42,000 से अधिक जन्म प्रमाण पत्र रद्द
मुंबई.
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए पिछले दो महीनों में 42,191 जन्म प्रमाण पत्र रद्द कर दिए हैं। यह जानकारी पूर्व भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने दी, जिन्होंने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। सोमैया के अनुसार, ये जन्म प्रमाण पत्र उन अयोग्य व्यक्तियों को जारी किए गए थे, जो बांग्लादेश से आए थे। उन्होंने यह भी बताया कि अकेले अकोला शहर में ऐसे 3,948 प्रमाण पत्र जारी किए गए थे, जबकि अमरावती में यह संख्या 2,823 थी। सोमैया ने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है।
अवैध तरीके से हासिल किए थे
यह घोटाला वर्ष 2024 में सामने आया था, जिसमें नायब तहसीलदार जैसे अधिकारियों ने, जिनके पास जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं था, लगभग 40 हजार लोगों को गैरकानूनी तरीके से प्रमाण पत्र दिए। सबसे अधिक मामले अकोला, अमरावती, नागपुर और मालेगांव जिलों से सामने आए हैं। दो महीने पहले, बीड जिले के परली शहर में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया था, जिसमें आरोप था कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या जैसे अपात्र लोगों ने अवैध तरीके से भारतीय जन्म प्रमाण पत्र बनवाए थे।
फेरीवाले के रूप में काम कर रहे थे
हाल ही में, मुंबई की विक्रोली पुलिस ने अप्रैल में 13 ऐसे बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा था, जिन्होंने झारखंड के साहिबगंज जिले के पते पर फर्जी आधार कार्ड बना रखे थे। ये घुसपैठिए मुंबई में फेरीवाले के रूप में काम कर रहे थे, और उनके आधार कार्ड में 1 जनवरी की समान जन्म तिथि ने पुलिस को संदेह पैदा किया। हिरासत में पूछताछ के बाद उनके बांग्लादेशी होने का पता चला। महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल अवैध तरीके से जारी किए गए प्रमाण पत्रों का निपटारा होगा, बल्कि राज्य की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा। यह कार्रवाई बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर चल रहे राजनीतिक बवाल के बीच हुई है, जहां विपक्षी दल फर्जी मतदाताओं पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
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