योजनाएं कभी ज़मीन पर बनी ही नहीं
नागपुर.
नागपुर में एक बिल्डर परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ संपत्ति की खरीद-बिक्री में 3.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी बिल्डर आशुतोष नाईक (जिनका अब देहांत हो चुका है), उनकी पत्नी स्वाति और बेटे अक्षय ने अपनी फर्म ‘श्री होम मेकर’ के नाम पर ‘सुयोग पैलेस’, ‘लक्ष्मी केशव अपार्टमेंट’ और अन्य रो हाउसेस व फ्लैट स्कीम बनाई थी। चौंकाने वाली बात यह है कि जांच अधिकारी बोरकर के अनुसार, ये योजनाएं कभी ज़मीन पर बनी ही नहीं, बल्कि केवल कागजों पर ही मौजूद थीं।
संगठित अपराध की यह श्रेणी
शिकायतकर्ता प्रेम प्रकाश भोयर और मेघा विशाल चौधरी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने क्रमशः 1.75 करोड़ और 1 करोड़ 40 लाख 80 हज़ार रुपये आरोपियों को दिए थे, लेकिन उन्हें खरीदी गई संपत्ति कभी नहीं मिली। कुल मिलाकर 3 करोड़ 5 लाख रुपये की ठगी की गई है। बजाज नगर थाने में मामला दर्ज होने के बाद इसकी गंभीरता को देखते हुए जांच क्राइम ब्रांच की आर्थिक विंग को सौंप दी गई है। यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे कुछ शातिर अपराधी केवल कागजों पर आकर्षक योजनाएं बनाकर निर्दोष लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं।
निवेश के पहले हर पहलू से जांच करें
यह घटना उन लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो संपत्ति खरीदने का सपना देखते हैं। अक्सर, आकर्षक ऑफ़र और कम कीमतों के लालच में लोग पूरी पड़ताल किए बिना ही निवेश कर देते हैं। ऐसे मामलों में, यह सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है कि प्रस्तावित संपत्ति वास्तव में मौजूद है, उसके सभी कानूनी दस्तावेज़ वैध हैं, और बिल्डर का ट्रैक रिकॉर्ड विश्वसनीय है। केवल कागजी योजनाओं पर भरोसा करना भारी पड़ सकता है, जैसा कि इस मामले में देखा गया है। आर्थिक विंग द्वारा की जा रही गहन जांच से उम्मीद है कि इस धोखाधड़ी में शामिल सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए आम जनता को भी अधिक जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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