चूना, यूरिया, तेल का गजब खेल, 1 लीटर असली से बनाया 10 लीटर नकली दूध

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Amazing game of lime, urea and oil, 10 liters of fake milk made from 1 liter of real milk

महाराष्ट्र में ‘जहरीला दूध’ घोटाला उजागर, भाजपा विधायक ने किया लाइव डेमो
मुंबई:
महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में भारतीय जनता पार्टी विधायक गोपीचंद पडलकर ने दूध में मिलावट का चौंकाने वाला लाइव डेमो मीडिया के सामने दिखाया। उन्होंने बताया कि कैसे सिर्फ 1 लीटर असली दूध में चूना, यूरिया और तेल मिलाकर 10 लीटर तक नकली दूध तैयार किया जा रहा है, जो सीधे आम लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। इस दौरान उनके साथ भाजपा विधायक सदाभाऊ खोत भी मौजूद थे।

“दूध नहीं, जहर पी रहे हैं लोग!
पडलकर ने दावा किया कि राज्य में बड़ी संख्या में लोग यह नकली और जहरीला दूध पी रहे हैं, जिसे वे पोषक समझते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी जनता को हर रोज पोषण के नाम पर जहर पिलाया जा रहा है। यह बच्चों, बुजुर्गों और आम नागरिकों के स्वास्थ्य से खुला खिलवाड़ है।”

मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
इस सनसनीखेज खुलासे के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तत्काल संज्ञान लिया और कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि गोपीचंद पडलकर ने बहुत गंभीर मुद्दा उठाया है। अगर दूध के जरिए जनता को जहर पिलाया जा रहा है, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फडणवीस ने आश्वासन दिया कि वह खुद खाद्य एवं औषधि विभाग, स्वास्थ्य विभाग और संबंधित एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। उन्होंने सख्त कानून लाने और जांच एवं कार्रवाई में तेजी लाने का भरोसा भी दिलाया।

मांग और सप्लाई में बड़ा अंतर
बीजेपी नेता ने यह भी सवाल उठाया कि राज्य में दूध देने वाले पशुओं की संख्या और खपत में भारी अंतर है, फिर यह अतिरिक्त दूध कहां से आता है? इसका सीधा जवाब है – मिलावट। विधायक सदाभाऊ खोत ने बताया कि महाराष्ट्र में भैंस का दूध 80 से 90 लाख लीटर और गाय का दूध 1 करोड़ 25 लाख लीटर तक होता है। इसमें से 70 लाख लीटर दूध पैक किया जाता है और शेष दूध अन्य उपयोगों में इस्तेमाल होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बड़े पैमाने पर मिलावटी दूध बेहद सस्ते दामों में विक्रेताओं तक पहुंच रहा है, जिस पर उन्हें भारी कमाई होती है। ऐसे दूध माफियाओं को उम्रकैद तक की सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि दूध उत्पादक किसान, आम नागरिक और छोटे बच्चों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे। उन्होंने 100 प्रतिशत मिलावटी दूध के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने और फूड ट्रकों की जांच करने वालों की संख्या बढ़ाने की भी मांग की।

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