ईरान पर परमाणु बैन का फैसला, इजरायल को खुला समर्थन

0
2
Decision to ban nuclear weapons on Iran, open support to Israel

जी 7 शिखर सम्मेलन में नेताओं ने कर दिया स्पष्ट

नई दिल्ली.
कनाडा के कनानास्किस में आयोजित 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में विश्व के प्रमुख नेताओं ने मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच एकजुट रुख अपनाया। जी7 देशों (अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और जापान) ने संयुक्त बयान जारी कर ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने की प्रतिबद्धता दोहराई और इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।

परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध
जी7 नेताओं ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि “ईरान कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं कर सकता।” बयान में ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का प्रमुख स्रोत बताते हुए तत्काल डी-एस्केलेशन की मांग की गई। यह बयान इजरायल द्वारा 13 जून को शुरू किए गए “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के बाद आया, जिसमें इजरायल ने ईरान की परमाणु सुविधाओं और सैन्य ठिकानों पर हमले किए।

इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार
जी7 ने इजरायल की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा, “हम इसरायल के आत्मरक्षा के अधिकार की पुष्टि करते हैं।” बयान में नागरिकों की सुरक्षा के महत्व पर भी जोर दिया गया। हालांकि, जापान ने इजरायल के हवाई हमलों को “अस्वीकार्य और गहरा खेदजनक” बताया, जो जी7 के भीतर कुछ मतभेदों को दर्शाता है।

ट्रंप का रुख और जी7 से जल्दी प्रस्थान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुरू में जी7 के डी-एस्केलेशन बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था, लेकिन अंततः उन्होंने इस पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप ने मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण शिखर सम्मेलन को जल्दी छोड़ दिया और तेहरान के निवासियों को “तत्काल खाली करने” की चेतावनी दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिल सकता।” ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि ईरान बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन समय तेजी से खत्म हो रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here