीडियो संदेश में यह जानकारी दी। बयान में कहा गया था कि रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी नेता पोप फ्रांसिस का निधन हो गया था। ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस 88 वर्ष के थे और वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। कुछ समय पहले कई दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद वह ठीक होकर घर लौटे थे। पोप फ्रांसिस को हाल ही में डबल निमोनिया की गंभीर बीमारी ने भी जकड़ा था।

  • वॉन्टेड इनामी आतंकी हरप्रीत सिंह अमेरिका में गिरफ्तार

    वॉन्टेड इनामी आतंकी हरप्रीत सिंह अमेरिका में गिरफ्तार

    एनआईए ने घोषित किया था 5 लाख का इनाम
    नई दिल्ली.
    अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे खालिस्तानी आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। एफबीआई चीफ काश पटेल ने यह जानकारी दी। हरप्रीत भारत और अमेरिका में कई पुलिस स्टेशनों पर हमलों में शामिल था। पंजाब में पिछले करीब 6 महीने में 14 आतंकी हमलों में हरप्रीत की अहम भूमिका थी, लेकिन अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

    अब होगा न्याय
    काश पटेल ने सोशल मीडिया पर हरप्रीत की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि एफबीआई की सैक्रामेंटो यूनिट ने स्थानीय और भारत में अपने भागीदारों के साथ समन्वय करके इस मामले की जांच की और हरप्रीत को गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई में शामिल सभी लोगों ने बहुत बढ़िया काम किया है और अब न्याय किया जाएगा। काश ने यह भी साफ कर दिया कि एफ़बीआई हिंसा करने वालों को ढूंढना जारी रखेगी, चाहे वो कहीं भी हों।

    5 लाख का इनामी आतंकी है हरप्रीत
    हरप्रीत, खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा हुआ था। गिरफ्तार करने के बाद उसे उसे आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन की हिरासत में भेज दिया गया है, जहां उससे पूछताछ की जाएगी। हरप्रीत पर भारत में कई पुलिस स्टेशनों और पिछले साल चंडीगढ़ में एक सेवानिवृत्त पंजाब पुलिस अधिकारी के घर पर ग्रेनेड हमले की योजना बनाने का भी आरोप है। एनआईए ने हरप्रीत पर 5 लाख का इनाम घोषित किया हुआ था।

  • धर्मगुरु पोप फ्रांसिस नहीं रहे

    धर्मगुरु पोप फ्रांसिस नहीं रहे

    शोक में दुनिया के 1.4 अरब लोग
    वेटिकन सिटी.
    रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी नेता और ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वेटिकन ने एक वीडियो बयान में इसकी पुष्टि की। अपने 12 साल के कार्यकाल के दौरान पोप फ्रांसिस कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते रहे थे। वेटिकन द्वारा अपने टेलीग्राम चैनल पर प्रकाशित बयान में कार्डिनल केविन फैरेल ने कहा, “आज सुबह 7:35 बजे (0535 जीएमटी) रोम के बिशप, फ्रांसिस, अपने पिता के घर लौट गए।”

    यहूदी-विरोधी भावनाओं पर जताई थी चिंता
    पोप फ्रांसिस ने रविवार को अपने अंतिम ईस्टर संबोधन में विचार की स्वतंत्रता और सहिष्णुता की वकालत की थी। उन्होंने बेसिलिका की बालकनी से 35,000 से अधिक लोगों की भीड़ को ईस्टर की शुभकामनाएं दीं, लेकिन अपनी पारंपरिक “उर्बी एट ओरबी”आशीर्वाद को पढ़ने का कार्य एक सहयोगी को सौंप दिया। अपने संदेश में उन्होंने कहा, “धर्म की स्वतंत्रता, विचार की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और दूसरों के विचारों का सम्मान किए बिना शांति संभव नहीं है। उन्होंने यहूदी-विरोधी भावनाओं को चिंताजनक बताते हुए गाजा की स्थिति को नाटकीय और निंदनीय करार दिया।

    1.4 अरब कैथोलिक अनुयायी शोक में
    पोप फ्रांसिस के निधन की खबर से दुनिया भर के 1.4 अरब कैथोलिक अनुयायी शोक में डूब गए हैं। उनके नेतृत्व में चर्च ने सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण और गरीबी उन्मूलन जैसे मुद्दों पर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया था। उनके निधन के साथ ही वेटिकन में नए पोप के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है, लेकिन फिलहाल पूरी दुनिया अपने प्रिय धर्मगुरु के जाने के गम में डूबी है।