हिंदी-मराठी विवाद संसद तक पहुंचा

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Hindi-Marathi dispute reaches Parliament

महिला सांसदों ने निशिकांत दुबे को घेरा
मुंबई.
महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद अब संसद भवन तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र से कांग्रेस की महिला सांसदों ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को संसद भवन की लॉबी में घेर लिया। महिला सांसदों, जिनमें वर्षा गायकवाड़, शोभा बच्छाव और प्रतिभा धानोरकर शामिल थीं, ने “जय महाराष्ट्र” के नारे लगाए और निशिकांत दुबे से मराठी लोगों के बारे में उनके “पटक-पटककर मारेंगे” वाले बयान पर सवाल दागे। उन्होंने दुबे से पूछा कि वह मराठी लोगों को मारने की भाषा कैसे बोल सकते हैं और किसे व कैसे पटक-पटककर मारेंगे। महिला सांसदों ने जोर देकर कहा कि लोगों के खिलाफ इस तरह का व्यवहार और भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निशिकांत दुबे बिना कोई प्रतिक्रिया दिए वहां से निकल गए।

धानोरकर ने दुबे को दी चुनौती
कांग्रेस सांसद प्रतिभा धानोरकर ने दुबे को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है, तो वे महाराष्ट्र आकर जनता के सामने ऐसे सवाल पूछें। उन्होंने कहा कि आंबेडकर द्वारा किए गए प्रावधानों की वजह से ही यहां जाति भेद को भूलकर महाराष्ट्र का अस्तित्व बना हुआ है, और अगर दुबे ने राज ठाकरे या किसी भी मराठी व्यक्ति के खिलाफ ऐसा बयान दिया, तो महाराष्ट्र के सांसद इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

मनसे ने खुशी जताई
इस घटना पर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने खुशी जताई है। मनसे नेता अविनाश जाधव ने कांग्रेस की महिला सांसदों की इस भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा के लिए आवाज उठाने के लिए इन तीनों बहनों को बहुत साहस की आवश्यकता थी, जो उन्होंने दिखाया है। जाधव ने ऐलान किया कि अधिवेशन समाप्त होने के बाद जब ये महिला सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में आएंगी, तब मनसे की तरफ से उनका सम्मान किया जाएगा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पिछले काफी समय से भाषा विवाद छाया हुआ है। मराठी अस्मिता के नाम पर ही राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ एक मंच पर आए थे। निशिकांत दुबे के “पटक-पटककर मारेंगे” वाले बयान का जवाब राज ठाकरे ने मीरा भायंदर के एक कार्यक्रम में दिया था, जहां उन्होंने कहा था कि मुंबई आकर लोग समंदर में डुबो-डुबोकर मारेंगे।

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