उद्धव की मंशा पर मनसे नेता बरसे

कहा-पहले कदम उठाते तो शिवसेना दो फाड़ नहीं होती
मुंबई.
मनसे के साथ गठबंधन को लेकर उद्धव गुट सकारात्मक है, लेकिन स्थानीय स्तर पर गठबंधन के परिणाम की समीक्षा के बाद ही कोई फैसला लेगी। उद्धव ठाकरे ने सभी जिला प्रमुखों और संपर्क प्रमुखों को स्थानीय स्तर पर समीकरणों का आकलन कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। इसी बात को लेकर अब मनसे के मुंबई अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने उद्धव ठाकरे पर जोरदार हमला बोला है। देशपांडे ने कहा कि अगर 2019 में महाविकास आघाड़ी में शामिल होने से पहले उद्धव ठाकरे ने ऐसा ही सर्वे कराया होता और अपने पार्टी के नेताओं का मन जाना होता, तो शायद आज शिवसेना दो हिस्सों में न बंटी होती।

अचानक दिल क्यों बदल गया
देशपांडे ने आरोप लगाया कि आज राज्य में कई अहम मुद्दे हैं, जिन पर बात करने की जरूरत है, लेकिन कुछ लोग सिर्फ गठबंधन के चक्रव्यूह में उलझे हैं। उन्होंने कहा कि मनसे फिलहाल किसी गठबंधन या समझौते के बजाय हिंदी भाषा थोपने के खिलाफ आंदोलन को प्राथमिकता दे रही है और इसी मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरी है। अचानक इतने वर्षों बाद उद्धव की शिवसेना में ठाकरे भाईयों के एक होने को लेकर इतना उत्साह क्यों दिखाई देने लगा? उन्होंने कटाक्ष करते हुए याद दिलाया कि कुछ महीने पहले यही संजय राउत मनसे पर बालासाहेब की तस्वीर लगाने को लेकर सवाल उठा रहे थे, अब अचानक खुद ही सब कुछ बदल गया है और सकारात्मक हो गए है।

दबाव की राजनीति न करें
देशपांडे ने उद्धव ठाकरे गुट को चेतावनी दी कि दबाव की राजनीति न करें। उन्होंने कहा कि आज उनके साथ 20 विधायक हैं, लेकिन अगर 60 होते तो क्या उनके शिवसैनिक उतने ही सकारात्मक होते? 2014 और 2017 में जब मनसे ने गठबंधन की पेशकश की थी, तब शिवसैनिकों में यह उत्साह क्यों नहीं दिखा? हमें भी समझता हैं कि आप अभी कठिन समय से गुजर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप मनसे पर दबाव बना सकते हैं। राज ठाकरे जो भी निर्णय लेंगे, वह अपने समय पर लेंगे, किसी दबाव में नहीं। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से यह साफ कर दिया है कि मनसे और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के संभावित गठबंधन की राह में अभी कई पेच हैं, और दोनों भाईयों के साथ आने की सियासी जमीन अभी भी पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है।

स्थानीय चुनाव की लहर अब तेज
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र के 29 नगर निगमों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं और इसके लिए वार्ड परिसीमन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही राज्य की 32 जिला परिषदों, 336 पंचायत समितियों और 248 नगरपालिका परिषदों के लिए भी चुनाव इसी साल के अंत तक हो सकते हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अगर मुंबई नगर निगम चुनाव से पहले दोनों भाई साथ आते हैं तो बीजेपी नीत सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को बड़ा नुकसान हो सकता है।

बावजूद इसके चर्चा 
बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के साथ आने की चर्चाएं काफी तेज हैं। पिछले कुछ महीनों से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस निर्णय सामने नहीं आया है। हालांकि दोनों ही दल गठबंधन के लिए सकारात्मक बताए जा रहे हैं। इसी बीच शिवसेना के स्थापना दिवस समारोह में उद्धव ठाकरे ने खुद मनसे के साथ गठबंधन की अटकलों को हवा देते हुए कहा, राज्य की जनता जो चाहती है, वही वह करेंगे।

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