परिसीमन के खिलाफ दक्षिण के राज्य एकजुट

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-शुरू हो चुकी है घेराबंदी
बंगलोर.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने रविवार को चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत में भाजपा नेता अन्नामलाई के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। अन्नामलाई ने दावा किया था कि 22 मार्च को चेन्नई में हुई दक्षिण भारतीय राज्यों की बैठक बिना योजना के आयोजित की गई थी। इस पर शिवकुमार ने कहा कि अन्नामलाई का बयान महत्वपूर्ण नहीं है। अन्नामलाई राज्य के प्रति नहीं, बल्कि अपनी पार्टी के प्रति वफादारी दिखा रहे हैं। उन्हें अपना काम करने दें, लेकिन उनकी प्राथमिकता राज्य नहीं, पार्टी है।
पहले स्थानीय आवाज को देंगे ताकत
राज्य विधानसभा क्षेत्रों की एकजुटता के सवाल पर शिवकुमार ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि रेड्डी ने इस मुद्दे पर पहले चर्चा की है, लेकिन अभी प्राथमिकता दक्षिण भारत की एकजुट आवाज को मजबूत करने की है। पहले हम अपनी स्थानीय आवाज को ताकत दें, फिर संसद में परिसीमन जैसे मुद्दों पर बात करेंगे। इस बीच, शिवकुमार ने कहा कि डीएमके ने शानदार काम किया है और वह उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।
पहल की सराहना
बता दें कि दक्षिण भारत के राज्यों ने लोकसभा सीटों के परिसीमन के खिलाफ एकजुटता दिखाई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 40 से 50 राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया था। इसमें दक्षिण भारत के सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसके अलावा ओडिशा, पंजाब जैसे राज्यों से भी विभिन्न पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। शिवकुमार ने इसे देश के हित में बताया और कहा कि दक्षिण भारत ने जनसंख्या नियंत्रण में योगदान दिया है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने डीएमके की इस पहल को सराहते हुए कहा कि यह एक मजबूत शुरुआत है।

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