पौधारोपण अभियान को लेकर बड़ा सवाल
नागपुर.
नागपुर जिले में 10 करोड़ पौधारोपण अभियान 2025-26 के तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना विभाग को 5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें से अब तक 3.5 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। यह प्रयास प्रशंसनीय है, लेकिन मुख्य चुनौती पौधों को जीवित रखना और उन्हें वृक्षों में परिवर्तित करना है।
आंकड़ों पर गहराता है संदेह
खबर के अनुसार, 2023-24 में लगाए गए 1.68 लाख पौधों में से 88% जीवित होने का दावा किया गया है, जो एक अच्छी संख्या प्रतीत होती है। हालांकि, 19,956 पौधों के नष्ट होने और सूख गए पौधों की जगह नए पौधे न लगाए जाने की बात भी सामने आई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तीन साल की देखभाल अवधि के बाद, यानी सरकारी निगरानी खत्म होने के बाद कितने पौधे वास्तव में बड़े पेड़ों में बदल पाते हैं, इसका कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं होता। अधिकारी अक्सर इस सवाल पर बगले झांकने लगते हैं। इसलिए पर्यावरण संतुलन के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर किए जाने वाले पौधारोपण अभियान की प्रभावशीलता पर सवाल उठते हैं, जब यह सामने आता है कि तीन साल की देखभाल अवधि के बाद पौधे “भगवान भरोसे” छोड़ दिए जाते हैं।
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