मेयो अस्पताल में छेड़छाड़

सुरक्षा व्यवस्था पर उठते सवाल
नागपुर.
नागपुर स्थित मेयो अस्पताल में एक महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आने के बाद अस्पताल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह घटना, जिसमें वर्धा निवासी चंद्रकुमार गायकवाड़ (25) को गिरफ्तार किया गया है, दर्शाती है कि एक सार्वजनिक संस्थान, जहाँ लोग मदद और उपचार के लिए आते हैं, वहां भी महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है।

परिचित महिला के साथ गई थी
घटना 27 जुलाई को रात करीब 8 बजे हुई, जब 27 वर्षीय पीड़िता अपनी परिचित महिला के उपचार के लिए मेयो अस्पताल में गई थीं। सोनोग्राफी के लिए कमरे में जाने के दौरान, बाहर खड़ी उनकी परिचित महिला से आरोपी चंद्रकुमार गायकवाड़ ने छेड़छाड़ की और मौके से फरार हो गया। पीड़िता द्वारा तहसील थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसे सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।

अस्पताल में सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी
हालांकि गिरफ्तारी एक सकारात्मक कदम है, यह घटना नागपुर के एक प्रमुख अस्पताल में सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी को उजागर करती है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि आरोपी अस्पताल परिसर में क्यों मौजूद था और क्या उसकी मंशा केवल छेड़छाड़ की थी या कुछ और। पुलिस इस दिशा में जांच कर रही है, जो सराहनीय है। इस घटना के बाद, मेयो अस्पताल प्रशासन को अपनी सुरक्षा व्यवस्था की तत्काल समीक्षा करनी चाहिए। अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके साथ आए लोगों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। अस्पताल में पर्याप्त सुरक्षा गार्डों की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों की सक्रिय निगरानी और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान व उन पर नज़र रखने के लिए एक मजबूत तंत्र आवश्यक है। ऐसे संवेदनशील स्थानों पर जहाँ लोग अपनी बीमारियों और चिंताओं के कारण पहले से ही कमजोर होते हैं, वहाँ सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। नागपुर के नागरिकों को ऐसे सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है, और यह सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।

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