लगातार खाली रहना चिंताजनक स्थिति
नागपुर.
नागपुर महानगरपालिका के परिवहन विभाग में महत्वपूर्ण पदों का लगातार खाली रहना शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के लिए एक चिंताजनक स्थिति पैदा कर रहा है। हाल ही में परिवहन व्यवस्थापक विनोद जाधव के कामठी मुख्याधिकारी के रूप में स्थानांतरण के बाद, उपायुक्त राजेश भगत को परिवहन विभाग और क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह व्यवस्था तात्कालिक रूप से कार्यभार संभालने के लिए भले ही आवश्यक हो, लेकिन यह विभाग में स्थायी नेतृत्व की कमी को उजागर करता है।
बीत गए दो साल
पिछले दो सालों से परिवहन विभाग में कोई स्थायी व्यवस्थापक नहीं है। विनोद जाधव से पहले गणेश राठौड़ और उनसे भी पहले रवींद्र भेलावे इस पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल चुके हैं। यह दर्शाता है कि विभाग को एक स्थिर और समर्पित नेतृत्व नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह, परिवहन प्रबंधक का पद भी पिछले दो महीनों से रिक्त है, जिसका अतिरिक्त प्रभार पहले सोनम देशमुख को दिया गया था, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद यह पद फिर से खाली हो गया है।
योजनाओं के क्रियान्वयन पर असर
इन महत्वपूर्ण पदों पर स्थायी अधिकारियों की अनुपस्थिति का सीधा असर विभाग के सुचारु संचालन और नई योजनाओं के क्रियान्वयन पर पड़ रहा है। ‘पीएम ई बस योजना’ के तहत 150 बसों की जल्द आपूर्ति और देश में पहली बार आर्टिक्यूलेटेड बसों का संचालन जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं नागपुर में प्रस्तावित हैं। ऐसे में, यदि विभाग में स्थायी व्यवस्थापक और प्रबंधक नहीं होंगे, तो इन योजनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। ये परियोजनाएं न केवल शहर की परिवहन प्रणाली को आधुनिक बनाएंगी बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर साबित होंगी। इन पर असर पड़ने से नागरिकों को भी बेहतर सुविधाएँ मिलने में देरी होगी।
मनपा को लेना होगा बड़ा फैसला
यह अत्यंत आवश्यक है कि महानगरपालिका इन रिक्त पदों को स्थायी रूप से भरने के लिए तत्काल कदम उठाए। केवल अतिरिक्त प्रभार देने से दीर्घकालिक समाधान नहीं मिलता। एक स्थायी और सक्षम नेतृत्व ही परिवहन विभाग को सही दिशा में ले जा सकता है, लंबित परियोजनाओं को गति दे सकता है और शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ बना सकता है। प्रशासन को इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए ताकि नागपुर के नागरिकों को एक कुशल और प्रभावी परिवहन प्रणाली का लाभ मिल सके।
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