Tag: नागपुर अपराध

  • लुटेरी दुल्हन गैंग सक्रिय, सामने आए 8 पीड़ित

    लुटेरी दुल्हन गैंग सक्रिय, सामने आए 8 पीड़ित

    शिक्षिका के कारनामे दंग करने वाले
    नागपुर.
    नागपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक स्कूल टीचर पर “लुटेरी दुल्हन” बनकर कई लोगों को ठगने का आरोप लगा है। समीरा फातिमा नामक यह महिला कामठी की निवासी है और मोमिनपुरा के एक सरकारी उर्दू स्कूल में पढ़ाती है। पुलिस ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार किया है।

    पीड़ितों ने सुनाई आपबीती
    पत्रकारों के सामने आए 8 पीड़ित पतियों ने अपनी आपबीती सुनाई, जिससे पता चला कि समीरा फातिमा और उसका कथित गिरोह शादी का झांसा देकर लोगों को निशाना बनाते थे। पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि समीरा उनके खिलाफ दुष्कर्म और चोरी के झूठे मामले दर्ज कराकर उन्हें ब्लैकमेल करती थी और लाखों रुपये ऐंठती थी। औरंगाबाद के बैंक प्रबंधक मो. तारीक अनीस ने बताया कि समीरा ने 2017 में उनसे घर में ही शादी की थी और बाद में उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराकर 22 लाख रुपये ऐंठ लिए। इसी तरह, नागपुर के ट्रांसपोर्ट व्यापारी गुलाम गौस पठान ने भी आरोप लगाया कि समीरा ने उनसे शादी की और उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराकर 50 लाख रुपये ऐंठने की कोशिश की, जिसमें से उन्होंने 10 लाख रुपये का चेक दिया है।

    एक साल से फरार थी
    यह मामला केवल एक व्यक्ति की धोखाधड़ी का नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह की ओर इशारा करता है, जिसमें राजनीतिक, धार्मिक और आपराधिक गतिविधियों से जुड़े लोगों के शामिल होने का आरोप है। यही कारण है कि अधिकतर पीड़ितों के खिलाफ नई कामठी थाने में मामले दर्ज होते थे, जहां राजनीतिक दबाव के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। समीरा फातिमा की गिरफ्तारी तब हुई जब वह गुलाम के साथ जारी कानूनी लड़ाई में समझौता करने के लिए हाईकोर्ट पहुंची थी। वह एक साल से फरार थी और उसके खिलाफ मानकापुर, जरीपटका और गिट्टीखदान थानों में भी मामले दर्ज हैं।

    रिश्तों पर विश्वास का संकट
    इस घटना से समाज में रिश्तों पर विश्वास का संकट पैदा होता है। यह उन लोगों के लिए एक गंभीर चेतावनी है जो सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से अपरिचित व्यक्तियों के साथ संबंध बनाते हैं। शादी या किसी भी गहरे रिश्ते में पड़ने से पहले व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी जुटाना और उसकी पृष्ठभूमि की जांच करना बेहद आवश्यक है। पुलिस को इस गिरोह के अन्य सदस्यों का भी पर्दाफाश करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। यह मामला दिखाता है कि धोखेबाज़ किसी भी पेशे या पृष्ठभूमि से हो सकते हैं, इसलिए सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।

  • सुरक्षा गार्ड की हत्या ने दी पुलिस को नई चुनौती

    सुरक्षा गार्ड की हत्या ने दी पुलिस को नई चुनौती

    बढ़ती आपराधिक गतिविधियों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए
    नागपुर.
    नागपुर में अपराधों का बढ़ता ग्राफ चिंता का विषय बनता जा रहा है। वाठोडा इलाके में एक सुरक्षा गार्ड, लक्ष्मण रामदास मुले (48) की निर्मम हत्या ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

    दिन-दहाड़े अपराध
    जानकारी के अनुसार, वाठोडा में निर्माणाधीन एक इमारत में चोरी के इरादे से घुसे तीन आरोपियों ने विरोध करने पर सुरक्षा गार्ड लक्ष्मण मुले की धारदार हथियार से हत्या कर दी। गिरफ्तार आरोपियों, कुणाल वानखेड़े (20) और घनश्याम उर्फ धनुष वंजारी (23), का आपराधिक रिकॉर्ड है और ये मजदूरों व गरीब लोगों को लूटने के लिए जाने जाते हैं। इस वारदात से पहले भी इन्होंने एक पिज्जा डिलीवरी बॉय को लूटा था। गश्त कर रहे दो बीट मार्शल, पुलिस हवलदार चंद्रकांत और सिपाही किरण गवई ने सूझबूझ और बहादुरी से आरोपियों की पहचान की और लगभग 5 घंटे के भीतर उन्हें धर दबोचा।

    नेटवर्क मजबूत करने की जरूरत
    वाठोडा परिसर में विकास कार्यों के कारण सीसीटीवी कैमरों का बंद होना और अंधेरे का फायदा उठाना अपराधियों के लिए आसान हो जाता है। यह बुनियादी ढाँचे की कमी और सुरक्षा व्यवस्था में खामियों को उजागर करता है। अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को अपनी गश्त और सूचना नेटवर्क को और मजबूत करना होगा, विशेषकर उन इलाकों में जहाँ विकास कार्य चल रहे हैं या जहाँ सीसीटीवी कैमरे अनुपलब्ध हैं। इसके साथ ही, सामुदायिक पुलिसिंग पर भी जोर देना चाहिए, ताकि नागरिक भी अपनी सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

  • लगातार फेल होने से हताश मर्चेंट नेवी की तैयारी कर रहे युवक की आत्महत्या

    लगातार फेल होने से हताश मर्चेंट नेवी की तैयारी कर रहे युवक की आत्महत्या

    <पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफाई;">नागपुर: मर्चेंट नेवी में घुसने की तैयारी कर रहे युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना का पता धरमपेठे में ऋतश्रीस्थी परिसर की पांचवीं मंजिल के एक फ्लैट में लगा। मृतक की पहचान करण शांतिलाल जायसवाल (28) के रूप में हुई है। वह नवप्रशांत चौक, मालीपुरा, यवतमाल के मूल निवासी हैं। करण ने एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में अपना कोर्स पूरा किया। परिवार के साथ माता-पिता चाहते थे कि लड़का मर्चेंट नेवी में शामिल हो। इस वजह से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे पिछले कुछ सालों से मर्चेंट नेवी में सिलेक्शन की तैयारी कर रहे थे. उसके लिए वह दो अन्य दोस्तों के साथ नागपुर के धरमपेठ इलाके में ऋतश्रीस्थी परिसर की पांचवीं मंजिल पर एक फ्लैट में रहता था। उनकी बहन भी नागपुर में रहती है। 

    निरंतर विफलता से निराश

    मर्चेंट नेवी की तैयारी के दौरान वे लगातार अपने रैंक में फेल हो रहे थे। इससे वह बेहद निराश हुए। यह साल मर्चेंट नेवी में प्रवेश करने का उनका आखिरी मौका भी था। इसलिए वह लगातार तनाव में रहता था। संभव है कि तनाव के कारण उसने पैर का सिरा उठा लिया हो। मर्चेंट नेवी की तैयारी के दौरान उन्हें हाल ही में एक आईटी कंपनी में नौकरी मिली थी। इस खुशी से भी बढ़कर वह लगातार सोच रहा था क्योंकि उसे तैयारी में सफलता नहीं मिल रही थी।

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    ‘माँ और पिताजी क्षमा करें’

    पुलिस ने जब जांच की तो करण की जेब से एक सुसाइड नोट मिला। उन्होंने अपने माता-पिता से माफी मांगी। ‘क्षमा करें माँ और पिताजी मैं आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका।’ यह उल्लेख करते हुए कि आपको मेरी वजह से लगातार नीचे देखना पड़ता है, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अब ऐसा नहीं होगा।