इस्कॉन-बेंगलुरु ही राधा कृष्ण मंदिर का वैध मालिक

सुप्रीम कोर्ट ने घोषित किया
नई दिल्ली.
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय का एक फैसला पलटते हुए इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) सोसाइटी बेंगलुरु को दक्षिण भारत के इस शहर के हरे कृष्ण हिल पर स्थित इस्कॉन मंदिर का वैध मालिक घोषित कर दिया।

इस्कॉन-मुंबई को झटका
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ए जी मसीह की पीठ ने इस्कॉन-बेंगलुरु की कानूनी और प्रशासनिक स्वायत्तता की पुष्टि करते हुए कहा कि सोसाइटी श्री राधा कृष्ण मंदिर की वैध मालिक है। इस्कॉन-मुंबई इसके मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। पीठ ने उच्च न्यायालय के पहले के फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें इस्कॉन-मुंबई को संपत्ति का वैध मालिक घोषित किया गया था। अदालत ने इस्कॉन बैंगलोर की स्वतंत्र और वैध इकाई की स्थिति को बरकरार रखा है।

लंबे समय से आ रहा विवाद खत्म
शीर्ष अदालत के इस फैसले ने इस्कॉन-बेंगलुरु और इस्कॉन-मुंबई के बीच लंबे समय से चले आ रहे स्वामित्व और प्रबंधन विवाद को खत्म कर दिया। विवाद की जड़ें इस्कॉन के भीतर आंतरिक मतभेदों में निहित हैं, जो इसके संस्थापक सदस्य श्रील प्रभुपाद के निधन के बाद शुरू हुई थी। वर्ष 1981 में स्थापित इस्कॉन-बैंगलोर ने पश्चिमी अनुयायियों द्वारा नेतृत्व के उत्तराधिकार का विरोध किया था, जिसके कारण इस्कॉन-मुंबई के साथ मतभेद पैदा हो गए थे। यह मामला विभिन्न मंचों से होते हुए निचली अदालत, फिर उच्च न्यायालय और अंत में शीर्ष अदालत पहुंचा।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More posts