विमानतल पर लगे गगनभेदी नारे
नागपुर.
नागपुर की बेटी और हाल ही में फिडे महिला विश्व कप विजेता बनी दिव्या देशमुख का गृहनगर में हुआ भव्य स्वागत न केवल उनकी असाधारण उपलब्धि का सम्मान है, बल्कि यह शहर के लिए गर्व और प्रेरणा का भी प्रतीक है। जॉर्जिया के बटुमी में भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को हराकर विश्व कप जीतने और 88वीं भारतीय ग्रैंडमास्टर की उपाधि हासिल करने वाली दिव्या ने पूरे देश का नाम रोशन किया है। उनके आगमन पर नागपुर के अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर उमड़ी हजारों की भीड़, ढोल-ताशों की गगनभेदी गूँज और उत्साहपूर्ण माहौल ने स्पष्ट कर दिया कि यह केवल एक खेल जीत नहीं, बल्कि एक बेटी की उपलब्धि का सामूहिक जश्न था।
प्रेरणास्रोत बनी नई ‘शहजादी’
दिव्या की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि लगन, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। शतरंज जैसे दिमागी कसरत वाले खेल में विश्व स्तर पर पहचान बनाना कोई छोटी बात नहीं है। यह दिव्या के घंटों के अभ्यास, धैर्य और मानसिक दृढ़ता का परिणाम है। उनके स्वागत के लिए परिजनों, महाराष्ट्र शतरंज संघ, नागपुर संघ, जिला क्रीड़ा अधिकारी और विभिन्न खेल प्रेमियों की उपस्थिति ने इस अवसर को और भी यादगार बना दिया। ओपन जिप में उनका स्वागत और लोगों का उनसे मिलने का उत्साह यह दर्शाता है कि उन्होंने कम उम्र में ही कितनी लोकप्रियता और सम्मान अर्जित कर लिया है।
और बेहतर करने का विश्वास जताया
दिव्या ने स्वयं कहा है कि यह उनके लिए केवल एक पड़ाव है और वह आगे और बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगी। यह एक सच्चे चैंपियन की निशानी है जो अपनी कमजोरियों को सुधारने और भविष्य में और अधिक ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री कार्यालय से आमंत्रण मिलना और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा सम्मानित किया जाना दिव्या और उनके परिवार के लिए एक बड़ा सम्मान है, जो उनकी उपलब्धि के महत्व को रेखांकित करता है।
