हादसे से सीख, जर्जर पुलों को तोड़ा जाएगा

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Learning from the accident, dilapidated bridges will be demolished

जिलाधिकारी ने कहा- अब केवल चेतावनी बोर्ड या बैरिकेड्स नहीं, सीधे एक्शन
मुंबई.

पुणे जिले के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर हुए पुल हादसे के बाद जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत जिले के सभी जर्जर और खतरनाक पुलों को जल्द से जल्द तोड़ा या हटाया जाएगा। पुणे जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने बताया कि इस तरह के हादसों को रोकने के लिए अब केवल चेतावनी बोर्ड या बैरिकेड्स नहीं, बल्कि खतरनाक संरचनाओं को पूरी तरह हटाने का निर्णय लिया गया है। इनकी पहचान कर अंतिम सर्वेक्षण के बाद इन्हें तोड़ा जाएगा।

नया पुल बनाने की प्रक्रिया शुरू
उन्होंने यह भी बताया कि जिस पुल के ढहने से यह हादसा हुआ, उसके स्थान पर नया पुल बनाने की प्रक्रिया पहले से ही शुरू हो चुकी है। कुछ महीने पहले इसके लिए टेंडर जारी की गई थी और एक सप्ताह पहले कार्य आदेश भी जारी हुआ था। इसका निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा।

उच्चस्तरीय जांच की मांग
इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि पुल असुरक्षित था, तो उसे जनता के लिए खुला क्यों रखा गया। उन्होंने राज्य सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, “मानसून में हजारों पर्यटक कुंदमाल आते हैं, यह जानते हुए भी पुल को बंद नहीं किया गया। इसलिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला बनता है। सपकाल ने यह भी कहा कि सरकार एक साल पहले नए पुल के लिए फंड मंजूर होने के बावजूद पुल निर्माण शुरू नहीं कर सकी। सरकार दुर्घटनाओं के बाद ही जागती है, पीड़ितों को कुछ पैसे देती है और भूल जाती है। यह सिलसिला अब बंद होना चाहिए।

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