शिवसेना सांसद संजय राउत ने जताई आशंका
अहमदाबाद.
महाराष्ट्र में शिवसेना सांसद संजय राउत ने अहमदाबाद विमान हादसे पर सवाल उठाते हुए कहा, मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन अहमदाबाद में उड़ान भरने के 30 सेकंड के भीतर दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में साजिश के बारे में गंभीर सवाल हैं। उन्होंने पूछा, क्या किसी दुश्मन देश द्वारा विमान के सिस्टम पर कोई साइबर हमला किया गया था, क्योंकि वे अपने साइबर हमलों के जरिए हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं?
विमान के पिछले हिस्से में मिली एयर होस्टेस की लाश
इस बीच, हादसे के 48 घंटे बाद विमान के पिछले हिस्से से एक और शव मिला है। शरीर पर लगी प्लेट के आधार पर माना जा रहा है कि यह एयर होस्टेस की लाश है। इसके साथ ही मृतक संख्या 275 पहुंच गई है। इसमें विमान में सवार यात्रियों के साथ ही चालक दल के सदस्यों और हॉस्टल में मौजूद डॉक्टरों और उनके परिजन शामिल हैं। वहीं सरकार ने 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाले एअर इंडिया के विमान एआई-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है।
हादसे ने कई परिवार उजाड़े
अहमदाबाद विमान हादसे ने परिवार के परिवार उजाड़ दिए। ऐसा ही एक परिवार जावेद अली का है। जावेद पढ़ाई करने लंदन गए थे। फिर वहीं शादी करके ब्रिटिश नागरिक बन गए। इस बार ईद मनाने गुजरात आए थे। परिवार में चार भाई हैं। 15 साल में यह पहला मौका था, जब चारों भाई एक साथ इकट्ठा हुए थे। जावेद के साथ उनकी पत्नी मरियम, पांच साल का बेटा और चार साल की बेटी भी विमान में सवार थे और सभी की मौत हो गई।
मां के हार्ट का इलाज, अब तक नहीं बताया
जावेद की मां के हार्ट का इलाज चल रहा है। उनके हार्ट में अभी स्टंट लगाया गया है। मां को हादसे के बारे में बताने की हिम्मत परिवार नहीं जुटा पा रहा है। जावेद के भाई इम्तियाज ने बताया कि जावेद एक खुशी का पल मनाने के लिए अहमदाबाद आया था। अब हमने अपने परिवार के चार सदस्यों को खो दिया है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
पीड़ित मेडिकल छात्रों की मदद की अपील
इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) (गुजरात शाखा) ने टाटा संस के चेयरमैन को पत्र लिखकर दुर्घटना में घायल हुए बीजे मेडिकल कॉलेज के घायल और मृत मेडिकल छात्रों के लिए सहायता की अपील की है। पत्र में आईएमए ने कहा है, विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि दुर्घटना स्थल पर मौजूद उन मेडिकल छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने पर विचार करें, जो इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में घायल हुए या अपनी जान गंवा दी।
